< নহিমিয়ের বই 6 >
1 সন্বল্লট, টোবিয়, আরবীয় গেশম ও আমাদের অন্য শত্রু যখন শুনতে পেল যে, আমি প্রাচীর গেঁথেছি এবং সেখানে কোনো ফাঁক নেই, যদিও তখনও আমি নগরদ্বারগুলির দরজা লাগাইনি।
१जब सम्बल्लत, तोबियाह और अरबी गेशेम और हमारे अन्य शत्रुओं को यह समाचार मिला, कि मैं शहरपनाह को बनवा चुका; और यद्यपि उस समय तक भी मैं फाटकों में पल्ले न लगा चुका था, तो भी शहरपनाह में कोई दरार न रह गई थी।
2 সন্বল্লট ও গেশম আমাকে এই কথা বলে পাঠাল “আসুন, আমরা ওনো সমস্থলীর কোনও গ্রামে মিলিত হই।” কিন্তু তারা আমার ক্ষতি করার ষড়যন্ত্র করছিল;
२तब सम्बल्लत और गेशेम ने मेरे पास यह कहला भेजा, “आ, हम ओनो के मैदान के किसी गाँव में एक दूसरे से भेंट करें।” परन्तु वे मेरी हानि करने की इच्छा करते थे।
3 সেইজন্য আমি লোক পাঠিয়ে তাদের এই উত্তর দিলাম “আমি একটি বিশেষ দরকারি কাজ করছি এবং আমি নেমে যেতে পারি না। আমি কেন কাজ বন্ধ করে আপনাদের সঙ্গে সাক্ষাৎ করতে যাব?”
३परन्तु मैंने उनके पास दूतों के द्वारा कहला भेजा, “मैं तो भारी काम में लगा हूँ, वहाँ नहीं जा सकता; मेरे इसे छोड़कर तुम्हारे पास जाने से वह काम क्यों बन्द रहे?”
4 তারা চার বার একই সংবাদ আমাকে পাঠাল আর প্রত্যেকবার আমি তাদের একই উত্তর দিলাম।
४फिर उन्होंने चार बार मेरे पास वही बात कहला भेजी, और मैंने उनको वैसा ही उत्तर दिया।
5 তারপর, পঞ্চমবার, সন্বল্লট একই সংবাদ তার চাকরকে দিয়ে আমার কাছে পাঠাল, আর তার হাতে একটি খোলা চিঠি ছিল
५तब पाँचवी बार सम्बल्लत ने अपने सेवक को खुली हुई चिट्ठी देकर मेरे पास भेजा,
6 যাতে লেখা ছিল: “জাতিগণের মধ্যে এই কথা শোনা যাচ্ছে, আর গেশমও বলেছে সেকথা সত্যি, যে আপনি ও ইহুদিরা বিদ্রোহের ষড়যন্ত্র করেছেন, আর সেইজন্য প্রাচীর গাঁথছেন। এছাড়া, এসব সংবাদ অনুসারে আপনি তাদের রাজা হতে যাচ্ছেন
६जिसमें यह लिखा था, “जाति-जाति के लोगों में यह कहा जाता है, और गेशेम भी यही बात कहता है, कि तुम्हारी और यहूदियों की मनसा बलवा करने की है, और इस कारण तू उस शहरपनाह को बनवाता है; और तू इन बातों के अनुसार उनका राजा बनना चाहता है।
7 এবং জেরুশালেমে এই ঘোষণা করার জন্য আপনি ভাববাদীও নিযুক্ত করেছেন ‘যিহূদা দেশে একজন রাজা আছেন!’ এখন এই সংবাদ রাজার কাছে পৌঁছাবে; কাজেই আসুন, আমরা একত্র হয়ে পরামর্শ করি।”
७और तूने यरूशलेम में नबी ठहराए हैं, जो यह कहकर तेरे विषय प्रचार करें, कि यहूदियों में एक राजा है। अब ऐसा ही समाचार राजा को दिया जाएगा। इसलिए अब आ, हम एक साथ सम्मति करें।”
8 আমি তাকে এই উত্তর পাঠালাম “আপনি যা বলছেন সেইরকম কিছুই হচ্ছে না, এটি আপনার মনগড়া কথা।”
८तब मैंने उसके पास कहला भेजा, “जैसा तू कहता है, वैसा तो कुछ भी नहीं हुआ, तू ये बातें अपने मन से गढ़ता है।”
9 তারা সকলে আমাদের ভয় দেখবার চেষ্টা করছিল, মনে করছিল, “এই কাজ করার জন্য ওদের হাত দুর্বল হয়ে যাবে, এবং তা সম্পূর্ণ হবে না।” কিন্তু আমি প্রার্থনা করলাম, “এখন আমার হাত শক্তিশালী করো।”
९वे सब लोग यह सोचकर हमें डराना चाहते थे, कि “उनके हाथ ढीले पड़ जाए, और काम बन्द हो जाए।” परन्तु अब हे परमेश्वर तू मुझे हियाव दे।
10 একদিন আমি দলায়ের ছেলে শময়িয়ের বাড়ি গেলাম, দলায় ছিল মহেটবেলের ছেলে। শময়িয় তার বাড়িতে বদ্ধ ছিল। সে বলল, “আসুন, আমরা ঈশ্বরের ঘরে, মন্দিরের ভিতরে একত্র হই, এবং মন্দিরের দ্বার বন্ধ করি, কারণ লোকেরা আপনাকে হত্যা করার জন্য আসছে, রাত্রেই আপনাকে হত্যা করতে আসবে।”
१०फिर मैं शमायाह के घर में गया, जो दलायाह का पुत्र और महेतबेल का पोता था, वह तो बन्द घर में था; उसने कहा, “आ, हम परमेश्वर के भवन अर्थात् मन्दिर के भीतर आपस में भेंट करें, और मन्दिर के द्वार बन्द करें; क्योंकि वे लोग तुझे घात करने आएँगे, रात ही को वे तुझे घात करने आएँगे।”
11 কিন্তু আমি বললাম, “আমার মতো লোকের কি পালিয়ে যাওয়া উচিত? কিংবা আমার মতো কারো কি তার প্রাণরক্ষা করার জন্য মন্দিরের মধ্যে যাওয়া উচিত? আমি যাব না!”
११परन्तु मैंने कहा, “क्या मुझ जैसा मनुष्य भागे? और मुझ जैसा कौन है जो अपना प्राण बचाने को मन्दिर में घुसे? मैं नहीं जाने का।”
12 আমি বুঝতে পারলাম যে ঈশ্বর তাকে পাঠাননি, কিন্তু সে আমার বিরুদ্ধে ভাবোক্তি বলেছে যেহেতু টোবিয় ও সন্বল্লট তাকে ভাড়া করেছে।
१२फिर मैंने जान लिया कि वह परमेश्वर का भेजा नहीं है परन्तु उसने हर बात परमेश्वर का वचन कहकर मेरी हानि के लिये कही, क्योंकि तोबियाह और सम्बल्लत ने उसे रुपया दे रखा था।
13 তাকে ভাড়া করা হয়েছিল যেন ভয়ে এই কাজ করে আমি পাপ করি, এবং তারা যেন আমার দুর্নাম করার সুযোগ পেয়ে আমাকে টিট্কারি দিতে পারে।
१३उन्होंने उसे इस कारण रुपया दे रखा था कि मैं डर जाऊँ, और वैसा ही काम करके पापी ठहरूँ, और उनको दोष लगाने का अवसर मिले और वे मेरी नामधराई कर सकें।
14 হে আমার ঈশ্বর, টোবিয় ও সন্বল্লট যা করেছে তা স্মরণ করো: ভাববাদিনী নোয়দিয়া ও অন্য যে ভাববাদীরা আমাকে ভয় দেখাবার চেষ্টা করছিল তাদেরকেও স্মরণ করো।
१४हे मेरे परमेश्वर! तोबियाह, सम्बल्लत, और नोअद्याह नबिया और अन्य जितने नबी मुझे डराना चाहते थे, उन सब के ऐसे-ऐसे कामों की सुधि रख।
15 ইলূল মাসের পঁচিশ তারিখে, বাহান্নতম দিন, প্রাচীর গাঁথা শেষ হল।
१५एलूल महीने के पच्चीसवें दिन को अर्थात् बावन दिन के भीतर शहरपनाह बन गई।
16 আমাদের সব শত্রুরা যখন এই কথা শুনল আর নিকটবর্তী সব জাতিরা তা দেখল তখন তারা ভয় পেল এবং আত্মবিশ্বাস হারাল, কারণ তারা বুঝতে পেরেছিল যে, এই কাজ আমাদের ঈশ্বরের সাহায্যেই করা হয়েছে।
१६जब हमारे सब शत्रुओं ने यह सुना, तब हमारे चारों ओर रहनेवाले सब अन्यजाति डर गए, और बहुत लज्जित हुए; क्योंकि उन्होंने जान लिया कि यह काम हमारे परमेश्वर की ओर से हुआ।
17 আবার, সেই সময় যিহূদার গণ্যমান্য লোকেরা টোবিয়ের কাছে অনেক চিঠিপত্র পাঠাতেন এবং টোবিয়ের কাছ থেকে তারা উত্তরও পেতেন।
१७उन दिनों में भी यहूदी रईसों और तोबियाह के बीच चिट्ठी बहुत आया-जाया करती थी।
18 কারণ যিহূদার অনেকে তার কাছে শপথ করেছিল, কারণ সে আরহের ছেলে শখনিয়ের জামাই ছিল, এবং তার ছেলে যিহোহানন বেরিখিয়ের ছেলে মশুল্লমের মেয়েকে বিয়ে করছিল।
१८क्योंकि वह आरह के पुत्र शकन्याह का दामाद था, और उसके पुत्र यहोहानान ने बेरेक्याह के पुत्र मशुल्लाम की बेटी को ब्याह लिया था; इस कारण बहुत से यहूदी उसका पक्ष करने की शपथ खाए हुए थे।
19 এছাড়া, তারা টোবিয়ের ভালো কাজের কথা আমাকে জানাত এবং আমি যা বলতাম তারা তাকে জানাত। এবং আমাকে ভয় দেখানোর জন্য টোবিয় চিঠি পাঠাত।
१९वे मेरे सुनते उसके भले कामों की चर्चा किया करते, और मेरी बातें भी उसको सुनाया करते थे। तोबियाह मुझे डराने के लिये चिट्ठियाँ भेजा करता था।