< লেবীয় বই 15 >
1 সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে বললেন,
याहवेह ने मोशेह और अहरोन को ये आदेश दिए:
2 “তোমরা ইস্রায়েলীদের বলো, ‘যখন কারোর দেহে অস্বাভাবিক ক্ষরণ হয়, সেই ক্ষরণ অশুদ্ধ।
“इस्राएल वंशजों को यह आदेश दो, ‘यदि किसी व्यक्ति की देह से कोई स्राव हो रहा हो, वह स्राव अशुद्ध है.
3 তার দেহ থেকে ক্ষরণ অব্যাহত বা বদ্ধ থাকলে সেটি তাকে অশুচি করবে। এইভাবে তার ক্ষরণ অশুচিতা নিয়ে আসবে।
यह उसकी अशुद्धता ही मानी जाएगी, चाहे उसकी देह से स्राव हो रहा हो, अथवा स्राव रुक गया हो.
4 “‘ক্ষরণযুক্ত কোনো ব্যক্তি বিছানায় শুলে সেই বিছানা অশুচি হবে এবং আসন বা যা কিছুর উপরে সে বসবে, সেটি অশুচি বিবেচিত হবে।
“‘स्रावग्रस्त व्यक्ति जिस बिछौने पर विश्राम करता है, वह बिछौना अशुद्ध हो जाता है, और हर एक वस्तु जिस पर वह बैठ जाता है, वह भी अशुद्ध हो जाती है.
5 যদি কেউ তার বিছানা স্পর্শ করে, তাকে তার কাপড় অবশ্যই ধুয়ে নিতে হবে এবং জলে স্নান করতে হবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত সে অশুচি থাকবে।
इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति उसके बिछौने को छू लेता है, तो वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोकर स्नान करे और वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
6 ক্ষরণযুক্ত মানুষটির বসা আসবাবপত্রের ওপরে যদি কেউ বসে, তাকে তার কাপড় ধুয়ে নিতেই হবে ও সে জলে স্নান করবে ও সন্ধ্যা পর্যন্ত তাকে অশুচি বলা হবে।
यदि कोई व्यक्ति उस वस्तु पर बैठ जाता है जिस पर वह स्रावग्रस्त व्यक्ति बैठता रहा है, तो वह अपने वस्त्रों को धोकर स्नान करे तथा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
7 “‘ক্ষরণযুক্ত মানুষকে যে কেউ স্পর্শ করবে, সে অবশ্যই তা পরিহিত কাপড় ধোবে ও জলে স্নান করবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত অশুচি থাকবে।
“‘और यदि कोई व्यक्ति उस स्रावग्रस्त व्यक्ति को छू लेता है, तो वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोकर स्नान करे, तथा वह शाम तक अशुद्ध रहे.
8 “‘ক্ষরণযুক্ত মানুষ যদি কারোর দেহে থুতু ফেলে, যে শুচি, সেই ব্যক্তি নিজের কাপড় ধোবে ও জলে স্নান করবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত অশুচি থাকবে।
“‘अथवा वह स्रावग्रस्त व्यक्ति किसी शुद्ध व्यक्ति पर थूक देता है, तो वह शुद्ध व्यक्ति भी अपने वस्त्रों को धोकर स्नान करे तथा वह शाम तक अशुद्ध रहे.
9 “‘ক্ষরণযুক্ত মানুষটি যে কোনো গাড়িতে চড়ে, সেই গাড়ি অশুচি হয়
“‘हर एक काठी, जिस पर वह सवारी करता है, वह काठी अशुद्ध हो जाती है.
10 এবং তার বসার জায়গায় নিচে রাখা কোনো জিনিস যদি কেউ স্পর্শ করে সন্ধ্যা পর্যন্ত সেই জিনিসটি অশুচি থাকবে। যে কেউ সেই জিনিসগুলি তুলে নেয়, তাকে অবশ্যই নিজ কাপড় ধুতে ও জলে স্নান করতে হবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত সে অশুচি থাকবে।
यदि कोई व्यक्ति उन वस्तुओं में से किसी को भी छू लेता है, जो स्रावग्रस्त व्यक्ति के नीचे रही हैं, तो वह शाम तक अशुद्ध रहेगा और जो कोई व्यक्ति उनका वहन करता है, तो वह अपने वस्त्रों को धो डाले, स्नान करे तथा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
11 “‘ক্ষরণযুক্ত মানুষ তার হাত না ধুয়ে যদি কাউকে স্পর্শ করে, সে নিজের কাপড় ধোবে ও জলে স্নান করবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত তাকে অশুচি বলা হবে।
“‘इसी प्रकार स्रावग्रस्त व्यक्ति अपने हाथों को बिना धोए यदि किसी व्यक्ति को छू लेता है, तो वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोकर स्नान करे तथा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
12 “‘ওই মানুষটি দ্বারা স্পর্শ করা মাটির পাত্র অবশ্যই ভেঙে ফেলতে হবে ও কাঠের আসবাবপত্র জল দিয়ে ধুতে হবে।
“‘यदि स्रावग्रस्त व्यक्ति किसी मिट्टी के पात्र को छू लेता है, तो उस पात्र को तोड़ डाला जाए, किंतु यदि पात्र लकड़ी का है, तो उसे जल में धोया जाए.
13 “‘ক্ষরণযুক্ত মানুষ যখন শুচি হয়, সে নিজের আনুষ্ঠানিক শুচিতার জন্য সাত দিন গণনা করবে। সে তার কাপড় অবশ্যই ধোবে ও টাটকা জলে স্নান করবে, এভাবে সে শুদ্ধ হবে।
“‘जब स्रावग्रस्त व्यक्ति अपने स्राव से शुद्ध हो गए है, तो वह अपने शुद्ध होने के लिए सात दिनों की गिनती कर ले; तब वह अपने वस्त्रों को धो डाले और बहते हुए जल में स्नान करे, तब वह शुद्ध हो जाएगा.
14 অষ্টম দিনে সে দুটি ঘুঘু অথবা দুটি কপোতশাবক নেবে, সমাগম তাঁবুর প্রবেশদ্বারে সদাপ্রভুর সামনে আসবে এবং ঘুঘু অথবা কপোতশাবক যাজককে দেবে।
आठवें दिन वह अपने लिए दो कपोत अथवा कबूतर के दो बच्चे लेकर मिलनवाले तंबू के द्वार पर याहवेह के सामने आए और इन्हें पुरोहित को दे दे;
15 একটি পাপার্থক বলি ও অন্যটি হোমবলিরূপে যাজক পাখিগুলি উৎসর্গ করবে। এইভাবে ক্ষরণযুক্ত মানুষের পক্ষে সদাপ্রভুর সামনে যাজক প্রায়শ্চিত্ত করবে।
पुरोहित इनमें से एक को पापबलि के लिए तथा दूसरे को होमबलि के लिए भेंट करे. इस प्रकार पुरोहित उसके लिए उसके स्राव के कारण याहवेह के सामने प्रायश्चित पूरा करे.
16 “‘যদি কোনো পুরুষের বীর্যপাত হয়, তাহলে সে তার সমস্ত শরীর জলে ধুয়ে নেবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত সে অশুদ্ধ থাকবে।
“‘यदि किसी व्यक्ति का वीर्य-उत्सर्जन हो गया है, तो वह स्नान के द्वारा सारे शरीर को धो डाले और वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
17 কোনো কাপড়ে অথবা চামড়ার জিনিসে বীর্যপাত হলে, জলে সেটি ধুতেই হবে ও সেই জিনিসটি সন্ধ্যা পর্যন্ত অশুদ্ধ থাকবে।
जहां तक वस्त्र अथवा चर्मवस्त्र का संबंध है, जिस पर वीर्य गिरा हुआ हो, उस वस्त्र को जल से धो डाला जाए तथा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
18 যদি একটি নারীর সাথে কোনো পুরুষ শয়ন করে এবং বীর্যপাত হয়, তাহলে উভয়ে জলে স্নান করবে ও সন্ধ্যা পর্যন্ত তারা অশুদ্ধ বিবেচিত হবে।
यदि कोई पुरुष किसी स्त्री से संभोग करे और इस प्रक्रिया में उसका वीर्य-उत्सर्जन हुआ हो, तो वे दोनों स्नान करें-वे शाम तक अशुद्ध रहेंगे.
19 “‘যখন কোনো মহিলার নিয়মিত রক্তস্রাব হয়, ঋতুমতীর মাসিক সময়ের অশুদ্ধতা সাত দিন থাকবে এবং যে কেউ তাকে স্পর্শ করে, সন্ধ্যা পর্যন্ত সে অশুদ্ধ বিবেচিত হবে।
“‘जब किसी स्त्री से स्राव हो रहा हो, और यदि वह स्राव रक्त है, तो वह स्त्री अपनी ऋतुस्राव-अशुद्धता की अवधि में सात दिन के लिए होगी, और जो कोई उस स्त्री को छुए, वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
20 “‘মাসিক চলাকালীন যে কিছুর ওপরে সে শোবে, এবং বসবে সবকিছুই অশুচি হবে।
“‘हर एक वह वस्तु अशुद्ध होगी जिस पर वह अपने ऋतुस्राव-अशुद्धता की अवधि में लेटती है, तथा वह वस्तु भी जिस पर वह बैठती है.
21 তার বিছানা স্পর্শকারী যে কেউ নিজের কাপড় ধোবে ও স্নান করবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত সে অশুদ্ধ থাকবে।
जो कोई भी उसके बिछौने को छू लेता है, वह अपने वस्त्रों को धोकर स्नान करे, वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
22 তার বসা আসবাব যে কেউ স্পর্শ করে, সে তার কাপড় অবশ্যই ধুয়ে নেবে ও নিজে স্নান করবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত সে অশুদ্ধ থাকবে।
जो कोई उस वस्तु को छू लेता है जिस पर वह बैठती है, तो वह अपने वस्त्रों को धो डाले तथा स्नान करे, वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
23 বিছানা অথবা তার বসা যে কোনো আসবাবপত্র যদি কেউ স্পর্শ করে, সে সন্ধ্যা পর্যন্ত অশুদ্ধ থাকবে।
चाहे यह उसका बिछौना अथवा कोई भी वस्तु है जिस पर वह बैठती है, यदि कोई उसको छू लेता है, तो वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
24 “‘যদি কোনো পুরুষ ওই নারীর সঙ্গে শয়ন করে ও তার মাসিক রক্তস্রাব ওই পুরুষের দেহে লাগে, তাহলে পুরুষটি সাত দিনের জন্যে অশুদ্ধ থাকবে ও তার শয়ন করা বিছানা অশুদ্ধ বিবেচিত হবে।
“‘यदि कोई पुरुष उसके साथ वास्तव में संभोग कर लेता है, और इस प्रकार उस स्त्री की ऋतुस्राव की अशुद्धता उस पुरुष पर आ जाती है, तो वह सात दिनों के लिए अशुद्ध होगा, और हर एक बिछौना जिस पर वह लेटता है, अशुद्ध हो जाएगा.
25 “‘যদি কোনো মহিলার মাসিক কাল চেয়েও একবারে দীর্ঘদিন ধরে রক্তস্রাব হয়, অথবা তার রক্তস্রাব নিয়মিত সময় অতিক্রম করে, তাহলে তার মাসিক ঋতুস্রাবের দিনগুলির মতো অনিয়মিত দীর্ঘকাল পর্যন্ত সে অশুদ্ধ থাকবে।
“‘यदि किसी स्त्री को रक्त का स्राव उसके ऋतुस्राव-अशुद्धता की अवधि में ही नहीं बल्कि उसके अलावा भी अनेक दिनों तक होता रहे, तो वह ऋतुस्राव की अशुद्धता की अवधि के समान अपने इस अशुद्ध स्राव में भी अशुद्ध रहेगी.
26 রক্তস্রাব চলাকালীন তার শোয়ার বিছানা অশুদ্ধ হবে, যেমন তার মাসিক ঋতুকালের বিছানা অশুদ্ধ হবে, যেমন তার অশৌচকালের সময় তার বিছানা অশুদ্ধ হয় এবং তার বসা যে কোনো আসন তার অশৌচকালের মতো অশুদ্ধ হবে।
कोई भी वह बिछौना जिस पर वह अपने स्राव के पूरे दिनों में लेटती है, वह उसके ऋतुस्राव के अशुद्ध बिछौने के समान होगा और हर एक वह वस्तु जिस पर वह बैठती है, वह उसके ऋतुस्राव के समान अशुद्ध होगी.
27 সেগুলি স্পর্শকারী যে কেউ অশুদ্ধ হবে; সে নিজের কাপড় অবশ্যই ধুয়ে নেবে ও নিজে জলে স্নান করবে এবং সন্ধ্যা পর্যন্ত তাকে অশুদ্ধ বলা হবে।
उसी प्रकार जो कोई उसको छू लेता है, वह अशुद्ध होगा और वह अपने वस्त्रों को धो डाले तथा स्नान करे, वह शाम तक अशुद्ध रहेगा.
28 “‘তার রক্তস্রাব থেকে যখন সে শুদ্ধ হবে, সে নিজের জন্য সাত দিন গণনা করবে এবং এরপরে আনুষ্ঠানিকভাবে সে শুদ্ধ হবে।
“‘जब वह स्त्री अपने स्राव से शुद्ध हो जाती है, तो वह अपने शुद्ध होने के लिए सात दिनों की गिनती कर ले, उसके बाद वह शुद्ध होगी.
29 অষ্টম দিনে দুটি ঘুঘু অথবা দুটি কপোতশাবক সে নেবে এবং সমাবেশ-তাঁবুর প্রবেশদ্বারে যাজকের হাতে সেগুলি তুলে দেবে।
आठवें दिन वह अपने लिए दो कपोत अथवा दो कबूतर के बच्चे लेकर उन्हें मिलनवाले तंबू के द्वार पर पुरोहित के सामने लाए.
30 একটি পাপার্থক বলি ও অন্যটি হোমবলিরূপে পাখিগুলিকে যাজক উৎসর্গ করবে। এভাবে মহিলাটির স্রাবের অশুচিতার জন্য সদাপ্রভুর সামনে প্রায়শ্চিত্ত করবে।
पुरोहित उनमें से एक को पापबलि तथा दूसरे को होमबलि के लिए भेंट करे. इस प्रकार उसके स्राव के कारण पुरोहित उसके लिए याहवेह के सामने प्रायश्चित करे.’
31 “‘তোমরা সমস্ত অশুচিতা থেকে ইস্রায়েলীদের পৃথক রাখবে, যেন আমার বাসস্থান অশুচি করার দ্বারা তাদের অশুচিতায় তাদের মৃত্যু না হয়, যা তাদের মধ্যবর্তী।’”
“‘इस प्रकार तुम इस्राएल वंशजों को उनकी अशुद्धता से अलग रखोगे, ऐसा न हो कि वे मेरे मिलनवाले तंबू को, जो उनके बीच में है, अशुद्ध करें और उनकी अशुद्धता के कारण उनकी मृत्यु हो जाए.’”
32 পুরুষের যে কোনো ক্ষরণ, বীর্যপাতের হেতু যে কোনো পুরুষের অশুচিতার জন্য এসব নিয়মবিধি,
यह विधि उस व्यक्ति के लिए है, जिसका स्राव हो रहा है और जिस व्यक्ति का वीर्य-उत्सर्जन हो गया है; जिससे वह अशुद्ध हो जाता है,
33 কারণ কোনো নারীর মাসিক রক্তস্রাবের ক্ষেত্রে, কোনো পুরুষ অথবা মহিলার ক্ষরণের পক্ষে এবং কোনো মহিলার সঙ্গে শয়নকারী আনুষ্ঠানিকভাবে অশুচি পুরুষের জন্য নিয়মগুলি প্রযোজ্য।
और उस स्त्री के लिए भी, जो अपनी ऋतुस्राव-अशुद्धता के कारण अस्वस्थ है. हां, उसके लिए, जिससे स्राव हो रहा हो, चाहे वह पुरुष हो अथवा स्त्री; अथवा उस पुरुष के लिए भी, जो उस स्त्री से संभोग कर लेता है, जो अशुद्धता की स्थिति में है.