< প্রথম রাজাবলি 2 >

1 যখন দাউদের মৃত্যুর সময়কাল ঘনিয়ে এসেছিল, তাঁর ছেলে শলোমনকে তিনি তখন কিছু নির্দেশ দিলেন।
और दाऊद के मरने के दिन नज़दीकआए, तब उसने अपने बेटे सुलेमान को वसीय्यत की और कहा कि,
2 “পৃথিবীতে সবাই যে পথে যায়, আমিও সেই পথেই যাচ্ছি,” তিনি বললেন। “তাই বলবান হও, একজন পুরুষের মতো আচরণ করো,
“मैं उसी रास्ते जाने वाला हूँ जो सारे जहान का है; इसलिए तू मज़बूत हो और मर्दानगी दिखा।
3 এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যা চান, তা লক্ষ্য করো: তাঁর প্রতি বাধ্য হয়ে চলো, আর মোশির বিধানে তাঁর যে হুকুম ও আদেশ, তাঁর বিধান ও বিধিনিয়ম লেখা আছে, তা পালন করো। এরকমটি করো, যেন তুমি যা যা করো ও যেখানে যেখানে যাও, সবেতেই সফল হতে পারো
और जो मूसा की शरी'अत में लिखा है, उसके मुताबिक़ ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की हिदायत को मानकर उसके रास्तों पर चल; और उसके क़ानून पर और उसके फ़रमानों और हुक्मों और शहादतों पर 'अमल कर, ताकि जो कुछ तू करे और जहाँ कहीं तू जाए, सब में तुझे कामयाबी हो,
4 এবং সদাপ্রভু যেন আমার কাছে করা তাঁর সেই প্রতিজ্ঞাটি রক্ষা করতে পারেন: ‘যদি তোমার বংশধররা তাদের জীবনযাপনের প্রতি লক্ষ্য রাখতে পারে, ও যদি তারা আমার সামনে তাদের সমস্ত মনপ্রাণ দিয়ে বিশ্বস্ততাপূর্বক চলে, তবে ইস্রায়েলের সিংহাসনে বসার জন্য তোমার কোনও উত্তরাধিকারীর অভাব হবে না।’
और ख़ुदावन्द अपनी उस बात को क़ाईम रख्खे, जो उसने मेरे हक़ में कही कि, 'अगर तेरी औलाद अपने रास्ते की हिफ़ाज़त करके अपने सारे दिल और अपनी सारी जान से मेरे सामने सच्चाई से चले, तो इस्राईल के तख़्त पर तेरे यहाँ आदमी की कमी न होगी।
5 “এখন তুমি নিজেই তো জানো সরূয়ার ছেলে যোয়াব আমার প্রতি কী করল—ইস্রায়েলী সৈন্যদলের দুই সেনাপতি, নেরের ছেলে অবনের ও যেথরের ছেলে অমাসার প্রতি সে কী করল। সে তাদের হত্যা করল, শান্তির সময়েও সে এমনভাবে তাদের রক্তপাত করল, যেন মনে হয় যুদ্ধেই তা হয়েছে, এবং সেই রক্তে সে তার কোমরের কোমরবন্ধ ও পায়ের চটিজুতো রাঙিয়ে নিয়েছিল।
“और तू ख़ुद जानता है कि ज़रोयाह के बेटे योआब ने मुझ से क्या — क्या किया, या'नी उसने इस्राईली लश्कर के दो सरदारों, नेर के बेटे अबनेर और यतर के बेटे 'अमासा से क्या किया, जिनको उसने क़त्ल किया और सुलह के वक़्त ख़ून — ए — जंग बहाया, और ख़ून — ए — जंग को अपने पटके पर जो उसकी कमर में बंधा था और अपनी जूतियों पर जो उसके पाँवों में थी लगाया।
6 তোমার প্রজ্ঞা অনুসারেই তার মোকাবিলা কোরো, কিন্তু পাকাচুলে তাকে শান্তিতে কবরে যেতে দিয়ো না। (Sheol h7585)
इसलिए तू अपनी हिकमत से काम लेना और उसके सफ़ेद सर को क़ब्र में सलामत उतरने न देना। (Sheol h7585)
7 “কিন্তু গিলিয়দীয় বর্সিল্লয়ের ছেলেদের প্রতি দয়া দেখিয়ো এবং তারা যেন সেইসব লোকজনের মধ্যেই থাকে, যারা তোমার টেবিলে বসে ভোজনপান করবে। আমি যখন তোমার দাদা অবশালোমের কাছ থেকে পালিয়ে গেলাম, তখন তারাই আমার পাশে দাঁড়িয়েছিল।
लेकिन बरज़िली जिल'आदी के बेटों पर महेरबानी करना, और वह उनमें शामिल हों जो तेरे दस्तरख़्वान पर खाना खाया करेंगे, क्यूँकि वह ऐसा ही करने को मेरे पास आए जब मैं तेरे भाई अबीसलोम की वजह से भागा था।
8 “আরও মনে রেখো, তোমার কাছে বহুরীমের অধিবাসী গেরার ছেলে বিন্যামীনীয় শিমিয়ি আছে। যেদিন আমি মহনয়িমে গেলাম, সেদিন সে আমাকে সাংঘাতিক অভিশাপ দিয়েছিল। সে যখন জর্ডন নদীর পারে আমার সঙ্গে দেখা করতে এসেছিল, আমি সদাপ্রভুর নামে শপথ করে তাকে বললাম: ‘আমি তরোয়ালের আঘাতে তোমাকে হত্যা করব না।’
और देख, बिनयमीनी जीरा का बेटा बहूरीमी सिम'ई तेरे साथ है, जिसने उस दिन जब कि मैं महनायम को जाता था बहुत बुरी तरह मुझ पर ला'नत की, लेकिन वह यरदन पर मुझ से मिलने को आया, और मैंने ख़ुदावन्द की क़सम खाकर उससे कहा कि “मैं तुझे तलवार से क़त्ल नहीं करूँगा।
9 কিন্তু এখন, তাকে আর নির্দোষ বলে মনে কোরো না। তুমি একজন বিচক্ষণ লোক; তুমি জেনে নিয়ো, তার প্রতি কী করতে হবে। রক্তশুদ্ধ পাকাচুলে তাকে কবরে পাঠিয়ো।” (Sheol h7585)
तब तू उसको बेगुनाह न ठहराना, क्यूँकि तू ''अक़्लमन्द आदमी है और तू जानता है कि तुझे उसके साथ क्या करना चाहिए, इसलिए तू उसका सफ़ेद सर लहू लुहान करके क़ब्र में उतारना।” (Sheol h7585)
10 পরে দাউদ তাঁর পূর্বপুরুষদের সঙ্গে চিরবিশ্রামে শায়িত হলেন এবং তাঁকে দাউদ-নগরে কবর দেওয়া হল।
और दाऊद अपने बाप — दादा के साथ सो गया और दाऊद के शहर में दफ़्न हुआ।
11 তিনি ইস্রায়েলে চল্লিশ বছর—সাত বছর হিব্রোণে ও তেত্রিশ বছর জেরুশালেমে—রাজত্ব করলেন।
और कुल मुद्दत जिसमें दाऊद ने इस्राईल पर हुकूमत की चालीस साल की थी; सात साल तो उसने हबरून में हुकूमत की, और सैंतीस साल येरूशलेम में।
12 অতএব শলোমন তাঁর বাবা দাউদের সিংহাসনে বসেছিলেন, ও তাঁর শাসনকাল স্থিতিশীল হল।
और सुलेमान अपने बाप दाऊद के तख़्त पर बैठा और उसकी हुकूमत बहुत ही मज़्बूत हुई।
13 এদিকে হগীতের ছেলে আদোনিয় শলোমনের মা বৎশেবার কাছে গেল। বৎশেবা তাকে জিজ্ঞাসা করলেন, “তুমি কি শান্তিপূর্ণভাবে এসেছ?” সে উত্তর দিয়েছিল, “হ্যাঁ, শান্তিপূর্ণভাবেই এসেছি।”
तब हज्जीत का बेटा अदूनियाह, सुलेमान की माँ बतसबा' के पास आया; उसने पूछा, “तू सुलह के ख़्याल से आया है?” उसने कहा, “सुलह के ख़्याल से।”
14 সে আরও বলল, “আপনাকে আমার কিছু বলার আছে।” “তুমি বলতে পারো,” তিনি উত্তর দিলেন।
फिर उसने कहा, “मुझे तुझ से कुछ कहना है।” उसने कहा, “कह।”
15 “আপনি তো জানেনই,” সে বলল, “রাজ্যটি আমারই ছিল। ইস্রায়েলে সবাই আমাকেই তাদের রাজারূপে দেখতে চেয়েছিল। কিন্তু পরে পরিস্থিতি বদলে গেল, ও রাজ্যটি আমার ভাইয়ের হাতে চলে গিয়েছে; কারণ সদাপ্রভুর দিক থেকেই এটি তার কাছে এসেছে।
उसने कहा, “तू जानती है कि हुकूमत मेरी थी, और सब इस्राईली मेरी तरफ़ मुतवज्जिह थे कि मैं हुकूमत करूँ, लेकिन हुकूमत पलट गई और मेरे भाई की हो गई, क्यूँकि ख़ुदावन्द की तरफ़ से यह उसी की थी।
16 এখন আমি আপনার কাছে একটি অনুরোধ রাখছি। আমাকে প্রত্যাখ্যান করবেন না।” “তুমি বলতে পারো,” তিনি বললেন।
इसलिए मेरी तुझ से एक दरख़्वास्त है, नामंजूर न कर।” उसने कहा, “बयान कर।”
17 অতএব সে বলে গেল, “দয়া করে রাজা শলোমনকে বলুন—তিনি আপনার কথা অগ্রাহ্য করবেন না—তিনি যেন আমার স্ত্রী হওয়ার জন্য শূনেমীয়া অবীশগকে আমার হাতে তুলে দেন।”
उसने कहा, “ज़रा सुलेमान बादशाह से कह, क्यूँकि वह तेरी बात को नहीं टालेगा, कि अबीशाग शून्मीत को मुझे ब्याह दे।”
18 “ঠিক আছে,” বৎশেবা উত্তর দিলেন, “আমি তোমার হয়ে রাজার সঙ্গে কথা বলব।”
बतसबा' ने कहा, “अच्छा, मैं तेरे लिए बादशाह से 'दरख़्वास्त करूँगी।”
19 বৎশেবা যখন আদোনিয়ের হয়ে কথা বলার জন্য রাজা শলোমনের কাছে গেলেন, তাঁর সঙ্গে দেখা করার জন্য রাজা উঠে দাঁড়িয়েছিলেন, তাঁকে প্রণাম করলেন ও নিজের সিংহাসনে বসে পড়েছিলেন। তিনি রাজমাতার জন্য একটি সিংহাসন আনিয়েছিলেন, ও বৎশেবা তাঁর ডানদিকে গিয়ে বসেছিলেন।
तब बतसबा' सुलेमान बादशाह के पास गई, ताकि उससे अदूनियाह के लिए 'दरख़्वास्त करे। बादशाह उसके इस्तक़बाल के वास्ते उठा और उसके सामने झुका, फिर अपने तख़्त पर बैठा; और उसने बादशाह की माँ के लिए एक तख़्त लगवाया, तब वह उसके दहने हाथ बैठी;
20 “তোমার কাছে আমার একটি ছোটো অনুরোধ জানানোর আছে,” তিনি বললেন। “আমাকে প্রত্যাখ্যান কোরো না।” রাজা উত্তর দিলেন, “মা, বলে ফেলো; আমি তোমাকে প্রত্যাখ্যান করব না।”
और कहने लगी, “मेरी तुझ से एक छोटी सी दरख़्वास्त है; तू मुझ से इन्कार न करना।” बादशाह ने उससे कहा, “ऐ मेरी माँ, इरशाद फ़रमा; मुझे तुझ से इन्कार न होगा।”
21 অতএব বৎশেবা বললেন, “তোমার দাদা আদোনিয়ের সঙ্গে শূনেমীয়া অবীশগের বিয়ে দিয়ে দাও।”
उसने कहा, “अबीशाग शून्मीत तेरे भाई अदूनियाह को ब्याह दी जाए।”
22 রাজা শলোমন তাঁর মাকে উত্তর দিলেন, “আদোনিয়ের জন্য তুমি কেন শূনেমীয়া অবীশগকে চাইছ? তুমি তো তার জন্য রাজ্যটিও চাইতে পারো—যাই হোক না কেন, সে তো আমার বড়ো দাদা—হ্যাঁ, তার ও যাজক অবিয়াথর ও সরূয়ার ছেলে যোয়াবের জন্যও তো চাইতে পারো!”
सुलेमान बादशाह ने अपनी माँ को जवाब दिया, “तू अबीशाग शून्मीत ही को अदूनियाह के लिए क्यूँ माँगती है? उसके लिए हुकूमत भी माँग, क्यूँकि वह तो मेरा बड़ा भाई है; बल्कि उसके लिए क्या, अबीयातर काहिन और ज़रोयाह के बेटे योआब के लिए भी माँग।”
23 পরে রাজা শলোমন সদাপ্রভুর নামে দিব্যি করে বললেন: “এই অনুরোধ জানানোর জন্য আদোনিয়কে যদি তার প্রাণ হারাতে না হয়, তবে যেন ঈশ্বর আমাকে কঠোর থেকে কঠোরতর দণ্ড দেন!
तब सुलेमान बादशाह ने ख़ुदावन्द की क़सम खाई और कहा कि “अगर अदूनियाह ने यह बात अपनी ही जान के ख़िलाफ़ नहीं कही, तो ख़ुदा मुझ से ऐसा ही, बल्कि इससे भी ज़्यादा करे।
24 আর এখন, সেই জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি—যিনি আমাকে পাকাপাকিভাবে আমার বাবা দাউদের সিংহাসনে বসিয়েছেন এবং তাঁর প্রতিজ্ঞানুসারে এক সাম্রাজ্য স্থাপন করেছেন—আজই আদোনিয়কে মেরে ফেলা হবে!”
इसलिए अब ख़ुदावन्द की हयात की क़सम जिसने मुझ को क़याम बख़्शा, और मुझ को मेरे बाप दाऊद के तख़्त पर बिठाया, और मेरे लिए अपने वा'दे के मुताबिक़ एक घर बनाया, यक़ीनन अदूनियाह आज ही क़त्ल किया जाएगा।”
25 অতএব রাজা শলোমন যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে আদেশ দিলেন, ও তিনি আদোনিয়কে আঘাত করলেন ও সে মারা গেল।
और सुलेमान बादशाह ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को भेजा: उसने उस पर ऐसा वार किया कि वह मर गया।
26 যাজক অবিয়াথরকে রাজা বললেন, “আপনি অনাথোতে আপনার ক্ষেতে ফিরে যান। আপনি মরারই যোগ্য, তবে এখন আমি আপনাকে মারছি না, কারণ আমার বাবা দাউদের কাছে থেকে আপনি সার্বভৌম সদাপ্রভুর নিয়ম-সিন্দুকটি বহন করলেন এবং আমার বাবার সব কষ্টের সাথী হলেন।”
फिर बादशाह ने अबीयातर काहिन से कहा, “तू अनतोत को अपने खेतों में चला जा क्यूँकि तू क़त्ल के लायक़ है, लेकिन मैं इस वक़्त तुझ को क़त्ल नहीं करता क्यूँकि तू मेरे बाप दाऊद के सामने ख़ुदावन्द यहोवाह का सन्दूक़ उठाया करता था; और जो जो मुसीबत मेरे बाप पर आई वह तुझ पर भी आई।”
27 অতএব শীলোতে এলির বংশের বিষয়ে সদাপ্রভু যা বলেছিলেন, তা সত্য প্রমাণিত করে শলোমন অবিয়াথরকে যাজক পদ থেকে সরিয়ে দিলেন।
तब सुलेमान ने अबीयातर को ख़ुदावन्द के काहिन के उहदे से बरतरफ़ किया, ताकि वह ख़ुदावन्द के उस क़ौल को पूरा करे जो उसने शीलोह में एली के घराने के हक़ में कहा था।
28 এই খবরটি যখন সেই যোয়াবের কাছে পৌঁছেছিল, যিনি অবশালোমের সঙ্গে ষড়যন্ত্রে শামিল না হলেও আদোনিয়ের সঙ্গে ষড়যন্ত্রে শামিল হলেন, তখন তিনি সদাপ্রভুর আবাস তাঁবুতে পালিয়ে গিয়ে যজ্ঞবেদির শিংগুলি আঁকড়ে জড়িয়ে ধরলেন।
और यह ख़बर योआब तक पहुँची: क्यूँकि योआब अदूनियाह का तो पैरोकार हो गया था, अगर्चे वह अबीसलोम का पैरोकार नहीं हुआ था। इसलिए योआब ख़ुदावन्द के ख़ेमे को भाग गया, और मज़बह के सींग पकड़ लिए।
29 রাজা শলোমনকে বলা হল যে যোয়াব সদাপ্রভুর আবাস তাঁবুতে পালিয়ে গিয়েছেন ও যজ্ঞবেদির পাশেই আছেন। তখন শলোমন যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে আদেশ দিলেন, “যাও, তাঁকে গিয়ে আঘাত করো!”
और सुलेमान बादशाह को ख़बर हुई, “योआब ख़ुदावन्द के ख़ैमे को भाग गया है; और देख, वह मज़बह के पास है।” तब सुलेमान ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को यह कहकर भेजा कि, “जाकर उस पर वार कर।”
30 অতএব বনায় সদাপ্রভুর আবাস তাঁবুতে ঢুকে যোয়াবকে বললেন, “রাজামশাই বলছেন, ‘বেরিয়ে আসুন!’” কিন্তু তিনি উত্তর দিলেন, “তা হবে না, আমি এখানেই মরব।” বনায় রাজাকে খবর দিলেন, “যোয়াব এভাবেই আমার কথার উত্তর দিয়েছেন।”
तब बिनायाह ख़ुदावन्द के ख़ैमे को गया, और उसने उससे कहा, “बादशाह यूँ फ़रमाता है कि तू बाहर निकल आ।” उसने कहा, “नहीं, बल्कि मैं यहीं मरूँगा।” तब बिनायाह ने लौट कर बादशाह को ख़बर दी कि “योआब ने ऐसा कहा है, और उसने मुझे ऐसा जवाब दिया।”
31 তখন রাজামশাই বনায়কে আদেশ দিলেন, “তাঁর কথামতোই কাজ করো। তাঁকে আঘাত করে মেরে কবর দিয়ে দাও, ও এভাবেই যোয়াব যে নির্দোষ রক্তপাত করলেন তার দোষ থেকে আমাকে ও আমার পরিবারকে মুক্ত করো।
तब बादशाह ने उससे कहा, “जैसा उसने कहा वैसा ही कर, और उस पर वार कर और उसे दफ़्न कर दे; ताकि तू उस ख़ून को जो योआब ने बे वजह बहाया, मुझ पर से और मेरे बाप के घर पर से दूर कर दे।
32 তিনি যে রক্তপাত করলেন, তার প্রতিফল তাঁকে সদাপ্রভুই দেবেন, কারণ আমার বাবা দাউদের অজান্তেই তিনি দুজন মানুষকে আক্রমণ করে তরোয়ালের আঘাতে তাদের মেরে ফেলেছিলেন। তারা দুজনই—নেরের ছেলে, তথা ইস্রায়েলী সৈন্যদলের সেনাপতি অবনের, এবং যেথরের ছেলে, তথা যিহূদা সৈন্যদলের সেনাপতি অমাসা—ভালো লোক ছিলেন এবং তাঁর তুলনায় বেশি সৎ ছিলেন।
और ख़ुदावन्द उसका ख़ून उल्टा उसी के सर पर लाएगा, क्यूँकि उसने दो शख़्सों पर जो उससे ज़्यादा रास्तबाज़ और अच्छे थे, या'नी नेर के बेटे अबनेर पर जो इस्राईली लश्कर का सरदार था और यतर के बेटे 'अमासा पर जो यहूदाह की फ़ौज का सरदार था, वार किया और उनको तलवार से क़त्ल किया, और मेरे बाप दाऊद को मा'लूम न था।
33 তাদের রক্তপাতের অপরাধ চিরকাল যেন যোয়াব ও তাঁর বংশধরদের মাথার উপরেই বর্তায়। কিন্তু দাউদ ও তাঁর বংশধরদের, তাঁর পরিবার ও তাঁর সিংহাসনের উপর যেন চিরকাল সদাপ্রভুর শান্তি বিরাজমান থাকে।”
इसलिए उनका ख़ून योआब के सर पर और उसकी नसल के सर पर हमेशा तक रहेगा, लेकिन दाऊद पर और उसकी नसल पर और उसके घर पर और उसके तख़्त पर हमेशा तक ख़ुदावन्द की तरफ़ से सलामती होगी।”
34 অতএব যিহোয়াদার ছেলে বনায় গিয়ে যোয়াবকে আঘাত করে তাঁকে হত্যা করলেন, এবং তাঁকে গ্রামাঞ্চলে তাঁর ঘরের উঠোনে কবর দেওয়া হল।
तब यहूयदा' का बेटा बिनायाह गया, और उसने उस पर वार करके उसे क़त्ल किया; और वह वीरान के बीच अपने ही घर में दफ़्न हुआ।
35 রাজামশাই যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে যোয়াবের স্থানে সৈন্যদলের সেনাপতি নিযুক্ত করলেন এবং অবিয়াথরের পরিবর্তে যাজক সাদোককে নিযুক্ত করলেন।
और बादशाह ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को उसकी जगह लश्कर पर मुक़र्रर किया; और सदूक़ काहिन को बादशाह ने अबीयातर की जगह रखा।
36 পরে রাজামশাই শিমিয়িকে ডেকে পাঠিয়ে তাকে বললেন, “জেরুশালেমে একটি বাড়ি তৈরি করে সেখানে গিয়ে থাকো, কিন্তু আর কোথাও যেয়ো না।
फिर बादशाह ने सिम'ई को बुला भेजा और उससे कहा कि “येरूशलेम में अपने लिए एक घर बना ले और वहीं रह, और वहाँ से कहीं न जाना;
37 যেদিন তুমি নগর ছেড়ে কিদ্রোণ উপত্যকা পার করবে, সেদিন নিশ্চিত জেনো, তুমি মরবেই মরবে; তোমার রক্তপাতের অপরাধ তোমার মাথাতেই বর্তাবে।”
क्यूँकि जिस दिन तू बाहर निकलेगा और नहर — ए — क़िद्रोन के पार जाएगा, तू यक़ीन जान ले कि तू ज़रूर मारा जाएगा, और तेरा ख़ून तेरे ही सर पर होगा।”
38 শিমিয়ি রাজাকে উত্তর দিয়েছিল, “আপনি যা বলেছেন, ভালোই বলেছেন। আমার প্রভু মহারাজ যা বলেছেন, আপনার দাস তাই করবে।” আর শিমিয়ি বেশ কিছুকাল জেরুশালেমে থেকে গেল।
और सिम'ई ने बादशाह से कहा, “यह बात अच्छी है; जैसा मेरे मालिक बादशाह ने कहा है, तेरा ख़ादिम वैसा ही करेगा।” इसलिए सिम्ई बहुत दिनों तक येरूशलेम में रहा।
39 কিন্তু তিন বছর পর শিমিয়ির দাসদের মধ্যে দুজন দাস, মাখার ছেলে তথা গাতের রাজা আখীশের কাছে পালিয়ে গেল, এবং শিমিয়িকে বলা হল, “তোমার দাসেরা গাতে আছে।”
और तीन साल के आख़िर में ऐसा हुआ कि सिम्ई के नौकरों में से दो आदमी जात के बादशाह अकीस — बिन — मा'काह के यहाँ भाग गए। और उन्होंने सिम'ई को बताया कि, “देख, तेरे नौकर जात में है।”
40 একথা শুনে সে তার গাধার পিঠে জিন চাপিয়ে, তার দাসদের খোঁজে গাতে আখীশের কাছে গেল। অতএব শিমিয়ি গিয়ে গাত থেকে তার দাসদের নিয়ে এসেছিল।
तब सिम'ई ने उठकर अपने गधे पर ज़ीन कसा, और अपने नौकरों की तलाश में जात को अकीस के पास गया; और सिम्'ई जाकर अपने नौकरों को जात से ले आया।
41 শলোমনকে যখন বলা হল যে শিমিয়ি জেরুশালেম থেকে গাতে গিয়ে আবার ফিরেও এসেছে,
और यह ख़बर सुलेमान को मिली कि सिम'ई येरूशलेम से जात को गया था और वापस आ गया है,
42 রাজামশাই শিমিয়িকে ডেকে পাঠিয়ে তাকে বললেন, “আমি কি সদাপ্রভুর নামে তোমাকে শপথ করাইনি ও সাবধান করে দিইনি, ‘যেদিন তুমি অন্য কোথাও যাওয়ার জন্য পা বাড়াবে, তুমি নিশ্চিত থেকো, তোমাকে মরতেই হবে’? সেসময় তুমি আমাকে বললে, ‘আপনি যা বলেছেন, ভালোই বলেছেন। আমি এর বাধ্য হব।’
तब बादशाह ने सिम'ई को बुला भेजा और उससे कहा, “क्या मैंने तुझे ख़ुदावन्द की क़सम न खिलाई और तुझ को बता न दिया कि, 'यक़ीन जान ले कि जिस दिन तू बाहर निकला और इधर — उधर कहीं गया, तो ज़रूर मारा जाएगा'? और तू ने मुझ से यह कहा कि जो बात मैंने सुनी, वह अच्छी है।
43 তবে কেন তুমি সদাপ্রভুর কাছে করা শপথ রক্ষা করোনি এবং আমার দেওয়া আদেশের বাধ্য হওনি?”
इसलिए तूने ख़ुदावन्द की क़सम को, और उस हुक्म को जिसकी मैंने तुझे ताकीद की, क्यूँ न माना?”
44 রাজামশাই শিমিয়িকে আরও বললেন, “আমার বাবা দাউদের প্রতি তুমি যে অন্যায় করলে তা তো তুমি বিলক্ষণ জানো। এখন সদাপ্রভুই তোমার অন্যায় কাজের প্রতিফল দেবেন।
और बादशाह ने सिम'ई से यह भी कहा, “तू उस सारी शरारत को जो तू ने मेरे बाप दाऊद से की, जिससे तेरा दिल वाकिफ़ है जानता है; इसलिए ख़ुदावन्द तेरी शरारत को उल्टा तेरे ही सर पर लाएगा।
45 কিন্তু রাজা শলোমন আশীর্বাদধন্য হবেন, এবং সদাপ্রভুর সামনে দাউদের সিংহাসন চিরকাল সুরক্ষিত থাকবে।”
लेकिन सुलेमान बादशाह मुबारक होगा, और दाऊद का तख़्त ख़ुदावन्द के सामने हमेशा क़ाईम रहेगा।”
46 পরে রাজামশাই যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে আদেশ দিলেন, এবং তিনি বাইরে গিয়ে শিমিয়িকে আঘাত করলেন ও সে মারা গেল। অতএব শলোমনের হাতে রাজ্য সুস্থির হল।
और बादशाह ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को हुक्म दिया, तब उसने बाहर जाकर उस पर ऐसा वार किया कि वह मर गया। और हुकूमत सुलेमान के हाथ में मज़बूत हो गई।

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