< ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎷᎦ ᎤᏬᏪᎳᏅᎯ 11 >
1 ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᎠᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎬ ᎢᎸᎯᏢ, ᎤᏑᎵᎪᏨ, ᎠᏏᏴᏫ ᎤᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᏍᎩᏰᏲᎲᎦ ᎣᎦᏓᏙᎵᏍᏙᏗᏱ, ᎾᏍᎩ ᏣᏂ ᏥᏄᏛᏁᎴ ᏥᏚᏪᏲᏁ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ.
फिर ऐसा हुआ कि वो किसी जगह दुआ कर रहा था; जब कर चुका तो उसके शागिर्दों में से एक ने उससे कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! जैसा युहन्ना ने अपने शागिर्दों को दुआ करना सिखाया, तू भी हमें सिखा।”
2 ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎢᏣᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎨᏍᏗ ᎯᎠ ᏂᏥᏪᏍᎨᏍᏗ, ᎣᎩᏙᏓ ᎦᎸᎳᏗ ᎮᎯ, ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎨᏎᏍᏗ ᏕᏣᏙᎥᎢ; ᏨᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᏫᎦᎾᏄᎪᎢ; ᎭᏓᏅᏖᏍᎬ ᏫᏂᎦᎵᏍᏓ ᎡᎶᎯ ᎾᏍᎩᏯ ᎦᎸᎳᏗ ᏥᏂᎦᎵᏍᏗᎭ.
उसने उनसे कहा, “जब तुम दुआ करो तो कहो, ऐ बाप! तेरा नाम पाक माना जाए, तेरी बादशाही आए।
3 ᎣᎦᎵᏍᏓᏴᏗ ᏍᎩᏁᎮᏍᏗ ᏂᏚᎩᏨᏂᏒᎢ.
'हमारी रोज़ की रोटी हर रोज़ हमें दिया कर।
4 ᎠᎴ ᏗᎨᏍᎩᎥᏏᏉ ᎣᎩᏍᎦᏅᏨᎢ; ᎠᏴᏰᏃ ᎾᏍᏉ ᏗᎦᏲᏥᏁᎰ ᏂᎦᏛ ᏦᏥᏚᎩ; ᎠᎴ ᏞᏍᏗ ᎤᏓᎪᎵᏰᏗᏱ ᏫᏗᏍᎩᏯᏘᏅᏍᏔᏅᎩ; ᏍᎩᏳᏓᎴᏍᎨᏍᏗᏉᏍᎩᏂ ᎤᏲ ᎨᏒᎢ.
और हमारे गुनाह मु'आफ़ कर, क्यूँकि हम भी अपने हर क़र्ज़दार को मु'आफ़ करते हैं, और हमें आज़माइश में न ला'।”
5 ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎦᎪ ᎯᎠ ᏥᏂᏣᏛᏅ ᎤᎵᎢ ᏰᎭ, ᎠᎴ ᎡᏃᏱ ᎠᏰᎵ ᏱᏭᎷᏤᎸ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏱᏄᏪᏎᎸ, ᎩᎾᎵᎢ, ᏦᎢ ᎦᏚ ᏗᏍᏆᏙᎳᏍᏓ;
फिर उसने उनसे कहा, “तुम में से कौन है जिसका एक दोस्त हो, और वो आधी रात को उसके पास जाकर उससे कहे, 'ऐ दोस्त, मुझे तीन रोटियाँ दे।
6 ᎣᎩᎾᎵᎢᏰᏃ ᎠᎢᏒ ᎠᎩᎷᏥ, ᎥᏝ ᎠᎴ ᎪᎱᏍᏗ ᏯᎩᎭ ᏥᏰᎳᏍᏙᏗ;
क्यूँकि मेरा एक दोस्त सफ़र करके मेरे पास आया है, और मेरे पास कुछ नहीं कि उसके आगे रख्खूँ।
7 ᎾᏍᎩᏃ ᏗᏯᎥ ᏴᏓᎧᏁᎩ ᎯᎠ ᏱᏅᏓᎦᏫ, ᏞᏍᏗ ᏍᏆᏕᏯᏙᏔᏅᎩ; ᎦᎶᎯᏍᏗᏱ ᎦᏳᎳ ᎠᏍᏚᎭ, ᏗᏂᏲᎵᏃ ᏗᏇᏥ ᎣᏥᏂᏝᎠ, ᎥᏝ ᏰᎵ ᏴᎦᎦᏗᏛ ᏱᏙᎦᎬᎥᏏ.
और वो अन्दर से जवाब में कहे, 'मुझे तकलीफ़ न दे, अब दरवाज़ा बंद है और मेरे लड़के मेरे पास बिछोने पर हैं, मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता।
8 ᎢᏨᏲᏎᎭ ᎬᏩᏗᏛᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎠᎴ ᏗᎬᏩᏁᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏱᎩ, ᎤᎾᎵᎢᏉ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ, ᎾᏑᎵᎪᎬᎾᏍᎩᏂ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ ᏯᏗᏛ ᎠᎴ ᏱᏕᎠᎲᏏ ᏂᎦᎥ ᏚᏚᎵᏍᎬᎢ.
मैं तुम से कहता हूँ, कि अगरचे वो इस वजह से कि उसका दोस्त है उठकर उसे न दे, तोभी उसकी बेशर्मी की वजह से उठकर जितनी दरकार है उसे देगा।
9 ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ, ᎢᏥᏔᏲᎭ, ᎠᏎ ᏓᏰᏥᏁᎵ; ᎢᏥᏲᎦ, ᎠᏎ ᏓᏥᏩᏛᎯ; ᎢᏨᏂᎦ, ᎠᏎ ᏓᏰᏥᏍᏚᎢᎡᎵ;
पस मैं तुम से कहता हूँ, माँगो तो तुम्हें दिया जाएगा, ढूँडो तो पाओगे, दरवाज़ा खटखटाओ तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा।
10 ᎾᏂᎥᏉᏰᏃ ᎩᎶ ᏣᏂᏔᏲᎯᎰ ᎨᏥᏁᎰᎢ; ᎩᎶᏃ ᏧᏲᎰ ᎠᏩᏘᏍᎪᎢ; ᎩᎶᏃ ᏥᏫᎬᏂᎰ ᎠᏥᏍᏚᎢᎡᎰᎢ.
क्यूँकि जो कोई माँगता है उसे मिलता है, और जो ढूँडता है वो पाता है, और जो खटखटाता है उसके लिए खोला जाएगा।
11 ᎢᏳ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎯᎠ ᏥᏂᏣᏛᏅ ᎢᏥᎦᏴᎵᎨ ᎨᏒ ᎤᏪᏥ ᎦᏚ ᏳᏔᏲᏎᎭ, ᏥᏌ ᏅᏯᏉ ᏯᎲᏏ? ᎢᏳ ᎠᎴ ᎠᏣᏗ ᏳᏔᏲᏎᎭ, ᏥᎪ ᎠᏣᏗ ᎤᏅᏁᏗ ᎨᏒ ᎢᎾᏛᏉ ᏱᎦᏅᎥᏏ?
तुम में से ऐसा कौन सा बाप है, कि जब उसका बेटा रोटी माँगे तो उसे पत्थर दे; या मछली माँगे तो मछली के बदले उसे साँप दे?
12 ᎢᏳ ᎠᎴ ᎤᏪᏥ ᏳᏔᏲᏎᎸ, ᏥᎪ ᎦᏙᎬ-ᎠᏓᏨᏯᏍᏗᏍᎩ ᏱᎦᏅᎥᏏ.
या अंडा माँगे तो उसे बिच्छू दे?
13 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏳᏃ ᏂᎯ ᎢᏥᏲᎢ, ᏱᏥᏏᎾᎯ ᎣᏍᏛ ᎨᏒ ᏗᏥᏁᏗᏱ ᏗᏤᏥ, ᎤᏟᎯᏳ ᏄᏛᏅᎢᏍᏗ ᎢᏥᏙᏓ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᏧᏁᏗᏱ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᎬᏩᏔᏲᏎᎯ!
पस जब तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी चीज़ें देना जानते हो, तो आसमानी बाप अपने माँगने वालों को रूह — उल — क़ुद्दूस क्यूँ न देगा।”
14 ᎠᏍᎩᎾᏃ ᎦᏄᎪᏫᏍᎨᎢ, ᎠᎴ ᎤᏩᎨᏫ ᎨᏎᎢ. ᎯᎠ Ꮓ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᎠᏍᎩᎾ ᎤᏄᎪᏨ ᎤᏩᎨᏫ ᎤᏬᏂᏎᎢ; ᏴᏫᏃ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ.
फिर वो एक गूँगी बदरूह को निकाल रहा था, और जब वो बदरूह निकल गई तो ऐसा हुआ कि गूँगा बोला और लोगों ने ता'ज्जुब किया।
15 ᎢᎦᏛᏍᎩᏂ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ, ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏕᎦᏄᎪᏫᏍᎦ ᎤᏍᏕᎵᎭ ᏇᎵᏥᏆ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᎤᎾᏤᎵᎦ.
लेकिन उनमें से कुछ ने कहा, “ये तो बदरूहों के सरदार बा'लज़बूल की मदद से बदरूहों को निकालता है।”
16 ᎠᏂᏐᎢᏃ ᎬᏩᎪᎵᏰᏍᎬ, ᎬᏩᏔᏲᏎᎴ ᏧᎾᏄᎪᏫᏎᏗᏱ ᎤᏰᎸᏛ ᎦᎸᎳᏗ ᏅᏓᏳᎶᏒᎯ.
कुछ और लोग आज़माइश के लिए उससे एक आसमानी निशान तलब करने लगे।
17 ᎠᏎᏃ ᎠᎦᏔᎮ ᏄᏍᏛ ᏓᎾᏓᏅᏖᏍᎬ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏂᎦᎥ ᎠᏰᎵ ᏕᎪᏢᏒᎢ ᏔᎵ ᏥᎾᏓᏗᏍᎪ ᎤᏩᏒ ᏣᏓᏡᏗᏍᎪᎢ, ᎠᏲᎪᏉ; ᎠᎴ ᏏᏓᏁᎸ ᏔᎵ ᏥᏄᏓᎣ ᎤᏩᏒ ᏣᏓᏡᏗᏍᎪ ᎠᏲᎪᎢ.
मगर उसने उनके ख़यालात को जानकर उनसे कहा, “जिस सल्तनत में फ़ूट पड़े, वो वीरान हो जाती है; और जिस घर में फ़ूट पड़े, वो बरबाद हो जाता है।
18 ᎢᏳ ᎠᎴ ᏎᏓᏂ ᏔᎵ ᏱᏄᏓᎠ ᎤᏩᏒ ᏯᏓᏡᏗᎭ, ᎦᏙ ᏱᎦᎵᏍᏙᏓ ᏱᏂᎬᏩᏍᏗᏉ ᎤᏤᎵᎪᎯ? ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᏇᎵᏥᏆ ᎤᏍᏕᎵᎭ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏥᏕᎦᏄᎪᏫᏍᎦ ᏥᏍᎩᏲᏎᎭ.
और अगर शैतान भी अपना मुख़ालिफ़ हो जाए, तो उसकी सल्तनत किस तरह क़ाईम रहेगी? क्यूँकि तुम मेरे बारे में कहते हो, कि ये बदरूहों को बा'लज़बूल की मदद से निकालता है।
19 ᎢᏳᏃ ᏇᎵᏥᏆ ᏯᎩᏍᏕᎵᎭ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏕᏥᏄᎪᏫᏍᎬᎢ, ᎦᎪ ᎤᏂᏍᏕᎵᎭ ᏗᏤᏥ ᎾᏍᎩ ᏓᏂᏄᎪᏫᏍᎬᎢ? ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᏗᎨᏧᎪᏓᏁᎯ ᎨᏎᏍᏗ.
और अगर में बदरूहों को बा'लज़बूल की मदद से निकलता हूँ, तो तुम्हारे बेटे किसकी मदद से निकालते हैं? पस वही तुम्हारा फ़ैसला करेंगे।
20 ᎢᏳᏍᎩᏂ ᎠᏴ ᎠᏂᏍᎩᎾ ᏕᏥᏄᎪᏫᏍᎬ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎦᏰᏌᏛ ᏱᎬᏗᎭ, ᎥᏝ ᏳᏜᏓᏏᏛᎭ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎢᏥᎷᏤᎸᎢ.
लेकिन अगर मैं बदरूहों को ख़ुदा की क़ुदरत से निकालता हूँ, तो ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे पास आ पहुँची।
21 ᎢᏳᏃ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᎵᏍᎦᏍᏙᏗ ᎬᏰᎯ ᏯᎦᏘᏯ ᎦᏁᎸᎢ ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᏄᏍᏛ ᎤᎿᎭᎥᎢ.
जब ताक़तवर आदमी हथियार बाँधे हुए अपनी हवेली की रखवाली करता है, तो उसका माल महफ़ूज़ रहता है।
22 ᎤᏟᏍᎩᏂ ᎢᏳᎵᏂᎩᏛ ᏳᏃᎵᎸ ᎠᎴ ᏳᏎᎪᎩᏒ, ᎤᎩᎡᎰ ᏂᎦᏛ ᎤᎵᏍᎦᏍᏙᏗ ᎤᎵᏍᎦᏍᏙᏔᏅᎢ, ᎠᎴ ᎠᏯᏙᎯᎰ ᏧᎬᏩᎶᏗ ᎤᏓᏬᏅᎲᎢ.
लेकिन जब उससे कोई ताक़तवर हमला करके उस पर ग़ालिब आता है, तो उसके सब हथियार जिन पर उसका भरोसा था छीन लेता और उसका माल लूट कर बाँट देता है।
23 ᎩᎶ ᎾᏆᎵᎪᏁᎲᎾ ᏥᎨᏐ ᎠᏆᏡᏗᏍᎪᏉ; ᎩᎶᏃ ᏃᏍᏗᏟᏏᏍᎬᎾ ᏥᎨᏐ ᎠᏗᎦᎴᏯᏍᎪᏉ.
जो मेरी तरफ़ नहीं वो मेरे ख़िलाफ़ है, और जो मेरे साथ जमा नहीं करता वो बिखेरता है।”
24 ᎢᏳᏃ ᎦᏓᎭ ᎠᏓᏅᏙ ᏴᏫ ᎤᏄᎪᎩ, ᎡᏙᎰ ᎤᎧᏲᏛᎯ ᎨᏒᎢ, ᎤᏲᎰ ᎠᏣᏪᏐᎸᏍᏙᏗᏱ; ᎤᏠᎩᏃ, ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎪᎢ, ᏛᎦᏨᏏ ᏗᏇᏅᏒ ᏗᎩᏄᎪᏨ ᏮᏛᏥᎶᏏ.
“जब नापाक रूह आदमी में से निकलती है तो सूखे मुक़ामों में आराम ढूँडती फिरती है, और जब नहीं पाती तो कहती है, 'मैं अपने उसी घर में लौट जाऊँगी जिससे निकली हूँ।
25 ᏫᎦᎷᎩᏃ ᎠᏩᏘᏍᎪ ᎬᏃᏌᎲᎯ ᎠᎴ ᎪᏚᎢᏍᏔᏅᎯ ᎨᏐᎢ.
और आकर उसे झड़ा हुआ और आरास्ता पाती है।
26 ᎿᎭᏉᏃ ᎡᎪᎢ, ᎠᎴ ᏫᏓᏯᏂᏍᎪ ᎦᎵᏉᎩ ᏗᏓᏅᏙ ᏅᏩᎾᏓᎴ ᎤᏟ ᎢᏳᏂᏁᎫᏥᏛ ᎡᏍᎦᏉ ᎤᏩᏒ; ᎾᏍᎩᏃ ᎠᏂᏴᎯᎰ ᎠᎴ ᎾᎿᎭᎠᎾᏁᎳᏗᏍᎪᎢ; ᎣᏂᏱᏃ ᏄᏍᏛ Ꮎ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏟ ᎤᏲᎢᏳ ᎨᏐᎢ ᎡᏍᎦᏉ ᎢᎬᏱᏱ.
फिर जाकर और सात रूहें अपने से बुरी अपने साथ ले आती है और वो उसमें दाख़िल होकर वहाँ बसती हैं, और उस आदमी का पिछला हाल पहले से भी ख़राब हो जाता है।”
27 ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎠᏏᏉ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ, ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᎨᏴ ᎨᎳ ᎤᎾᏓᏡᎬ ᎤᏌᎳᏓᏁ ᎧᏁᎬ ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎣᏏᏳ ᎢᏳᎵᏍᏓᏁᏗ ᏂᎯ ᏣᎾᏄᎪᏫᏒᎯ ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏣᏍᏛᏅᎯ.
जब वो ये बातें कह रहा था तो ऐसा हुआ कि भीड़ में से एक 'औरत ने पुकार कर उससे कहा, मुबारिक़ है वो पेट जिसमें तू रहा और वो आंचल जो तू ने पिए।”
28 ᎠᏎᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎥᎥ, ᎤᏟᎯᏳᏍᎩᏂ ᎣᏍᏛ ᎢᏳᎾᎵᏍᏓᏁᏗ ᎠᎾᏛᎩᏍᎩ ᎧᏃᎮᏛ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎦ ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᏂᏍᏆᏂᎪᏗᏍᎩ.
उसने कहा, “हाँ; मगर ज़्यादा मुबारिक़ वो है जो ख़ुदा का कलाम सुनते और उस पर 'अमल करते हैं।”
29 ᎿᎭᏉᏃ ᏴᏫ ᎦᏁᏄᎵ ᎤᎾᏓᏟᏌᏅ, ᎤᎴᏅᎮ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎤᏂᏲ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ; ᎤᏂᏲᎭ ᎤᏰᎸᏛᎢ; ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎨᏥᎾᏄᎪᏫᏎᏗ ᏱᎨᏎᏍᏗ ᎤᏰᎸᏛᎢ, ᏦᎾ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎤᏤᎵ ᎤᏰᎸᏛ ᎤᏩᏒ.
जब बड़ी भीड़ जमा होती जाती थी तो वो कहने लगा, “इस ज़माने के लोग बुरे हैं, वो निशान तलब करते हैं; मगर यहून्ना के निशान के सिवा कोई और निशान उनको न दिया जाएगा।”
30 ᏦᎾᏰᏃ ᎤᏰᎸᏛ ᏥᏂᎨᎬᏁᎴ ᏂᏂᏫ ᎠᏁᎯ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎤᏰᎸᏛ ᏅᏓᎨᎬᏁᎵ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ.
क्यूँकि जिस तरह यहून्ना निनवे के लोगों के लिए निशान ठहरा, उसी तरह इब्न — ए — आदम भी इस ज़माने के लोगों के लिए ठहरेगा।
31 ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎠᎨᏴ ᏧᎦᎾᏮ ᏤᎮᎢ ᏙᏛᎾᎴᏂ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ ᏗᎫᎪᏙᏗᏱ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᏧᎾᏚᎪᏓᏁᏗᏱ ᏂᏙᏓᎬᏁᎵ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏩᏍᏛ ᎢᏴᏛ ᎦᏙᎯ ᏧᏅᏎ ᎤᏛᎦᏂᎴ ᏐᎵᎹᏅ ᎠᎦᏔᎾᎥᎢ; ᎬᏂᏳᏉᏃ ᎠᏂ ᎡᏙᎭ ᎤᏟ ᎢᏯᏥᎸᏉᏗ ᎡᏍᎦᏉ ᏐᎵᎹᏅ.
दक्खिन की मलिका इस ज़माने के आदमियों के साथ 'अदालत के दिन उठकर उनको मुजरिम ठहराएगी, क्यूँकि वो दुनिया के किनारे से सुलैमान की हिक्मत सुनने को आई, और देखो, यहाँ वो है जो सुलैमान से भी बड़ा है।
32 ᏴᏫ ᏂᏂᏫ ᏣᏁᎮ ᏙᏛᎾᎴᏂ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ ᏗᎫᎪᏗᏱ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᏧᎾᏚᎪᏓᏁᏗᏱ ᏅᏛᏅᏁᎵ; ᏚᏂᏁᏟᏴᏎᏰᏃ ᏚᎾᏓᏅᏛ ᏦᎾ ᏚᎵᏥᏙᏁᎸ; ᎬᏂᏳᏉᏃ ᎠᏂ ᎡᏙᎭ ᎤᏟ ᎢᏯᏥᎸᏉᏗ ᎡᏍᎦᏉ ᏦᎾ.
निनवे के लोग इस ज़माने के लोगों के साथ, 'अदालत के दिन खड़े होकर उनको मुजरिम ठहराएँगे; क्यूँकि उन्होंने यहून्ना के एलान पर तौबा कर ली, और देखो, यहाँ वो है जो यहून्ना से भी बड़ा है।
33 ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎠᏨᏍᏛᎦ ᎠᏨᏍᏙᏗ ᎤᏕᎵᏒ ᏱᎦᎧᎲᏍᎪᎢ, ᎥᏝ ᎠᎴ ᎠᏟᎶᏍᏗ ᏱᎫᏢᏗᏍᎪᎢ, ᎦᎪᏗᏱᏍᎩᏂ ᎦᎪᏗᏍᎪᎢ, ᎾᏍᎩ ᏅᏛᏂᏴᎯᎯ ᎤᏂᎪᏩᏛᏗᏱ ᎢᎦ ᎦᏛᎢ.
“कोई शख़्स चराग़ जला कर तहखाने में या पैमाने के नीचे नहीं रखता, बल्कि चराग़दान पर रखता है ताकि अन्दर जाने वालों को रोशनी दिखाई दे।
34 ᎠᎦᏔ ᎠᏰᎸ ᎢᎦ ᎠᏘᏍᏓᏁᎯ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ, ᎢᏳᏃ ᎪᎱᏍᏗ ᏄᏍᏛᎾ ᎨᏎᏍᏗ ᎯᎦᏙᎵ, ᏂᎬ ᎯᏰᎸ ᎾᏍᏉ ᎧᎵᏬᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎢᎦ ᎦᏘ; ᎢᏳᏍᎩᏂ ᎯᎦᏙᎵ ᎤᏲ ᎨᏎᏍᏗ ᏂᎬ ᎯᏰᎸ ᎾᏍᏉ ᎧᎵᏬᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᎵᏏᎩ.
तेरे बदन का चराग़ तेरी आँख है, जब तेरी आँख दुरुस्त है तो तेरा सारा बदन भी रोशन है, और जब ख़राब है तो तेरा बदन भी तारीक है।
35 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎮᏯᏔᎮᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᎢᎦ ᎦᏘ ᎭᏫᏂ ᏤᎲ ᏞᏍᏗ ᎤᎵᏏᎩ ᏱᎨᏎᏍᏗ.
पस देख, जो रोशनी तुझ में है तारीकी तो नहीं!
36 ᎢᏳᏃ ᏂᎬ ᎯᏰᎸ ᎧᎵᏬᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎢᎦ ᎦᏘ, ᎢᎸᎯᏢ ᏄᏓᏓᎸᎾ ᎤᎵᏏᎩ, ᏂᎬ ᎤᎧᎵᏨᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎢᎦ ᎦᏘ, ᎾᏍᎩᏯ ᎠᏨᏍᏙᏗ ᎣᏍᏛ ᎠᏓᏪᎵᎩᏍᎬ ᎢᎦ ᏥᏣᏘᏍᏓᏁᎰᎢ.
पस अगर तेरा सारा बदन रोशन हो और कोई हिस्सा तारीक न रहे, तो वो तमाम ऐसा रोशन होगा जैसा उस वक़्त होता है जब चराग़ अपने चमक से रोशन करता है।”
37 ᎠᏏᏉᏃ ᎦᏬᏂᏍᎨ ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᏆᎵᏏ ᎤᏔᏲᏎᎴ ᎤᎵᏍᏓᏴᎾᏁᏗᏱ; ᎤᏴᎴᏃ, ᎠᎴ ᎤᎵᎩᏳᏍᏓᏅᏁᎢ.
जो वो बात कर रहा था तो किसी फ़रीसी ने उसकी दा'वत की। पस वो अन्दर जाकर खाना खाने बैठा।
38 ᎠᏆᎵᏏᏃ ᎤᎪᎲ ᎤᏍᏆᏂᎪᏎ ᏂᏚᏬᏑᎴᎥᎾ ᎨᏒ ᎠᏏᏉ ᏄᎵᏍᏓᏴᏅᎾ.
फ़रीसी ने ये देखकर ता'अज्जुब किया कि उसने खाने से पहले ग़ुस्ल नहीं किया।
39 ᎤᎬᏫᏳᎯᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏂᎯ ᎢᏥᏆᎵᏏ ᎤᎵᏍᏈᏗ ᎠᎴ ᎠᏖᎵᏙ ᎦᏚᎢᏗᏢ ᏕᏥᏅᎦᎵᏍᎪᎢ; ᎭᏫᏂᏍᎩᏂ ᎨᏒ ᎢᏥᎧᎵᏨᎯ ᎨᏐ ᎠᏎᏉ ᎠᏓᎩᎡᏗ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎠᏍᎦᎾᎢ.
ख़ुदावन्द ने उससे कहा, “ऐ फ़रीसियों! तुम प्याले और तश्तरी को ऊपर से तो साफ़ करते हो, लेकिन तुम्हारे अन्दर लूट और बदी भरी है।”
40 ᎢᏥᏁᎫ, ᏝᏍᎪ ᎾᏍᎩ ᎦᏚᎢᏗᏢ ᎡᎯ ᎤᏬᏢᏅᎯ ᎾᏍᏉ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᎡᎯ ᏳᏬᏢᏁᎢ?
ऐ नादानों! जिसने बाहर को बनाया क्या उसने अन्दर को नहीं बनाया?
41 ᎤᎬᏫᏳᏎᏍᏗᏍᎩᏂ ᎢᏣᏓᏁᎮᏍᏗ ᏄᏍᏛ ᎢᏥᎲᎢ; ᎬᏂᏳᏉᏃ ᏂᎦᏗᏳ ᎢᏣᏓᏅᎦᎸᎡᎸᎯ ᎨᏎᏍᏗ.
हाँ! अन्दर की चीज़ें ख़ैरात कर दो, तो देखो, सब कुछ तुम्हारे लिए पाक होगा।
42 ᏂᎯᏍᎩᏂ ᎢᏥᏆᎵᏏ ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ! ᎠᏍᎪᎯᏁᏰᏃ ᎪᏣᎴᏛ ᎢᏣᎫᏱᏍᎪ ᏒᏟ ᎠᏟ ᎷᏫ ᎠᎴ ᏂᎦᎥ ᎤᏰᎿᎭᎥᎢ, ᎢᏥᏃᎯᏯᏍᎪᏃ ᏚᏳᎪᏛ ᎢᏯᏛᏁᏗ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎨᏳᏗ ᎨᏒᎢ; ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ ᏱᏂᏣᏛᏁᎴᎢ, ᎠᎴ ᏐᎢ ᏂᏥᏃᎯᏴᎾᏉ ᏱᎨᏎᎢ.
“लेकिन ऐ फ़रीसियों! तुम पर अफ़सोस, कि पुदीने और सुदाब और हर एक तरकारी पर दसवाँ हिस्सा देते हो, और इन्साफ़ और ख़ुदा की मुहब्बत से ग़ाफ़िल रहते हो; लाज़िम था कि ये भी करते और वो भी न छोड़ते।
43 ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᎢᏥᏆᎵᏏ! ᏕᏥᎸᏉᏙᏰᏃ ᏄᎬᏫᏳᏒ ᏕᎦᏍᎩᎸ ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎡᏥᏲᎵᏍᏗᏱ ᏗᎦᏃᏙᏗᏱ.
ऐ फ़रीसियों! तुम पर अफ़सोस, कि तुम 'इबादतख़ानों में आ'ला दर्जे की कुर्सियाँ और और बाज़ारों में सलाम चाहते हो।
44 ᎣᏲᎢᏳᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᏗᏦᏪᎵᏍᎩ, ᎠᎴ ᎢᏥᏆᎵᏏ, ᎢᏣᏠᎾᏍᏗ! ᏂᎯᏰᏃ ᏓᏓᏂᏌᎲ ᏕᏣᏤᎸ ᏄᏪᎵᏍᏛᎾ ᏥᎨᏐᎢ, ᎠᎴ ᏴᏫ ᎦᏚᎢ ᎠᏂᎶᏍᎩ ᎥᏝ ᏱᎾᏙᎴᎰᏍᎪᎢ.
तुम पर अफ़सोस! क्यूँकि तुम उन छिपी हुई क़ब्रों की तरह हो जिन पर आदमी चलते है, और उनको इस बात की ख़बर नहीं।”
45 ᎿᎭᏉᏃ ᎠᏏᏴᏫ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᎪᏏᏏᏍᎩ ᎤᏁᏤ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ, ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏂᏪᎭ ᎠᏴ ᎾᏍᏉ ᎨᏍᎩᏐᏢᏗᎭ.
फिर शरा' के 'आलिमों में से एक ने जवाब में उससे कहा, “ऐ उस्ताद! इन बातों के कहने से तू हमें भी बे'इज़्ज़त करता है।”
46 ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ; ᏂᎯ ᎾᏍᏉ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᏦᏏᏏᏍᎩ ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ! ᏕᏥᏐᏈᎸᏍᎪᏰᏃ ᏴᏫ ᏗᎵᏒᏍᏗ ᎤᏕᏯᏙᏗ ᏗᎵᏒᏍᏗᏱ, ᎢᏨᏒᏍᎩᏂ ᎥᏝ ᏴᎨᏥᏃᏟᏍᏓ ᏗᎵᏒᏍᏗ ᏴᎨᏨᏓ ᏌᏉ ᎢᏥᏰᏌᏛᎢ.
उसने कहा, “ऐ शरा' के 'आलिमों! तुम पर भी अफ़सोस, कि तुम ऐसे बोझ जिनको उठाना मुश्किल है, आदमियों पर लादते हो और तुम एक उंगली भी उन बोझों को नहीं लगाते।
47 ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ! ᏕᏦᏢᎯᏏᏍᎪᏰᏃ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᏕᎨᏥᏂᏌᎲᎢ, ᎠᎴ ᏗᏥᏙᏓ ᏕᎤᏂᎸᎩ.
तुम पर अफ़सोस, कि तुम तो नबियों की क़ब्रों को बनाते हो और तुम्हारे बाप — दादा ने उनको क़त्ल किया था।
48 ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎬᏂᎨᏒ ᏂᏨᏁᎭ ᎾᏍᎩ ᎣᏏᏳ ᎢᏥᏰᎸᏒ ᏄᏍᏛ ᏚᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎸ ᏗᏥᎦᏴᎵᎨᎢ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᏚᏂᎸᎩ, ᏂᎯᏃ ᏕᏦᏢᎯᏏᎭ ᏕᎨᏥᏂᏎᎲᎢ.
पस तुम गवाह हो और अपने बाप — दादा के कामों को पसन्द करते हो, क्यूँकि उन्होंने तो उनको क़त्ल किया था और तुम उनकी क़ब्रें बनाते हो।
49 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎾᏍᏉ ᎯᎠ ᏄᏪᏒ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎦᏔᎾᎥᎢ, ᏓᎦᏥᏅᏏ ᏫᎬᏩᏂᎷᏤᏗᏱ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ, ᎠᎴ ᎨᏥᏅᏏᏛ, ᎾᏍᎩᏃ ᎢᎦᏛ ᏙᏛᏂᎵ ᎠᎴ ᏙᏛᏂᎨᎯᏙᎵ,
इसी लिए ख़ुदा की हिक्मत ने कहा है, मैं नबियों और रसूलों को उनके पास भेजूँगी, वो उनमें से कुछ को क़त्ल करेंगे और कुछ को सताएँगे।
50 ᎾᏍᎩ ᏂᎦᏛ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᎤᏂᎩᎬ ᎠᏨᏅᎯ ᎨᏒ ᎡᎶᎯ ᏧᏙᏢᏅ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ ᎨᏥᏔᏲᏎᏗᏱ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ;
ताकि सब नबियों के ख़ून का जो बिना — ए — 'आलम से बहाया गया, इस ज़माने के लोगों से हिसाब किताब लिया जाए।
51 ᎡᏈᎵ ᎤᎩᎬ ᏅᏛᎴᏅᏛ, ᏤᎩᎳᏯ ᎤᎩᎬ ᏩᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᏧᎵᏍᏆᏕᎴ ᎠᏰᎵ ᎠᏥᎸ-ᎨᎳᏍᏗᏱ ᎤᏛᏅᏃ-ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ; ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎢᏨᏲᏎᎭ, ᎨᏥᏔᏲᏎᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ.
हाबिल के ख़ून से लेकर उस ज़करियाह के ख़ून तक, जो क़ुर्बानगाह और मक़्दिस के बीच में हलाक हुआ। मैं तुम से सच कहता हूँ कि इसी ज़माने के लोगों से सब का हिसाब किताब लिया जाएगा।
52 ᎤᏲᎢᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ ᏂᎯ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᏦᏏᏏᏍᎩ! ᎢᏥᏴᏫᏛᎲᏰᏃ ᎠᏍᏚᎢᏍᏗ ᎠᎦᏙᎥᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ; ᎥᏝᏰᏃ ᎢᏨᏒ ᏱᏥᏴᎸ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᏂᏴᎯᎯ ᏕᏥᏲᏍᏙᏓᏁᎸ.
ऐ शरा' के 'आलिमों! तुम पर अफ़सोस, कि तुम ने मा'रिफ़त की कुंजी छीन ली, तुम ख़ुद भी दाख़िल न हुए और दाख़िल होने वालों को भी रोका।”
53 ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᏂᏕᎦᏪᏎᎮᎢ, ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ ᎠᎴ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᎬᏩᏅᏫᏍᏗᏍᎨᎢ, ᎠᎴ ᎬᏩᏂᎳᏕᎮ ᎤᎪᏗᏗ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎤᏃᎮᏗᏱ;
जब वो वहाँ से निकला, तो आलिम और फ़रीसी उसे बे — तरह चिपटने और छेड़ने लगे ताकि वो बहुत से बातों का ज़िक्र करे,
54 ᎬᏩᏯᏫᏍᎨᎢ, ᎠᎴ ᎤᏂᏲᎮ ᎤᏂᏩᏛᎡᏗᏱ ᎪᎱᏍᏗ ᎦᎬᏩᎳᏫᏎᏗ ᎨᏒᎢ.
और उसकी घात में रहे ताकि उसके मुँह की कोई बात पकड़े।