< যিরমিয়ের বই 15 >

1 তখন সদাপ্রভু আমাকে বললেন, “এমনকি মোশি ও শমূয়েলও যদি আমার সামনে এসে দাঁড়াত, তবুও আমি এই লোকদের প্রতি দয়া দেখাতাম না। আমার সামনে থেকে তাদের বিদায় কর; তারা চলে যাক।
तब याहवेह मुझसे बात करने लगे: “यद्यपि मोशेह तथा शमुएल भी मेरे सम्मुख उपस्थित हो जाएं, इन लोगों के लिए मेरा हृदय द्रवित न होगा. उन्हें मेरी उपस्थिति से दूर ले जाओ! दूर हो जाएं वे मेरे समक्ष से!
2 এটা ঘটবে যে, তারা তোমাকে বলবে, ‘আমরা কোথায় যাব?’ তখন তুমি তাদের অবশ্যই বলবে, ‘সদাপ্রভু এই কথা বলেন, মৃত্যুর জন্য যারা নির্দিষ্ট হয়ে আছে, মৃত্যুর স্থানে যাক; তরোয়ালের জন্য যারা নির্দিষ্ট হয়ে আছে, তরোয়ালের কাছে যাক; দূর্ভিক্ষের জন্য যারা নির্দিষ্ট হয়ে আছে, দূর্ভিক্ষের স্থানে যাক এবং বন্দীদশার জন্য যারা নির্দিষ্ট হয়ে আছে, বন্দীদশায় যাক।’
जब वे तुमसे यह पूछें, ‘कहां जाएं हम?’ तब तुम उन्हें उत्तर देना, ‘यह वाणी याहवेह की है: “‘वे जो मृत्यु के लिए पूर्व-निर्दिष्ट हैं, उनकी मृत्यु होगी; जो तलवार के लिए पूर्व-निर्दिष्ट हैं, उनकी तलवार से, जो अकाल के लिए पूर्व-निर्दिष्ट हैं, उनकी अकाल से; तथा जिन्हें बंधुआई में ले जाया जाना है, वे बंधुआई में ही ले जाए जाएंगे.’
3 এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, ‘কারণ আমি তাদের উপরে চারটি দল নিযুক্ত করব; হত্যা করার জন্য তরোয়াল, টেনে নিয়ে যাবার জন্য কুকুরদের, গিলে ফেলার জন্য ও ধ্বংস করার জন্য আকাশের পাখী ও ভূমির পশুদের।
“मैं उनके लिए चार प्रकार के विनाश निर्धारित कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है, “संहार के लिए तलवार और उन्हें खींचकर ले जाने के लिए कुत्ते तथा आकाश के पक्षी एवं पृथ्वी के पशु उन्हें खा जाने तथा नष्ट करने के लिए.
4 আমি পৃথিবীর সব রাজ্যের কাছে তাদের আতঙ্কিত করে তুলব, যিহূদার রাজা হিষ্কিয়ের ছেলে মনঃশি, যিরূশালেমে যা করেছে তার জন্য।’
यहूदिया के राजा हिज़किय्याह के पुत्र मनश्शेह द्वारा येरूशलेम में किए गए कुकृत्यों के कारण, मैं उन्हें पृथ्वी के सारे राज्यों के लिए आतंक का विषय बना दूंगा.
5 যিরূশালেম! কে তোমার উপর দয়া করবে? কে তোমার জন্য শোক করবে? কে তোমার খবর জিজ্ঞাসা করতে আসবে?
“येरूशलेम, कौन तुम पर तरस खाने के लिए तैयार होगा? अथवा कौन तुम्हारे लिए विलाप करेगा? अथवा कौन तुम्हारा कुशल क्षेम ज्ञात करने का कष्ट उठाएगा?
6 সদাপ্রভু এই কথা বলেন, ‘তুমি আমাকে ত্যাগ করেছ, তুমি আমার কাছ থেকে ফিরে গেছ। সেইজন্য আমি তোমাকে নিজের হাতে আঘাত করব এবং তোমাকে ধ্বংস করব। আমি তোমার উপরে দয়া করতে করতে ক্লান্ত হয়ে পরেছি।
तुम, जिन्होंने मुझे भूलना पसंद कर दिया है,” यह याहवेह की वाणी है. “तुम जो पीछे ही हटते जा रहे हो. इसलिये मैं अपना हाथ तुम्हारे विरुद्ध उठाऊंगा और तुम्हें नष्ट कर दूंगा; थक चुका हूं मैं तुम पर कृपा करते-करते.
7 তাই দেশের ফটকের কাছে আমি কুলোয় করে তাদের ঝেড়ে ফেলব। আমি তাদের ছিন্নভিন্ন করব। আমি আমার প্রজাদের ধ্বংস করব যদি তারা তাদের পথ থেকে না ফেরে।
मैं सूप लेकर देश के प्रवेश द्वारों पर उनको फटकूंगा. मैं उनसे उनकी संतान ले लूंगा और मैं अपनी ही प्रजा को नष्ट कर दूंगा, उन्होंने अपने आचरण के लिए पश्चात्ताप नहीं किया है.
8 আমি তাদের বিধবাদের সংখ্যা সমুদ্রের তীরের বালির থেকে বেশী করব। যুবকের মায়েদের বিরুদ্ধে আমি দুপুরবেলা ধ্বংসকারীকে পাঠাব। আমি তাদের উপর হঠাৎ আঘাত ও ভয় নিয়ে আসব।
अब मेरे समक्ष उनकी विधवाओं की संख्या में सागर तट के बांध से अधिक वृद्धि हो जाएगी. मैं जवान की माता के विरुद्ध दोपहर में एक विनाशक ले आऊंगा; मैं उस पर सहसा व्यथा एवं निराशा ले आऊंगा.
9 সেই মা যে সাত সন্তানের জন্ম দিয়েছে, দুর্বল হবে। সে হাঁপাবে। দিনের র বেলাতেই তার সূর্য্য ডুবে যাবে। সে লজ্জিত ও বিভ্রান্ত হবে, কারণ আমি তাদের যারা অবশিষ্ট আছে, তাদের শত্রুদের তরোয়ালের সামনে দেব,’ সদাপ্রভু এই কথা বলেন।”
वह, जिसके सात पुत्र पैदा हुए थे, व्यर्थ और दुर्बल हो रही है और उसका श्वसन भी श्रमपूर्ण हो गया है. उसका सूर्य तो दिन ही दिन में अस्त हो गया; उसे लज्जित एवं अपमानित किया गया. और मैं उनके शत्रुओं के ही समक्ष उन्हें तलवार से घात कर दूंगा जो उनके उत्तरजीवी हैं,” यह याहवेह की वाणी है.
10 ১০ মা আমার, ধিক আমাকে! তুমি আমাকে জন্ম দিয়েছ; আমি, যার সঙ্গে সমস্ত দেশ বিবাদ ও বিতর্ক করে। আমি ধার নেয়নি, আর নেই যে কেউ আমাকে ধার দিয়েছে, কিন্তু তারা সবাই আমাকে অভিশাপ দেয়।
मेरी माता, धिक्कार है मुझ पर, जो आपने मुझे जन्म दिया है, मैं, सारे देश के लिए संघर्ष एवं विवाद का कारण हो गया हूं! न तो मैंने किसी को ऋण दिया है न ही किसी ने मुझे, फिर भी सभी मुझे शाप देते रहते हैं.
11 ১১ সদাপ্রভু বললেন, “আমি কি মঙ্গলের জন্য তোমাকে উদ্ধার করব না? আমি অবশ্যই বিপদ ও দুর্দশার দিনের তোমার শত্রুদেরকে সাহায্যের জন্য মিনতি করব।
याहवेह ने उत्तर दिया, “निःसंदेह मैं कल्याण के लिए तुम्हें मुक्त कर दूंगा; निःसंदेह मैं ऐसा करूंगा कि शत्रु संकट एवं पीड़ा के अवसर पर तुमसे विनती करेगा.
12 ১২ লোহাকে কি কেউ সম্পূর্ণ ধ্বংস করতে পারে? বিশেষ করে উত্তরের ব্রোঞ্জ মেশানো লোহা?
“क्या कोई लौह को तोड़ सकता है, उत्तर दिशा के लौह एवं कांस्य को?
13 ১৩ আমি লুটের মাল হিসাবে তোমার সম্পত্তি ও ধনদৌলত তোমার শত্রুদের দিয়ে দেব। এটা হবে তোমার সমস্ত সীমানার সাথে করা তোমার সমস্ত পাপের মূল্য।
“तुम्हारी ही सीमाओं के भीतर तुम्हारे सारे पापों के कारण मैं तुम्हारा धन तथा तुम्हारी निधियां लूट की सामग्री बनाकर ऐसे दे दूंगा, जिसके लिए किसी को कुछ प्रयास न करना पड़ेगा.
14 ১৪ তখন আমি তোমার শত্রুদের দিয়ে তোমায় এমন দেশে নিয়ে যাব, যা তোমার অজানা, কারণ আমার রোষের আগুন তোমার উপর জ্বলতে থাকবে।”
तब मैं तुम्हारे शत्रुओं को इस प्रकार प्रेरित करूंगा, कि वे उसे ऐसे देश में ले जाएंगे जिसे तुम नहीं जानते, क्योंकि मेरे क्रोध में एक अग्नि प्रज्वलित हो गई है जो सदैव ही प्रज्वलित रहेगी.”
15 ১৫ তুমি নিজেই জানো, সদাপ্রভু! আমাকে স্মরণ কর ও আমাকে সাহায্য কর। আমার জন্য আমার অন্যায়কারীদের বিরুদ্ধে প্রতিশোধ নাও। তোমার সহনশীলতায় আমাকে দূরে সরিয়ে রেখ না। আমি তোমার জন্য ভর্ত্সনা স্বীকার করি।
याहवेह, आप सब जानते हैं; मुझे स्मरण रखिए, मेरा ध्यान रखिए, उनसे बदला लीजिए. जिन्होंने मुझ पर अत्याचार किया है. आप धीरज धरनेवाले हैं—मुझे दूर मत कीजिये; यह बात आपके समक्ष स्पष्ट रहे कि मैं आपके निमित्त निंदा सह रहा हूं.
16 ১৬ তোমার বাক্য খুঁজে পেলাম এবং আমি তাদের ভোজন করলাম। তোমার বাক্য ছিল আমার আনন্দ, আমার অন্তরের আনন্দ, কারণ বাহিনীগনের ঈশ্বর সদাপ্রভু, কারণ আমার উপর তোমার নাম ঘোষিত হয়।
मुझे आपका संदेश प्राप्‍त हुआ, मैंने उसे आत्मसात कर लिया; मेरे लिए आपका संदेश आनंद का स्रोत और मेरे हृदय का उल्लास है, याहवेह सेनाओं के परमेश्वर, इसलिये कि मुझ पर आपके स्वामित्व की मोहर लगाई गई है.
17 ১৭ আমি তাদের সভাতে বসতাম না, যারা উল্লাস ও ফুর্তি করে। তোমার শক্তিশালী হাতের জন্য আমি একা বসে থাকতাম, কারণ তুমি আমাকে ধিক্কারে পরিপূর্ণ করেছ।
न मैं उनकी संगति में जाकर बैठा हूं जो मौज-मस्ती करते रहते हैं, न ही स्वयं मैंने आनंद मनाया है; मैं अकेला ही बैठा रहा क्योंकि मुझ पर आपका हाथ रखा हुआ था, क्योंकि आपने मुझे आक्रोश से पूर्ण कर दिया है.
18 ১৮ কেন আমার ব্যথার স্থায়ী এবং আমার ক্ষত দুরারোগ্য, সুস্থ হতে অস্বীকার করে? তুমি কি আমার কাছে মিথ্যা জলের মত, জল যা শুকিয়ে যায়?
क्या कारण है कि मेरी पीड़ा सदा बनी रही है तथा मेरे घाव असाध्य हो गए हैं, वे स्वस्थ होते ही नहीं? क्या आप वास्तव में मेरे लिए धोखा देनेवाले सोता के समान हो जाएंगे, जिसमें जल होना, न होना अनिश्चित ही होता है.
19 ১৯ অতএব সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “যিরমিয়, যদি তুমি অনুতাপ কর, তাহলে আমি তোমাকে পুনরুদ্ধার করব এবং তুমি আমার সামনে দাঁড়িয়ে আমার সেবা করবে। কারণ যদি তুমি বাজে জিনিসকে দামী জিনিস থেকে আলাদা কর, তুমি আমার মুখের মত হবে। এই লোকেরা তোমার দিকে ফিরে আসবে, কিন্তু তুমি নিজে তাদের কাছে ফিরে যাবে না।
इसलिये याहवेह का संदेश यह है: “यदि तुम लौट आओ, तो मैं तुम्हें पुनःस्थापित करूंगा कि तुम मेरे समक्ष खड़े रह पाओगे; यदि तुम व्यर्थ बातें नहीं, बल्कि अनमोल बातें कहें, तुम मेरे प्रवक्ता बन जाओगे. संभव है कि वे तुम्हारे निकट आ जाएं, किंतु तुम स्वयं उनके निकट न जाना.
20 ২০ আমি তোমাকে এই লোকেদের কাছে পিতলের শক্তিশালী একটি দেয়ালের মত করব এবং তারা তোমার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করবে। কিন্তু তোমাকে হারাতে পারবে না, কারণ আমি তোমাকে রক্ষা করব ও উদ্ধার করব, সদাপ্রভু বলেন।
तब मैं तुम्हें इन लोगों के लिए कांस्य की दृढ़ दीवार बना दूंगा; वे तुमसे युद्ध तो अवश्य करेंगे किंतु तुम पर प्रबल न हो सकेंगे, क्योंकि तुम्हारी सुरक्षा के लिए मैं तुम्हारे साथ हूं, मैं तुम्हारा उद्धार करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
21 ২১ আমি তোমাকে দুষ্টদের হাত থেকে উদ্ধার করব এবং অত্যাচারীদের হাত থেকে মুক্ত করব।”
“इस प्रकार मैं तुम्हें बुरे लोगों के आधिपत्य से विमुक्त करूंगा और मैं तुम्हें हिंसक के बंधन से छुड़ा लूंगा.”

< যিরমিয়ের বই 15 >