< इब्रानिया 10 >

1 मूसा दी व्यवस्था तां सिर्फ अग्गे भविष्य च ओंणे बालियां खरियां चीजां दी परछाई है, पर उना खरियां चीजां दा असली रूप नी है, जड़ियां मसीहे साड़े तांई कितियां न। इस तांई व्यवस्था जो मनणे बाले लोक हर साल इकोदियां बलियां चढ़ादें न, पर ऐ बलिदान उना लोकां जो कदी सिद्ध नी करी सकदे जड़े परमेश्वरे दी अराधना करणे तांई उदे नेड़े ओंदे न।
मूसा की शरी'अत आने वाली अच्छी और असली चीज़ों की सिर्फ़ नक़ली सूरत और साया है। यह उन चीज़ों की असली शक्ल नहीं है। इस लिए यह उन्हें कभी भी कामिल नहीं कर सकती जो साल — ब — साल और बार बार ख़ुदा के हुज़ूर आ कर वही क़ुर्बानियाँ पेश करते रहते हैं।
2 अगर परमेश्वरे दी अराधना करणे बाले इना बलिदाना दिया बजा ला सिद्ध होई जांदे, तां सै अपणे आप जो दोषी नी मंदे। तां फिरी हुण बलिदान चढ़ाणे दे बारे च गल्ल नी होंदी।
अगर वह कामिल कर सकती तो क़ुर्बानियाँ पेश करने की ज़रूरत न रहती। क्यूँकि इस सूरत में इबादत करने से एक बार सदा के लिए पाक — साफ़ हो जाते और उन्हें गुनाहगार होने का शऊर न रहता।
3 पर जानवरां दियां बलियां दा खून उना दे पापां जो दूर नी करी सकदा, पर ऐ हर साल उना जो उना दे कितयो पापां जो याद करांदा है।
लेकिन इस के बजाए यह क़ुर्बानियाँ साल — ब — साल लोगों को उन के गुनाहों की याद दिलाती हैं।
4
क्यूँकि मुम्किन ही नहीं कि बैल — बकरों का ख़ून गुनाहों को दूर करे।
5 इसा बजा ला जालू मसीह इस संसारे च आया तां उनी परमेश्वरे ला बोलया था, “तू नी चांदा की लोक तिजो बलियां चढ़ान, पर तू मिंजो इक आदमी बणाई दिता।”
इस लिए मसीह दुनिया में आते वक़्त ख़ुदा से कहता है, कि तूने“क़ुर्बानी और नज़र को पसन्द ना किया बल्कि मेरे लिए एक बदन तैयार किया।
6 कने ना सै बलियां जिना च जानवरे जो पूरा फूकी करी चढ़ादें न कने ना ही पापां दिया माफिया तांई चढ़ाईयां बलियां ला तू खुश होंदा है।
राख होने वाली क़ुर्बानियाँ और गुनाह की क़ुर्बानियों से तू ख़ुश न हुआ।”
7 तालू मसीहे परमेश्वरे ने बोलया, “हे परमेश्वर, मैं तेरी इच्छा पूरी करणे तांई आई गिया है, पबित्र शास्त्र च मेरे बारे च ऐई लिखया है।”
फिर मैं बोल उठा, ऐ ख़ुदा, मैं हाज़िर हूँ ताकि तेरी मर्ज़ी पूरी करूँ।
8 मूसा दी व्यवस्था सिखांदी है बलियां कने भेंटा पाप दिया बजा ला चढ़ाणियां चाईदियां। पर मसीहे इना गल्लां दे बारे च कजो बोलया की परमेश्वरे इना ला खुश नी होंदा?
पहले मसीह कहता है, “न तू क़ुर्बानियाँ, नज़रें, राख होने वाली क़ुर्बानियाँ या गुनाह की क़ुर्बानियाँ चाहता था, न उन्हें पसन्द करता था।” अगरचे शरी'अत इन्हें पेश करने का मुतालबा करती है।
9 फिरी मसीह ऐ भी बोलदा है, “दिख, मैं सेई करणा आया है, जड़ा तू चांदा है।” तालू परमेश्वर बलियां बाली पैली व्यवस्था जो खत्म करी दिन्दा है, ताकि सै नोई व्यवस्था शुरू करी सके। इसी बजा ला असां उस बलिदान दे जरिये पबित्र होई गियो न जड़ा यीशु मसीहे अपणे शरीरे जो चढ़ाई करी दिता।
फिर वह फ़रमाता है, “मैं हाज़िर हूँ ताकि तेरी मर्ज़ी पूरी करूँ।” यूँ वह पहला निज़ाम ख़त्म करके उस की जगह दूसरा निज़ाम क़ाईम करता है।
और उस की मर्ज़ी पूरी हो जाने से हमें ईसा मसीह के बदन के वसीले से ख़ास — ओ — मुक़द्दस किया गया है। क्यूँकि उसे एक ही बार सदा के लिए हमारे लिए क़ुर्बान किया गया।
11 हर इक यहूदी याजक रोज ही वेदिया सामणे खड़ा होंदा है कने लोकां दे पापां जो दूर करणे दियां बिधियां जो पूरा करदा है। कने हमेशा ही इकोदे बलिदाना चढ़ादां रेंदा है, जड़े कदी भी उस माणुऐ दे पापां जो दूर नी करी सकदे न, जड़े उनी कितयो न।
हर इमाम रोज़ — ब — रोज़ मक़्दिस में खड़ा अपनी ख़िदमत के फ़राइज़ अदा करता है। रोज़ाना और बार बार वह वही क़ुर्बानियाँ पेश करता रहता है जो कभी भी गुनाहों को दूर नहीं कर सकतीं।
12 पर यीशु मसीहे साड़े पापां दी माफी तांई अपणे आप जो परमेश्वरे सामणे इक ही बरी कने हमेशा तांई बलिदान करी दिता कने। सै परमेश्वरे दे सजे पासे कने सिंहासने पर सारयां ला जादा इज्जता बालिया जगा च हमेशा तांई जाई बैठा।
लेकिन मसीह ने गुनाहों को दूर करने के लिए एक ही क़ुर्बानी पेश की, एक ऐसी क़ुर्बानी जिस का असर सदा के लिए रहेगा। फिर वह ख़ुदा के दहने हाथ बैठ गया।
13 क्योंकि मसीहे अपणे आप जो सिर्फ इक बरी ही बलिदान दे रुपे च परमेश्वरे जो देई दिता कने इस बजा ला उदे लोकां जो पबित्र करी दितया है कने सै सच्ची हमेशा तांई धर्मी बणी गियो न। कने ओथु सै अपणे सारे दुशमणा जो पुरे तरीके ला अपणे अधीन करणे तांई परमेश्वरे दा इंतजार करा दा है।
वहीं वह अब इन्तिज़ार करता है जब तक ख़ुदा उस के दुश्मनों को उस के पाँओ की चौकी न बना दे।
यूँ उस ने एक ही क़ुर्बानी से उन्हें सदा के लिए कामिल बना दिया है जिन्हें पाक किया जा रहा है।
15 कने पबित्र आत्मा भी सांझो ऐ दसदा है की, ऐ गल्ल सच्च है। कने प्रभु परमेश्वरे दे बायदे जो याद करा जिदे बारे च उनी पेहले ही बोलया था,
रूह — उल — क़ुद्दूस भी हमें इस के बारे में गवाही देता है। पहले वह कहता है,
16 “प्रभु बोलदा है; की जड़ी बाचा मैं ओणे बाले दिनां च उना सोगी करणी है, की मैं उना जो अपणी व्यवस्था दे बारे च सोचणा देणा कने उना उसा जो अपणे मना च रखणा।”
“ख़ुदा फ़रमाता है कि, जो 'अहद मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूंगा वो ये है कि मैं अपने क़ानून उन के दिलों पर लिखूँगा और उनके ज़हन में डालूँगा।”
17 फिरी परमेश्वर ऐ बोलदा है, “मैं उना दे पाप माफ करी देणे, कने मैं उना दे पापां जो दुबारा फिरी याद नी करणा।”
फिर वह कहता है, “उस वक़्त से मैं उन के गुनाहों और बुराइयों को याद नहीं करूँगा।”
18 कने परमेश्वर साड़े पापां जो माफ करदा है, तां हुण कोई भी होर बलिदान देंणे दी जरूरत नी है।
और जहाँ इन गुनाहों की मुआफ़ी हुई है वहाँ गुनाहों को दूर करने की क़ुर्बानियों की ज़रूरत ही नहीं रही।
19 इस तांई हे मसीह भाईयो, जालू की यीशु मसीहे साड़े तांई अपणी जिन्दगी बलिदान करी दिती, हुण असां हिम्मता सोगी स्वर्गे दिया परम पबित्र जगा च बिना डरयो जाई सकदे न।
चुनाँचे भाइयों, अब हम ईसा के ख़ून के वसीले से पूरे यक़ीन के साथ पाकतरीन कमरे में दाख़िल हो सकते हैं।
20 जालू मसीह मरया तां उनी साड़े तांई इक नोआ रस्ता खोली दिता ताकि असां ऐसी जिन्दगी जी सकन जिदा कोई अंत ना हो। उनी ऐ रस्ता पर्दे ला निकली करी खोली दिता, मतलब की अपणे शरीरे जो बलिदान करिरी रस्ता खोली दिता।
अपने बदन की क़ुर्बानी से ईसा ने उस कमरे के पर्दे में से गुज़रने का एक नया और ज़िन्दगीबख़्श रास्ता खोल दिया।
21 क्योंकि साड़ा ऐसा महान याजक है जड़ा परमेश्वरे दे सारे लोकां पर राज करदा है,
हमारा एक अज़ीम इमाम — ए — आज़म है जो ख़ुदा के घर पर मुक़र्रर है।
22 तां ओआ असां, मसीह दे खूने जो छिड़की करी अपणे मना जो शुद्ध करिरी कने साफ पाणिऐ ला अपणे शरीरे जो धोई करी साफ करिरी कने सच्चे मने कने पक्के भरोसे सोगी परमेश्वर दे नेड़े जान।
इस लिए आएँ, हम ख़ुलूसदिली और ईमान के पूरे यक़ीन के साथ ख़ुदा के हुज़ूर आएँ। क्यूँकि हमारे दिलों पर मसीह का ख़ून छिड़का गया है ताकि हमारे मुजरिम दिल साफ़ हो जाएँ। और, हमारे बदनों को पाक — साफ़ पानी से धोया गया है।
23 कने असां बिना कुसी शक दे अपणी उस आस पर टिकी रेन, जिसा जो असां अपनाया है क्योंकि असां परमेश्वर पर उदे बायदयां जो पूरा करणे तांई भरोसा करी सकदे न।
आएँ, हम मज़बूती से उस उम्मीद को थामे रखें जिस का इक़रार हम करते हैं। हम लड़खड़ा न जाएँ, क्यूँकि जिस ने इस उम्मीद का वादा किया है वह वफ़ादार है।
24 ओआ असां इक दुज्जे सोगी प्यारभाव कने भले कम्मा जो करणे तांई इक दुज्जे जो प्रोत्साहित करन।
और आएँ, हम इस पर ध्यान दें कि हम एक दूसरे को किस तरह मुहब्बत दिखाने और नेक काम करने पर उभार सकें।
25 कने असां परमेश्वरे दी अराधना करणे तांई गिठे होणा बंद ना करन, जियां केई लोक करा दे न, पर ओआ असां इक दुज्जे जो होर भी जादा प्रोत्साहित कने समझान क्योंकि असां जाणदे न की प्रभु जल्दी मुड़ी करी ओणे बाला है।
हम एकसाथ जमा होने से बाज़ न आएँ, जिस तरह कुछ की आदत बन गई है। इस के बजाए हम एक दूसरे की हौसला अफ़्ज़ाई करें, ख़ासकर यह बात मद्द — ए — नज़र रख कर कि ख़ुदावन्द के दिन के आने तक।
26 सांझो इना कम्मा जो करणा चाईदा क्योंकि यीशु मसीहे दे शुभसमाचार दी सच्चाई जो जाणने बाद अगर असां जाणी बुझी करी पाप करदे न, तां कोई होर बलिदान नी है जड़े साड़े पापां जो माफ करी सके।
ख़बरदार! अगर हम सच्चाई जान लेने के बाद भी जान — बूझ कर गुनाह करते रहें तो मसीह की क़ुर्बानी इन गुनाहों को दूर नहीं कर सकेगी।
27 बल्कि डरीकरी परमेश्वरे दा इंतजार करणा है की उना दा न्याय करे कने अग्गी च भस्म करी दे क्योंकि सै उदे दुशमण न।
फिर सिर्फ़ ख़ुदा की अदालत की हौलनाक उम्मीद बाक़ी रहेगी, उस भड़कती हुई आग की जो ख़ुदा के मुख़ालिफ़ों को ख़त्म कर डालेगी।
28 जड़ा कोई मूसा दी व्यवस्था जो नी मंदा है, उस पर बगेर दया कितयो दो या तीन लोकां दी गबाई पर उसयो मारी दिन्दे न।
जो मूसा की शरी'अत रद्द करता है उस पर रहम नहीं किया जा सकता बल्कि अगर दो या इस से ज़्यादा लोग इस जुर्म की गवाही दें तो उसे सज़ा — ए — मौत दी जाए।
29 अगर मूसा दी व्यवस्था च ऐसी सजा थी, तां उस माणुऐ दी सजा बड़ी बड्डी होणी चाईदी जड़ा परमेश्वरे दे पुत्रे दी बेईजती करदा है कने परमेश्वरे दे पुत्रे जो अपणे पैरां थले गरेची दिन्दा है, कने मसीह दे खूने जो पबित्र नी मंदा जिदे जरिये परमेश्वरे उसयो पबित्र करणे तांई नोई बाचा शुरू किती थी कने पबित्र आत्मा दी बेईजती किती जिदे जरिये उसयो अनुग्रह मिलया था।
तो फिर क्या ख़याल है, वह कितनी सख़्त सज़ा के लायक़ होगा जिस ने ख़ुदा के फ़र्ज़न्द को पाँओ तले रौंदा? जिस ने अह्द का वह ख़ून हक़ीर जाना जिस से उसे ख़ास — ओ — मुक़द्दस किया गया था? और जिस ने फ़ज़ल के रूह की बेइज़्ज़ती की?
30 क्योंकि असां जाणदे न की परमेश्वरे बोलया, “बदला लेणा मेरा कम्म है, मैं ही बदला लेंणा।” कने उनी फिरी ऐ भी बोलया की, “प्रभुऐ अपणे लोकां दा न्याय करणा।”
क्यूँकि हम उसे जानते हैं जिस ने फ़रमाया, “इन्तिक़ाम लेना मेरा ही काम है, मैं ही बदला लूँगा।” उस ने यह भी कहा, “ख़ुदा अपनी क़ौम का इन्साफ़ करेगा।”
31 जिन्दे परमेश्वरे दे हथां ला सजा मिलणा इक बड़ी भयानक गल्ल है।
यह एक हौलनाक बात है अगर ज़िन्दा ख़ुदा हमें सज़ा देने के लिए पकड़े।
32 पर उना दिनां दे बारे च याद करा, जालू तुसां पैली बरी मसीह पर भरोसा किता था। तुसां बड़े भरी दुख तकलिफां जो झेलया, पर तुसां भरोसे च पक्के बणी रे।
ईमान के पहले दिन याद करें जब ख़ुदा ने आप को रौशन कर दिया था। उस वक़्त के सख़्त मुक़ाबिले में आप को कई तरह का दुःख सहना पड़ा, लेकिन आप साबितक़दम रहे।
33 कदी-कदी तां इयां भी होया की तुसां लोकां ला बेईजती कने अत्याचार झेली करी सारयां सामणे तमाशा बणी गे, कने केई बरी तुसां मसीह भाईयां दा साथ दिता जड़े तुहाड़े सांई दुख मुसीबतां च थे।
कभी कभी आप की बेइज़्ज़ती और अवाम के सामने ही ईज़ा रसानी होती थी, कभी कभी आप उन के साथी थे जिन से ऐसा सुलूक हो रहा था।
34 तुसां कैदियां दे दुखां च भी दुखी होए, कने जालू होरनी लोकां तुहाड़ी धन-दौलत जो लूटया तां तुसां उना जो लुटणा दिता। क्योंकि तुसां जाणदे न की तुहाड़े बाल हल्ले भी सारियां चीजां न, जिना दा परमेश्वरे बायदा कितया है, कने सै हमेशा तांई न।
जिन्हें जेल में डाला गया आप उन के दुःख में शरीक हुए और जब आप का माल — ओ — ज़ेवर लूटा गया तो आप ने यह बात ख़ुशी से बर्दाश्त की। क्यूँकि आप जानते थे कि वह माल हम से नहीं छीन लिया गया जो पहले की तरह कहीं बेहतर है और हर सूरत में क़ाईम रहेगा।
35 इस तांई अपणे भरोसे जो मत छडा चाहे कुछ भी होई जा। कने उस इनाम जो याद रखा जड़ा परमेश्वरे तुहांजो देणा।
चुनाँचे अपने इस भरोसे को हाथ से जाने न दें क्यूँकि इस का बड़ा अज्र मिलेगा।
36 हुण तुहांजो सबर रखीकरी सेहन करणे दी जरूरत है, ताकि तुसां परमेश्वरे दी इच्छा जो पूरा करी सकन। तां तुहांजो सै सारा कुछ मिलणा जिदा उनी बायदा कितया है।
लेकिन इस के लिए आप को साबित क़दमी की ज़रूरत है ताकि आप ख़ुदा की मर्ज़ी पूरी कर सकें और यूँ आप को वह कुछ मिल जाए जिस का वादा उस ने किया है।
37 क्योंकि जियां पबित्र शास्त्र च मसीह दे बारे च लिखया है की, “हुण बड़ा ही घट बकत रेई गिया है, जालू की ओंणे बाले ओंणा है, कने देर नी करणी थोड़े।”
और कलाम में लिखा है “अब बहुत ही थोड़ा वक़्त बाक़ी है कि आने वाला आएगा और देर न करेगा।
38 कने मेरे धर्मी लोकां मिंजो पर भरोसा करणे ला ही जिंदे रेणा, कने अगर सै मिंजो पर भरोसा करणे ला पिच्छे हटी जांगे तां मैं उना ला खुश नी होंणा।
लेकिन मेरा रास्तबाज़ ईमान ही से जीता रहेगा, और अगर वो हटेगा तो मेरा दिल उससे ख़ुश न होगा।”
39 पर असां उना लोकां चे नी न जड़े परमेश्वरे ला पिच्छे हटी जांदे न, कने खत्म होई जांदे न। पर असां उना लोकां चे न जड़े भरोसा रखदे न कने बची जांदे न।
लेकिन हम उन में से नहीं हैं जो पीछे हट कर तबाह हो जाएँगे बल्कि हम उन में से हैं जो ईमान रख कर नजात पाते हैं।

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