< 4 Царе 2 >
1 И когато Господ щеше да възнесе Илия на небето с вихрушка, Илия отиде с Елисея от Голгал.
और जब ख़ुदावन्द एलियाह को शोले में आसमान पर उठा लेने को था, तो ऐसा हुआ कि एलियाह इलीशा' को साथ लेकर जिलजाल से चला,
2 И Илия рече на Елисея: Седи тука, моля, защото Господ ме прати до Ветил. А Елисей рече: Заклевам се в живота на Господа и в живота на душата ти, няма да те оставя. И така, слязоха във Ветил.
और एलियाह ने इलीशा' से कहा, “तू ज़रा यहीं ठहर जा, इसलिए कि ख़ुदावन्द ने मुझे बैतएल को भेजा है।” इलीशा' ने कहा, “ख़ुदावन्द की हयात की क़सम और तेरी जान की क़सम, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा।” इसलिए वह बैतएल को चले गए।
3 И пророческите ученици, които бяха във Ветил, излязоха при Елисея та му рекоха: Знаеш ли, че днес Господ ще ти вземе господаря, който е бил над тебе? А той каза: Да, зная това, мълчете.
और अम्बियाज़ादे जो बैतएल में थे, इलीशा' के पास आकर उससे कहने लगे कि “क्या तुझे मा'लूम है कि ख़ुदावन्द आज तेरे सिर से तेरे आक़ा को उठा लेगा?” उसने कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ; तुम चुप रहो।”
4 Тогава Илия му рече: Елисее, седи тук, моля, защото Господ ме прати в Ерихон. А той рече: Заклевам се в живота на Господа и в живота на душата ти, няма да те оставя. Така, дойдоха в Ерихон.
एलियाह ने उससे कहा, “इलीशा', तू ज़रा यहीं ठहर जा, क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मुझे यरीहू को भेजा है।” उसने कहा, “ख़ुदावन्द की हयात की क़सम और तेरी जान की क़सम, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा।” इसलिए वह यरीहू में आए।
5 И пророческите ученици, които, бяха в Ерихон, дойдоха при Елисея та му рекоха: Знаеш ли, че днес Господ ще ти вземе господаря, който е бил над тебе? А той отговори: Да, зная това мълчете.
और अम्बियाज़ादे जो यरीहू में थे, इलीशा' के पास आकर उससे कहने लगे, “क्या तुझे मा'लूम है कि ख़ुदावन्द आज तेरे आक़ा को तेरे सिर से उठा लेगा?” उसने कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ; तुम चुप रहो।”
6 Тогава Илия му рече: Седи тука, моля, защото Господ ме прати до Иордан. А той каза: Заклевам се в живота на Господа и в живота на душата ти, няма да те оставя. И тъй, отидоха и двамата.
और एलियाह ने उससे कहा, “तू ज़रा यहीं ठहर जा, क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मुझ को यरदन भेजा है।” उसने कहा, “ख़ुदावन्द की हयात की क़सम और तेरी जान की क़सम, मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा।” इसलिए वह दोनों आगे चले।
7 И петдесет мъже от пророческите ученици отидоха та застанаха насреща им от далеч. А те двамата застанаха при Иордан.
और अम्बियाज़ादों में से पचास आदमी जाकर उनके सामने दूर खड़े हो गए; और वह दोनों यरदन के किनारे खड़े हुए।
8 И като взе Илия кожуха си та го сгъна, удари водата; и тя се раздели на едната и на другата страна, така че двамата преминаха по сухо.
और एलियाह ने अपनी चादर को लिया, और उसे लपेटकर पानी पर मारा और पानी दो हिस्से होकर इधर — उधर हो गया; और वह दोनों खु़श्क ज़मीन पर होकर पार गए।
9 И когато преминаха, Илия каза на Елисея: Искай какво да ти сторя преди да бъда отнет от тебе. И рече Елисей: Моля, нека бъде в мене двоен дял от духа ти.
और जब वह पार गए तो एलियाह ने इलीशा' से कहा, “इससे पहले कि मैं तुझ से ले लिया जाऊँ, बता कि मैं तेरे लिए क्या करूँ।” इलीशा' ने कहा, “मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि तेरी रूह का दूना हिस्सा मुझ पर हो।”
10 А той рече: Мъчно нещо поиска ти; но, ако ме видиш, когато ме отнемат от тебе, ще ти бъде така; но ако не, не ще бъде.
उसने कहा, “तू ने मुश्किल सवाल किया; तोभी अगर तू मुझे अपने से जुदा होते देखे, तो तेरे लिए ऐसा ही होगा; और अगर नहीं, तो ऐसा न होगा।”
11 И докато те още ходеха и се разговаряха, ето огнена колесница и огнени коне, които ги ръзделиха един от друг; и Илия възлезе с вихрушката на небето.
और वह आगे चलते और बातें करते जाते थे, कि देखो, एक आग का रथ और आग के घोड़ों ने उन दोनों को जुदा कर दिया, और एलियाह शोले में आसमान पर चला गया।
12 А Елисей, като гледаше, извика: Такко мой, татко мой, колесницата Израилева и конница негова! И не го видя вече. И хвана дрехите си та ги разкъса на две части.
इलीशा' ये देखकर चिल्लाया, ऐ मेरे बाप, मेरे बाप! इस्राईल के रथ, और उसके सवार! “और उसने उसे फिर न देखा, तब उसने अपने कपड़ों को पकड़कर फाड़ डाला और दो हिस्से कर दिए।
13 И като дигна кожуха на Илия, който падна от него, върна се и застана на брега на Иордан.
और उसने एलियाह की चादर को भी, जो उस पर से गिर पड़ी थी उठा लिया, और उल्टा फिरा और यरदन के किनारे खड़ा हुआ।
14 И взе кожуха, който падна от Илия, та удари водата и рече: Где е Господ Израилевия Бог? И като удари и той водата, тя се раздели на едната и на другата страна; и Елисей премина.
और उसने एलियाह की चादर को, जो उस पर से गिर पड़ी थी, लेकर पानी पर मारा और कहा, ख़ुदावन्द एलियाह का ख़ुदा कहाँ है?” और जब उसने भी पानी पर मारा, तो वह इधर — उधर दो हिस्से हो गया और इलीशा' पार हुआ।
15 А пророческите ученици, които бяха в Ерихон, като го видяха отсреща рекоха: Илиевият дух остава на Елисея. И дойдоха да го посрещнат, и му се поклониха до земята.
जब उन अम्बियाज़ादों ने जो यरीहू में उसके सामने थे, उसे देखा तो वह कहने लगे, “एलियाह की रूह इलीशा' पर ठहरी हुई है।” और वह उसके इस्तक़बाल को आए और उसके आगे ज़मीन तक झुककर उसे सिज्दा किया।
16 Тогава му рекоха: Ето сега, между слугите ти има петдесет силни мъже; нека отидат, молим, да потърсят господаря ти, да не би да го е дигнал Господният Дух и го е хвърлил на някое бърдо или в някоя долина. А той каза: Не изпращайте.
और उन्होंने उससे कहा, “अब देख, तेरे ख़ादिमों के साथ पचास ताक़तवर जवान हैं, ज़रा उनको जाने दे कि वह तेरे आक़ा को ढूँढें, कहीं ऐसा न हो कि ख़ुदावन्द की रूह ने उसे उठाकर किसी पहाड़ पर या किसी जंगल में डाल दिया हो।” उसने कहा, “मत भेजो।”
17 Но като настояваха пред него толкоз щото се засрами, рече: Изпратете. Изпратиха, прочее, петдесет мъже, които търсиха три дена, но не го намериха.
जब उन्होंने उससे बहुत ज़िद की, यहाँ तक कि वह शर्मा भी गया, तो उसने कहा, “भेज दो।” इसलिए उन्होंने पचास आदमियों को भेजा, और उन्होंने तीन दिन तक ढूँढा पर उसे न पाया।
18 И когато се върнаха при него, (защото той беше останал в Ерихон); рече им: Не ви ли казах: Не отивайте?
और वह अभी यरीहू में ठहरा हुआ था; जब वह उसके पास लौटे, तब उसने उनसे कहा, “क्या मैंने तुमसे न कहा था कि न जाओ?”
19 След това, гражданите казаха на Елисея: Виж, молим ти се, местоположението на тоя град е добро, както вижда господарят ни; но водата е лоша, а земята е базплодна.
फिर उस शहर के लोगों ने इलीशा' से कहा, “ज़रा देख, ये शहर क्या अच्छे मौके़' पर है, जैसा हमारा ख़ुदावन्द ख़ुद देखता है; लेकिन पानी ख़राब और ज़मीन बंजर हैं।”
20 А той рече: Донесете ми ново блюдо, и турете в него сол. И донесоха му.
उसने कहा, “मुझे एक नया प्याला ला दो, और उसमें नमक डाल दो।” वह उसे उसके पास ले आए।
21 Тогава слезе при извора на водата та хвърли солта в него, като рече: Така казва Господ: Изцерих тая вода; не ще има вече от нея ни смърт ни базпловие.
और वह निकल कर पानी के चश्मे पर गया, और वह नमक उसमें डाल कर कहने लगा, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि मैने इस पानी को ठीक कर दिया है, अब आगे को इससे मौत या बंजरपन न होगा।”
22 Така водата биде изцерена, каквато е и до днес, според словото, което Елисей говори.
देखो इलीशा' के कलाम के मुताबिक़ जो उसने फ़रमाया, वह पानी आज तक ठीक है
23 И от там той възлезе във Ветил; и като се качваше по пътя, излязоха из града малки деца та му се присмиваха, като му казваха: Качи се, плешиве! качи се, плешиве!
वहाँ से वह बैतएल को चला, और जब वह रास्ते में जा रहा था तो उस शहर के छोटे लड़के निकले, और उसे चिढ़ाकर कहने लगे, “चढ़ा चला जा, ऐ गंजे सिर वाले: चढ़ा चला जा, ऐ गंजे सिर वाले।”
24 А той, като се озърна назад и ги видя, прокле ги в Господното име. И излязоха из дъбравата две мечки та разкъсаха от тях четиридесет и две деца.
और उसने अपने पीछे नज़र की, और उनको देखा और ख़ुदावन्द का नाम लेकर उन पर ला'नत की; इसलिए जंगल में से दो रीछनियाँ निकली, और उन्होंने उनमें से बयालीस बच्चे फाड़ डाले।
25 И от там отиде на планината Кармел, отгдето и се върна в Самария.
वहाँ से वह कर्मिल पहाड़ को गया, फिर वहाँ से सामरिया को लौट आया।