< प्रेरितां दे कम्म 26 >

1 राजा अग्रिप्पे पौलुसे जो बोलया, “तिजो अपणे बारे च बोलणे दी इजाजत है।” तालू पौलुसे हथ चुकी करी लोकां जो शांत किता, तालू सै अपणे बचाव च बोलणा लग्गा,
अग्रिप्पा ने पौलुस से कहा, तुझे अपने लिए बोलने की इजाज़त है; पौलुस अपना हाथ बढ़ाकर अपना जवाब यूँ पेश करने लगा कि,
2 हे राजा अग्रिप्पे, जितणियां गल्लां दा यहूदी अगुवे मिंजो पर दोष लांदे न, अज तेरे सामणे उना दा जबाब देंणे तांई मैं अपणे आपयो जो धन्य समझदा है,
ऐ अग्रिप्पा बादशाह जितनी बातों की यहूदी मुझ पर ला'नत करते हैं; आज तेरे सामने उनकी जवाबदेही करना अपनी ख़ुशनसीबी जानता हूँ।
3 क्योंकि तू यहूदियां दे सारे रिबाजां कने समस्यां जो अच्छे ला जाणदा है। इस तांई मैं बिनती करदा है, अच्छे ला मेरी सुणी ले।
ख़ासकर इसलिए कि तू यहूदियों की सब रस्मों और मसलों से वाक़िफ़ है; पस, मैं मिन्नत करता हूँ, कि तहम्मील से मेरी सुन ले।
4 जदिया मेरा चाल-चलण बचपन ला लेईकरी अजे दीकर अपणे लोकां च कने यरूशलेम शेहरे च था, ऐ सब यहूदी जाणदे न।
सब यहूदी जानते हैं कि अपनी क़ौम के दर्मियान और येरूशलेम में शुरू जवानी से मेरा चालचलन कैसा रहा है।
5 सै मिंजो तालू ला जाणदे न जालू मैं बच्चा था, सै चांदे न तां इसा सच्चाईया दी गबाई भी देई सकदे न की, मैं फरीसियां दा इक सदस्य रिया है, जड़ा साड़े धर्मे दा सारयां ला कट्टर पंथ है।
चूँकि वो शुरू से मुझे जानते हैं, अगर चाहें तो गवाह हो सकते हैं, कि में फ़रीसी होकर अपने दीन के सब से ज़्यादा पाबन्द मज़हबी फ़िरक़े की तरह ज़िन्दगी गुज़ारता था।
6 अज मैं परमेश्वरे जरिये साड़े पूर्वजां जो दितयो बायदे दिया आसा दिया बजा ला ऐथू दोषिऐ दे रुपे च खड़ोतया है।
और अब उस वा'दे की उम्मीद की वजह से मुझ पर मुक़द्दमा हो रहा है, जो ख़ुदा ने हमारे बाप दादा से किया था।
7 उसी बायदे जो पूरा होणे दी आसा च, साड़े बारा गोत्र अपणे सारे मने ला दिन रात परमेश्वरे दी सेबा करदे आये न। हे राजा, ऐ उसा आशा दिया बजा ला है की परमेश्वरे सेई करणा जड़ा उनी बायदा कितया था की ऐ यहूदी मिंजो पर दोष ला दे न।
उसी वा'दे के पूरा होने की उम्मीद पर हमारे बारह के बारह क़बीले दिल'ओ जान से रात दिन इबादत किया करते हैं, इसी उम्मीद की वजह से ऐ बादशाह यहूदी मुझ पर नालिश करते हैं।
8 तालू पौलुसे सुणने बालयां चे सारे यहूदियां जो बोलया, तुसां लोक भरोसा करदे न की परमेश्वर मरयां जो दुबारा जिन्दा करी सकदा है, तां तुसां इसा गल्ला पर भरोसा करणे जो कजो मना करदे न की उनी यीशु मसीह हो मरयां चे जिन्दा किता?
जब कि ख़ुदा मुर्दों को जिलाता है, तो ये बात तुम्हारे नज़दीक क्यूँ ग़ैर मो'तबर समझी जाती है?
9 “मेरा भी पक्का भरोसा था कि नासरत बासी यीशुऐ दे खिलाफ मिंजो मता कुछ करणा चाईदा।”
मैंने भी समझा था, कि ईसा नासरी के नाम की तरह तरह से मुख़ालिफ़त करना मुझ पर फ़र्ज़ है।
10 कने मैं यरूशलेम शेहरे च इयां ही कितया; कने बड्डे याजकां ला हक पाई करी बड़े पबित्र लोकां जो जेला च पाया, कने जालू उना जो मारी दिन्दे थे, तां मैं भी उना दे खिलाफ अपणी सेहमती दिन्दा था।
चुनाँचे मैंने येरूशलेम में ऐसा ही किया, और सरदार काहिनों की तरफ़ से इख़्तियार पाकर बहुत से मुक़द्दसों को क़ैद में डाला और जब वो क़त्ल किए जाते थे, तो मैं भी यही मशवरा देता था।
11 कने मैं हर यहूदी जंज घर च उना जो सजा दिलादां कने उना जो यीशुऐ दी निंदा करणे तांई मजबूर करदा था, ऐथू दीकर गुस्से ला ऐसा पागल होई गिया था कि दुज्जे शेहरां च जाई करी उना जो तंग करदा था।
और हर इबादत खाने में उन्हें सज़ा दिला दिला कर ज़बरदस्ती उन से कूफ़्र कहलवाता था, बल्कि उन की मुख़ालिफ़त में ऐसा दिवाना बना कि ग़ैर शाहरों में भी जाकर उन्हें सताता था।
12 “इसी ही मकसदे सोगी जालू मैं बड्डे याजकां ला अधिकार कने हुकम दी चिठ्ठी लेईकरी दमिश्के शेहरे जो चलया था;
इसी हाल में सरदार काहिनों से इख़्तियार और परवाने लेकर दमिश्क़ को जाता था।
13 तां हे राजा, रस्ते च लगभग दोपेरा दे बेले मैं अम्बरे ला सूरजे दिया चमका ला भी जादा चमकदी इक लौ अपणे कने अपणे सोगी चलणे बालयां दे चारो पासे चमकदी दिखी।
तो ऐ बादशाह मैंने दो पहर के वक़्त राह में ये देखा कि सूरज के नूर से ज़्यादा एक नूर आसमान से मेरे और मेरे हमसफ़रों के गिर्द आ चमका।
14 कने जालू असां सारे धरती पर डेई पे, तां मैं इब्रानी भाषा च, मिंजो ला बोलदे इक अबाज सुणी, ‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मिंजो कजो तंग करदा है? हरबरी जालू तू मिंजो दुखी करणे दी कोशिश करदा है, तालू तू अपु जो ही दुखी करदा है।’
जब हम सब ज़मीन पर गिर पड़े तो मैंने इब्रानी ज़बान में ये आवाज़ सुनी' कि “ऐ साऊल, ऐ साऊल, तू मुझे क्यूँ सताता है? अपने आप पर लात मारना तेरे लिए मुश्किल है।”
15 मैं बोलया, प्रभु जी, तू कुण है? प्रभुऐ बोलया, मैं यीशु है जिसयो तू तंग करदा है।
मैं ने कहा 'ऐ ख़ुदावन्द, तू कौन हैं? 'ख़ुदावन्द ने फ़रमाया “मैं ईसा हूँ, जिसे तू सताता है।
16 पर तू उठ, अपणे पैरां पर खड़ा हो; क्योंकि मैं तिजो दर्शण इस तांई दिता है ताकि तिजो उना गल्लां दा भी सेवक कने गबाह बणां, जड़ियां तू दिखियां न, कने उना दा भी जिना तांई मैं तिजो दर्शण देणा है।
लेकिन उठ अपने पाँव पर खड़ा हो, क्यूँकि मैं इस लिए तुझ पर ज़ाहिर हुआ हूँ, कि तुझे उन चीज़ों का भी ख़ादिम और गवाह मुक़र्रर करूँ जिनकी गवाही के लिए तू ने मुझे देखा है, और उन का भी जिनकी गवाही के लिए में तुझ पर ज़ाहिर हुआ करूँगा।
17 कने मैं तिजो तेरे लोकां ला कने होर जातियां ला बचादा रेंगा, जिना बाल मैं तिजो इस तांई भेजणा है।
और मैं तुझे इस उम्मत और ग़ैर क़ौमों से बचाता रहूँगा। जिन के पास तुझे इसलिए भेजता हूँ।
18 कि तू उना दियां हखी खोले, ताकि सै नेहरे ला लौई पासे, कने शैताने दे अधिकारे ला परमेश्वरे पासे ओंन; तां परमेश्वरे उना दे पाप माफ करणे, कने उना लोकां सोगी बिरासत मिल्ले, जड़े मिंजो पर भरोसा करणे ला पबित्र होयो न।
कि तू उन की आँखें खोल दे ताकि अन्धेरे से रोशनी की तरफ़ और शैतान के इख़्तियार से ख़ुदा की तरफ़ रुजू लाएँ, और मुझ पर ईमान लाने के ज़रिए गुनाहों की मु'आफ़ी और मुक़द्दसों में शरीक हो कर मीरास पाएँ।”
19 इस तांई हे राजा अग्रिप्पा, मैं उस स्वर्गीय दर्शने दी गल्ला दा पालन किता,
इसलिए ऐ अग्रिप्पा बादशाह! मैं उस आसमानी रोया का नाफ़रमान न हुआ।
20 मैं पेहले दमिश्के शेहरे दे, फिरी यरूशलेम शेहरे दे रेणे बालयां जो, फिरी सारे यहूदिया प्रदेश च कने होर जातियां जो प्रचार किता, कि पाप करणा छडी दिया कने परमेश्वरे पासे फिरी करी ऐसे कम्म करा ताकि तुहाड़िया जिन्दगिया ला पता लग्गे की तुसां अपणे पापां ला पश्चाताप करी लिया है।
बल्कि पहले दमिश्क़ियों को फिर येरूशलेम और सारे मुल्क यहूदिया के बाशिन्दों को और ग़ैर क़ौमों को समझाता रहा। कि तौबा करें और ख़ुदा की तरफ़ रजू लाकर तौबा के मुवाफ़िक़ काम करें।
21 इसा गल्ला दिया बजा ला यहूदी मिंजो मंदरे च पकड़ी करी मारी देंणे दी कोशिश करा दे थे।
इन्ही बातों की वजह से कुछ यहूदियों ने मुझे हैकल में पकड़ कर मार डालने की कोशिश की।
22 पर परमेश्वरे दिया सहायता ला मैं अजे दीकर ठीक है कने छोटे बड्डे सारयां दे सामणे गबाई दिन्दा है। कने मैं इना गल्लां दे सिवा कुछ नी बोलणा है, सै परमेश्वरे दे संदेश देणेबालयां कने मूसा भी बोलया है कि होंणे बालियां न,
लेकिन ख़ुदा की मदद से मैं आज तक क़ाईम हूँ, और छोटे बड़े के सामने गवाही देता हूँ, और उन बातों के सिवा कुछ नहीं कहता जिनकी पेशीनगोई नबियों और मूसा ने भी की है।
23 कि मसीह जो दुख झेलणा पोंणा है, कने सै मरयां चे जिन्दा होणेबाला पैला जन होणा, इस तरीके ला उनी यहूदियां च कने होर जातियां च ज्योति दा प्रचार किता।”
कि “मसीह को दुःख: उठाना ज़रूर है और सब से पहले वही मुर्दों में से ज़िन्दा हो कर इस उम्मत को और ग़ैर क़ौमों को भी नूर का इश्तिहार देगा।”
24 जालू पौलुस इसा रीतिया ला जबाब दे दा था, तां फेस्तुसे जोरे ला बोलया, “हे पौलुस, तू पागल है। मतिया बिद्या तिजो पागल करी दितया है।”
जब वो इस तरह जवाबदेही कर रहा था, तो फ़ेस्तुस ने बड़ी आवाज़ से कहा “ऐ पौलुस तू दिवाना है; बहुत इल्म ने तुझे दिवाना कर दिया है।”
25 पर उनी बोलया, “हे महाप्रतापी फेस्तुस, मैं पागल नी है, पर सच्चाईया कने अकली दियां गल्लां बोला दा है।
पौलुस ने कहा, ऐ फ़ेस्तुस बहादुर; मैं दिवाना नहीं बल्कि सच्चाई और होशियारी की बातें कहता हूँ।
26 राजा भी ऐ गल्लां जाणदा है जिदे सामणे मैं बिना डरयो बोला दा है, कने मिंजो भरोसा है इना गल्लां चे कोई भी गल्ल उसला छुपियो नी है, क्योंकि जड़ा यीशुऐ सोगी होया सै गुप्त च नी होया है।
चुनाँचे बादशाह जिससे मैं दिलेराना कलाम करता हूँ, ये बातें जानता है और मुझे यक़ीन है कि इन बातों में से कोई उस से छिपी नहीं। क्यूँकि ये माजरा कहीं कोने में नहीं हुआ।
27 हे राजा अग्रिप्पे, क्या तू परमेश्वरे दा संदेश देणेबालयां दा भरोसा करदा है? हां, मैं जाणदा है, कि तू भरोसा करदा है।”
ऐ अग्रिप्पा बादशाह, क्या तू नबियों का यक़ीन करता है? मैं जानता हूँ, कि तू यक़ीन करता है।
28 हुण अग्रिप्पे पौलुसे जो बोलया, “कि तू क्या थोड़े दे समझाणे ला मिंजो मसीही बणाणां चांदा है?”
अग्रिप्पा ने पौलुस से कहा, तू तो थोड़ी ही सी नसीहत कर के मुझे मसीह कर लेना चाहता है।
29 पौलुसे बोलया, “मेरी परमेश्वरे ला ऐ प्राथना है कि क्या थोड़े च, कने क्या मते च, सिर्फ तू ही नी, पर जितणे भी लोक मेरी सुणदे न, मेरे इना बंधणा जो छडी करी मेरे सांई मसीह पर भरोसा करणे बाले होई जान।”
पौलुस ने कहा, मैं तो ख़ुदा से चाहता हूँ, कि थोड़ी नसीहत से या बहुत से सिर्फ़ तू ही नहीं बल्कि जितने लोग आज मेरी सुनते हैं, मेरी तरह हो जाएँ, सिवा इन ज़ंजीरों के।
30 तालू राजा अग्रिप्पा कने राज्यपाल फेस्तुस कने उदी छोटी बेहण बिरनीके कने उदे सोगी बैठयो सारे उठी होऐ कने चली गे;
तब बादशाह और हाकिम और बरनीकि और उनके हमनशीन उठ खड़े हुए,
31 जालू सै बाहर जा दे थे, सै इक दुज्जे ला बोलणा लग्गे, “इनी माणुऐ ऐसा कोई अपराध नी कितया है जिदिया बजा ला उसयो मौत दी सजा या जेल हो।”
और अलग जाकर एक दूसरे से बातें करने और कहने लगे, कि ये आदमी ऐसा तो कुछ नहीं करता जो क़त्ल या क़ैद के लायक़ हो।
32 राजा अग्रिप्पे राज्यपाल फेस्तुसे जो बोलया, “अगर ऐ माणु महाराजा कैसरे ला अपणे न्याय दी मांग नी करदा, तां छुटी सकदा था।”
अग्रिप्पा ने फ़ेस्तुस से कहा, कि अगर ये आदमी क़ैसर के यहाँ फ़रियाद न करता तो छूट सकता था।

< प्रेरितां दे कम्म 26 >