< নহিমিয়ের বই 9 >

1 আর ঐ মাসের চব্বিশতম দিনের ইস্রায়েলীয়েরা জড়ো হয়ে উপবাস করল, চট পরল এবং মাথায় ধূলো দিল।
इसी महीने की चौबीसवीं तारीख पर इस्राएली इकट्ठा हुए. वे उपवास कर रहे थे, वे टाट पहने हुए थे और उन्होंने अपने-अपने सिरों पर धूल भी डाल ली थी.
2 ইস্রায়েল জাতির লোকেরা অন্যান্য জাতির সমস্ত লোকদের কাছ থেকে নিজেদের আলাদা করে নিল। তারা দাঁড়িয়ে নিজেদের পাপ ও নিজেদের পূর্বপুরুষদের অন্যায় স্বীকার করল।
इस्राएलियों ने अपने आपको सभी परदेशियों से अलग कर लिया था, वे खड़े हो गए और उन्होंने वहां अपने पाप और अपने पूर्वजों के पापों को भी अंगीकार किया.
3 আর তারা নিজের নিজের জায়গায় দাঁড়িয়ে থেকেই দিনের র চার ভাগের এক ভাগ দিন তাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর ব্যবস্থার বই পড়তে থাকল, পরে দিনের র আর এক চার ভাগের এক ভাগ দিন পাপ স্বীকার ও তাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর কাছে প্রণাম করল।
जब वे अपनी-अपनी जगह पर ही खड़े थे, वे छः घंटे याहवेह, अपने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक को पढ़ते रहे और बाकी छः घंटे वे याहवेह, अपने परमेश्वर के सामने पाप अंगीकार और उनकी स्तुति करते रहे.
4 যেশূয়, বানি, কদ্‌মীয়েল, শবনিয়, বুন্নি, শেরেবিয়, বানি ও কনানী নামে লেবীয়েরা তাদের সিঁড়িতে দাঁড়িয়ে নিজেদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর কাছে চিত্কার করে ডাকলেন।
इसके बाद येशुआ, बानी, कदमिएल, शेबानियाह, बुन्‍नी, शेरेबियाह, बानी और केनानी लेवियों के लिए ठहराई गई चौकी पर खड़े हो गए और ऊंची आवाज में याहवेह, अपने परमेश्वर की दोहाई दी.
5 পরে যেশূয়, কদ্‌মীয়েল, বানি, হশব্‌নিয়, শেরেবিয়, হোদিয়, শবনিয় ও পথাহিয় এই কয়েকজন লেবীয় এই কথা বলল, “ওঠ; তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর ধন্যবাদ কর, যিনি অনাদিকাল থেকে অনন্তকাল পর্যন্ত ধন্য।” তোমার মহিমান্বিত নামের ধন্যবাদ হোক, যা সমস্ত ধন্যবাদ ও প্রশংসার উপরে।
इसके बाद लेवियों, येशुआ, कदमिएल, बानी, हशबनेइयाह, शेरेबियाह, होदियाह, शेबानियाह और पेथाइयाह ने भीड़ को आज्ञा दी: “उठो, याहवेह, अपने परमेश्वर की हमेशा स्तुति करते रहो!” “आपका महिमामय नाम धन्य कहा जाए और यह सारी प्रशंसा और स्तुति से ऊपर ही बनी रहे!
6 কেবল তুমিই সদাপ্রভু। তুমিই স্বর্গ ও স্বর্গের স্বর্গ এবং তার সমস্ত বাহিনী, পৃথিবী ও তার উপরকার সব কিছু এবং সাগর ও তার মধ্যেকার সব কিছু তৈরী করেছ। তুমিই তাদের সকলের প্রাণ দিয়েছ এবং স্বর্গের বাহিনী তোমার কাছে নত হয়।
वह याहवेह तो सिर्फ आप ही हैं. आकाशमंडल के बनानेवाले आप ही हैं. आकाशमंडल और सारे नक्षत्र, यह पृथ्वी और उस पर की सारी वस्तुएं, सागर और उनमें की सारी वस्तुएं, आपने उन सबको जीवन दिया है. आकाश की शक्तियां आपके सामने झुककर आपको दंडवत करती हैं.
7 তুমিই সদাপ্রভু ঈশ্বর। তুমি অব্রামকে বেছে নিয়ে কল্‌দীয়দের দেশ ঊর থেকে বের করে নিয়ে এসেছিলে ও তাঁর নাম রেখেছিলে অব্রাহাম
“आप ही वह याहवेह परमेश्वर हैं जिन्होंने अब्राम को चुना और उन्हें कसदियों के ऊर में से निकाला और उन्हें वह नाम अब्राहाम दिया.
8 এবং নিজের সামনে তাঁর অন্তর বিশ্বস্ত দেখে কনানীয়, হিত্তীয়, ইমোরীয়, পরিষীয়, যিবূষীয় ও গির্গাশীয়দের দেশ তাঁর বংশকে দেবার জন্য তাঁর জন্য একটা ব্যবস্থা স্থাপন করেছিলে। তুমি ন্যায়বান বলে তোমার প্রতিজ্ঞা তুমি অটল রেখেছিলে।
आपने यह जान लिया था कि उनका हृदय आपके प्रति विश्वासयोग्य है. इसलिये आपने उनके साथ वाचा बांधी कि आप उन्हें कनानियों, हित्तियों, अमोरियों, परिज्ज़ियों, यबूसियों गिर्गाशियों का देश उनके वंशजों को देंगे. आपने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की, क्योंकि आप धर्मी परमेश्वर हैं.
9 মিশর দেশে আমাদের পূর্বপুরুষদের কষ্টভোগ তুমি দেখেছিলে; লোহিত সাগরের পারে তাদের কান্না তুমি শুনেছিলে;
“मिस्र में हमारे पूर्वजों का दुःख आपने देखा था, लाल सागर तट पर आपने उनकी विनती सुन ली.
10 ১০ ফরৌণ, তাঁর সমস্ত কর্মচারী ও তাঁর দেশের সমস্ত লোকদের তুমি অনেক চিহ্ন ও আশ্চর্য্য কাজ দেখিয়েছিলে; কারণ তুমি জানতে যে, তাদের বিরুদ্ধে মিশরীয়দের ব্যবহার ছিল অহঙ্কারে পূর্ণ। এই সমস্ত কাজ করে তুমি তোমার নাম প্রতিষ্ঠা করলে, যা এখনও রয়েছে।
तब आपने फ़रोह के विरोध में चिन्ह और अद्भुत चमत्कार दिखाए. यह सब आपने फ़रोह के सेवकों और मिस्र देश की प्रजा के विरुद्ध किया, क्योंकि आप यह देख रहे थे, कि वे यह सब हमारे पूर्वजों के विरुद्ध कर रहे थे. ऐसा करके आपने अपने लिए बड़ा नाम किया है, जो आज तक बना है.
11 ১১ আর তুমি তাদের সামনে সমুদ্রকে দুই ভাগে করলে, তাতে তারা সমুদ্রের মাঝখানে শুকনো রাস্তা দিয়ে এগিয়ে গেল; কিন্তু প্রচুর জলে যেমন পাথর, তেমনি তুমি তাদের পিছনে তাড়া করে আসা লোকদেরকে প্রচুর জলে ফেলে দিলে।
आपने उनके सामने सागर को दो भाग कर दिया. वे सागर के बीच में से सूखी ज़मीन पर चलते हुए चले गए. जो उनका पीछा कर रहे थे, आपने उन्हें गहराइयों में ऐसा ड़ाल दिया जैसे उफ़नते हुए समुद्र में पत्थर डाला जाए.
12 ১২ আর তুমি দিনের মেঘের থামের মাধ্যমে ও রাতে তাদের গন্তব্য পথে এল দেবার আগুনের থামের মাধ্যমে তাদেরকে নিয়ে যেতে।
दिन में आप उनका मार्गदर्शन बादल के खंभे से और रात में आग के खंभे से करते थे, कि जिस मार्ग पर उन्हें चलना था उस पर उजाला बना रहे.
13 ১৩ তুমি সীনয় পাহাড়ের উপরে নেমে এসেছিলে এবং স্বর্গ থেকে তাদের সঙ্গে কথা বলেছিলে। তুমি ন্যায্য নির্দেশ, সঠিক ব্যবস্থা এবং ভাল নিয়ম ও আদেশ তাদের দিয়েছিলে।
“तब आपने सीनायी पहाड़ पर उतरकर स्वर्ग से उनसे बातें की; आपने उनके लिए सच्ची व्यवस्था और अच्छी आज्ञाएं दी, आदर्श व्यवस्था और आज्ञा.
14 ১৪ তোমার পবিত্র বিশ্রামবার সম্বন্ধে তুমি তাদের জানিয়েছিলে এবং তোমার দাস মোশির মধ্য দিয়ে তুমি তাদের আদেশ, নিয়ম ও ব্যবস্থা দিয়েছিলে।
आपने उन्हें अपने पवित्र शब्बाथ के बारे में बताया, आपने उनकी भलाई में अपने सेवक मोशेह के द्वारा आज्ञाएं, विधियां और व्यवस्था दीं.
15 ১৫ খিদে মিটাবার জন্য তুমি স্বর্গ থেকে তাদের খাবার দিয়েছিলে ও তাদের পিপাসা মিটাবার জন্য পাথর থেকে জল বের করে দিয়েছিলে। যে দেশ তাদের দেবার জন্য তুমি শপথ করেছিলে সেখানে গিয়ে তা অধিকার করবার জন্য তুমি তাদের আদেশ দিয়েছিলে।
आपने उनकी भूख मिटाने के लिए स्वर्ग से भोजन दिया, उनकी प्यास बुझाने के लिए चट्टान से पानी निकाला. आपने उन्हें आज्ञा दी कि उस देश में प्रवेश कर उस पर अधिकार करें, जिसे देने की आपने उनसे प्रतिज्ञा की थी.
16 ১৬ তবুও তারা আমাদের পূর্বপুরুষরা গর্ব করল; নিজের নিজের ঘাড় শক্ত করল আর তোমার আদেশ পালন করল না।
“मगर उन्होंने, हमारे पूर्वजों ने घमण्ड़ किया; वे हठीले बन गए और उन्होंने आपके आदेशों को न माना.
17 ১৭ তারা বাধ্য থাকতে অস্বীকার করেছিল, আর যে সব আশ্চর্য্য কাজ তুমি তাদের মধ্যে করেছিলে তাও তারা মনে রাখে নি, কিন্তু নিজের নিজের ঘাড় শক্ত করে আবার দাসত্ব করতে মিশরে ফিরে যাবার জন্য বিদ্রোহভাবে একজন সেনাপতিকে নিযুক্ত করেছিল। কিন্তু তুমি ক্ষমাশীল ঈশ্বর, দয়াময় ও করুণায় পূর্ণ; তাই তাদেরকে ত্যাগ করনি।
उन्होंने आपकी आवाज को सुनना ही न चाहा. उन्होंने आपके द्वारा किए गए अद्भुत चमत्कारों को भुला दिया, जो आपने उनके बीच में किए थे; इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने मिस्र की बंधुआई में लौट जाने के लक्ष्य से अपने लिए एक प्रधान चुन लिया. किंतु आप क्षमा करनेवाले परमेश्वर हैं, अनुग्रहकारी और दयालु, क्रोध करने में धीमे और प्रेम करने में अपार. आपने उन्हें अकेला न छोड़ा.
18 ১৮ এমন কি, তারা নিজেদের জন্য ছাঁচে ফেলে একটা বাছুরের মূর্ত্তি তৈরী করে বলেছিল, এই তোমার দেবতা; মিশর দেশ থেকে যিনি তোমাদের বের করে এনেছেন, এই ভাবে যখন তারা তোমাকে ভীষণ অপমান করেছিল
उस मौके पर भी नहीं, जब उन्होंने अपने लिए बछड़े की मूर्ति बनायी थी और यह घोषित कर दिया था: ‘यही है तुम्हारा परमेश्वर, जिसने तुम्हें मिस्र से निकाला है,’ इस प्रकार उन्होंने परमेश्वर का बहुत अपमान किया.
19 ১৯ তখনও তুমি প্রচুর করুণার জন্য মরু এলাকায় তাদের ত্যাগ করনি; দিনের রবেলায় তাদের চালিয়ে নেবার জন্য মেঘের থাম এবং রাতে তাদের যাওয়ার পথে আলো দেবার জন্য আগুনের থাম তাদের কাছ থেকে সরে যায় নি।
“अपनी अद्भुत दया में आपने उन्हें बंजर भूमि में अकेला न छोड़ा; दिन में न तो बादल के खंभे ने उनका साथ छोड़ा कि उन्हें मार्गदर्शन मिलता रहे, न ही रात में उस आग के खंभे ने, कि उनके रास्ते में उजाला रहे, जिस पर उन्हें आगे बढ़ना था.
20 ২০ তুমি তাদের শিক্ষা দেবার জন্য নিজের মঙ্গলময় আত্মাকে দান করেছিলে। তাদের খাওয়ার জন্য তুমি যে মান্না দিয়েছিলে তা বন্ধ করে দাওনি; তুমি তাদের পিপাসা মিটাবার জন্য জল দিয়েছিলে।
आपने अपना भला आत्मा उनके लिए दे दिया, कि वह उन्हें समझाते जाएं. आपने उन्हें मन्‍ना खिलाना न छोड़ा और उनकी प्यास बुझाने के लिए पानी हमेशा बना रहा.
21 ২১ আর মরু এলাকায় চল্লিশ বছর ধরে তুমি তাদের পালন করেছিলে। তাদের অভাব হয়নি; তাদের পোশাকও পুরানো হয়নি এবং তাদের পা ফোলে নি।
सच तो यह है, कि बंजर भूमि में आप उनकी आवश्यकताओं को पूरा करते रहें, उन्हें किसी प्रकार की कोई कमी न हुई; न उनके कपड़े ही फटे और न ही उनके पैरों में सूजन आई.
22 ২২ পরে তুমি অনেক রাজ্য ও জাতি তাদের হাতে দিয়েছিলে, এমন কি, তাদের সমস্ত জায়গাও তাদের মধ্যে ভাগ করে দিয়েছিলে। তারা হিষ্‌বোণের রাজা সীহোনের দেশ ও বাশনের রাজা ওগের দেশ অধিকার করেছিল।
“आपने राज्य और लोग उनके वश में कर दिए और उन्हें क्षेत्र का हर एक कोना भी दे दिया. उन्होंने हेशबोन के राजा सीहोन के देश पर अधिकार कर लिया और बाशान के राजा ओग के देश पर भी.
23 ২৩ আর তুমি তাদের সন্তানদের আকাশের তারার মত প্রচুর সংখ্যক করলে এবং সেই দেশে তাদেরকে আনলে, যে দেশের বিষয়ে তুমি তাদের পূর্বপুরুষদের কাছে বলেছিলে যে, তারা তা অধিকার করবার জন্য সেখানে ঢুকবে।
आपने उनके वंशजों की गिनती आकाश के तारों के समान अनगिनत कर दी और उन्हें उस देश में ले आए, जिसमें प्रवेश कर उस पर अधिकार कर लेने का आदेश आपने उनके पूर्वजों को दिया था.
24 ২৪ পরে সেই সন্তানেরা সেই দেশে গিয়ে তা দখল করে নিয়েছিল এবং সেই দেশে বাসকারী কনানীয়দের তুমি তাদের সামনে নত করেছিলে এবং কনানীয়দের, তাদের রাজাদের ও দেশের অন্যান্য জাতিদের তুমি তাদের হাতে তুলে দিয়েছিলে, ওদের প্রতি যা ইচ্ছা তা করতে দিলে।
तब उनके वंशजों ने उस देश में प्रवेश किया और उस पर अधिकार कर लिया. आपने ही उनके सामने से उस देश के निवासी कनानियों को उनके अधीन कर दिया. उस देश के राजा और प्रजा को आपने उनके हाथ में दे दिया, कि वे उनके साथ अपनी इच्छा अनुसार व्यवहार करें.
25 ২৫ তারা দেওয়াল ঘেরা অনেক শহর ও উর্বর জমি অধিকার করেছিল; তারা সব রকম ভাল ভাল জিনিষে ভরা বাড়ি ও আগেই খোঁড়া হয়েছে এমন অনেক কুয়ো, আঙ্গুর ক্ষেত, জিতবৃক্ষের বাগান এবং অনেক ফলের গাছ অধিকার করেছিল। তারা খেয়ে সন্তুষ্ট হয়ে স্বাস্থ্যবান হয়েছিল এবং তোমার দেওয়া প্রচুর মঙ্গল ভোগ করেছিল।
उन्होंने गढ़ नगरों और उपजाऊ भूमि को अपने अधिकार में ले लिया. उन्होंने उन सभी घरों को अपने अधिकार में कर लिया, जिनमें सब प्रकार के अच्छे-अच्छे सामान भरे हुए थे: चट्टानों में खोदा गया हौद, अंगूर के बगीचे, ज़ैतून के बगीचे और बहुल फलदाई पेड़. वे उनको खाते थे, वे तृप्‍त हुए, वे अच्छी तरह से पोषित होते चले गए और आपकी बड़ी भलाई के प्रति वे खुशी मनाते रहे.
26 ২৬ তবুও তারা অবাধ্য হয়ে তোমার বিরুদ্ধে বিদ্রোহ করেছিল, তোমার ব্যবস্থা তারা ত্যাগ করেছিল। তোমার যে ভাববাদীরা তাদের সাক্ষ্য দিতেন যাতে তারা তোমার দিকে ফিরে আসে, সেই ভাববাদীদের তারা মেরে ফেলেছিল; তারা তোমাকে ভীষণ অসন্তুষ্ট করল।
“फिर भी वे आपसे फिर गए और उन्होंने आपसे विद्रोह किया. उन्होंने तो आपकी व्यवस्था को अपने पीठ पीछे फेंक दिया, वे उन भविष्यवक्ताओं का वध कर देते थे, जो उन्हें इस उद्देश्य से चेतावनी और झिड़कियां देते थे, कि वे आपकी ओर लौट जाएं, वे परमेश्वर की घोर निन्दाएं करते चले गए.
27 ২৭ পরে তুমি শত্রুদের হাতে তাদের তুলে দিয়েছিলে আর তারা তাদের উপর অত্যাচার করত। কিন্তু তাদের কষ্টের দিন তারা তোমার কাছে কান্নাকাটি করত আর তুমি স্বর্গ থেকে তা শুনেছিলে। তুমি প্রচুর করুণায় তাদের কাছে উদ্ধারকারীদের পাঠিয়ে দিতে। যারা শত্রুদের হাত থেকে তাদের উদ্ধার করতে।
यही कारण था कि आपने उन्हें उनके सतानेवालों के अधीन कर दिया, जो उन्हें सताते रहे; मगर जब अपने दुःख के समय में उन्होंने आपकी दोहाई दी, आपने अपनी बड़ी करुणा के अनुसार स्वर्ग से उनकी सुन ली, आपने उनके लिए छुड़ानेवाले भी भेजे.
28 ২৮ তবুও যেই তারা বিশ্রাম পেত অমনি আবার তারা তোমার চোখে যা খারাপ ব্যবহার করত, তাতে তুমি শত্রুদের হাতে তাদের ছেড়ে দিতে এবং সেই শত্রুরা তাদের কর্তৃত্ব করত। কিন্তু আবার যখন তারা তোমার কাছে কাঁদত তখন স্বর্গ থেকে তা শুনে তোমার করুণায় তুমি বারে বারে তাদের উদ্ধার করতে।
“मगर जैसे ही उन्हें यह छुटकारा मिलता था, वे आपके सामने दोबारा बुराई करने लगते थे; फलस्वरूप आपने उन्हें उनके शत्रुओं के अधीन कर दिया कि वे उन पर शासन करें. जब उन्होंने आपकी दोहाई दी, आपने स्वर्ग से उनकी सुन ली. बहुत बार आपने अपनी करुणा के अनुसार उन्हें छुड़ाया.
29 ২৯ তোমার ব্যবস্থার দিকে ফিরে আনার জন্য তুমি তাদের সাক্ষ্য দিতে, তবুও তাদের ব্যবহার ছিল অহঙ্কারে পূর্ণ; তারা তোমার সব আদেশ অমান্য করত। কিন্তু তোমার যে সব নির্দেশ পালন করলে মানুষ বাঁচে, তোমার সেই সব শাসনের বিরুদ্ধে তারা পাপ করত। তারা কাঁধ সরিয়ে এবং ঘাড় শক্ত করে তোমার কথা শুনত না।
“उन्हें अपनी व्यवस्था की ओर फेरने के उद्देश्य से आप उन्हें चेतावनी पर चेतावनी देते रहें. मगर वे अपने हठ में ही अड़े रहें, आपके आदेशों को न मानते थे और आपके नियमों के विरुद्ध पाप करते रहें, जिनका पालन करने में ही मानव का जीवन है. अपने हठ में वे आपकी आज्ञा को ठुकराते चले गए.
30 ৩০ তবুও অনেক বছর ধরে তুমি তাদের উপর ধৈর্য্য ধরলে। তোমার ভাববাদীদের মধ্য দিয়ে তোমার আত্মার মাধ্যমে তুমি তাদের সাক্ষ্য দিলে, কিন্তু তাতে তারা কান দিল না। তার জন্য বিভিন্ন জাতির হাতে তুমি তাদের তুলে দিলে।
फिर भी, सालों तक आप उनकी सहते रहे. आप उन्हें अपनी आत्मा के द्वारा अपने भविष्यवक्ताओं के माध्यम से चेतावनी देते रहे; मगर तब भी उन्होंने आपकी न सुनी. इसलिये आपने उन्हें उन देशों के निवासियों के अधीन कर दिया.
31 ৩১ তবুও তোমার প্রচুর করুণার জন্য তুমি তাদের শেষ করে দাওনি ও ত্যাগ করনি, কারণ তুমি দয়াময় ও করুণায় পূর্ণ ঈশ্বর।
फिर भी, अपनी अपार दया में आपने उन्हें मिटा नहीं दिया और न ही उन्हें अकेला छोड़ दिया; क्योंकि आप दयालु और अनुग्रहकारी परमेश्वर हैं.
32 ৩২ অতএব, হে আমাদের ঈশ্বর, মহান, শক্তিশালী ও ভয়ঙ্কর ঈশ্বর। তুমি নিয়ম ও ব্যবস্থা পালন কর। অশূর রাজাদের দিন থেকে শুরু করে আজ পর্যন্ত এই যে সব কষ্ট আমাদের উপরে এবং আমাদের রাজাদের, নেতাদের, যাজকদের ও ভাববাদীদের, আমাদের পূর্বপুরুষদের ও তোমার সমস্ত লোকদের উপরে চলছে তা তোমার চোখে যেন সামান্য মনে না হোক।
“इसलिये, हमारे परमेश्वर, आप जो महान, सर्वशक्तिमान और भय-योग्य हैं, जो अपनी वाचा को स्थिर रखते हैं, जो करुणा से भरपूर हैं, आपकी नज़रों में हमारी सारी कठिनाइयां छोटी न जानी जाएं. वे सभी कठिनाइयां हम पर, हमारे राजाओं पर, हमारे शासकों पर, हमारे पुरोहितों पर, हमारे भविष्यवक्ताओं पर, हमारे पूर्वजों पर और आपके सभी लोगों पर अश्शूर के राजाओं के समय से आज तक आती रही हैं.
33 ৩৩ আমাদের উপর যা কিছু ঘটতে দিয়েছ তাতে তুমি ধর্মময়; তুমি বিশ্বস্ত ভাবে কাজ করেছ আর আমরা অন্যায় করেছি।
फिर भी, जो कुछ आपने हम पर भेजा है, उसमें आप न्यायी ही हैं; क्योंकि आपका व्यवहार विश्वासयोग्य था, मगर हमने ही दुष्टता की है.
34 ৩৪ আমাদের রাজারা, নেতারা, যাজকেরা ও আমাদের পূর্বপুরুষেরা তোমার ব্যবস্থা মেনে চলেন নি এবং তোমার আজ্ঞায় ও যার মাধ্যমে তুমি তাদের বিরুদ্ধে সাক্ষ্য দিতে, তোমার সেই আদেশে কান দেননি।
क्योंकि हमारे राजाओं ने, हमारे पुरोहितों ने और हमारे पूर्वजों ने आपकी व्यवस्था का पालन नहीं किया और न ही उन्होंने आपके आदेशों की ओर ध्यान दिया है, न आपकी चेतावनियों पर.
35 ৩৫ তাঁদের রাজত্বকালে তাঁরা তোমার দেওয়া বড় ও উর্বর দেশে প্রচুর মঙ্গল ভোগ করছিলেন, তবুও তাঁরা তোমার সেবা করেন নি কিম্বা তাঁদের খারাপ কাজ থেকে ফেরেন নি।
वह राज्य, जो आपने उन्हें अपनी भलाई में दिया था, वह देश, जो विशाल और फलवंत देश था, जो उन्हें आपकी दी हुई भेंट थी, उसमें उन्होंने न तो आपकी सेवा की और न ही अपने बुरे कामों से दूर हुए.
36 ৩৬ দেখ, আজ আমরা দাস; যে দেশটা তুমি আমাদের পূর্বপুরুষদের দিয়েছিলে যাতে তারা তার ফল আর সব রকমের ভাল জিনিসের অধিকারী করেছিলে, দেখ, আমরা এই দেশের মধ্যে দাস হয়ে রয়েছি।
“देख लीजिए: हम आज भी दास ही हैं. हम उसी देश में दास होकर रह रहे हैं, जिसे आपने हमारे पूर्वजों को यह कहते हुए दिया था: ‘इसकी अच्छी उपज को खाओ!’
37 ৩৭ আর আমাদের পাপের দরুন যে রাজাদের তুমি আমাদের উপরে রাজত্ব করতে দিয়েছ দেশে উত্পন্ন প্রচুর জিনিস তাঁদের কাছেই যায়। তাঁরা তাঁদের খুশী মতই আমাদের শরীরের উপরে ও আমাদের পশুপালের উপরে কর্তৃত্ব করেন। আমরা খুব কষ্টের মধ্যে রয়েছি।
इसकी उपज अब उन राजाओं की होकर रह गई है, जिन्हें आपने ही हमारे पापों के कारण हम पर अधिकारी बना दिया है. वे तो हमारे शरीर और हमारे पशुओं तक पर अपनी इच्छा के अनुसार कर रहे हैं. इसके कारण हम बहुत दर्द में पड़े हैं.
38 ৩৮ “এই সব কারণে আমরা এখন নিজেদের মধ্যে লিখিত ভাবে চুক্তি করছি, আর তার উপর আমাদের নেতারা, লেবীয়েরা ও যাজকেরা তাঁদের সীলমোহর দিচ্ছেন।”
“यह सब देख हम अब एक वाचा लिखकर बना रहे हैं; इस पर हमारे नायकों, लेवियों और पुरोहितों के नाम की मोहर भी लगा देते हैं.”

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