< Colossians 2 >

1 Misondi duyito bikpukpodi wandi mitonitumbi, nitu biwandi baheni lawundikiya, nikuma bari iwandi bana hiye to shishi mu na.
मैं चाहता हूँ कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उनके जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्होंने मेरा शारीरिक मुँह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूँ।
2 Mitindu donindu sronba ndu heni gworo nimyi nyeme hinibiwo ni gbuglu'u unjaji urji ni'u Almasihu.
ताकि उनके मनों को प्रोत्साहन मिले और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात् मसीह को पहचान लें।
3 Nimina ikpibiheloh ni uheni kpran ba rii ki.
जिसमें बुद्धि और ज्ञान के सारे भण्डार छिपे हुए हैं।
4 Mihla tomba ndudiorinduma yenaye gruyi naye ban mrenbi niyuna.
यह मैं इसलिए कहता हूँ, कि कोई मनुष्य तुम्हें लुभानेवाली बातों से धोखा न दे।
5 Tokimame mina heniyi nimyi kpana, ammahmi henyi ni birji. Mingyri niwandi mitoyi ndidime ni ngbengblen dindima nimyi Almasihu.
यद्यपि मैं यदि शरीर के भाव से तुम से दूर हूँ, तो भी आत्मिक भाव से तुम्हारे निकट हूँ, और तुम्हारे विधि-अनुसार चरित्र और तुम्हारे विश्वास की जो मसीह में है दृढ़ता देखकर प्रसन्न होता हूँ।
6 Nitu yanda kpewandi kikpa Almasihu, itimbu kikre tsatsranituma.
इसलिए, जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो।
7 Kukji ngbangbah nituma, mmenituma, kurli ngbangbanituma yanda kpewandi batsroyi ngyrizu konintse yi
और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो।
8 Mlaya nandu ndiori nduye gyruyi nitu memenko iwandi atouhrji batia, nitu hukpewandi ahi gbungblu, iwandi anahiurjina.
चौकस रहो कि कोई तुम्हें उस तत्व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न कर ले, जो मनुष्यों की परम्पराओं और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार है, पर मसीह के अनुसार नहीं।
9 Nitu kima jijirji atrotuma ndendeme.
क्योंकि उसमें ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है।
10 Biyime bitsra nimyima, kima hikoshishi gbengle bituchu.
१०और तुम मसीह में भरपूर हो गए हो जो सारी प्रधानता और अधिकार का शिरोमणि है।
11 Nitumaii bafonjuniyiwu, ana fonjubiuntakpana. ahi bi'u Almasihu mu.
११उसी में तुम्हारा ऐसा खतना हुआ है, जो हाथ से नहीं होता, परन्तु मसीह का खतना हुआ, जिससे पापमय शारीरिक देह उतार दी जाती है।
12 Barju yi babah ninko'u sukpah nima, nitumaingarli balah shbeyi unjaji ninmyi gbengle irji, iandi ashbenimyibe.
१२और उसी के साथ बपतिस्मा में गाड़े गए, और उसी में परमेश्वर की शक्ति पर विश्वास करके, जिसने उसको मरे हुओं में से जिलाया, उसके साथ जी भी उठे।
13 Intou wandi bina heni myibe ni lantrebi, niwandi banafunju ukpani yiwuna. A hota ni wawume alakalatrembu Rjinitawu.
१३और उसने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों, और अपने शरीर की खतनारहित दशा में मुर्दा थे, उसके साथ जिलाया, और हमारे सब अपराधों को क्षमा किया।
14 Ase ihla ni kpibiwandi kitatiwandi ataa tinfuniba binygayga rjunitawu. ajuba mpempeme wonibema.
१४और विधियों का वह लेख और सहायक नियम जो हमारे नाम पर और हमारे विरोध में था मिटा डाला; और उसे क्रूस पर कीलों से जड़कर सामने से हटा दिया है।
15 Achu ngbengble gangbah. nikyinjirji a ngraba na srubachi ngyri u wlundema.
१५और उसने प्रधानताओं और अधिकारों को अपने ऊपर से उतार कर उनका खुल्लमखुल्ला तमाशा बनाया और क्रूस के कारण उन पर जय जयकार की ध्वनि सुनाई।
16 Nitu kima nandudiori bkatre nitu rli ko nitu so ko ihwasamarju, konitu chachu.
१६इसलिए खाने-पीने या पर्व या नये चाँद, या सब्त के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे।
17 Bii 'i' ba yukpibari biandi basiyeni koshishi ama unjaji wawui hi Almasihu
१७क्योंकि ये सब आनेवाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएँ मसीह की हैं।
18 Kodandudiori iwandi anyebeni kpatsiri'a nihlatrerji malaiku nduye blatreniyiu nduyina fe Isanbin ukpana.
१८कोई मनुष्य दीनता और स्वर्गदूतों की पूजा करके तुम्हें दौड़ के प्रतिफल से वंचित न करे। ऐसा मनुष्य देखी हुई बातों में लगा रहता है और अपनी शारीरिक समझ पर व्यर्थ फूलता है।
19 Ana kabi ni'una. Rjiniwamba ahikpa wawu'u ninghama kpa ni chibikpa ba zo natindu nikpanba. ba wlunde ni wlunde wandi irjininuba'a
१९और उस शिरोमणि को पकड़े नहीं रहता जिससे सारी देह जोड़ों और पट्ठों के द्वारा पालन-पोषण पाकर और एक साथ गठकर, परमेश्वर की ओर से बढ़ती जाती है।
20 Idan bi kyu ni Almasihu nibirji njanji ungbugblu ni tungye bizrenandi bihinji bin gbunglua.
२०जबकि तुम मसीह के साथ संसार की आदि शिक्षा की ओर से मर गए हो, तो फिर क्यों उनके समान जो संसार में जीवन बिताते हैं और ऐसी विधियों के वश में क्यों रहते हो?
21 Najina, narhlena, nabrewona?
२१कि ‘यह न छूना,’ ‘उसे न चखना,’ और ‘उसे हाथ न लगाना’?,
22 Penpeme ikpibiba batimeme idan batindu niba, nitunkoh iwandi inji batso kpanbah.
२२क्योंकि ये सब वस्तु काम में लाते-लाते नाश हो जाएँगी क्योंकि ये मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षाओं के अनुसार है।
23 Dokoki bii baheni hetohnikpa irlibi iriu adinai biandi bayo kpatsiri niyah ukpah u' bana hemudukperiwa ndiikpani so'ana
२३इन विधियों में अपनी इच्छा के अनुसार गढ़ी हुई भक्ति की रीति, और दीनता, और शारीरिक अभ्यास के भाव से ज्ञान का नाम तो है, परन्तु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इनसे कुछ भी लाभ नहीं होता।

< Colossians 2 >