< যিহোশূয়ের বই 21 >
1 লেবীয়দের পিতৃকুলপতিরা যাজক ইলীয়াসর, নূনের ছেলে যিহোশূয় ও ইস্রায়েলী অন্যান্য গোষ্ঠীপ্রধানদের কাছে এলেন।
१तब लेवियों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुष एलीआजर याजक, और नून के पुत्र यहोशू, और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों के पास आकर
2 তাঁরা কনান দেশের শীলোতে তাঁদের বললেন, “সদাপ্রভু মোশির মাধ্যমে আদেশ দিয়েছিলেন যে, আপনি আমাদের বসবাস করার জন্য নগর ও আমাদের পশুপালের জন্য চারণভূমি দেবেন।”
२कनान देश के शीलो नगर में कहने लगे, “यहोवा ने मूसा के द्वारा हमें बसने के लिये नगर, और हमारे पशुओं के लिये उन्हीं नगरों की चराइयाँ भी देने की आज्ञा दी थी।”
3 তাই, সদাপ্রভুর আদেশানুসারে, ইস্রায়েলীরা তাদের উত্তরাধিকার থেকে এই সমস্ত নগর ও চারণভূমি লেবীয়দের দান করল:
३तब इस्राएलियों ने यहोवा के कहने के अनुसार अपने-अपने भाग में से लेवियों को चराइयों समेत ये नगर दिए।
4 প্রথম গুটিকাপাতের দানটি তাদের বংশানুসারে উঠল কহাতীয় গোষ্ঠীর নামে। লেবীয়েরা ছিল যাজক হারোণের বংশধর। তাদের যিহূদা, শিমিয়োন ও বিন্যামীন গোষ্ঠীর বংশধরদের থেকে তেরোটি নগর দেওয়া হল।
४तब कहातियों के कुलों के नाम पर चिट्ठी निकली। इसलिए लेवियों में से हारून याजक के वंश को यहूदी, शिमोन, और बिन्यामीन के गोत्रों के भागों में से तेरह नगर मिले।
5 কহাতের অবশিষ্ট বংশধরদের জন্য ইফ্রয়িম, দান ও মনঃশির অর্ধ গোষ্ঠীর বংশধরদের থেকে দশটি নগর দেওয়া হল।
५बाकी कहातियों को एप्रैम के गोत्र के कुलों, और दान के गोत्र, और मनश्शे के आधे गोत्र के भागों में से चिट्ठी डाल डालकर दस नगर दिए गए।
6 গের্শোনের বংশধরদের দেওয়া হল তেরোটি নগর। তারা ইষাখর, আশের, নপ্তালি ও বাশনের মনঃশির অর্ধ গোষ্ঠীর বংশধরদের কাছ থেকে এই নগরগুলি পেল।
६और गेर्शोनियों को इस्साकार के गोत्र के कुलों, और आशेर, और नप्ताली के गोत्रों के भागों में से, और मनश्शे के उस आधे गोत्र के भागों में से भी जो बाशान में था चिट्ठी डाल डालकर तेरह नगर दिए गए।
7 মরারির বংশধরেরা রূবেণ, গাদ ও সবূলূন গোষ্ঠী থেকে বংশ অনুসারে বারোটি নগর পেল।
७कुलों के अनुसार मरारियों को रूबेन, गाद, और जबूलून के गोत्रों के भागों में से बारह नगर दिए गए।
8 এইভাবে ইস্রায়েলীরা চারণভূমিসহ এই সমস্ত নগর লেবীয়দের দিল, যেমন সদাপ্রভু মোশির মাধ্যমে আদেশ দিয়েছিলেন।
८जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने लेवियों को चराइयों समेत ये नगर चिट्ठी डाल डालकर दिए।
9 যিহূদা ও শিমিয়োন গোষ্ঠী থেকে তারা এই নামবিশিষ্ট নগরগুলি বরাদ্দ করল।
९उन्होंने यहूदियों और शिमोनियों के गोत्रों के भागों में से ये नगर जिनके नाम लिखे हैं दिए;
10 এই নগরগুলি হারোণের সেই বংশধরদের দেওয়া হল, যারা ছিল লেবীয় গোষ্ঠীভুক্ত কহাতীয় গোত্র, যেহেতু প্রথম গুটিকাপাতের দান তাদের নামেই উঠেছিল:
१०ये नगर लेवीय कहाती कुलों में से हारून के वंश के लिये थे; क्योंकि पहली चिट्ठी उन्हीं के नाम पर निकली थी।
11 যিহূদার পার্বত্য প্রদেশে তারা চারণভূমিসহ তাদের কিরিয়ৎ-অর্ব (অর্থাৎ, হিব্রোণ) নগরটি দিল। (অর্ব ছিল অনাকীয়দের পূর্বপুরুষ)
११अर्थात् उन्होंने उनको यहूदा के पहाड़ी देश में चारों ओर की चराइयों समेत किर्यतअर्बा नगर दे दिया, जो अनाक के पिता अर्बा के नाम पर कहलाया और हेब्रोन भी कहलाता है।
12 কিন্তু ওই নগরের মাঠগুলি ও চারপাশের সব গ্রাম তারা উত্তরাধিকারস্বরূপ যিফূন্নির ছেলে কালেবকে দিয়েছিল।
१२परन्तु उस नगर के खेत और उसके गाँव उन्होंने यपुन्ने के पुत्र कालेब को उसकी निज भूमि करके दे दिए।
13 এভাবে তারা যাজক হারোণের বংশধরদের দিল চারণভূমিসহ হিব্রোণ (নগরটি ছিল নরহত্যার দায়ে অভিযুক্তের জন্য আশ্রয়-নগর), লিব্না,
१३तब उन्होंने हारून याजक के वंश को चराइयों समेत खूनी के शरणनगर हेब्रोन, और अपनी-अपनी चराइयों समेत लिब्ना,
16 ঐন্, যুটা ও বেত-শেমশ—এই দুই গোষ্ঠী থেকে নয়টি নগর দেওয়া হল।
१६युत्ता और बेतशेमेश दिए; इस प्रकार उन दोनों गोत्रों के भागों में से नौ नगर दिए गए।
17 আর বিন্যামীন গোষ্ঠী থেকে তারা দিল: চারণভূমিসহ গিবিয়োন, গেবা,
१७और बिन्यामीन के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत ये चार नगर दिए गए, अर्थात् गिबोन, गेबा,
18 অনাথোৎ ও অল্মোন—এই চারটি নগর।
१८अनातोत और अल्मोन।
19 চারণভূমিসহ মোট তেরোটি নগর হারোণের বংশধর যাজকদের অধিকার হল।
१९इस प्रकार हारूनवंशी याजकों को तेरह नगर और उनकी चराइयाँ मिलीं।
20 লেবীয় গোষ্ঠীভুক্ত কহাতীয় গোত্রের অবশিষ্টদের জন্য ইফ্রয়িম গোষ্ঠী থেকে নগর বরাদ্দ করা হল:
२०फिर बाकी कहाती लेवियों के कुलों के भाग के नगर चिट्ठी डाल डालकर एप्रैम के गोत्र के भाग में से दिए गए।
21 ইফ্রয়িমের পার্বত্য প্রদেশে তাদের দেওয়া হল: চারণভূমিসহ শিখিম (নরহত্যার দায়ে অভিযুক্তের জন্য একটি আশ্রয়-নগর) ও গেষর,
२१अर्थात् उनको चराइयों समेत एप्रैम के पहाड़ी देश में खूनी के शरण लेने का शेकेम नगर दिया गया, फिर अपनी-अपनी चराइयों समेत गेजेर,
22 কিবসয়িম ও বেথ-হোরোণ—মোট চারটি নগর।
२२किबसैम, और बेथोरोन; ये चार नगर दिए गए।
23 সেই সঙ্গে দান গোষ্ঠী থেকে তারা পেল: চারণভূমিসহ ইল্তকী, গিব্বথোন,
२३और दान के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत, एलतके, गिब्बतोन,
24 অয়ালোন ও গাৎ-রিম্মোণ—এই চারটি নগর।
२४अय्यालोन, और गत्रिम्मोन; ये चार नगर दिए गए।
25 মনঃশির অর্ধ গোষ্ঠী থেকে তারা পেল: চারণভূমিসহ তানক ও গাৎ-রিম্মোণ—এই দুটি নগর।
२५और मनश्शे के आधे गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत तानाक और गत्रिम्मोन; ये दो नगर दिए गए।
26 চারণভূমিসহ এই দশটি নগর কহাতীয়দের অবশিষ্ট গোত্রদের দেওয়া হল।
२६इस प्रकार बाकी कहातियों के कुलों के सब नगर चराइयों समेत दस ठहरे।
27 লেবীয় গোষ্ঠীভুক্ত গের্শোনীয় গোত্রকে এই নগরগুলি দেওয়া হল: মনঃশির অর্ধ গোষ্ঠী থেকে: চারণভূমিসহ বাশনের গোলন (নরহত্যার দায়ে অভিযুক্তের জন্য একটি আশ্রয়-নগর) ও বে-এস্তেরা—এই দুটি নগর;
२७फिर लेवियों के कुलों में के गेर्शोनियों को मनश्शे के आधे गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत खूनी के शरणनगर बाशान का गोलन और बेशतरा; ये दो नगर दिए गए।
28 ইষাখর গোষ্ঠী থেকে দেওয়া হল: চারণভূমিসহ কিশিয়োন, দাবরৎ,
२८और इस्साकार के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत किश्योन, दाबरात,
29 যর্মুৎ ও ঐন-গন্নীম—এই চারটি নগর;
२९यर्मूत, और एनगन्नीम; ये चार नगर दिए गए।
30 আশের গোষ্ঠী থেকে দেওয়া হল: চারণভূমিসহ মিশাল, আব্দোন,
३०और आशेर के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत मिशाल, अब्दोन,
31 হিল্কৎ ও রাহব—এই চারটি নগর;
३१हेल्कात, और रहोब; ये चार नगर दिए गए।
32 নপ্তালি গোষ্ঠী থেকে দেওয়া হল: চারণভূমিসহ গালীলের কেদশ (নরহত্যার দায়ে অভিযুক্তের জন্য একটি আশ্রয়-নগর), হম্মোৎ-দোর ও কর্তন—এই তিনটি নগর।
३२और नप्ताली के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत खूनी के शरणनगर गलील का केदेश, फिर हम्मोतदोर, और कर्तान; ये तीन नगर दिए गए।
33 গের্শোনীয় গোত্রদের জন্য ছিল চারণভূমিসহ মোট তেরোটি নগর।
३३गेर्शोनियों के कुलों के अनुसार उनके सब नगर अपनी-अपनी चराइयों समेत तेरह ठहरे।
34 (অবশিষ্ট লেবীয় গোষ্ঠীর মধ্যে) মরারীয় গোষ্ঠীকে দেওয়া হল: সবূলূন গোষ্ঠী থেকে: চারণভূমিসহ যক্নিয়াম, কার্তা,
३४फिर बाकी लेवियों, अर्थात् मरारियों के कुलों को जबूलून के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत योकनाम, कर्ता,
35 দিম্না ও নহলাল—এই চারটি নগর;
३५दिम्ना, और नहलाल; ये चार नगर दिए गए।
36 রূবেণ গোষ্ঠী থেকে: চারণভূমিসহ বেৎসর, যহস,
३६और रूबेन के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत बेसेर, यहस,
37 কদেমোৎ ও মেফাৎ—এই চারটি নগর;
३७कदेमोत, और मेपात; ये चार नगर दिए गए।
38 গাদ গোষ্ঠী থেকে: চারণভূমিসহ গিলিয়দের রামোৎ (নরহত্যার দায়ে অভিযুক্তের জন্য একটি আশ্রয়-নগর), মহনয়িম,
३८और गाद के गोत्र के भाग में से अपनी-अपनी चराइयों समेत खूनी के शरणनगर गिलाद में का रामोत, फिर महनैम,
39 হিষ্বোন ও যাসের—মোট এই চারটি নগর।
३९हेशबोन, और याजेर, जो सब मिलाकर चार नगर हैं दिए गए।
40 লেবীয় গোষ্ঠীভুক্ত অবশিষ্ট মরারীয় গোত্রগুলির জন্য বণ্টন করা হল এই বারোটি নগর।
४०लेवियों के बाकी कुलों अर्थात् मरारियों के कुलों के अनुसार उनके सब नगर ये ही ठहरे, इस प्रकार उनको बारह नगर चिट्ठी डाल डालकर दिए गए।
41 ইস্রায়েলীদের দখলীকৃত এলাকা থেকে লেবীয়দের জন্য নির্দিষ্ট চারণভূমিসহ নগরগুলির সংখ্যা মোট আটচল্লিশটি।
४१इस्राएलियों की निज भूमि के बीच लेवियों के सब नगर अपनी-अपनी चराइयों समेत अड़तालीस ठहरे।
42 এসব নগরের চারপাশে ছিল চারণভূমি। সমস্ত নগরের ক্ষেত্রেই একথা সত্যি ছিল।
४२ये सब नगर अपने-अपने चारों ओर की चराइयों के साथ ठहरे; इन सब नगरों की यही दशा थी।
43 এভাবে সদাপ্রভু ইস্রায়েলের পূর্বপুরুষদের কাছে যে দেশ দেওয়ার প্রতিশ্রুতি দিয়েছিলেন, তা তাদের দিলেন ও তারা ওই দেশের দখল নিয়ে সেখানে বসতি স্থাপন করল।
४३इस प्रकार यहोवा ने इस्राएलियों को वह सारा देश दिया, जिसे उसने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था; और वे उसके अधिकारी होकर उसमें बस गए।
44 সদাপ্রভু চারদিক থেকে তাদের বিশ্রাম দিলেন, যেমন তিনি তাদের পূর্বপুরুষদের কাছে শপথ করেছিলেন। তাদের কোনও শত্রু তাদের সামনে দাঁড়াতে পারল না। সদাপ্রভু তাদের সব শত্রুকে তাদের হাতে সমর্পণ করলেন।
४४और यहोवा ने उन सब बातों के अनुसार, जो उसने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर कही थीं, उन्हें चारों ओर से विश्राम दिया; और उनके शत्रुओं में से कोई भी उनके सामने टिक न सका; यहोवा ने उन सभी को उनके वश में कर दिया।
45 ইস্রায়েল কুলকে সদাপ্রভুর দেওয়া সমস্ত সুন্দর প্রতিশ্রুতির মধ্যে একটিও ব্যর্থ হয়নি; সব প্রতিশ্রুতিই পূর্ণ হল।
४५जितनी भलाई की बातें यहोवा ने इस्राएल के घराने से कही थीं उनमें से कोई भी बात न छूटी; सब की सब पूरी हुईं।