< যিহোশূয়ের বই 10 >

1 যিরুশালেমের রাজা অদোনী-ষেদক যখন শুনলেন, যিহোশূয় অয় অধিকার করে সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করেছেন, যিরীহো ও সেখানকার রাজার প্রতি যেমন করেছিলেন, অয়ের ও সেখানের রাজার প্রতিও একই করেছেন এবং গিবিয়োন-নিবাসীরা ইস্রায়েলের সঙ্গে সন্ধি করে তাদের মধ্য বসবাস করছে;
और जब येरूशलेम के बादशाह अदूनी सिद्क़ ने सुना कि यशू'अ ने एे को सर करके उसे हलाक कर दिया और जैसा उस ने यरीहू और वहाँ के बादशाह से किया वैसा ही एे और उसके बादशाह से किया; और जिबा'ऊन के बाशिंदों ने बनी इस्राईल से सुलह कर ली और उनके बीच रहने लगे हैं।
2 তখন লোকেরা খুবই ভয় পেল, কারণ গিবিয়োন নগর রাজধানীর মত বড় এবং অয়ের থেকেও বড়, আর সেই জায়গার সমস্ত লোক বলবান ছিল।
तो वह सब बहुत ही डरे, क्यूँकि जिबा'ऊन एक बड़ा शहर बल्कि बादशाही शहरों में से एक की तरह और एे से बड़ा था और उसके सब मर्द बड़े बहादुर थे।
3 আর যিরুশালেমের রাজা অদোনী-ষেদক হিব্রোণের রাজা হোহমের, যর্মূতের রাজা পিরামের, লাখীশের রাজা যাফিয়ের ও ইগ্লোনের রাজা দবীরের কাছে দূত পাঠিয়ে এই কথা বললেন;
इस लिए येरूशलेम के बादशाह अदूनी सिद्क़ ने हबरून के बादशाह हुहाम, और यरमूत के बादशाह पीराम, और लकीस के बादशाह याफ़ी' और अजलून के बादशाह दबीर को यूँ कहला भेजा कि।
4 “আমার কাছে উঠে আসুন, আমাকে সাহায্য করুন, চলুন আমরা গিবিয়োনীয়দেরকে আঘাত করি; কারণ তারা যিহোশূয়ের ও ইস্রায়েল-সন্তানদের সঙ্গে সন্ধি করেছে।”
मेरे पास आओ और मेरी मदद करो और चलो हम जिबा'ऊन को मारें; क्यूँकि उस ने यशू'अ और बनी इस्राईल से सुलह कर ली है।
5 অতএব ইমোরীয়দের ঐ পাঁচ রাজা, অর্থাৎ যিরুশালেমের রাজা, হিব্রোণের রাজা, যর্মূতের রাজা, লাখীশের রাজা ও ইগ্লোনের রাজা তারা তাদের সমস্ত সৈন্যের সঙ্গে একত্র হলেন এবং উঠে গিয়ে গিবিয়োনের সামনে শিবির স্থাপন করে তার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করলেন।
इसलिए अमोरियों के पाँच बादशाह, या'नी येरूशलेम का बादशाह और हबरून का बादशाह और यरमूत का बादशाह और लकीस का बादशाह और 'अजलून का बादशाह इकठ्ठे हुए; और उन्होंने अपनी सब फ़ौजों के साथ चढ़ाई की और जिबा'ऊन के मुक़ाबिल डेरे डाल कर उस से जंग शुरू' की।
6 তাতে গিবিয়োনীয়েরা গিল্‌গলে অবস্থিত শিবিরে যিহোশূয়ের কাছে লোক পাঠিয়ে বলল, “আপনার এই দাসদের থেকে আপনার হাত সরিয়ে নেবেন না, তাড়াতাড়ি এসে আমাদের রক্ষা ও সাহায্য করুন, কারণ পাহাড়ি অঞ্চলে বসবাসকারী ইমোরীয়দের সমস্ত রাজা আমাদের বিরুদ্ধে একত্র হয়েছেন।”
तब जिबा'ऊन के लोगों ने यशू'अ को जो जिलजाल में ख़ेमाज़न था कहला भेजा कि अपने ख़ादिमों की तरफ़ से अपना हाथ मत खींच। जल्द हमारे पास पहुँच कर हमको बचा और हमारी मदद कर, इसलिए कि सब अमूरी बादशाह जो पहाड़ी मुल्क में रहते हैं हमारे ख़िलाफ़ इकठ्ठे हुए हैं।
7 তখন যিহোশূয় সমস্ত যোদ্ধা ও সমস্ত বলবান বীর সঙ্গে নিয়ে গিল্‌গল থেকে যাত্রা করলেন।
तब यशू'अ सब जंगी मर्दों और सब ज़बरदस्त सूरमाओं को हमराह लेकर जिलजाल से चल पड़ा।
8 তখন সদাপ্রভু যিহোশূয়কে বললেন, “তুমি তাদেরকে ভয় কর না; কারণ আমি তোমার হাতে তাদেরকে সমর্পণ করেছি, তাদের কেউই তোমার সামনে দাঁড়াতে পারবে না।”
और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा, “उन से न डर इस लिए कि मैंने उनको तेरे क़ब्ज़े में कर दिया है; उन में से एक आदमी भी तेरे सामने खड़ा न रह सकेगा।”
9 পরে যিহোশূয় হঠাৎ তাদের কাছে উপস্থিত হলেন; তিনি সমস্ত রাত গিল্‌গল থেকে উপরের দিকে উঠছিলেন।
तब यशू'अ रातों रात जिल्जाल से चल कर अचानक उन पर आ पड़ा।
10 ১০ তখন সদাপ্রভু ইস্রায়েলের সাক্ষাৎে তাদেরকে হতভম্ভ করলেন, তাতে তিনি গিবিয়োনে মহাসংহারে তাদেরকে আঘাত করে বৈৎ-হোরোণের আরোহণ-পথ দিয়ে তাদেরকে তাড়া করলেন এবং অসেকা ও মক্কেদা পর্যন্ত তাদেরকে আঘাত করলেন।
और ख़ुदावन्द ने उनको बनी इस्राईल के सामने शिकस्त दी; और उस ने उनको जिबा'ऊन में बड़ी ख़ून रेज़ी के साथ क़त्ल किया और बैत हौरून की चढ़ाई के रास्ते पर उनको दौड़ाया और 'अज़ीक़ाह और मुक़क़ीदा तक उनको मारता गया।
11 ১১ আর ইস্রায়েলের সামনে থেকে পালানোর দিনের যখন তারা বৈৎ-হোরোণের উপরে ওঠার-পথে ছিল, তখন সদাপ্রভু অসেকা পর্যন্ত আকাশ থেকে তাদের উপরে বড় বড় পাথর (শিলা বৃষ্টি) ফেলতে লাগলেন, তাতে তারা মারা পড়ল; ইস্রায়েল-সন্তানেরা যাদেরকে তরোয়াল দিয়ে হত্যা করল, তার থেকে বেশি লোক শিলাবৃষ্টির জন্য মারা গেল।
और जब वह इस्राईलियों के सामने से भागे और बैतहोरून के उतार पर थे, तो ख़ुदावन्द ने 'अज़ीक़ाह तक आसमान से उन पर बड़े बड़े पत्थर बरसाए और वह मर गये; और जो ओलों से मरे वह उनसे जिनको बनी इस्राईल ने तलवार से मारा कहीं ज़्यादा थे।
12 ১২ সেই দিনের যে দিন সদাপ্রভু ইস্রায়েল-সন্তানদের সামনে ইমোরীয়দিগকে সমর্পণ করেন, সেই দিন যিহোশূয় সদাপ্রভুর কাছে অনুরোধ করলেন; আর তিনি ইস্রায়েলের সামনে বললেন, “সূর্য্য, তুমি স্থির হও গিবিয়োনে, আর চন্দ্র, তুমি অয়ালোন উপত্যকায়।”
और उस दिन जब ख़ुदावन्द ने अमोरियों को बनी इस्राईल के क़ाबू में कर दिया यशू'अ ने ख़ुदावन्द के हुज़ूर बनी इस्राईल के सामने यह कहा कि, ऐ सूरज तू जिबा'ऊन पर और ऐ चाँद! तू वादी — ए — अय्यालोन में ठहरा रह।
13 ১৩ তখন সূর্য্য স্থির হল ও চন্দ্র স্থির থাকল, যতক্ষণ না সেই জাতি শত্রুদের উপর প্রতিশোধ নিল। এই কথা কি যাশের বইতে লেখা নেই? আর মধ্য আকাশে সূর্য্য স্থির থাকল, অস্ত যেতে প্রায় সম্পূর্ণ এক দিন দেরি করল।
और सूरज ठहर गया और चाँद थमा रहा। जब तक क़ौम ने अपने दुश्मनों से अपना इन्तिक़ाम न ले लिया। क्या यह आशर की किताब में नहीं लिखा है? और सूरज आसमान के बीचो बीच ठहरा रहा, और तक़रीबन सारे दिन डूबने में जल्दी न की।
14 ১৪ তার আগে কি পরে সদাপ্রভু যে মানুষের কথা এমনভাবে শুনেছেন, এমন আর আগে কোন দিন ও হয়নি; কারণ সদাপ্রভু ইস্রায়েলের পক্ষে যুদ্ধ করছিলেন।
और ऐसा दिन कभी उस से पहले हुआ और न उसके बा'द, जिस में ख़ुदावन्द ने किसी आदमी की बात सुनी हो; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईलियों की ख़ातिर लड़ा।
15 ১৫ পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে নিয়ে গিল্‌গলের শিবিরে ফিরে এলেন।
फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली जिलजाल को ख़ेमागाह में लौटे।
16 ১৬ আর ঐ পাঁচ রাজা পালিয়ে মক্কেদার গুহাতে লুকিয়েছিলেন।
और वह पाँचों बादशाह भाग कर मुक़्क़ैदा के ग़ार में जा छिपे।
17 ১৭ পরে সেই পাঁচ রাজাকে মক্কেদার গুহাতে লুকানো অবস্থায় পাওয়া গিয়েছে, এই সংবাদ যিহোশূয়কে দেওয়া হল।
और यशू'अ को यह ख़बर मिली कि वह पाँचो बादशाह मुक़्क़ैदा के ग़ार में छिपे हुए मिले हैं।
18 ১৮ যিহোশূয় বললেন, “তোমরা সেই গুহার মুখে কয়েকটি বড় বড় পাথর গড়িয়ে দিয়ে সেগুলি রক্ষা করার জন্য সেখানে লোক নিযুক্ত কর,
यशू'अ ने हुक्म किया कि बड़े बड़े पत्थर उस ग़ार के मुँह पर लुढ़का दो और आदमियों को उसके पास उनकी निगहबानी के लिए बिठा दो।
19 ১৯ কিন্তু তোমরা দেরি কর না, শত্রুদের তাড়া কর ও তাদের সৈন্যদের পিছনের দিক থেকে আঘাত কর, তাদেরকে তাদের নগরে প্রবেশ করতে দিও না; কারণ তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তাদেরকে তোমাদের হাতে সমর্পণ করেছেন।”
लेकिन तुम न रुको, तुम अपने दुश्मनों का पीछा करो और उन में के जो जो पीछे रह गए हैं उनको मार डालो, उनको मोहलत न दो कि वह अपने अपने शहर में दाख़िल हों; इसलिए कि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने उनको तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया है।
20 ২০ পরে যিহোশূয় ও ইস্রায়েল-সন্তানেরা তাদের সর্বনাশ পর্যন্ত মহাসংহারে তাদেরকে আঘাত করলেন, তাদের মধ্য থেকে কিছু অবশিষ্ট লোক পালিয়ে দেওয়ালে ঘেরা কিছু নগরে প্রবেশ করল।
और जब यशू'अ और बनी इस्राईल बड़ी ख़ूँरेज़ी के साथ उनको क़त्ल कर चुके, यहाँ तक कि वह हलाक — ओ — बर्बाद हो गये; और वह जो उन में से बाक़ी बचे फ़सील दार शहरों में दाख़िल हो गये।
21 ২১ পরে সমস্ত লোক মক্কেদায় যিহোশূয়ের কাছে শিবিরে ভালোভাবে ফিরে এল; ইস্রায়েল-সন্তানদের মধ্যে কারো বিরুদ্ধে কেউ জিভ নাড়ালো না (কোনো কথা বলতে সাহস পেল না)।
तो सब लोग मुक़्क़ैदा में यशू'अ के पास लश्कर गाह को सलामत लौटे, और किसी ने बनी इस्राईल में से किसी के बरख़िलाफ़ ज़बान न हिलाई।
22 ২২ পরে যিহোশূয় বললেন, “তোমরা ঐ গুহার মুখ খোল এবং সেখান থেকে সেই পাঁচ জন রাজাকে বের করে আমার কাছে আন।”
फिर यशू'अ ने हुक्म दिया कि ग़ार का मुँह खोलो और उन पाँचों बादशाहों को ग़ार से बाहर निकाल कर मेरे पास लाओ
23 ২৩ তখন তারা সেই রকম করল, যিরুশালেমের রাজা, হিব্রোণের রাজা, যর্মূতের রাজা, লাখীশের রাজা ও ইগ্লোনের রাজা, এই পাঁচ জন রাজাকে সেই গুহা থেকে বের করে তার কাছে আনল।
उन्होंने ऐसा ही किया और वह पाँचों बादशाहों को या'नी शाह येरूशलेम और शाह — ए — हबरोन और शाह — ए — यरमूत और शाह — ए — लकीस और शाह — ए — अजलून को ग़ार से निकाल कर उसके पास लाये।
24 ২৪ এই ভাবে তারা ঐ রাজাদের যিহোশূয়ের কাছে নিয়ে আসলে পর, যিহোশূয় ইস্রায়েলের সমস্ত পুরুষকে ডাকলেন এবং যারা তার সঙ্গে যুদ্ধে গিয়েছিল, তাদের নেতাদেরকে বললেন, “তোমরা কাছে এস, এই রাজাদের ঘাড়ে পা দাও,” তাতে তারা কাছে এসে তাদের ঘাড়ে পা দিল।
और जब वह उनको यशू'अ के सामने लाये तो यशू'अ ने सब इस्राईलियों को बुलवाया और उन जंगी मर्दों के सरदारों से जो उसके साथ गये थे यह कहा कि नज़दीक आकर अपने अपने पाँव इन बादशाहों की गरदनों पर रखो।
25 ২৫ আর যিহোশূয় তাদেরকে বললেন, “ভয় পেয়ো না ও নিরাশ হয়ো না, বলবান হও, ও সাহস কর; কারণ তোমরা যে শত্রুদের সঙ্গে যুদ্ধ করবে, তাদের সবার প্রতি সদাপ্রভু এমনই করবেন।”
और यशू'अ ने उन से कहा खौफ़ न करो और हिरासाँ मत हो मज़बूत हो जाओ और हौसला रखो इसलिए कि ख़ुदावन्द तुम्हारे सब दुश्मनों से जिनका मुक़ाबिला तुम करोगे ऐसा ही करेगा।
26 ২৬ তারপরে যিহোশূয় আঘাত করে সেই পাঁচ জন রাজাকে বধ করলেন ও পাঁচটি গাছে ঝুলিয়ে দিলেন; তাতে তারা সন্ধ্যা পর্যন্ত গাছে টাঙ্গান অবস্থায় থাকলেন।
इसके बाद यशू'अ ने उनको मारा और क़त्ल किया और पाँच दरख़्तों पर उनको टांग दिया। इसलिए वह शाम तक दरख़्तों पर टंगे रहे।
27 ২৭ পরে সূর্যাস্তের দিনের লোকেরা যিহোশূয়ের আদেশে তাদেরকে গাছ থেকে নামিয়ে, যে গুহাতে তারা লুকিয়েছিলেন, সেই গুহার মধ্যে ফেলে দিল ও গুহার মুখে কয়েকটি বড় বড় পাথর দিয়ে রাখল; তা আজও আছে।
और सूरज डूबते वक़्त उन्होंने यशू'अ के हुक्म से उनको दरख़्तों पर से उतार कर उसी ग़ार में जिस में वह जा छिपे थे डाल दिया, और ग़ार के मुँह पर बड़े बड़े पत्थर रख दिए जो आज तक हैं।
28 ২৮ আর সেই দিন যিহোশূয় মক্কেদা অধিকার করলেন এবং মক্কেদা ও সেখানের রাজাকে তরোয়াল দিয়ে আঘাত করলেন; সেই জায়গার সমস্ত প্রাণীকে সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করলেন, কাউকেই অবশিষ্ট রাখলেন না; যেমন যিরীহোর রাজার প্রতি করেছিলেন, মক্কেদার রাজার প্রতিও তেমনই করলেন।
और उसी दिन यशू'अ ने मुक़्क़ैदा को घेर कर के उसे हलाक किया, और उसके बादशाह को और उसके सब लोगों को बिल्कुल हलाक कर डाला और एक भी बाक़ी न छोड़ा; और मुक़्क़ैदा के बादशाह से उसने वही किया जो यरीहू के बादशाह से किया था।
29 ২৯ পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে করে মক্কেদা থেকে লিব্‌নাতে গিয়ে লিব্‌নার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করলেন।
फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली मुक़्क़ैदा से लिबनाह को गये, और वह लिबनाह से लड़ा।
30 ৩০ তাতে সদাপ্রভু লিব্‌না ও সেই জায়গার রাজাকে ইস্রায়েলের হাতে সমর্পণ করলেন; তারা লিব্‌না ও সেই জায়গার সমস্ত প্রাণীকে তরোয়াল দিয়ে আঘাত করল, তার মধ্যে কাউকেই অবশিষ্ট রাখল না; যেমন যিরীহোর রাজার প্রতি করেছিল, সেই জায়গার রাজার প্রতিও একই রকম করলেন।
और ख़ुदावन्द ने उसको भी और उसके बादशाह को भी बनी इस्राईल के क़ब्ज़े में कर दिया; और उस ने उसे और उसके सब लोगों को हलाक किया और एक को भी बाक़ी न छोड़ा, और वहाँ के बादशाह से वैसा ही किया जो यरीहू के बादशाह से किया था।
31 ৩১ পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে নিয়ে লিব্‌না থেকে লাখীশে গিয়ে তার বিরুদ্ধে শিবির স্থাপন করে যুদ্ধ করলেন।
फिर लिबनाह से यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली लकीस को गये और उसके मुक़ाबिल डेरे डाल लिए और वह उस से लड़ा।
32 ৩২ আর সদাপ্রভু লাখীশকে ইস্রায়েলের হাতে সমর্পণ করলেন ও তারা দ্বিতীয় দিনের তা অধিকার করে যেমন লিব্‌নার প্রতি করেছিল, তেমন লাখীশ ও সেই জায়গার সমস্ত প্রাণীকে তরোয়াল দিয়ে আঘাত করল।
और ख़ुदावन्द ने लकीस को इस्राईल के क़ब्ज़े में कर दिया उस ने दूसरे दिन उस पर फ़तह पायी और उसे हलाक किया और सब लोगों को जो उस में थे क़त्ल किया जिस तरह उस ने लिबनाह से किया था।
33 ৩৩ সেই দিন গেষরের রাজা হোরম লাখীশের সাহায্য করতে এসেছিলেন; আর যিহোশূয় তাকে ও তার লোকদেরকে আঘাত করলেন; তার কাউকেই অবশিষ্ট রাখলেন না।
उस वक़्त जज़र का बादशाह हुरम लकीस को मदद करने को आया इसलिए यशू'अ ने उसको और उसके आदमियों को मारा यहाँ तक कि उसका एक भी जीता न छोड़ा।
34 ৩৪ পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে নিয়ে লাখীশ থেকে ইগ্লোনে যাত্রা করলেন, আর তারা সেই জায়গার সামনে শিবির স্থাপন করে তার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করল।
और यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली लकीस से 'अजलून को गये और उसके मुक़ाबिल डेरे डालकर उस से जंग शुरू' की।
35 ৩৫ আর সেই দিন তা অধিকার করে, যেমন লাখীশের প্রতি করেছিল, তেমনি তরোয়াল দিয়ে তা আঘাত করে সেই দিন সেই জায়গার সমস্ত প্রাণীকে সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করল।
और उसी दिन उसे घेर लिया उसे हलाक किया और उन सब लोगों को जो उस में थे उस ने उसी दिन बिल्कुल हलाक कर डाला जैसा उस ने लकीस से किया था।
36 ৩৬ পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে নিয়ে ইগ্লোন থেকে হিব্রোণে যাত্রা করলেন, আর তারা তার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করল।
फिर 'अजलून से यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली हबरून को गये और उस से लड़े।
37 ৩৭ আর তা অধিকার করে সেই নগর ও সেই জায়গার রাজাকে ও সমস্ত অধীন নগর ও সমস্ত প্রাণীকে তরোয়াল দিয়ে আঘাত করল; যেমন তিনি ইগ্লোনের প্রতি করেছিলেন, সেই রকম কাউকেই অবশিষ্ট রাখলেন না; হিব্রোণ ও সেইজায়গার সমস্ত প্রাণীকে সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করলেন।
और उन्होंने उसे घेर करके उसे और उसके बादशाह और उसकी सब बस्तियों और वहाँ के सब लोगों को बर्बाद किया और जैसा उस ने 'अजलून से किया था एक को भी जीता न छोड़ा बल्कि उसे और वहाँ के सब लोगों को बिल्कुल हलाक कर डाला।
38 ৩৮ পরে যিহোশূয় ফিরে সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে নিয়ে দবীরে গিয়ে তার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করলেন।
फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली दबीर को लौटे और उससे लड़े।
39 ৩৯ আর সেই নগর ও সেখানের রাজা ও তার অধীনে সমস্ত নগরগুলি অধিকার করলেন এবং তারা তরোয়াল দিয়ে আঘাত করে সেখানের সমস্ত প্রাণীকে সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করল; তিনি কাউকেই অবশিষ্ট রাখলেন না; যেমন তিনি হিব্রোণের প্রতি এবং লিব্‌নার ও সেই জায়গার রাজার প্রতি করেছিলেন, দবীরের ও সেই জায়গার রাজার প্রতিও একই রকম করলেন।
और उसने उसे और उसके बादशाह और उसकी सब बस्तियों को फ़तह कर लिया और उन्होंने उनको बर्बाद किया और सब लोगों को जो उस में थे बिल्कुल हलाक कर दिया उसने एक को भी बाक़ी न छोड़ा जैसा उसने हबरून और उसके बादशाह से किया था वैसा ही दबीर और उसके बादशाह से किया, ऐसा ही उस ने लिबनाह और उसके बादशाह से भी किया था।
40 ৪০ এই ভাবে যিহোশূয় সমস্ত দেশ, পাহাড়ি অঞ্চল, দক্ষিণ অঞ্চল, নিম্নভূমি, পাহাড়ের পাদদেশ এবং সেই সকল অঞ্চলের সমস্ত রাজাকে আঘাত করলেন, কাউকেই অবশিষ্ট রাখলেন না; তিনি ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর আজ্ঞা অনুসারে শ্বাসবিশিষ্ট সবাইকেই সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করলেন।
तब यशू'अ ने सारे मुल्क को या'नी पहाड़ी मुल्क और दख्खिनी हिस्सा और नशीब की ज़मीन और ढलानों और वहाँ के सब बादशाहों को मारा। उस ने एक को भी जीता न छोड़ा बल्कि वहाँ के हर इंसान को जैसा ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा ने हुक्म किया था बिल्कुल हलाक कर डाला।
41 ৪১ এই ভাবে যিহোশূয় কাদেশ-বর্ণেয় থেকে ঘসা পর্যন্ত তাদেরকে এবং গিবিয়োন পর্যন্ত গোশনের সমস্ত দেশকে আঘাত করলেন।
और यशू'अ ने उनको क़ादिस बरनी' से लेकर ग़ज़्ज़ा तक और जशन के सारे मुल्क के लोगों को जिबा'ऊन तक मारा।
42 ৪২ যিহোশূয় এই সমস্ত দেশ ও রাজাদের এক দিনের ই পরাজিত করলেন, কারণ ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভু ইস্রায়েলের পক্ষে যুদ্ধ করছিলেন।
और यशू'अ ने उन सब बादशाहों पर और उनके मुल्क पर एक ही वक़्त में क़ब्ज़ा हासिल किया इसलिए कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा इस्राईल की ख़ातिर लड़ा।
43 ৪৩ পরে যিহোশূয় সমস্ত ইস্রায়েলকে সঙ্গে নিয়ে গিল্‌গলে অবস্থিত শিবিরে ফিরে এলেন।
फिर यशू'अ और सब इस्राईली उसके साथ जिल्जाल को ख़ेमागाह में लौटे।

< যিহোশূয়ের বই 10 >