< নহিমিয়ের বই 4 >

1 সন্‌বল্লট যখন শুনতে পেল যে, আমরা দেওয়াল গাঁথছি, তখন সে রেগে গেল ও খুব বিরক্ত হল, আর ইহুদীদের বিদ্রূপ করল।
लेकिन ऐसा हुआ जब सनबल्लत ने सुना के हम शहरपनाह बना रहे हैं, तो वह जल गया और बहुत ग़ुस्सा हुआ और यहूदियों को ठट्ठों में उड़ाने लगा।
2 আর সে নিজের ভাইদের ও শমরীয় সৈন্যদলের সামনে বলল, “এই দুর্বল ইহুদীরা করছে কি? তারা কি নিজেদেরকে শক্তিশালী করবে? এরা কি বলিদান উত্সর্গ করবে? এক দিনের ই কি শেষ করবে? টুকরো কাঁকড়ের ঢিবি থেকে পাথর সব তুলে কি জীবিত করবে?” এসব যে পুড়ে গেছে!
और वह अपने भाइयों और सामरिया के लश्कर के आगे यूँ कहने लगा, “ये कमज़ोर यहूदी क्या कर रहे हैं? क्या ये अपने गिर्द मोर्चाबन्दी करेंगे? क्या वह क़ुर्बानी चढ़ाएँगे? क्या वह एक ही दिन में सब कुछ कर चुकेंगे? क्या वह जले हुए पत्थरों को कूड़े के ढेरों में से निकाल कर फिर नये कर देंगे?”
3 তখন অম্মোনীয় টোবিয় তার পাশে ছিল; সে বলল, “ওরা যা গাঁথছে, তার উপরে যদি শিয়াল ওঠে, তবে তাদের সেই পাথরের দেওয়াল ভেঙে পড়বে।”
और तूबियाह 'अम्मोनी उसके पास खड़ा था, तब वह कहने लगा, “जो कुछ वह बना रहे हैं, अगर उसपर लोमड़ी चढ़ जाए तो वह उनके पत्थर की शहरपनाह को गिरा देगी।”
4 “হে আমাদের ঈশ্বর, শোন, কারণ আমরা অবহেলিত হলাম; ওদের টিটকারি ওদের মাথায় ফিরিয়ে দাও এবং ওদেরকে বন্দী করে লুট করা জিনিসের মত বিদেশে থাকতে দাও;
सुन ले, ऐ हमारे ख़ुदा क्यूँकि हमारी हिक़ारत होती है और उनकी मलामत उन ही के सिर पर डाल: और ग़ुलामी के मुल्क में उनको ग़ारतगरों के हवाले कर दे।
5 ওদের অন্যায় ঢেকে রেখো না ও ওদের পাপ তোমার সামনে থেকে মুছে যেতে দিও না; কারণ ওরা গাঁথকদের সামনে তোমাকে অসন্তুষ্ট করেছে।”
और उनकी बुराई को न ढाँक, और उनकी ख़ता तेरे सामने से मिटाई न जाए; क्यूँकि उन्होंने मे'मारों के सामने तुझे ग़ुस्सा दिलाया है।
6 এই ভাবে আমরা দেওয়াল গাঁথলাম, তাতে উচ্চতার অর্ধেক পর্যন্ত সমস্ত দেওয়াল একসাথে যুক্ত হল, কারণ লোকদের কাজ করার ইচ্ছা ছিল।
ग़रज़ हम दीवार बनाते रहे, और सारी दीवार आधी बलन्दी तक जोड़ी गई; क्यूँकि लोग दिल लगा कर काम करते थे।
7 আর সন্‌বল্লট ও টোবিয় এবং আরবীয়েরা, অম্মোনীয়েরা ও অস্‌দোদীয়েরা যখন শুনতে পেল, যিরূশালেমের দেওয়ালের সারাই সম্পূর্ণ হচ্ছে ও তার ছিদ্র সব বন্ধ করতে শুরু করা হয়েছে, তখন তারা খুব রেগে গেল;
लेकिन जब सनबल्लत और तूबियाह और अरबों और 'अम्मोनियों और अशदूदियों ने सुना कि येरूशलेम की फ़सील मरम्मत होती जाती है, और दराड़े बन्द होने लगीं, तो वह जल गए।
8 আর তারা সবাই যিরূশালেমের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করার জন্য ও গোলমাল শুরু করার জন্য ষড়যন্ত্র করল।
और सभों ने मिल कर बन्दिश बाँधी कि आकर येरूशलेम से लड़ें, और वहाँ परेशानी पैदा कर दें।
9 কিন্তু তাদের ভয়ে আমরা আমাদের ঈশ্বরের কাছে প্রার্থনা করলাম ও তাদের বিরুদ্ধে দিন রাত পাহারাদার নিযুক্ত করলাম।
लेकिन हम ने अपने ख़ुदा से दुआ की, और उनकी वजह से दिन और रात उनके मुक़ाबले में पहरा बिठाए रखा
10 ১০ আর যিহূদার লোকেরা বলল, “মজুরেরা দুর্বল হয়ে পড়েছে এবং পড়ে থাকা কাঁকড় অনেক আছে, দেওয়াল গাঁথা আমাদের অসম্ভব!”
और यहूदाह कहने लगा कि बोझ उठाने वालों की ताक़त घट गयी और मलबा बहुत है, इसलिए हम दीवार नहीं बना सकते हैं।
11 ১১ আবার আমাদের শত্রুরা বলল, “ওরা জানবে না, দেখবে না, অমনি আমরা ওদের মধ্যে গিয়ে ওদেরকে হত্যা করে কাজ বন্ধ করব।”
और हमारे दुश्मन कहने लगे, “जब तक हम उनके बीच पहुँच कर उनको क़त्ल न कर डालें और काम ख़त्म न कर दें, तब तक उनको न मा'लूम होगा न वह देखेंगे।”
12 ১২ আর তাদের কাছাকাছি বাস করা ইহুদীরা সব জায়গা থেকে এসে দশ বার আমাদেরকে বলল, “তোমাদেরকে আমাদের কাছে ফিরে আসতে হবে।”
और जब वह यहूदी जो उनके आस — पास रहते थे आए, तो उन्होंने सब जगहों से दस बार आकर हम से कहा कि तुम को हमारे पास लौट आना ज़रूर है।
13 ১৩ অতএব আমি দেওয়ালের পিছনে নীচের খোলা জায়গায় লোক নিযুক্ত করলাম, নিজের নিজের বংশ অনুসারে তরোয়াল, বর্শা ও ধনুক সমেত লোক নিযুক্ত করলাম।
इसलिए मैंने शहरपनाह के पीछे की जगह के सबसे नीचे हिस्सों में जहाँ जहाँ खुला था, लोगों को अपनी अपनी तलवार और बर्छी और कमान लिए हुए उनके घरानों के मुताबिक़ बिठा दिया।
14 ১৪ পরে আমি চেয়ে দেখলাম এবং উঠে প্রধান লোকদেরকে, শাসনকর্তাদেরকে ও অন্য সব লোকদেরকে বললাম, “তোমরা ওদেরকে ভয় পেয় না; মহান ও ভয়ঙ্কর প্রভুকে মনে কর এবং নিজের নিজের ভাইদের, ছেলে মেয়েদের, স্ত্রীদের ও ঘরের জন্য যুদ্ধ কর।”
तब मैं देख कर उठा, और अमीरों और हाकिमों और बाक़ी लोगों से कहा कि तुम उनसे मत डरो; ख़ुदावन्द को जो बुज़ुर्ग और बड़ा है याद करो, और अपने भाइयों और बेटे बेटियों और अपनी बीवियों और घरों के लिए लड़ो।
15 ১৫ আর যখন আমাদের শত্রুরা শুনতে পেল যে, আমরা জানতে পেরেছি, আর ঈশ্বর তাদের ষড়যন্ত্র ব্যর্থ করেছেন, তখন আমরা সবাই দেওয়াল আবার নিজের নিজের কাজ করতে গেলাম।
और जब हमारे दुश्मनों ने सुना कि ये बात हम को मा'लूम हो गई और ख़ुदा ने उनका मन्सूबा बेकार कर दिया, तो हम सबके सब शहरपनाह को अपने अपने काम पर लौटे।
16 ১৬ আর সেই দিন থেকে আমার যুবকদের অর্ধেক লোক কাজ করত, অন্য অর্ধেক লোক বর্শা, ঢাল, ধনুক ও বর্ম ধরে থাকত এবং সমস্ত যিহূদা বংশের পিছনে শাসনকর্তারা থাকতেন।
और ऐसा हुआ कि उस दिन से मेरे आधे नौकर काम में लग जाते, और आधे बर्छियाँ और और ढालें और कमाने लिए और बख़्तर पहने रहते थे; और वह जो हाकिम थे यहूदाह के सारे ख़ान्दान के पीछे मौजूद रहते थे।
17 ১৭ যারা দেওয়াল গাঁথত, আর যারা ভার বহন করত, আর যারা ভার তুলে দিত, সবাই এক হাতে কাজ করত, অন্য হাতে অস্ত্র ধরত;
इसलिए जो लोग दीवार बनाते थे और जो बोझ उठाते और ढोते थे, हर एक अपने एक हाथ से काम करता था और दूसरे में अपना हथियार लिए रहता था।
18 ১৮ আর গাঁথকেরা প্রত্যেকজন কোমরে তরোয়াল বেঁধে গাঁথত এবং তূরীবাদক আমার পাশে থাকত।
और मे'मारों में से हर एक आदमी अपनी तलवार अपनी कमर से बाँधे हुए काम करता था, और वह जो नरसिंगा फूँकता था मेरे पास रहता था।
19 ১৯ আর আমি প্রধান লোকদেরকে, শাসনকর্তাদেরকে ও অন্য সব লোককে বললাম, “এই কাজ বড় ও ব্যাপক এবং আমরা দেওয়ালের উপরে আলাদা আলাদা হয়ে একজন থেকে অন্য জন দূরে আছি;
और मैंने अमीरों और हाकिमों और बाक़ी लोगों से कहा कि काम तो बड़ा और फैला हुआ है, और हम दीवार पर अलग अलग एक दूसरे से दूर रहते हैं।
20 ২০ তোমরা যে কোনো জায়গায় তূরীর শব্দ শুনবে, সেই জায়গায় আমাদের কাছে জড়ো হবে; আমাদের ঈশ্বর আমাদের জন্য যুদ্ধ করবেন।”
इसलिए जिधर से नरसिंगा तुम को सुनाई दे, उधर ही तुम हमारे पास चले आना। हमारा ख़ुदा हमारे लिए लड़ेगा।
21 ২১ এই ভাবে আমরা কাজ করতাম এবং ভোর থেকে শুরু করে তারা দেখা পর্যন্ত আমাদের অর্ধেক লোক বর্শা ধরে থাকত।
यूँ हम काम करते रहे, और उनमें से आधे लोग पौ फटने के वक़्त से तारों के दिखाई देने तक बर्छियाँ लिए रहते थे।
22 ২২ সেই দিন আমি লোকদেরকে আরও বললাম, “প্রত্যেক পুরুষ নিজের নিজের চাকরের সাথে রাতে যিরূশালেমের মধ্যে থাকুক; তারা রাতে আমাদের পাহারাদার হবে ও দিনের কাজ করবে।”
और मैंने उसी मौक़े' पर लोगों से ये भी कह दिया था कि हर शख़्स अपने नौकर को लेकर येरूशलेम में रात काटा करे, ताकि रात को वह हमारे लिए पहरा दिया करें और दिन को काम करें।
23 ২৩ অতএব আমি, আমার ভাইয়েরা, যুবকেরা ও আমার অনুসরণকারী রক্ষীরা কেউ পোশাক খুলতাম না, প্রত্যেকের কাছে নিজের নিজের অস্ত্র এবং জলের থাকত।
इसलिए न तो मैं न मेरे भाई न मेरे नौकर और न पहरे के लोग जो मेरे पैरौ थे, कभी अपने कपड़े उतारते थे; बल्कि हर शख़्स अपना हथियार लिए हुए पानी के पास जाता था।

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