< আদিপুস্তক 41 >

1 দুই বছর পরে ফরৌণ স্বপ্ন দেখলেন।
साधारणपणे दोन वर्षे पूर्ण झाल्यानंतर फारो राजाला स्वप्न पडले. ते असे की, पाहा तो नाईल नदीच्या काठी उभा राहिला होता.
2 দেখ, তিনি নদীর তীরে দাঁড়িয়ে আছেন, আর দেখ, নদী থেকে সাতটি মোটাসোটা সুন্দর গরু উঠল ও খাগড়া বনে চরতে লাগল।
तेव्हा पाहा, त्याने सात गाई नाईल नदीतून बाहेर येताना पाहिल्या. त्या धुष्टपुष्ट व सुंदर होत्या. त्या तेथे उभ्या राहून गवतात चरत होत्या.
3 সেগুলির পরে, দেখ, আর সাতটি রোগা ও বিশ্রী গরু নদী থেকে উঠল ও নদীর তীরে ঐ গরুদের কাছে দাঁড়াল।
त्यानंतर आणखी सात दुबळ्या व कुरुप गाई नदीतून बाहेर आल्या व नदीच्या किनारी त्या सात धष्टपुष्ट व सुंदर गाईंच्या बाजूला उभ्या राहिल्या.
4 পরে সেই রোগা বিশ্রী গাভীরা ঐ সাতটি মোটাসোটা সুন্দর গরুকে খেয়ে ফেলল। তখন ফরৌণের ঘুম ভেঙে গেল।
आणि त्या सात दुबळ्या व कुरुप गाईंनी त्या सात सुंदर व धष्टपुष्ट गाईंना खाऊन टाकले. त्यानंतर फारो राजा जागा झाला.
5 তার পরে তিনি আবার ঘুমিয়ে পড়লে দ্বিতীয় বার স্বপ্ন দেখলেন; দেখ, এক বোঁটাতে সাতটি মোটা ও ভালো শীষ উঠল।
मग फारो राजा पुन्हा झोपल्यावर त्यास दुसऱ्यांदा स्वप्न पडले. त्यामध्ये त्याने पाहिले की, एकाच ताटाला सात भरदार कणसे आली.
6 সেগুলির পরে, দেখ, পূর্বীয় বায়ুতে শোষিত অন্য সাতটি ক্ষীণ শীষ উঠল।
त्यानंतर पाहा, त्या ताटाला सात खुरटलेली व पूर्वेच्या वाऱ्याने करपलेली अशी सात कणसे आली.
7 আর এই ক্ষীণ শীষগুলি ঐ সাতটি মোটা পরিপক্ক শীষকে খেয়ে ফেলল। পরে ফরৌণের ঘুম ভেঙে গেল, আর দেখ, ওটা স্বপ্নমাত্র।
नंतर त्या सात खुरटलेल्या व करपलेल्या कणसांनी ती सात चांगली व टपोऱ्या दाण्यांची भरदार कणसे गिळून टाकली. तेव्हा फारो पुन्हा जागा झाला आणि ते तर स्वप्न असल्याचे त्यास समजले.
8 পরে সকালে তাঁর মন অস্থির হল; আর তিনি লোক পাঠিয়ে মিশরের সব জাদুকর ও সেখানকার সব জ্ঞানীকে ডাকলেন; আর ফরৌণ তাঁদের কাছে সেই স্বপ্নবৃত্তান্ত বললেন, কিন্তু তাঁদের মধ্যে কেউই ফরৌণকে তার অর্থ বলতে পারলেন না।
दुसऱ्या दिवशी सकाळ झाल्यावर फारो राजा त्या स्वप्नांमुळे चिंतेत पडून बेचैन झाला. त्याने मिसर देशातील जादूगार व ज्ञान्यांना बोलावले. फारोने आपली स्वप्ने त्यांना सांगितली. परंतु त्यांच्यातील कोणालाच त्या स्वप्नांचा अर्थ सांगता आला नाही.
9 তখন প্রধান পানপাত্রবাহক ফরৌণকে অনুরোধ করল, “আজ আমার দোষ মনে পড়ছে।”
तेव्हा प्यालेबरदार फारोस म्हणाला, “आज मला माझ्या अपराधाची आठवण होत आहे.
10 ১০ ফরৌণ নিজের দুই দাসের প্রতি, আমার ও প্রধান রুটিওয়ালার প্রতি, রেগে গিয়ে আমাদেরকে রক্ষক-সেনাপতির বাড়িতে কারাবদ্ধ করেছিলেন।
१०फारो, आपण माझ्यावर व आचाऱ्यावर संतापला होता आणि आपण आम्हांस पहारेकऱ्यांच्या सरदाराच्या वाड्यातील तुरुंगात टाकले होते.
11 ১১ আর সে ও আমি এক রাতে স্বপ্ন দেখেছিলাম এবং দুই জনের স্বপ্নের দুই প্রকার অর্থ হল।
११तेव्हा तुरुंगात असताना एकाच रात्री मला व त्याला, आम्हा दोघांना स्वप्ने पडली. आम्हांला लागू होतील अशी निरनिराळी स्वप्ने आम्हांला पडली.
12 ১২ তখন সে জায়গায় রক্ষক-সেনাপতির দাস এক জন ইব্রীয় যুবক আমাদের সঙ্গে ছিল; তাকে স্বপ্নবৃত্তান্ত বললে সে আমাদেরকে তার অর্থ বলল; উভয়ের স্বপ্নের অর্থ বলল।
१२तेथे कोणी इब्री तरुण आमच्याबरोबर कैदेत होता. तो संरक्षण दलाच्या सरदाराचा दास होता. त्यास आम्ही आमची स्वप्ने सांगितली त्याने त्याचे स्पष्टीकरण केले. त्याने आमच्या प्रत्येकाच्या स्वप्नांचा अर्थ सांगितला.
13 ১৩ আর সে আমাদেরকে যেমন অর্থ বলেছিল, সেরকমই ঘটল; মহারাজ আমাকে আগের পদে নিযুক্ত করলেন ও তাকে ফাঁসি দিলেন।
१३आणि त्याने सांगितलेल्या अर्थाप्रमाणे तसे ते घडले. तो म्हणाला, फारो तुला पूर्वीप्रमाणे कामावर पुन्हा घेईल आणि परंतु दुसऱ्याला फाशी देईल.”
14 ১৪ তখন ফরৌণ যোষেফকে ডেকে পাঠালে লোকেরা কারাকুয়ো থেকে তাঁকে তাড়াতাড়ি আনল। পরে তিনি চুল-দাড়ি কেটে অন্য পোশাক পরে ফরৌণের কাছে উপস্থিত হলেন।
१४मग फारोने योसेफाला बोलावणे पाठवले. तेव्हा त्यांनी त्यास ताबडतोब तुरुंगातून बाहेर आणले. योसेफ दाढी करून व कपडे बदलून फारोकडे आला.
15 ১৫ তখন ফরৌণ যোষেফকে বললেন, “আমি এক স্বপ্ন দেখেছি, তার অর্থ করতে পারে, এমন কেউ নেই। কিন্তু তোমার বিষয়ে আমি শুনেছি যে, তুমি স্বপ্ন শুনলে অর্থ করতে পার।”
१५मग फारो योसेफास म्हणाला, “मला स्वप्न पडले आहे, परंतु त्याचा अर्थ सांगणारा कोणी नाही. मी तुझ्याविषयी ऐकले की, जेव्हा कोणी तुला स्वप्न सांगतो तेव्हा तू स्वप्नांचा अर्थ सांगतोस.”
16 ১৬ যোষেফ ফরৌণকে উত্তর করলেন, “তা আমার পক্ষে অসম্ভব, ঈশ্বরই ফরৌণকে সঠিক উত্তর দেবেন।”
१६योसेफाने फारोला उत्तर देऊन म्हणाला, “तसे सामर्थ्य माझ्यामध्ये नाही. देवच फारोला स्वप्नांचा अर्थ सांगेल.”
17 ১৭ তখন ফরৌণ যোষেফকে বললেন, “দেখ, আমি স্বপ্নে নদীর তীরে দাঁড়িয়েছিলাম।
१७मग फारो योसेफाला म्हणाला, “माझ्या स्वप्नामध्ये मी नाईल नदीच्या काठी उभा होतो.
18 ১৮ আর দেখ, নদী থেকে সাতটি মোটাসোটা গরু উঠে খাগড়া বনে চরতে লাগল।
१८तेव्हा पाहा नदीतून सात धष्टपुष्ट व सुंदर गाई बाहेर आल्या व गवत खाऊ लागल्या असे मी पाहिले.
19 ১৯ সেগুলির পরে, দেখ, রোগা ও বিশ্রী গাভী উঠল; আমি সমস্ত মিশর দেশে সেই ধরনের বিশ্রী গাভী কখনও দেখিনি।
१९त्यानंतर पाहा, सात दुबळ्या व कुरुप गाई वर आल्या. मी सबंध मिसर देशात त्यांच्यासारख्या बेढब गाई कधीच पाहिल्या नव्हत्या.
20 ২০ আর এই রোগা ও বিশ্রী গরুরা সেই আগের মোটাসোটা সাতটি গরুকে খেয়ে ফেলল।
२०त्या दुबळ्या व कुरुप गाईंनी आधीच्या धष्टपुष्ट व सुंदर गाई गिळून टाकल्या.
21 ২১ কিন্তু তারা এদের খেয়ে ফেললে পর, খেয়ে ফেলেছে, এমন মনে হল না, কারণ এরা আগের মতো বিশ্রীই থাকল।
२१तरीही त्या दुबळ्या व कुरुपच राहिल्या, त्यांच्याकडे पाहिल्यावर त्यांनी त्या सात गाई गिळून टाकल्या असे वाटत नव्हते, त्या पूर्वीप्रमानेच कुरुप व दुबळ्या दिसत होत्या मग मी जागा झालो.
22 ২২ তখন আমার ঘুম ভেঙে গেল। পরে আমি আর এক স্বপ্ন দেখলাম; আর দেখ, একটি বোঁটায় সম্পূর্ণ ভালো সাতটি শীষ উঠল।
२२त्यानंतर माझ्या दुसऱ्या स्वप्नात एकाच ताटाला सात चांगली भरदार व टपोऱ्या दाण्यांची भरगच्च कणसे आली,
23 ২৩ আর দেখ, সেগুলির পরে শুকনো, ক্ষীণ ও পুর্বীয় বায়ুতে শুকনো সাতটি শীষ উঠল।
२३मग त्यांच्या मागून त्या ताटाला आणखी दुसरी वाळलेली, बारीक व पूर्वेच्या गरम वाऱ्याच्या झळांमुळे करपलेली सात कणसे आली.
24 ২৪ আর এই ক্ষীণ শীষগুলি সেই ভালো সাতটি শীষকে গ্রাস করল। এই স্বপ্ন আমি জাদুকরদেরকে বললাম, কিন্তু কেউই এর অর্থ আমাকে বলতে পারল না।”
२४बारीक कणसांनी ती चांगली सात कणसे गिळून टाकली. ही माझी स्वप्ने मी माझ्या जादुगारांना सांगितली. परंतु त्यांच्यातील कोणालाही त्यांचा उलगडा करून सांगता आले नाही.”
25 ২৫ তখন যোষেফ ফরৌণকে বললেন, “ফরৌণের স্বপ্ন এক; ঈশ্বর যা করতে প্রস্তুত হয়েছেন, তাই ফরৌণকে জানিয়েছেন।
२५मग योसेफ फारोला म्हणाला, “महाराज, या दोन्हीही स्वप्नांचा अर्थ एकच आहे. देव जे काही करणार आहे ते त्याने आपणांस कळविले आहे.
26 ২৬ ঐ সাতটি ভালো গরু সাত বছর এবং ঐ সাতটি ভালো শীষও সাত বছর; স্বপ্ন এক।
२६त्या सात चांगल्या गाई आणि ती सात चांगली कणसे म्हणजे सात चांगली वर्षे आहेत. स्वप्ने सारखीच आहेत.
27 ২৭ আর তার পরে যে সাতটি রোগা ও বিশ্রী গরু উঠল, তারাও সাত বছর এবং পুর্বীয় বায়ুতে শুকনো যে সাতটি অপুষ্ট শীষ উঠল, তা দূর্ভিক্ষের সাত বছর হবে।”
२७त्या दुसऱ्या सात दुबळ्या गाई व ती सात सुकलेली व पूर्वेच्या वऱ्याने करपलेली कणसेही म्हणजे अवघ्या देशावर येणाऱ्या दुष्काळाची सात वर्षे आहेत.
28 ২৮ আমি ফরৌণকে এটাই বললাম; “ঈশ্বর যা করতে প্রস্তুত হয়েছেন, তা ফরৌণকে দেখিয়েছেন।
२८जी गोष्ट मी फारोला सांगितली ती हीच आहे. जे काय घडणार आहे हे देवाने आपणास दाखवले आहे.
29 ২৯ দেখুন, সমস্ত মিশর দেশে সাত বছর প্রচুর শস্য হবে।
२९पाहा सर्व मिसर देशात सात वर्षांच्या सुबत्तेच्या काळात चांगले व भरपूर पीक येईल.
30 ৩০ তার পরে সাত বছর এমন দূর্ভিক্ষ হবে যে, মিশর দেশে সমস্ত শস্য নষ্ট হবে এবং সেই দূর্ভিক্ষে দেশ ধ্বংস হবে।
३०परंतु सुकाळाच्या सात वर्षांनंतर सर्व देशभर दुष्काळाची अशी सात वर्षे येतील की, त्यामुळे मिसर देशाला सुकाळाचा विसर पडेल आणि हा दुष्काळ देशाचा नाश करील.
31 ৩১ আর সেই পরে আসা দূর্ভিক্ষের জন্য দেশে আগের শস্যপ্রাচুর্য্যতার কথা মনে পড়বে না; কারণ তা খুব কষ্টকর হবে।
३१आणि भरपूर धान्य असतानाचे दिवस देशात कसे होते याचा लोकांस विसर पडेल, कारण तो फार भयंकर काळ असेल.
32 ৩২ আর ফরৌণের কাছে দুবার স্বপ্ন দেখাবার ভাব এই; ঈশ্বর এটা স্থির করেছেন এবং ঈশ্বর এটা তাড়াতাড়ি ঘটাবেন।
३२तेव्हा फारो महाराज, एकाच गोष्टीविषयी आपणाला दोनदा स्वप्ने पडली, ती यासाठी की, देव हे सर्व लवकरच व नक्की घडवून आणील हे आपणास दाखवावे.
33 ৩৩ অতএব এখন ফরৌণ একজন সুবুদ্ধি ও জ্ঞানবান পুরুষের চেষ্টা করে তাঁকে মিশর দেশের উপরে নিযুক্ত করুন।
३३तेव्हा, फारोने एखाद्या समंजस व शहाण्या मनुष्याची निवड करून त्यास सर्व मिसर देशावर नेमावे.
34 ৩৪ আর ফরৌণ এই কাজ করুন; দেশে অধ্যক্ষদের নিযুক্ত করে যে সাত বছর শস্যপ্রাচুর্য্য হবে, সেই দিনের মিশর দেশ থেকে শস্যের পঞ্চমাংশ গ্রহণ করুন।
३४फारोने हे करावे: देशावर देखरेख करणारे नेमावे. त्यांनी येत्या सात वर्षांच्या सुकाळात मिसरातल्या पिकाचा पाचवा हिस्सा गोळा करून घ्यावा.
35 ৩৫ তাঁরা সেই আগামী ভালো বছরগুলিতে খাবার সংগ্রহ করুন ও ফরৌণের অধীনে নগরে নগরে খাবারের জন্য শস্য সঞ্চয় করুন ও রক্ষা করুন।
३५अशा रीतीने ही जी येणारी चांगली वर्षे, त्यामध्ये सर्व अन्नधान्य गोळा करावे. फारोच्या अधिकाराखाली ते धान्य नगरांमध्ये साठवून ठेवावे. त्यांनी त्याची राखण करावी.
36 ৩৬ এই ভাবে মিশর দেশে যে দূর্ভিক্ষ হবে, সেই দূর্ভিক্ষের সাত বছরের জন্য সেই খাবার দেশের জন্য সঞ্চিত থাকবে, তাতে দূর্ভিক্ষে দেশ ধ্বংস হবে না।”
३६येणाऱ्या दुष्काळातील सात वर्षांच्या काळात त्या धान्याचा पुरवठा मिसर देशाला करावा. अशा प्रकारे मग दुष्काळाच्या सात वर्षात देशाचा नाश होणार नाही.”
37 ৩৭ তখন ফরৌণের ও তাঁর সব দাসের দৃষ্টিতে এই কথা ভালো মনে হল।
३७हा सल्ला फारो राजाच्या दृष्टीने व त्याच्या सर्व सेवकांच्या दृष्टीने चांगला वाटला.
38 ৩৮ আর ফরৌণ নিজের দাসদেরকে বললেন, “এর তুল্য পুরুষ, যাঁর অন্তরে ঈশ্বরের আত্মা আছেন, এমন আর কাকে পাব?”
३८फारो त्याच्या सेवकांना म्हणाला, “देवाचा आत्मा ज्याच्यात आहे असा, ह्याच्यापेक्षा अधिक चांगला व योग्य असा दुसरा कोणी मनुष्य सापडेल काय?”
39 ৩৯ তখন ফরৌণ যোষেফকে বললেন, “ঈশ্বর তোমাকে এই সব জানিয়েছেন, অতএব তোমার মতো সুবুদ্ধি ও জ্ঞানবান কেউই নেই।
३९तेव्हा फारो योसेफास म्हणाला, “देवाने तुला या सर्व गोष्टी दाखवल्या आहेत, म्हणून तुझ्यासारखा समंजस व शहाणा दुसरा कोणी नाही.
40 ৪০ তুমিই আমার বাড়ির পরিচালক হও; আমার সমস্ত প্রজা তোমার কথায় চলবে, কেবল সিংহাসনে আমি তোমার থেকে বড় থাকব।”
४०तू माझ्या घराचा अधिकारी हो आणि तुझ्या शब्दाप्रमाणे माझे सर्व लोक चालतील. या देशात केवळ राजासनापुरता म्हणून काय तो मी तुझ्यापेक्षा मोठा असेन.”
41 ৪১ ফরৌণ যোষেফকে আরও বললেন, “দেখ, আমি তোমাকে সমস্ত মিশর দেশের ওপরে নিযুক্ত করলাম।”
४१मग फारो योसेफास म्हणाला, “मी तुला सर्व मिसर देशावर नेमले आहे.”
42 ৪২ পরে ফরৌণ হাত থেকে নিজের আংটি খুলে যোষেফের হাতে দিলেন, তাঁকে কার্পাসের ভালো কাপড় পরালেন এবং তাঁর গলায় সোনার হার দিলেন।
४२मग फारोने राजमुद्रा असलेली आपल्या बोटातील अंगठी योसेफाच्या बोटात घातली; तलम तागाच्या वस्त्राचा पोशाख त्यास घातला आणि त्याच्या गळ्यात एक सोन्याची साखळी घातली.
43 ৪৩ আর তাঁকে নিজের দ্বিতীয় রথে আরোহণ করালেন এবং লোকেরা তাঁর আগে আগে “হাঁটু পাত, হাঁটু পাত বলে ঘোষণা করল।” এই ভাবে তিনি সমস্ত মিশর দেশের পরিচালকের পদে নিযুক্ত হলেন।
४३नंतर त्याने त्यास आपल्या दुसऱ्या रथात बसवले. लोक त्याच्यापुढे आरोळी देत चालले “गुडघे टेका.” फारोने त्यास सर्व देशावर नेमले.
44 ৪৪ আর ফরৌণ যোষেফকে বললেন, “আমি ফরৌণ, তোমার আদেশ ছাড়া সমস্ত মিশর দেশের কোনো লোক হাত কিংবা পা তুলতে পারবে না।”
४४फारो योसेफाला म्हणाला, “मी फारो आहे, आणि सर्व मिसर देशात तुझ्या हुकुमाशिवाय कोणी आपला हात किंवा पाय हलवू शकणार नाही.”
45 ৪৫ আর ফরৌণ যোষেফের নাম “সাফনৎ-পানেহ” রাখলেন এবং তার সঙ্গে ওন নগর-নিবাসী পোটীফেরঃ নামে যাজকের আসনৎ নামের মেয়ের বিয়ে দিলেন। পরে যোষেফ মিশর দেশের মধ্যে যাতায়াত করতে লাগলেন
४५फारो राजाने योसेफाला “सापनाथ-पानेह” असे दुसरे नाव दिले. फारोने ओन शहराचा याजक पोटीफर याची मुलगी आसनथ ही योसेफाला पत्नी करून दिली. योसेफ सर्व मिसर देशावर अधिकारी झाला.
46 ৪৬ যোষেফ ত্রিশ বছর বয়সে মিশর-রাজ ফরৌণের সামনে দাঁড়িয়ে ছিলেন। পরে যোষেফ ফরৌণের কাছ থেকে চলে গিয়ে মিশর দেশের সব জায়গায় ভ্রমণ করলেন।
४६योसेफ मिसर देशाचा राजा फारो याची सेवा करू लागला तेव्हा तो तीस वर्षांचा होता. योसेफाने मिसर देशभर दौरा करून देशाची पाहणी केली.
47 ৪৭ আর প্রচুর শস্য ফলনের সেই সাত বছর ভূমিতে প্রচুর পরিমাণ শস্য জন্মাল।
४७सुकाळाच्या सात वर्षात सर्व देशभर भरपूर पीक आले.
48 ৪৮ মিশর দেশে উপস্থিত সেই সাত বছরে সব শস্য সংগ্রহ করে তিনি প্রতি নগরে সঞ্চয় করলেন; যে নগরের চার সীমায় যে শস্য হল, সেই নগরে তা সঞ্চয় করলেন।
४८योसेफाने सुकाळाच्या सात वर्षात अन्नधान्य गोळा करून नगरोनगरी साठवून ठेवले. त्याने प्रत्येक नगराभोवतालच्या शेतातले अन्नधान्य त्यामध्येच साठवून ठेवले.
49 ৪৯ এই ভাবে যোষেফ সমুদ্রের বালির মতো এমন প্রচুর শস্য সংগ্রহ করলেন যে, তা মাপা বন্ধ করলেন, কারণ তা পরিমাপের বাইরে ছিল।
४९योसेफाने जणू काय समुद्राच्या वाळूप्रमाणे अन्नधान्य गोळा करून साठवून ठेवले. ते इतके होते की, त्याने मोजणे सोडले कारण ते मोजमाप करता येत नव्हते.
50 ৫০ দূর্ভিক্ষ বছরের আগে যোষেফের দুই ছেলে জন্মাল; ওন-নিবাসী পোটীফেরঃ যাজকের মেয়ে আসনৎ তাঁর জন্য তাদেরকে প্রসব করলেন।
५०दुष्काळ येण्यापूर्वी योसेफाला, आसनथ जी ओनचा याजक पोटीफर याची मुलगी तिच्या पोटी दोन पुत्र झाले.
51 ৫১ আর যোষেফ তাদের বড় ছেলের নাম মনঃশি [ভুলে যাওয়া] রাখলেন, কারণ তিনি বললেন, “ঈশ্বর আমার সমস্ত দুঃখের ও আমার বাবার বংশের স্মৃতি ভুলিয়ে দিয়েছেন।”
५१योसेफाने पाहिल्या मुलाचे नाव मनश्शे ठेवले. कारण तो म्हणाला, “देवाने, मला झालेल्या सर्व कष्टांचा व तसेच माझ्या वडिलाच्या घराचा विसर पडू दिला.”
52 ৫২ পরে দ্বিতীয় ছেলের নাম ইফ্রয়িম [ফলবান্‌] রাখলেন, কারণ তিনি বললেন, “আমার দুঃখভোগের দেশে ঈশ্বর আমাকে ফলবান করেছেন।”
५२त्याने दुसऱ्या मुलाचे नाव एफ्राईम असे ठेवले, कारण तो म्हणाला, “माझ्या दुःखाच्या भूमीमध्ये देवाने मला सर्व बाबतींत सफल केले.”
53 ৫৩ পরে মিশর দেশে উপস্থিত শস্যপ্রাচুর্য্যের সাত বছর শেষ হল
५३मिसरमध्ये असलेली भरपुरीची, सुबत्तेची सात वर्षे संपली.
54 ৫৪ এবং যোষেফ যেমন বলেছিলেন, সেই অনুসারে দূর্ভিক্ষের সাত বছর আরম্ভ হল। সব দেশে দূর্ভিক্ষ হল, কিন্তু সমস্ত মিশর দেশে খাবার ছিল।
५४सात वर्षांनंतर अगदी योसेफाने सांगितल्याप्रमाणे दुष्काळ पडण्यास सुरुवात झाली. सर्व देशांमध्ये दुष्काळ पडला होता, परंतु मिसरमध्ये मात्र अन्न होते.
55 ৫৫ পরে সমস্ত মিশর দেশে দূর্ভিক্ষ হলে প্রজারা ফরৌণের কাছে খাবারের জন্য কাঁদল, তাতে ফরৌণ মিশরীয়দের সবাইকে বললেন, “তোমরা যোষেফের কাছে যাও; তিনি তোমাদেরকে যা বলেন, তাই কর।”
५५दुष्काळ पडण्यास सुरुवात झाली, तेव्हा लोकांनी अन्नासाठी फारोकडे ओरड केली. तेव्हा फारो मिसरच्या सर्व लोकांस म्हणाला, “योसेफाला विचारा व तो सांगले ते करा.”
56 ৫৬ তখন সমস্ত দেশেই দূর্ভিক্ষ হয়েছিল। আর যোষেফ সব জায়গার গোলা খুলে মিশরীয়দের কাছে শস্য বিক্রি করতে লাগলেন; আর মিশর দেশে দূর্ভিক্ষ প্রবল হয়ে উঠল
५६संपूर्ण देशामध्ये दुष्काळ पडला होता. योसेफाने सर्व गोदामे उघडली आणि मिसरच्या लोकांस धान्य विकत दिले. मिसरमध्ये फार कडक दुष्काळ पडला होता.
57 ৫৭ এবং সবদেশের লোক মিশর দেশে যোষেফের কাছে শস্য কিনতে এল, কারণ সবদেশেই দূর্ভিক্ষ প্রবল হয়েছিল।
५७सर्व पृथ्वीवरील देशातून लोक धान्य विकत घेण्यासाठी मिसरात योसेफाकडे येऊ लागले, कारण त्या वेळी पृथ्वीच्या सर्व भागांत दुष्काळ पडला होता.

< আদিপুস্তক 41 >