< 4 Царе 6 >

1 И пророческите ученици казаха на Елисея: Ето сега, мястото, гдето живеем та внимаваме пред тебе е тясно за нас.
एकदा संदेष्ट्याची मुले अलीशाला म्हणाली, “आम्ही राहतो ती जागा आम्हास अपुरी पडते.
2 Нека отидам, молим, до Иордан, и от там да вземем всеки по една греда да живеем. А той отговори: Идете.
यार्देन नदीवर जाऊन आम्ही एकेकजण एकेक तुळई आणू आणि आपल्यासाठी तिथे राहायला आश्रम बांधावा म्हणून आम्हास परवानगी द्या. अलीशा म्हणाला, जा आणि कामाला लागा.”
3 И един от тях каза: Благоволи, моля, да дойдеш и ти със слугата си. И той отговори: Ще дойда.
एकजण म्हणाला, “आमच्याबरोबर चला.” अलीशा म्हणाला, “ठीक आहे, येतो.”
4 Отиде, прочее, с тях. И като отидоха до Иордан, сечяха дървета.
तेव्हा अलीशा त्या संदेष्ट्यांच्या मुलांबरोबर गेला. ते यार्देन नदी जवळ आले आणि लाकडे तोडायला लागले.
5 А един от тях като сечеше среда, желязото падна във водата; и той извика и рече: Ах, господарю мой! то беше взето на заем!
तुळई तोडत असताना एकाची लोखंडी कुऱ्हाडीचे पाते निसटले आणि पाण्यात पडले. तेव्हा तो ओरडला, “स्वामी, मी तर ती उसनी मागून आणली होती.”
6 А Божият човек рече: Где падна? И показа му мястото. Тогава той отсече едно дръвце та го хвърли там; и желязото изплава.
नंतर देवाच्या मनुष्याने विचारले, “ती कोठे पडली?” तेव्हा त्याने, ती जागा दाखवली. तेव्हा अलीशाने मग एक लाकूड तोडून त्या जागी पाण्यात टाकले. त्याबरोबर ते लोखंड पाण्यावर तरंगू लागले.
7 И рече: Вземи си го. И той простря ръка та го взе.
अलीशा म्हणाला, “ते उचलून घे.” मग त्याने पुढे हात करून ते उचलले.
8 А сирийският цар, като воюваше против Израиля, съветваше се със слугите си, та каза: На еди-кое-си място ще разположа стана си.
अरामाच्या राजाने इस्राएलाशी लढाई करत असताना त्याने आपल्या सेवकाबरोबर मसलत केली, राजा म्हणाला, “अमुक ठिकाणी आपण तळ द्यावा.”
9 Тогава Божият човек прати до Израилевия цар да кажат: Пази се да не минеш през това място, защото сирийците са слезли там.
पण तेव्हा देवाच्या मनुष्याने इस्राएलाच्या राजाला निरोप पाठवून सांगितले, “सावधगिरीने वागा.” त्याठिकाणी जाऊ नका. येथे अरामी सैन्य चढाई करणार आहे.
10 И Израилевият цар прати до мястото, за което Божият човек му каза и го предупреди; и опази се от там не еднъж, нито дваж.
१०ज्याठिकाणी जाऊ नकोस असा देवाच्या मनुष्याने इस्राएलाच्या राजाला निरोप पाठवला होता, तेथे त्याने आपली माणसे पाठवली. असा आपला बचाव त्याने एकदोनदा नाहीतर अनेकदा केला होता.
11 И сърцето на сирийския цар се смути поради това нещо; за туй свика слугите си та из каза: Не щете ли да ми обадите, кой от нашите е за Израилевия цар?
११यावरुन अरामाच्या राजाला संताप आला. त्याने पुन्हा आपल्या सेवकांना बोलवून घेतले आणि त्यांना तो म्हणाला, “इस्राएलच्या राजासाठी कोण हेरगिरी करत आहे ते सांगा.”
12 А един от слугите му каза: Никой, господарю мой царю; но пророкът, който е в Израиля, Елисей, известява на Израилевия цар думите, които говориш в спалнята си.
१२तेव्हा त्या अधिकाऱ्यांपैकी एकजण म्हणाला, “स्वामी, कोणीही हेर नाही, पण आपण शयनगृहात बोलता ते शब्द इस्राएलाचा तो संदेष्टा अलीशाच त्यांच्या राजाला सांगतो.”
13 И рече: Идете, научете се где е, зада пратя да го заловят. И известиха му казвайки: Ето, в Дотан е.
१३तेव्हा अरामाचा राजा म्हणाला, “कोठे आहे तो अलीशा. त्यास पकडायला मी माणसे पाठवतो!” तेव्हा अरामाच्या राजाच्या सेवकांनी तो दोथानमध्ये असल्याचे सांगितले.
14 Тогава той прати там коне, колесници и голяма войска, които дойдоха през нощта и обиколиха града.
१४मग अरामाच्या राजाने घोडे, रथ आणि बरेचसे सैन्य दोथान कडे रवाना केले. ते रात्री तेथे पोचले आणि त्यांनी नगराला वेढा घातला.
15 И на слутринта, когато слугата на Божия човек стана та излезе, ето, войска с коне и колесници беше обиколила града. И рече му слугата му: Ах, господарю мой! Какво ще правим?
१५देवाच्या मनुष्याचा सेवक पहाटे उठला आणि बाहेर येऊन पाहतो तो, रथ व घोडे यांसह नगराभोवती सैन्य पसरलेले. अलीशाचा सेवक अलीशाला म्हणाला, “स्वामी, आता आपण काय करावे?”
16 А той отговори: Не бой се, защото ония, които са с нас, важат повече от ония, които са с тях.
१६अलीशा म्हणाला, “घाबरु नको! त्याच्या सैन्यापेक्षा आपले सैन्य कितीतरी मोठे आहे!”
17 И помоли се Елисей, казвайки: Моля Ти се, Господи, отвори му очите за да види. И Господ отвори очите на слугата та видя, и, ето, хълмът бе пълен с огнени коне и колесници около Елисея.
१७आणि अलीशाने प्रार्थना केली. तो म्हणाला, “हे परमेश्वरा, माझ्या सेवकाचे डोळे उघड म्हणजे त्यास नीट दिसेल.” परमेश्वराने त्या सेवकाचे डोळे उघडले. तेव्हा त्यास अलीशाच्या भोवती अग्नीचे घोडे आणि रथ डोंगरावर पसरलेले दिसले.
18 И когато слязоха към врага, Елисей се помоли Господу казвайки: Моля Ти се, порази тия люде със слепота. И порази ги със слепота, според както каза Елисей.
१८हे अग्नीरथ आणि अग्नीचे घोडे खाली अलीशाजवळ उतरले. अलीशाने परमेश्वराची प्रार्थना करून म्हटले, “तू या लोकांस आंधळे करून टाकावेस अशी मी तुला विनंती करतो.” अलीशाच्या या विनंतीनुसार परमेश्वराने अरामी सैन्याला आंधळे केले.
19 Тогава Елисей им рече: Не е тоя пътят, нито е тоя градът: дойдете подир мене, и ще ви заведа при човека, когото търсите. И отведе ги в Самария.
१९अलीशा त्या अरामी सैन्याला म्हणाला, “हा रस्ता बरोबर नाही तसेच तुम्हास हवे ते नगरही हे नव्हे. माझ्या मागोमाग या म्हणजे तुम्ही ज्याच्या मागावर आहात तो मनुष्य मी तुम्हास दाखवतो.” अलीशाने मग त्या अरामी सैन्याला शोमरोनला नेले.
20 И когато стигнаха в Самария, Елисей рече: Господи, отвори очите на тези за да видят. И Господ отвори очите им, та видяха; и, ето, бяха всред Самария.
२०ते शोमरोन येथे आले तेव्हा अलीशा म्हणाला, “परमेश्वरा, आता यांना दिसू दे. त्यांचे डोळे उघड.” परमेश्वराने मग त्यांचे डोळे उघडले. तेव्हा त्या सैन्याला आपण शोमरोनामध्ये असल्याचे कळले.
21 А когато ги видя, Израилевият цар рече на Елисея: Да ги поразя ли, татко? да ги поразя ли?
२१इस्राएलच्या राजाने हे अरामी सैन्य पाहिले. राजा अलीशाला म्हणाला, “बाबा, मी यांना मारु का? त्यांना ठार करु का?”
22 А той отговори: Не ги поразявай. Поразил ли би ти ония, които би пленил с меча си и с лъка си? Сложи им хляб и вода, за да ядат и пият; и нека отидат при господаря си.
२२अलीशा म्हणाला, “नाही, यांना मारु नको. लढाईत ज्यांना पकडून आणले त्यांना तलवारीने किंवा धनुष्यबाणाने मारायचे नसते. या अरामी सैन्याला खायला प्यायला दे. थोडी भाकर आणि पाणी दे मग त्यांना आपल्या धन्याकडे परत जाऊ दे.
23 И така, той им сложи много ястия; и след като ядоха и пиха, пусна ги, та отидоха при господаря си. И сирийските чети не дойдоха вече в Израилевата земя.
२३इस्राएलच्या राजाने या सैन्याच्या जेवणाची व्यवस्था केली. मग त्या अरामी सैन्याचे खाणेपिणे झाल्यावर राजाने त्यांना परत पाठवले. ते सैन्य आपल्या राजाकडे परत आले. मग पुन्हा अरामी सैन्याच्या टोळ्या इस्राएलावर आल्या नाहीत.”
24 А след това, сирийският цар Венадад събра цялата си войска и дойде та обсади Самария.
२४यानंतर, अरामाचा राजा बेन-हदाद याने आपल्या सर्व सैन्याची जमवाजमव केली आणि शोमरोन नगराला वेढा दिला.
25 И стана голям глад в Самария; защото, ето, обсаждаха я докле една оселова глава се продаваше за осемдесет сребърника, и четвърт кав гълъбова тор, за пет сребърника.
२५त्यामुळे शोमरोनामध्ये महगाई वाढली. गाढवाचे मुंडके ऐंशी रुपयांना आणि कबुतराची पावशेर विष्ठा पांच रुपयांना विकली जाऊ लागली.
26 И като заминаваше Израилевият цар по стената, една жена извика към него и каза: Помогни, господарю мой, царю!
२६इस्राएलचा राजा एकदा शहराच्या तटबंदीवरुन फिरत होता. तेव्हा एका स्त्रीने त्यास मोठ्याने ओरडून म्हटले, “माझे स्वामी व प्रभू कृपाकरून मला मदत करा!”
27 А той рече: Ако Господ не ти помогне, от где ще ти помогна аз? от гумното ли, или от лина?
२७इस्राएलचा राजा तिला म्हणाला, “जर परमेश्वर तुला मदत करत नाहीतर मी तुला कोठून मदत करु? खळ्यातून की द्राक्षकुंडातून?”
28 И царят рече: Що имаш? А тя отговори: Тая жена ми рече: Дай твоя син да го изядем днес, а утре ще изядем моя син.
२८मग राजाने तिची विचारपूस केली. ती म्हणाली, “ही स्त्री मला म्हणाली, तुझा मुलगा दे म्हणजे आज आपण त्यास मारुन खाऊ मग उद्या आपण माझा मुलगा खाऊ.
29 И тъй сварихме моя син та го изядохме; и на следния денй рекох: Дай твоя син да го изядем; а тя скри сина си.
२९तेव्हा माझ्या मुलाला मारुन त्याचे मांस शिजवून आम्ही खाल्ले. दुसऱ्या दिवशी मी तिला म्हणाले, ‘आता तुझ्या मुलाला आण म्हणजे त्यास आपण खाऊ.’ पण तिने आपल्या मुलाला लपवून ठेवले आहे.”
30 И като чу царят думите на жената, раздра дрехите си; и като минаваше по стената, людете видяха, и, ето, извътре имаше вретище върху снагата му.
३०स्त्रीचे हे बोलणे ऐकून राजा इतका व्यथित झाला की त्याने आपले कपडे फाडले. तो तेथून पुढे गेला तेव्हा त्याने गोणताट घातलेले लोकांनी पाहिले
31 Тогава рече: Така да ми направи Бог, да! и повече да притури, ако главата на Елисея, Сафатовия син, остане на него днес.
३१राजा म्हणाला, “आज दिवस मावळेपर्यंत शाफाटचा मुलगा अलीशा याचे मस्तक त्याच्या धडावर राहिले तर परमेश्वर मला हवे ते शासन करो!”
32 А когато изпрати мъж от служещите му, Елисей седеше в къщата си и старейшините седяха с него; но преди да стигне пратеникът при него, той рече на старейшините: Виждате ли как тоя син на убийцата прати да ми отнемат главата? Гедайте, щом дойде пратеникът, затворете вратата и спрете го при вратата: тропота на нозете на господаря му не е ли подир него?
३२राजाने अलीशाकडे एक दूत पाठवला. अलीशा आपल्या घरात बसला होता आणि गावातील वडिलधारी मंडळी त्याच्या बैठकीत होती. हा दूत तेथे पोचण्यापूर्वी अलीशा त्या लोकांस म्हणाला, “हे बघा, तो इस्राएलचा घातकी राजा माझा शिरच्छेद करण्यासाठी माणसे पाठवत आहे. तेव्हा आता दूत येईल तेव्हा त्यास लोटून दार लावून घ्या. त्याच्या मागोमाग त्याच्या स्वामीच्या पावलांची चाहुल मला लागली आहे!”
33 И докато още говореше с тях, ето, пратеникът слезе при него; а царят го предвари и каза: Ето, от Господа е това зло; какво има да се надея вече на Господа?
३३अलीशा हे बोलत असातानाच दूत त्याच्याजवळ आला. त्याने निरोप दिला “हे संकट परमेश्वराकडूनच आले आहे. आता मी त्याची आणखी वाट कशासाठी पाहावी?”

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