< Йов 37 >
1 Да! Поради това сърцето ми трепери И се измества от мястото си.
“मैं इस विचार से भी कांप उठता हूं. वस्तुतः मेरा हृदय उछल पड़ता है.
2 Слушайте внимателно гърма на гласа Му, И шума, който излиза из устата Му.
परमेश्वर के उद्घोष के नाद तथा उनके मुख से निकली गड़गड़ाहट सुनिए.
3 Праща го под цялото небе И светкавицата Си до краищата на земята;
इसे वह संपूर्ण आकाश में प्रसारित कर देते हैं तथा बिजली को धरती की छोरों तक.
4 След нея рече глас, Гърми с гласа на величието Си, И не ги възпира щом се чуе гласа Му.
तत्पश्चात गर्जनावत स्वर उद्भूत होता है; परमेश्वर का प्रतापमय स्वर, जब उनका यह स्वर प्रक्षेपित होता है, वह कुछ भी रख नहीं छोड़ते.
5 Бог гърми чудно с гласа Си, Върши велики дела, които не можем да разбираме;
विलक्षण ही होता है परमेश्वर का यह गरजना; उनके महाकार्य हमारी बुद्धि से परे होते हैं.
6 Защото казва на снега: Вали на земята, - Също и на проливния дъжд и на поройните Си дъждове;
परमेश्वर हिम को आदेश देते हैं, ‘अब पृथ्वी पर बरस पड़ो,’ तथा मूसलाधार वृष्टि को, ‘प्रचंड रखना धारा को.’
7 Запечатва ръката на всеки човек, Така щото всичките човеци, които е направил, да разбират силата Му.
परमेश्वर हर एक व्यक्ति के हाथ रोक देते हैं कि सभी मनुष्य हर एक कार्य के लिए श्रेय परमेश्वर को दे.
8 Тогава зверовете влизат в скривалищата И остават в рововете си.
तब वन्य पशु अपनी गुफाओं में आश्रय ले लेते हैं तथा वहीं छिपे रहते हैं.
9 От помещението си иде бурята, И студът от ветровете що разпръскват облаците.
प्रचंड वृष्टि दक्षिण दिशा से बढ़ती चली आती हैं तथा शीत लहर उत्तर दिशा से.
10 Чрез духане от Бога се дава лед, И широките води замръзват;
हिम की रचना परमेश्वर के फूंक से होती है तथा व्यापक हो जाता है जल का बर्फ बनना.
11 Тоже гъстия облак Той натоварва с влага, Простира на широко светкавичния Си облак,
परमेश्वर ही घने मेघ को नमी से भर देते हैं; वे नमी के ज़रिए अपनी बिजली को बिखेर देते हैं.
12 Които според Неговото наставление се носят наоколо За да правят всичко що им заповядва По лицето на земното кълбо.
वे सभी परमेश्वर ही के निर्देश पर अपनी दिशा परिवर्तित करते हैं कि वे समस्त मनुष्यों द्वारा बसाई पृथ्वी पर वही करें, जिसका आदेश उन्हें परमेश्वर से प्राप्त होता है.
13 Било, че за наказание, или за земята Си, Или за милост, ги докарва.
परमेश्वर अपनी सृष्टि, इस पृथ्वी के हित में इसके सुधार के निमित्त, अथवा अपने निर्जर प्रेम से प्रेरित हो इसे निष्पन्न करते हैं.
14 Слушай това, Иове, Застани та размисли върху чудесните Божии дела.
“अय्योब, कृपया यह सुनिए; परमेश्वर के विलक्षण कार्यों पर विचार कीजिए.
15 Разбираш ли как им налага Бог волята Си. И прави светкавицата да свети от облака Му?
क्या आपको मालूम है, कि परमेश्वर ने इन्हें स्थापित कैसे किया है, तथा वह कैसे मेघ में उस बिजली को चमकाते हैं?
16 Разбираш ли как облаците увисват, Чудесните дела на Съвършения в знание?
क्या आपको मालूम है कि बादल अधर में कैसे रहते हैं? यह सब उनके द्वारा निष्पादित अद्भुत कार्य हैं, जो अपने ज्ञान में परिपूर्ण हैं.
17 Ти, чиито дрехи стават топли, Когато земята е в затишие, поради южния вятър,
जब धरती दक्षिण वायु प्रवाह के कारण निस्तब्ध हो जाती है आपके वस्त्रों में उष्णता हुआ करती है?
18 Можеш ли като Него да разпростреш небето, Което, като леяно огледало е здраво?
महोदय अय्योब, क्या आप परमेश्वर के साथ मिलकर, ढली हुई धातु के दर्पण-समान आकाश को विस्तीर्ण कर सकते हैं?
19 Научи ни що да Му кажем, Защото поради невежество ние не можем да наредим думите си
“आप ही हमें बताइए, कि हमें परमेश्वर से क्या निवेदन करना होगा; हमारे अंधकार के कारण उनके सामने अपना पक्ष पेश करना हमारे लिए संभव नहीं!
20 Ще Му се извести ли, че желая да говоря, Като зная че, ако продума човек непременно ще бъде погълнат?
क्या परमेश्वर को यह सूचना दे दी जाएगी, कि मैं उनसे बात करूं? कि कोई व्यक्ति अपने ही प्राणों की हानि की योजना करे?
21 И сега човеците не могат да погледнат на светлината, Когато блещи на небето, като е заминал вятърът и го е очистил,
इस समय यह सत्य है, कि मनुष्य के लिए यह संभव नहीं, कि वह प्रभावी सूर्य प्रकाश की ओर दृष्टि कर सके. क्योंकि वायु प्रवाह ने आकाश से मेघ हटा दिया है.
22 Та е дошло златозарно сияние от север; А как ще погледнат на Бога, у Когото е страшна слава!
उत्तर दिशा से स्वर्णिम आभा का उदय हो रहा है; परमेश्वर के चारों ओर बड़ा तेज प्रकाश है.
23 Всемогъщ е, не можем да Го проумеем, превъзходен е в сила; А правосъдието и преизобилната правда Той няма да отврати.
वह सर्वशक्तिमान, जिनकी उपस्थिति में प्रवेश दुर्गम है, वह सामर्थ्य में उन्नत हैं; यह हो ही नहीं सकता कि वह न्याय तथा अतिशय धार्मिकता का हनन करें.
24 Затова Му се боят човеците; Той не зачита никого от високоумните.
इसलिये आदर्श यही है, कि मनुष्य उनके प्रति श्रद्धा भाव रखें. परमेश्वर द्वारा वे सभी आदरणीय हैं, जिन्होंने स्वयं को बुद्धिमान समझ रखा है.”