< প্রকাশিত বাক্য 16 >
1 এরপর আমি মন্দিরের মধ্য থেকে এক উচ্চ রব শুনতে পেলাম, যা ওই সাতজন স্বর্গদূতকে বলছিল, “তোমরা যাও, গিয়ে ঈশ্বরের ক্রোধে পূর্ণ ওই সাতটি বাটি পৃথিবীতে ঢেলে দাও।”
तब मुझे मंदिर में से एक ऊंचा शब्द उन सात स्वर्गदूतों को संबोधित करते हुए सुनाई दिया: “जाओ! परमेश्वर के क्रोध के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उंडेल दो.”
2 প্রথম স্বর্গদূত গিয়ে তাঁর বাটি পৃথিবীর উপরে ঢেলে দিলেন। এতে যারা সেই পশুর ছাপ ধারণ করেছিল ও তার মূর্তির পূজা করেছিল, তাদের গায়ে বীভৎস ও যন্ত্রণাদায়ক ক্ষত উৎপন্ন হল।
इसलिये पहले स्वर्गदूत ने जाकर अपना कटोरा पृथ्वी पर उंडेल दिया. परिणामस्वरूप उन व्यक्तियों को, जिन पर उस हिंसक पशु की मुहर थी तथा जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे, कष्टदायी और घातक फोड़े निकल आए.
3 দ্বিতীয় স্বর্গদূত সমুদ্রের উপরে তাঁর বাটি ঢেলে দিলেন। এতে তা মৃত মানুষের রক্তের মতো হল ও সমুদ্রের সমস্ত সজীব প্রাণী মারা পড়ল।
दूसरे स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा समुद्र पर उंडेला तो समुद्र मरे हुए व्यक्ति के लहू जैसा हो गया और समुद्र के हर एक प्राणी की मृत्यु हो गई.
4 তৃতীয় স্বর্গদূত তাঁর বাটি সব নদনদী ও জলের উৎসের উপরে ঢেলে দিলেন, ও সেগুলি রক্তে পরিণত হল।
तीसरे स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा नदियों और पानी के सोतों पर उंडेला तो वे लहू बन गए.
5 তখন আমি শুনলাম, জলরাশির উপরে ভারপ্রাপ্ত স্বর্গদূত বলছেন: “যিনি আছেন ও যিনি ছিলেন, সেই পবিত্রজন, এই সমস্ত বিচারে তুমিই ধর্মময়, যেহেতু তুমি এরকম বিচার করেছ;
तब मैंने सारे जल के अधिकारी स्वर्गदूत को यह कहते हुए सुना: “आप, जो हैं, जो थे, धर्मी हैं, परम पवित्र, उचित हैं आपके निर्णय,
6 কারণ তারা তোমার পবিত্রগণের ও ভাববাদীদের রক্তপাত করেছিল, আর তুমি তাদের রক্ত পান করতে দিয়েছ, কারণ তারা তারই উপযুক্ত।”
इसलिये कि उन्होंने पवित्र लोगों और भविष्यद्वक्ताओं का लहू बहाया, पीने के लिए उन्हें आपने लहू ही दे दिया, वे इसी योग्य हैं.”
7 আর আমি সেই যজ্ঞবেদির প্রত্যুত্তর শুনতে পেলাম: “হ্যাঁ, প্রভু ঈশ্বর, সর্বশক্তিমান, তোমার সব বিচারাদেশ যথার্থ ও ন্যায়সংগত।”
तब मैंने समर्थन में वेदी को यह कहते हुए सुना: “सच है, प्रभु सर्वशक्तिमान परमेश्वर, उचित और धर्मी हैं आपके निर्णय.”
8 চতুর্থ স্বর্গদূত তাঁর বাটি সূর্যের উপরে ঢেলে দিলেন। আর সূর্যকে ক্ষমতা দেওয়া হল, যেন সে আগুনের দ্বারা সব মানুষকে ঝলসে দেয়।
चौथे स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा सूर्य पर उंडेला तो सूर्य को यह अधिकार प्राप्त हो गया कि वह मनुष्यों को अपनी गर्मी से झुलसा दे.
9 তখন প্রখর উত্তাপে তারা তাপদগ্ধ হয়ে, এই সমস্ত আঘাতের উপরে যাঁর নিয়ন্ত্রণ ছিল সেই ঈশ্বরের নামকে অভিশাপ দিতে লাগল। কিন্তু তারা মন পরিবর্তন করতে ও তাঁকে গৌরব দিতে চাইল না।
इसलिये मनुष्य उस बहुत गर्म ताप से झुलस गए और वे परमेश्वर के नाम की, जिन्हें इन सब विपत्तियों पर अधिकार है, शाप देने लगे. उन्होंने पश्चाताप कर परमेश्वर की महिमा करने से इनकार किया.
10 পঞ্চম স্বর্গদূত সেই পশুর সিংহাসনের উপরে তাঁর বাটি ঢেলে দিলেন। ফলে তার রাজ্য অন্ধকারে ছেয়ে গেল। লোকেরা যন্ত্রণায় তাদের জিভ কামড়াতে লাগল
पांचवें स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा उस हिंसक पशु के सिंहासन पर उंडेला तो उसके साम्राज्य पर अंधकार छा गया. पीड़ा के कारण मनुष्य अपनी जीभ चबाने लगे.
11 এবং তাদের যন্ত্রণা ও তাদের ক্ষতের জন্য স্বর্গের ঈশ্বরকে অভিশাপ দিল। কিন্তু তারা তাদের কৃতকর্মের জন্য অনুশোচনা করল না।
पीड़ा और फोड़ों के कारण वे स्वर्ग के परमेश्वर को शाप देने लगे. उन्होंने अपने कुकर्मों से पश्चाताप करने से इनकार किया.
12 ষষ্ঠ স্বর্গদূত মহানদী ইউফ্রেটিসের উপরে তাঁর বাটি ঢেলে দিলেন। এতে সেই নদীর জল শুকিয়ে গিয়ে পূর্বদিক থেকে রাজাদের আগমনের পথ সুগম করল।
छठे स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा महानद यूफ़्रातेस पर उंडेला तो उसका जल सूख गया कि पूर्व दिशा के राजाओं के लिए मार्ग तैयार हो जाए.
13 তারপর আমি তিনটি মন্দ-আত্মা দেখলাম, যেগুলি দেখতে ছিল ব্যাঙের মতো। সেগুলি সেই নাগ-দানবের মুখ থেকে, সেই পশুর মুখ থেকে ও সেই ভণ্ড ভাববাদীর মুখ থেকে বেরিয়ে এল।
तब मैंने तीन अशुद्ध आत्माओं को जो मेंढक के समान थी; उस परों वाले सांप के मुख से, उस हिंसक पशु के मुख से तथा झूठे भविष्यवक्ता के मुख से निकलते हुए देखा.
14 তারা ভূতদের আত্মা, অলৌকিক সব চিহ্নকাজ করে, আর তারা সমস্ত জগতের রাজাদের কাছে যায়, যেন সর্বশক্তিমান ঈশ্বরের সেই মহাদিনের জন্য সেইসব রাজাদের যুদ্ধে একত্র করতে পারে।
ये वे दुष्टात्माएं है, जो चमत्कार चिह्न दिखाते हुए पृथ्वी के सभी राजाओं को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उस न्याय-दिवस पर युद्ध करने के लिए इकट्ठा करती हैं.
15 “দেখো, আমি চোরের মতো আসছি! ধন্য সেই মানুষ, যে জেগে থেকে তার পোশাক সঙ্গে রাখে, যেন সে উলঙ্গ না হয় ও তার লজ্জা প্রকাশ হয়ে না পড়ে।”
“याद रहे: मैं चोर के समान आऊंगा! धन्य वह है, जो जागता है और अपने वस्त्रों की रक्षा करता है कि उसे लोगों के सामने नग्न होकर लज्जित न होना पड़े.”
16 তারপর তারা সেই রাজাদের একটি স্থানে একত্র করল, হিব্রু ভাষায় যে স্থানটির নাম হরমাগিদোন।
उन आत्माओं ने राजाओं को उस स्थान पर इकट्ठा किया, जो इब्री भाषा में हरमागेद्दौन कहलाता है.
17 সপ্তম স্বর্গদূত আকাশের উপরে তাঁর বাটি ঢেলে দিলেন। তখন মন্দিরের ভিতরের সিংহাসন থেকে এক উচ্চধ্বনি শোনা গেল, যা বলছিল, “সমাপ্ত হল!”
सातवें स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा वायु पर उंडेला, और मंदिर के सिंहासन से एक ऊंचा शब्द सुनाई दिया, “पूरा हो गया!”
18 তারপর সেখানে প্রকাশ পেল বিদ্যুতের ঝলকানি, গুরুগম্ভীর ধ্বনি, বজ্রপাত ও এক প্রচণ্ড ভূমিকম্প। পৃথিবীতে মানুষের সৃষ্টি হওয়া থেকে এমন ভূমিকম্প আর কখনও হয়নি, সেই ভূমিকম্প ছিল এমনই সাংঘাতিক।
तुरंत ही बिजली की कौंध, गड़गड़ाहट तथा बादलों की गर्जन होने लगी और एक भयंकर भूकंप आया. यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि पृथ्वी पर ऐसा भयंकर भूकंप मनुष्य की उत्पत्ति से लेकर अब तक नहीं आया था—इतना शक्तिशाली था यह भूकंप
19 এতে সেই মহানগরী তিন ভাগে বিভক্ত হল ও বিভিন্ন দেশের নগর ধূলিসাৎ হল। ঈশ্বর মহানগরী ব্যাবিলনকে স্মরণ করলেন এবং তাঁর ভয়ংকর ক্রোধে পূর্ণ সুরার পানপাত্র তাকে দিলেন।
कि महानगर फटकर तीन भागों में बंट गया. सभी राष्ट्रों के नगर धराशायी हो गए. परमेश्वर ने बड़े नगर बाबेल को याद किया कि उसे अपने क्रोध की जलजलाहट का दाखरस का प्याला पिलाएं.
20 প্রত্যেকটি দ্বীপ পালিয়ে গেল ও পর্বতগণকে আর খুঁজে পাওয়া গেল না।
हर एक द्वीप विलीन हो गया और सभी पर्वत लुप्त हो गए.
21 আর মহাকাশ থেকে মানুষদের উপরে বড়ো বড়ো শিলাবৃষ্টি হল, তার এক একটির ওজন প্রায় পঞ্চাশ কিলোগ্রাম। তখন তারা শিলাবৃষ্টির জন্য ঈশ্বরকে অভিশাপ দিল, কারণ সেই আঘাত ছিল অত্যন্ত ভয়ংকর।
आकाश से मनुष्यों पर विशालकाय ओले बरसने लगे और एक-एक ओला लगभग पैंतालीस किलो का था. ओलों की इस विपत्ति के कारण लोग परमेश्वर को शाप देने लगे क्योंकि यह विपत्ति बहुत असहनीय थी.