< যিরমিয়ের বিলাপ 2 >

1 প্রভু সিয়োন-কন্যাকে তাঁর আপন ক্রোধের মেঘে কেমন আবৃত করেছেন! তিনি ইস্রায়েলের জৌলুসকে আকাশ থেকে ভূতলে নিক্ষেপ করেছেন; তাঁর ক্রোধের দিনে, তাঁর পাদপীঠের কথা তিনি মনে রাখেননি।
यहोवा ने सिय्योन की पुत्री को किस प्रकार अपने कोप के बादलों से ढाँप दिया है! उसने इस्राएल की शोभा को आकाश से धरती पर पटक दिया; और कोप के दिन अपने पाँवों की चौकी को स्मरण नहीं किया।
2 কোনো মমতা ছাড়াই প্রভু যাকোবের সমগ্র আবাস গ্রাস করেছেন; তিনি সক্রোধে যিহূদা-কন্যার দুর্গগুলি উৎপাটন করেছেন। তার রাজ্য ও তার রাজপুরুষদের অসম্মানের সঙ্গে তিনি ভূলুণ্ঠিত করেছেন।
यहोवा ने याकूब की सब बस्तियों को निष्ठुरता से नष्ट किया है; उसने रोष में आकर यहूदा की पुत्री के दृढ़ गढ़ों को ढाकर मिट्टी में मिला दिया है; उसने हाकिमों समेत राज्य को अपवित्र ठहराया है।
3 তিনি প্রচণ্ড ক্রোধে ইস্রায়েলের প্রতিটি শৃঙ্গকে ছিন্ন করেছেন। শত্রু অগ্রসর হওয়ার সময় তিনি তাঁর দক্ষিণ হস্ত প্রত্যাহার করে নিয়েছেন। তিনি যাকোবকে এক লেলিহান আগুনের শিখার মতো ভস্মীভূত করেছেন যা তার চারপাশের সবকিছুকে গ্রাস করে নেয়।
उसने क्रोध में आकर इस्राएल के सींग को जड़ से काट डाला है; उसने शत्रु के सामने उनकी सहायता करने से अपना दाहिना हाथ खींच लिया है; उसने चारों ओर भस्म करती हुई लौ के समान याकूब को जला दिया है।
4 শত্রুর মতো তিনি তাঁর ধনুকে চাড়া দিয়েছেন; তাঁর ডান হাত প্রস্তুত। যারা নয়নরঞ্জন ছিল, তিনি তাদের শত্রুর মতোই বধ করেছেন। তিনি তাঁর রোষ আগুনের মতো সিয়োন-কন্যার শিবিরের উপরে ঢেলে দিয়েছেন।
उसने शत्रु बनकर धनुष चढ़ाया, और बैरी बनकर दाहिना हाथ बढ़ाए हुए खड़ा है; और जितने देखने में मनभावने थे, उन सब को उसने घात किया; सिय्योन की पुत्री के तम्बू पर उसने आग के समान अपनी जलजलाहट भड़का दी है।
5 প্রভু যেন এক শত্রু; তিনি ইস্রায়েলকে গ্রাস করেছেন। তিনি তার সব প্রাসাদ গ্রাস করেছেন এবং তার দুর্গসকল ধ্বংস করেছেন। যিহূদা-কন্যার শোকগাথা ও বিলাপ তিনি বহুগুণে বৃদ্ধি করেছেন।
यहोवा शत्रु बन गया, उसने इस्राएल को निगल लिया; उसके सारे भवनों को उसने मिटा दिया, और उसके दृढ़ गढ़ों को नष्ट कर डाला है; और यहूदा की पुत्री का रोना-पीटना बहुत बढ़ाया है।
6 বাগানের মতো তাঁর আবাসকে তিনি বিধ্বস্ত করেছেন; তাঁর আপন সমাগম-স্থান তিনি ধ্বংস করেছেন। সদাপ্রভু সিয়োনকে বিস্মৃত করিয়ে দিয়েছেন তার নির্ধারিত সব পার্বণ-উৎসব ও সাব্বাথের দিনগুলি; তিনি তাঁর ভয়ংকর ক্রোধে রাজা ও যাজক উভয়কেই অবজ্ঞা করেছেন।
उसने अपना मण्डप बारी के मचान के समान अचानक गिरा दिया, अपने मिलाप-स्थान को उसने नाश किया है; यहोवा ने सिय्योन में नियत पर्व और विश्रामदिन दोनों को भुला दिया है, और अपने भड़के हुए कोप से राजा और याजक दोनों का तिरस्कार किया है।
7 প্রভু তাঁর বেদিকে প্রত্যাখ্যান করেছেন এবং তাঁর ধর্মধামকে পরিত্যাগ করেছেন। তিনি জেরুশালেমের প্রাসাদগুলির প্রাচীর তার শত্রুদের হাতে তুলে দিয়েছেন; কোনও নির্ধারিত উৎসব-দিনের মতো তারা সদাপ্রভুর গৃহে চিৎকার করেছে।
यहोवा ने अपनी वेदी मन से उतार दी, और अपना पवित्रस्थान अपमान के साथ तज दिया है; उसके भवनों की दीवारों को उसने शत्रुओं के वश में कर दिया; यहोवा के भवन में उन्होंने ऐसा कोलाहल मचाया कि मानो नियत पर्व का दिन हो।
8 সদাপ্রভু দৃঢ়সংকল্প করেছেন, তিনি সিয়োন-কন্যার চারপাশের প্রাচীর ভেঙে ফেলবেন। তিনি একটি মাপকাঠি বিস্তৃত করেছেন, এবং তাঁর হাতকে ধ্বংসকার্য থেকে নিবৃত্ত করেননি। তিনি পরিখা ও প্রাচীরগুলিকে বিলাপ করিয়েছেন; সেগুলি একসঙ্গে পড়ে বিধ্বস্ত হয়েছে।
यहोवा ने सिय्योन की कुमारी की शहरपनाह तोड़ डालने की ठानी थी: उसने डोरी डाली और अपना हाथ उसे नाश करने से नहीं खींचा; उसने किले और शहरपनाह दोनों से विलाप करवाया, वे दोनों एक साथ गिराए गए हैं।
9 তার তোরণদ্বারগুলি মাটিতে ঢাকা পড়েছে; সেগুলির অর্গলগুলি তিনি ভেঙেছেন ও ধ্বংস করেছেন। তার রাজা ও রাজপুরুষেরা জাতিগণের মধ্যে নির্বাসিত হয়েছে, বিধান আর নেই, এবং তার ভাববাদীরা সদাপ্রভুর কাছ থেকে কোনো দর্শন পান না।
उसके फाटक भूमि में धस गए हैं, उनके बेंड़ों को उसने तोड़कर नाश किया। उसके राजा और हाकिम अन्यजातियों में रहने के कारण व्यवस्थारहित हो गए हैं, और उसके भविष्यद्वक्ता यहोवा से दर्शन नहीं पाते हैं।
10 সিয়োন-কন্যার সমস্ত প্রাচীন নীরবে মাটিতে বসে রয়েছেন; তাদের মাথায় তারা ধুলো নিক্ষেপ করেছেন এবং শোকবস্ত্র পরিধান করেছেন। জেরুশালেমের যুবতী নারীরা মাটিতে অধোমুখ হয়েছে।
१०सिय्योन की पुत्री के पुरनिये भूमि पर चुपचाप बैठे हैं; उन्होंने अपने सिर पर धूल उड़ाई और टाट का फेंटा बाँधा है; यरूशलेम की कुमारियों ने अपना-अपना सिर भूमि तक झुकाया है।
11 কাঁদতে কাঁদতে আমার চোখ ঝাপসা হয়েছে, আমার অন্তরে প্রচণ্ড মর্মবেদনা, আমার হৃদয় যেন গলে গিয়ে মাটিতে বয়ে যাচ্ছে কেননা আমার লোকেরা ধ্বংস হচ্ছে, কেননা ছেলেমেয়ে ও দুগ্ধপোষ্য শিশুরা নগরের পথে পথে মূর্ছিত হচ্ছে।
११मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते धुँधली पड़ गई हैं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन् दूध-पीते बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्छित होते हैं।
12 তারা তাদের মায়েদের বলে, “আমাদের জন্য খাবার ও দ্রাক্ষারস কোথায়?” কেননা তারা নগরের পথে পথে আহত মানুষের মতো মূর্ছিত হয়, তাদের মায়েদের কোলে তাদের প্রাণ ঢলে পড়ে।
१२वे अपनी-अपनी माता से रोकर कहते हैं, अन्न और दाखमधु कहाँ हैं? वे नगर के चौकों में घायल किए हुए मनुष्य के समान मूर्छित होकर अपने प्राण अपनी-अपनी माता की गोद में छोड़ते हैं।
13 আমি তোমাকে কী বলব? হে, জেরুশালেম-কন্যা, তোমাকে কার সঙ্গে আমি তুলনা করব? হে সিয়োনের কুমারী-কন্যা, কার সঙ্গে আমি তোমার তুলনা করব, যাতে আমি তোমাকে সান্ত্বনা দিতে পারি? তোমার ক্ষত সমুদ্রের মতোই গভীর। কে তোমায় আরোগ্য করতে পারে?
१३हे यरूशलेम की पुत्री, मैं तुझ से क्या कहूँ? मैं तेरी उपमा किस से दूँ? हे सिय्योन की कुमारी कन्या, मैं कौन सी वस्तु तेरे समान ठहराकर तुझे शान्ति दूँ? क्योंकि तेरा दुःख समुद्र सा अपार है; तुझे कौन चंगा कर सकता है?
14 তোমার ভাববাদীদের দর্শনগুলি মিথ্যা ও অসার ছিল; নির্বাসন থেকে তোমাকে মুক্ত করার জন্য তারা তোমার পাপকে প্রকাশ করেনি। যে প্রত্যাদেশ তারা তোমাকে দিয়েছিল, সেগুলি ছিল মিথ্যা ও ভ্রান্ত পথ-নির্দশক।
१४तेरे भविष्यद्वक्ताओं ने दर्शन का दावा करके तुझ से व्यर्थ और मूर्खता की बातें कही हैं; उन्होंने तेरा अधर्म प्रगट नहीं किया, नहीं तो तेरी बँधुआई न होने पाती; परन्तु उन्होंने तुझे व्यर्थ के और झूठे वचन बताए। जो तेरे लिये देश से निकाल दिए जाने का कारण हुए।
15 যারাই তোমার পাশ দিয়ে যায়, তারাই তোমাকে দেখে হাততালি দেয়; তারা জেরুশালেম-কন্যাকে টিটকিরি দেয় ও মাথা নেড়ে বলে: “এই কি সেই নগর, যাকে বলা হত ‘পরম সৌন্দর্যের স্থান,’ ও ‘সমস্ত পৃথিবীর আনন্দস্থল’?”
१५सब बटोही तुझ पर ताली बजाते हैं; वे यरूशलेम की पुत्री पर यह कहकर ताली बजाते और सिर हिलाते हैं, क्या यह वही नगरी है जिसे परम सुन्दरी और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण कहते थे?
16 তোমার সব শত্রু তোমার বিপক্ষে মুখ খুলে বড়ো হাঁ করে; তারা টিটকিরি দেয় ও দাঁতে দাঁত ঘষে, আর বলে, “আমরা ওকে গিলে ফেলেছি। এই দিনটির জন্যই আমরা এতদিন অপেক্ষা করছিলাম; এটি দেখার জন্যই আমরা বেঁচেছিলাম।”
१६तेरे सब शत्रुओं ने तुझ पर मुँह पसारा है, वे ताली बजाते और दाँत पीसते हैं, वे कहते हैं, हम उसे निगल गए हैं! जिस दिन की बाट हम जोहते थे, वह यही है, वह हमको मिल गया, हम उसको देख चुके हैं!
17 সদাপ্রভু তাঁর পরিকল্পনা অনুযায়ী কাজ করেছেন; তিনি তাঁর কথা রেখেছেন, যে কথা তিনি বহুপূর্বে ঘোষণা করেছিলেন। তিনি মমতা না করে তোমাকে নিপাত করেছেন, তিনি শত্রুকে তোমার বিরুদ্ধে আনন্দ করতে দিয়েছেন, তিনি তোমার বিপক্ষের শৃঙ্গকে উন্নত করেছেন।
१७यहोवा ने जो कुछ ठाना था वही किया भी है, जो वचन वह प्राचीनकाल से कहता आया है वही उसने पूरा भी किया है; उसने निष्ठुरता से तुझे ढा दिया है, उसने शत्रुओं को तुझ पर आनन्दित किया, और तेरे द्रोहियों के सींग को ऊँचा किया है।
18 লোকদের হৃদয় প্রভুর কাছে কেঁদে ওঠে। হে সিয়োন-কন্যার প্রাচীর, দিনরাত তোমার চোখ দিয়ে নদীস্রোতের মতো অশ্রু বয়ে যাক; তোমার কোনও ছাড় নেই, তোমার চোখের কোনও বিশ্রাম নেই।
१८वे प्रभु की ओर तन मन से पुकारते हैं! हे सिय्योन की कुमारी की शहरपनाह, अपने आँसू रात दिन नदी के समान बहाती रह! तनिक भी विश्राम न ले, न तेरी आँख की पुतली चैन ले!
19 রাতের প্রহর শুরু হলে পর ওঠো, রাত্রিকালে কাঁদতে থাকো; প্রভুর সামনে জলের মতো তোমার হৃদয় ঢেলে দাও তাঁর উদ্দেশ্যে তোমার দু-হাত তুলে ধরো, তোমার ছেলেমেয়েদের প্রাণরক্ষার জন্য, যারা প্রত্যেকটি পথের মোড়ে ক্ষুধায় মূর্ছিত হয়।
१९रात के हर पहर के आरम्भ में उठकर चिल्लाया कर! प्रभु के सम्मुख अपने मन की बातों को धारा के समान उण्डेल! तेरे बाल-बच्चे जो हर एक सड़क के सिरे पर भूख के कारण मूर्छित हो रहे हैं, उनके प्राण के निमित्त अपने हाथ उसकी ओर फैला।
20 “হে সদাপ্রভু, তুমি দেখো ও বিবেচনা করো: তুমি এমন আচরণ আগে কার সঙ্গে করেছ? যে নারীরা তাদের ছেলেমেয়েদের জন্ম দিয়েছে, তাদের সন্তানদের প্রতিপালন করেছে, তারা কি তাদের মাংস খাবে? প্রভুর ধর্মধামের ভিতরে কি যাজক ও ভাববাদীদের হত্যা করা হবে?
२०हे यहोवा दृष्टि कर, और ध्यान से देख कि तूने यह सब दुःख किसको दिया है? क्या स्त्रियाँ अपना फल अर्थात् अपनी गोद के बच्चों को खा डालें? हे प्रभु, क्या याजक और भविष्यद्वक्ता तेरे पवित्रस्थान में घात किए जाएँ?
21 “পথে পথে ধুলোর মধ্যে যুবক ও বৃদ্ধ সকলেই লুটিয়ে পড়ে আছে; আমার যুবকেরা ও কুমারী-কন্যারা তরোয়ালের আঘাতে ভূপাতিত হয়েছে। তোমার ক্রোধের দিনে তুমি তাদের বধ করেছ; কোনো মমতা ছাড়াই তুমি তাদের কেটে ফেলেছ।
२१सड़कों में लड़के और बूढ़े दोनों भूमि पर पड़े हैं; मेरी कुमारियाँ और जवान लोग तलवार से गिर गए हैं; तूने कोप करने के दिन उन्हें घात किया; तूने निष्ठुरता के साथ उनका वध किया है।
22 “উৎসবের দিনে তুমি যেভাবে লোকদের আহ্বান করো, ঠিক তেমনই তুমি আমার জন্য চারদিক থেকে ত্রাসকে আহ্বান করেছ। সদাপ্রভুর ক্রোধের দিনে কেউই পালাতে বা বেঁচে থাকতে পারেনি; যাদের আমি প্রতিপালন ও যত্ন করেছি, আমার শত্রু তাদের সংহার করেছে।”
२२तूने मेरे भय के कारणों को नियत पर्व की भीड़ के समान चारों ओर से बुलाया है; और यहोवा के कोप के दिन न तो कोई भाग निकला और न कोई बच रहा है; जिनको मैंने गोद में लिया और पाल-पोसकर बढ़ाया था, मेरे शत्रु ने उनका अन्त कर डाला है।

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