< ᏉᎳ ᎠᏂᏈᎷ ᏧᏬᏪᎳᏁᎸᎯ 3 >
1 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎡᏥᎸᏉᏗ ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᎢᏣᏠᏯᏍᏗᏍᎩ ᎦᎸᎳᏗ ᎤᎬᏩᎵ ᎥᏓᏘᏯᏅᏗ ᎨᏒᎢ, ᎡᏣᏓᏅᏛᎵ ᎦᎶᏁᏛ ᏥᏌ ᎠᏥᏅᏏᏛ ᎠᎴ ᏄᎬᏫᏳᏒ ᎠᏥᎸᎨᎶᎯ ᎾᏍᎩ ᏤᏓᏁᎶᏗ ᏥᎩ.
पस ऐ पाक भाइयों! तुम जो आसमानी बुलावे में शरीक हो, उस रसूल और सरदार काहिन ईसा पर ग़ौर करो जिसका हम करते हैं;
2 ᎾᏍᎩ ᏄᎵᏓᏍᏔᏅᎾ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᏁᏤᎸᎯ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᎼᏏ ᏄᏓᎵᏓᏍᏛᎾ ᏥᎨᏎ ᏂᎦᎥ ᏚᏓᏘᎾᎥᎢ.
जो अपने मुक़र्रर करनेवाले के हक़ में दियानतदार था, जिस तरह मूसा ख़ुदा के सारे घर में था।
3 ᎯᎠᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏟ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎠᏥᏰᎸᏎ ᎡᏍᎦᏉ ᎼᏏ, ᎩᎶᏰᏃ ᎠᏓᏁᎸ ᎤᏁᏍᎨᎲᎯ ᎤᏟ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎨᏐ ᎡᏍᎦᏉ ᎠᏓᏁᎸᎢ.
क्यूँकि वो मूसा से इस क़दर ज़्यादा 'इज़्ज़त के लायक़ समझा गया, जिस क़दर घर का बनाने वाला घर से ज़्यादा इज़्ज़तदार होता है।
4 ᏂᎦᎥᏰᏃ ᏓᏓᏁᎸ ᎩᎶ ᏧᏬᏢᏅᎯ ᎨᏐᎢ; ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏂᎦᎥ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎤᏬᏢᏅᎯ ᎨᏒ ᎤᏁᎳᏅᎯ.
चुनाँचे हर एक घर का कोई न कोई बनाने वाला होता है, मगर जिसने सब चीज़ें बनाइं वो ख़ुदा है।
5 ᎠᎴ ᎼᏏ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᏄᏓᎵᏓᏍᏛᎾ ᎨᏒᎩ ᏂᎦᎥ ᏚᏓᏘᎾᎥᎢ ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᎾᏍᎩᏯᎢ, ᎾᏍᎩ ᎪᎯᏳᏗᏍᎩ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎬᏂᎨᏒ ᎢᎬᏁᏗ ᏥᎨᏎᎢ.
मूसा तो उसके सारे घर में ख़ादिम की तरह दियानतदार रहा, ताकि आइन्दा बयान होनेवाली बातों की गवाही दे।
6 ᎦᎶᏁᏛᏍᎩᏂ ᎠᎦᏅᎩ ᎾᏍᎩᏯ ᏄᏓᎵᏓᏍᏛᎾ ᎨᏒᎩ ᎤᏩᏒ ᏚᏓᏘᎾᎥᎢ; ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏚᏓᏘᎾᎥ ᎢᏖᎳ ᏥᎩ, ᎢᏳᏃ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᏱᏗᎩᏂᏴᎭ ᎬᎵᏍᏆᏗᏍᎩ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎢᎦᎵᏍᎦᏍᏙᏛ ᎠᎴ ᎢᏓᏢᏈᏍᏙᏗᏍᎬ ᎤᏚᎩ ᎬᏗ ᎨᏒᎢ.
लेकिन मसीह बेटे की तरह उसके घर का मालिक है, और उसका घर हम हैं; बशर्ते कि अपनी दिलेरी और उम्मीद का फ़ख़्र आख़िर तक मज़बूती से क़ाईम रख्खें।
7 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ, ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᎯᎠ ᏥᏂᎦᏪᎭ, ᎪᎯ ᎢᎦ ᎢᏳᏃ ᎧᏁᎬ ᎢᏣᏛᎪᏗᏱ ᎢᏣᏚᎵᏍᎨᏍᏗ,
पस जिस तरह कि पाक रूह कलाम में फ़रमाता है, “अगर आज तुम उसकी आवाज़ सुनो,
8 ᏞᏍᏗ ᏱᏗᏥᏍᏓᏲᏗᏍᎨᏍᏗ ᏗᏥᎾᏫ, ᎾᏍᎩᏯ ᏄᎾᏛᏁᎸ ᏥᎬᎩᎾᎸᏍᏔᏅᎩ, ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᏥᎬᎩᎪᎵᏰᎥᎩ ᎢᎾᎨᎢ;
तो अपने दिलों को सख़्त न करो, जिस तरह ग़ुस्सा दिलाने के वक़्त आज़माइश के दिन जंगल में किया था।
9 ᎾᎯᏳ ᏗᏥᎦᏴᎵᎨ ᏥᎬᎩᎪᎵᏰᏍᎬᎩ, ᎠᎴ ᏥᎬᏆᎦᏘᏍᎬᎩ, ᎠᏂᎪᏩᏘᏍᎬᎩᏍᎩᏂᏃᏅ ᏓᎩᎸᏫᏍᏓᏁᎲ ᏅᎦᏍᎪᎯ ᏧᏕᏘᏴᏛ.
जहाँ तुम्हारे बाप — दादा ने मुझे जाँचा और आज़माया और चालीस बरस तक मेरे काम देखे।
10 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎦᏥᏂᏉᏘᎸᎩ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏴᏫ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᎾᎩᏪᏒᎩ, ᏂᎪᎯᎸ ᏚᎴᎾᎯᎭ ᏧᏂᎾᏫ; ᎠᎴ ᎥᏝ ᎤᏂᎦᏙᎥᏒᎯ ᏱᎩ ᏓᎩᏅᏅᎢ.
इसलिए मैं उस पीढ़ी से नाराज़ हुआ, और कहा, 'इनके दिल हमेशा गुमराह होते रहते है, और उन्होंने मेरी राहों को नहीं पहचाना।
11 ᎾᏍᎩ ᏅᏓᏳᎵᏍᏙᏔᏅᎩ ᎠᏆᏎᎵᏔᏅᎩ ᎠᎩᏔᎳᏬᏍᎬ, ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏴᏍᏗᏳ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒ ᎠᏆᏤᎵ ᎠᏣᏪᏐᎸᏍᏙᏗᏱ ᎨᏒᎢ.
चुनाँचे मैंने अपने ग़ुस्से में क़सम खाई, 'ये मेरे आराम में दाख़िल न होने पाएँगे'।”
12 ᎢᏤᏯᏔᎮᏍᏗ, ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᏞᏍᏗᏉ ᏂᎯ ᎩᎶ ᎤᏬᎯᏳᎯᏍᏛ ᏂᎨᏒᎾ ᎤᎾᏫ ᏳᏯᎡᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᎠᏓᏅᎡᎯ ᎬᏂᏛ ᎤᏁᎳᏅᎯ.
ऐ भाइयों! ख़बरदार! तुम में से किसी का ऐसा बुरा और बे — ईमान दिल न हो, जो ज़िन्दा ख़ुदा से फिर जाए।
13 ᏕᏣᏓᏬᏂᏗᏍᎨᏍᏗᏍᎩᏂ ᏂᏚᎩᏨᏂᏒᎢ, ᎠᏏᏉ ᎪᎯ ᎢᎦ ᎦᎪᏎᏗ ᏥᎩ; ᎾᏍᎩ ᏂᎯ ᎩᎶ ᎨᏥᏍᏓᏲᎯᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ ᎤᏓᎵᏓᏍᏗ ᎠᏍᎦᏂ ᎢᏳᏩᏂᏌᏛ.
बल्कि जिस रोज़ तक आज का दिन कहा जाता है, हर रोज़ आपस में नसीहत किया करो, ताकि तुम में से कोई गुनाह के धोखे में आकर सख़्त दिल न हो जाए।
14 ᏕᎦᏚᏓᏕᏫᏒᏰᏃ ᎦᎶᏁᏛ, ᎢᏳᏃ ᏱᏅᏩᏍᏗᏉ ᏕᎩᏂᏴᏒ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᎬᎵᏍᏆᏗᏍᎩ ᎢᎬᏱᏱ ᎢᎦᎵᏍᎦᏍᏙᏔᏅᎢ;
क्यूँकि हम मसीह में शरीक हुए हैं, बशर्ते कि अपने शुरुआत के भरोसे पर आख़िर तक मज़बूती से क़ाईम रहें।
15 ᎯᎠᏰᏃ ᎢᎦᏪᏛ ᎢᎩ, ᎪᎯ ᎢᎦ ᎢᏳᏃ ᎢᏣᏚᎵᏍᎨᏍᏗ ᎧᏁᎬ ᎢᏣᏛᎪᏗᏱ, ᏞᏍᏗ ᏱᏗᏥᏍᏓᏲᏗᏍᎨᏍᏗ ᏗᏥᎾᏫ, ᎾᏍᎩᏯ ᏄᎾᏛᏁᎸ ᎾᎯᏳ ᏥᎬᎩᎾᎸᏍᏔᏅᎩ.
चुनाँचे कलाम में लिखा है “अगर आज तुम उसकी आवाज़ सुनो, तो अपने दिलों को सख़्त न करो, जिस तरह कि ग़ुस्सा दिलाने के वक़्त किया था।”
16 ᎦᎪᏰᏃ ᎿᎭᏉ ᎤᎾᏛᎦᏅ, ᎤᏂᎿᎭᎸᏍᏔᏁᎢ; ᏝᏍᎪ ᏂᎦᏛ ᎢᏥᏈᏱ ᏂᏙᏓᏳᏗᏅᏍᏔᏅᎯ ᏱᏏ, ᎾᏍᎩ ᏱᏄᎾᏛᏁᎴᎢ?
किन लोगों ने आवाज़ सुन कर ग़ुस्सा दिलाया? क्या उन सब ने नहीं जो मूसा के वसीले से मिस्र से निकले थे?
17 ᎠᎴ ᎦᎪ ᏅᎦᏍᎪᎯ ᏧᏕᏘᏴᏛ ᏚᏂᏆᏘᎴᎢ? ᏝᏍᎪ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᏂᏍᎦᏅᏨᎯ ᏥᎨᏎᎢ, ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏗᏂᏰᎸ ᎢᎾᎨ ᏥᏚᏅᏤᎢ?
और वो किन लोगों से चालीस बरस तक नाराज़ रहा? क्या उनसे नहीं जिन्होंने गुनाह किया, और उनकी लाशें वीराने में पड़ी रहीं?
18 ᎠᎴ ᎦᎪ ᏚᏁᏤᎴ ᎠᏎᎵᏛᏍᎬ ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏴᏍᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒ ᎤᏤᎵ ᎠᏣᏪᏴᎸᏍᏙᏗᏱ? ᏝᏍᎪ ᎾᏍᎩ ᏱᎨᏎ Ꮎ ᏄᏃᎯᏳᏒᎾ ᏥᎨᏎᎢ?
और किनके बारे में उसने क़सम खाई कि वो मेरे आराम में दाख़िल न होने पाएँगे, सिवा उनके जिन्होंने नाफ़रमानी की?
19 ᎾᏍᎩ ᏥᏄᏍᏗ ᎢᏗᎪᏩᏘᎭ ᎾᏍᎩ ᏫᎬᏩᏂᏴᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬ ᏄᏃᎯᏳᏅᎾ ᎨᏒᎢ.
ग़रज़ हम देखते हैं कि वो बे — ईमानी की वजह से दाख़िल न हो सके।