< যিহিস্কেল ভাববাদীর বই 33 >

1 তারপর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার কাছে এল এবং বলল,
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
2 মানুষের সন্তান, এই কথা তাদেরকে বল, যখন আমি কোন দেশের বিরুদ্ধে তরোয়াল আনি, তারপর ঐ দেশের লোকেরা যদি তাদের মধ্য থেকে কোন এক জনকে নেয় এবং তাকে প্রহরী নিযুক্ত করে।
“मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से बात करो और उनसे कहो: ‘जब मैं किसी देश पर तलवार चलाता हूं, और उस देश के लोग अपने एक व्यक्ति को चुनकर उसे अपना पहरेदार बनाते हैं,
3 সে তরোয়ালকে দেশের বিরুদ্ধে আসতে দেখে এবং তুরী বাজিয়ে লোকদেরকে সচেতন করে,
और वह देखता है कि देश के विरुद्ध तलवार चली आ रही है और वह तुरही फूंककर लोगों को चेतावनी देता है,
4 যদি লোকেরা সেই তূরীর শব্দ শুনতে পায় এবং শুনেও সচেতন না হয় এবং যদি তরোয়াল এসে তাদেরকে হত্যা করে, তবে তার রক্ত তারই মাথায় পড়বে।
तब यदि कोई तुरही को सुनकर चेतावनी पर ध्यान नहीं देता है और तलवार आकर उनका प्राण ले लेती है, तो उसके खून का दोष उसी के सिर पर होगा.
5 যদি কেউ তুরীর শব্দ শোনে এবং মনোযোগ না দেয়, তার রক্ত তার উপরে বর্ত্তিবে। কিন্তু যদি সচেতন হত তবে তার প্রাণ বাঁচাতে পারত।
जब उसने तुरही की आवाज सुनी परंतु उसने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, इसलिये उसके खून का दोष उसी के सिर पर होगा. यदि वह चेतावनी पर ध्यान दिया होता, तो वह अपना प्राण बचा लेता.
6 যাই হোক প্রহরী তরোয়াল আসতে দেখে কিন্তু যদি তূরী না বাজায়, তার ফলে লোকদিগকে সচেতন করা না হয়, আর যদি তরোয়াল আসে এবং এক জনের প্রাণ যায় তবে যে মরে সে তার পাপ কিন্তু আমি সেই প্রহরীর হাত থেকে তার রক্তের শোধ নেব।
पर यदि पहरेदार तलवार को आते हुए देखता है और लोगों को चेतावनी देने के लिये तुरही नहीं बजाता है और तलवार आकर किसी का प्राण ले लेती है, तो उसके पाप के कारण उस व्यक्ति का प्राण ले लिया जाएगा, पर मैं उसके खून के लिये उस पहरेदार को ज़िम्मेदार ठहराऊंगा.’
7 এখন তুমি নিজে, মানুষের সন্তান, আমি তোমাকেই ইস্রায়েলের প্রহরী করেছিলাম; তুমি আমার মুখের বাক্য শোন এবং আমার নামে তাদেরকে সচেতনকর।
“हे मनुष्य के पुत्र, मैंने तुम्हें इस्राएल के लोगों के लिये एक पहरेदार ठहराया है; इसलिये जो बात मैं कहता हूं, उसे सुन और उन्हें मेरी ओर से चेतावनी दे.
8 যদি আমি কোন দুষ্ট লোককে বলি, দুষ্ট লোক তুমি নিশ্চয় মরবে, কিন্তু যদি তুমি তার পাপের বিষয়ে সেই দুষ্ট লোককে সচেতন না কর, তবে সেই দুষ্টলোক সে তার পাপের জন্য মরবে; কিন্তু আমি তোমার হাত থেকে তার রক্তের শোধ নেব।
जब मैं दुष्ट मनुष्य से कहता हूं, ‘हे दुष्ट मनुष्य, तू निश्चय मरेगा,’ और तुम उस व्यक्ति को उसका जीवन बदलने के लिये नहीं कहते हो, तो वह व्यक्ति अपने पाप के कारण मरेगा, और मैं तुम्हें उसके खून के लिये ज़िम्मेदार ठहराऊंगा.
9 কিন্তু তুমি যদি সেই দুষ্টকে তার পথ সম্বদ্ধে বল, যাতে সে তার পথ থেকে ফিরে আসে এবং যদি সে ফিরে না আসে তবে সে তার পাপে মরবে, কিন্তু তুমি তোমার প্রাণ রক্ষা করলে।
पर यदि तुम दुष्ट व्यक्ति को उसका जीवन बदलने की चेतावनी देते हो और वह अपना जीवन नहीं बदलता है, तो वह अपने पाप के कारण मरेगा, किंतु तुम स्वयं बच जाओगे.
10 ১০ তাই তুমি, মানুষের সন্তান, তুমি ইস্রায়েল-কুলকে বল, তোমার এরকম বলে থাক, আমাদের অধর্ম্ম এবং পাপ আমাদের ওপর আছে এবং তাতেই আমরা ক্ষয় হচ্ছি, কেমন করে বাঁচব?
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएलियों से कहो, ‘तुम यह कह रहे हो: “हमारे पाप और अपराध हमें नीचे गिराते हैं, और हम उनके कारण से बेकार हो रहे हैं. तब हम जीवित कैसे रह सकते हैं?”’
11 ১১ তাদেরকে বল, প্রভু সদাপ্রভু বলেন, আমার জীবনের দিব্য, একথা প্রভু সদাপ্রভু বলেন দুষ্ট লোকের মরণে আমার আনন্দ নেই; কারণ যদি দুষ্ট লোক অনুতপ্ত হয় তবে সে বাঁচবে, এটাতেই আমার সন্তোষ। তোমার ফের, নিজেদের কুপথ থেকে ফের; কারণ হে ইস্রায়েল-কুল, তোমার কেন মরবে?
उनसे कहो, ‘मेरे जीवन की शपथ, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं दुष्ट की मृत्यु से खुश नहीं होता हूं, पर अच्छा यह होगा कि वह अपना जीवन बदले और जीवित रहे. छोड़ो! अपने दुष्ट जीवनशैली को छोड़ो! हे इस्राएल के लोगों, तुम क्यों मरोगे?’
12 ১২ এবং তুমি মানুষের সন্তান, তুমি তোমার লোকেদেরকে বল, ধার্মিক লোকের ধার্ম্মিকতা তাকে বাঁচাবে না যদি পাপ করে এবং দুষ্টলোকের দুষ্টতা, তার ধ্বংসের কারণ হবে না যদি সে তার পাপের জন্য অনুতাপ করে। কারণ ধার্মিক লোকও বাঁচতে পারবেন না যদি সে পাপ করে।
“इसलिये, हे मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से कहो, ‘यदि कोई धर्मी व्यक्ति आज्ञा नहीं मानता है, तो उसके पहले के धर्मीपन का कोई मतलब नहीं होगा. और यदि कोई दुष्ट व्यक्ति पश्चात्ताप करता है, तो उस व्यक्ति के पहले की दुष्टता के कारण उसे दंड नहीं मिलेगा. जो धर्मी व्यक्ति पाप करता है, वह जीवित नहीं रहेगा, यद्यपि वह पहले धर्मी था.’
13 ১৩ যদি আমি ধার্ম্মিকদের বলি, সে অবশ্য বাঁচবে, তখন যদি সে নিজের ধার্ম্মিকতায় নির্ভর করে অন্যায় করে, তার সব ধর্ম্মকর্ম্ম আর মনে করা হবে না; সে তার দুষ্টতার জন্য মরবে সে যা করেছে।
यदि मैं किसी धर्मी व्यक्ति से कहता हूं कि वह निश्चय जीवित रहेगा, पर तब वह अपने धर्मीपन पर भरोसा करके दुष्टता करने लगता है, तब उसके द्वारा किया गया कोई भी धर्मीपन का काम याद नहीं किया जाएगा; वह अपने किए गये दुष्ट काम के कारण मरेगा.
14 ১৪ এবং যদি আমি দুষ্টকে বলি, তুমি অবশ্যই মরবে, কিন্তু যদি সে তারপর অনুতাপ করে পাপ থেকে ফিরে আসে এবং ন্যায় ধর্ম্মাচরণ করে
और यदि मैं किसी दुष्ट व्यक्ति को यह कहता हूं, ‘तुम निश्चय मरोगे,’ पर तब वह अपने पाप से मन फिराता है और वही करता है जो सही और न्याय संगत है—
15 ১৫ যদি সেই দুষ্ট যদি বন্ধক ফিরিয়ে দেয়, অন্যায় দাবি না করে বা ক্ষতিপূরন করে যা সে চুরি করেছে এবং অন্যায় না করে বিধিমতে চলে-তবে অবশ্য বাঁচবে, সে মরবে না।
यदि वह कर्जा देने के बदले रखे गये बंधक की वस्तु को लौटा देता है, चोरी की वस्तु को लौटा देता है, जीवन देनेवाले नियमों का पालन करता है, और दुष्टता नहीं करता—तब वह व्यक्ति निश्चय जीवित रहेगा; वह नहीं मरेगा.
16 ১৬ তার করা সমস্ত পাপ আর তার বলে মনে করা হবে না; সে ন্যায় ও ধর্ম্মাচরন করেছে, সে অবশ্য বাঁচবে।
उसके द्वारा किया गया कोई भी पाप याद किया नहीं जाएगा. उसने सही और न्याय संगत काम किया है; वह निश्चय जीवित रहेगा.
17 ১৭ কিন্তু তোমার লোকেরা বলে, প্রভুর পথ সরল নয়। কিন্তু তোমাদের পথ সরল নয়।
“फिर भी तुम्हारे लोग कहते हैं, ‘प्रभु की नीति न्याय संगत नहीं है.’ पर यह उनकी नीति है जो न्याय संगत नहीं है.
18 ১৮ যখন ধার্মিক লোক ধার্ম্মিকতা থেকে ফেরে এবং অন্যায় করে, তখন তারা তাতেই মরবে।
यदि कोई धर्मी व्यक्ति अपने धर्मीपन को छोड़कर दुष्ट काम करता है, तब वह अपने दुष्ट काम के कारण मरेगा.
19 ১৯ এবং যখন দুষ্ট লোক দুষ্টতা থেকে ফিরে ন্যায় ও ধর্ম্মাচরন করে, তখন সে ঐ কাজের জন্য বাঁচবে।
और यदि कोई दुष्ट व्यक्ति अपनी दुष्टता को छोड़कर सही और न्याय संगत काम करता है, तब वह अपने इन कामों के कारण जीवित रहेगा.
20 ২০ কিম্তু তোমার বলছো, প্রভুর পথ সরল নয়। ইস্রায়েল-কুল, তোমাদের প্রতেকের পথ অনুসারে আমি তোমাদের বিচার করব।
तौभी तुम इस्राएली कहते हो, ‘प्रभु की नीति न्याय संगत नहीं है.’ पर मैं तुममें से हर एक का न्याय उसके कामों के अनुसार करूंगा.”
21 ২১ আমাদের নির্বাসনের বারো বছরের দশম মাসে, মাসের পঞ্চম দিনের যিরূশালেম থেকে এক জন পলাতক আমার কাছে এল এবং বলল শহরকে দখল করেছে।
हमारे बंधुआई के बारहवें वर्ष के, दसवें माह के पांचवें दिन, एक व्यक्ति जो येरूशलेम से बच निकला था, मेरे पास आकर कहा, “शहर का पतन हो गया है!”
22 ২২ সেই পলাতকের আসবার আগে সন্ধ্যাবেলায় সদাপ্রভু আমার ওপরে হস্তার্পন করেছিলেন এবং পলাতক আসার আগে ভোরবেলায় তিনি আমার মুখ খুলে দিলেন; তাই আমার মুখ খুলে গেল, আমি আর বোবা থাকলাম না।
उस व्यक्ति के आने के पूर्व संध्या पर, याहवेह का हाथ मुझ पर था, और उसने मेरा मुंह उस व्यक्ति सामने खोला, जो सुबह मेरे पास आया. इस प्रकार मेरा मुंह खुल गया और मैं फिर चुप न रहा.
23 ২৩ তারপর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার কাছে এল এবং বলল
तब याहवेह का वचन मेरे पास आया:
24 ২৪ মানুষের সন্তান, ইস্রায়েল-দেশে যারা সেই সব ধ্বংসের জায়গায় বাস করে তারা বলছে, অব্রাহাম একমাত্র ছিলেন এবং তিনি দেশের অধিকারী হয়েছিলেন, কিন্তু আমরা অনেক লোক, আমাদেরকে এই দেশ অধিকারের জন্য দেওয়া হয়েছে।
“हे मनुष्य के पुत्र, वे लोग, जो इस्राएल देश के खंडहरों में रह रहे हैं, वे कह रहे हैं, ‘अब्राहाम तो सिर्फ एक व्यक्ति था, फिर भी उसने देश पर अधिकार किया; पर हम तो बहुत हैं; निश्चय ही यह देश हमें अधिकार करने के लिये दिया गया है.’
25 ২৫ তাই তুমি তাদেরকে বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমার রক্তশুদ্ধ মাংস খাও এবং তোমাদের মূর্তির দিকে চোখ তোলো তারপর লোকেদের রক্তপাত কর; তোমার কি দেশের অধিকারী হবে?
इसलिये उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब तुम मांस को खून सहित खाते हो, और अपनी मूर्तियों की ओर दृष्टि करके खून करते हो, तब क्या तुम्हें उस देश पर अधिकार करना चाहिये?
26 ২৬ তোমার নিজের তরোয়াল ওপর নির্ভর কর এবং ঘৃণার কাজ কর এবং প্রত্যেকে নিজের প্রতিবেশীর স্ত্রীকে অশুচি কর। তোমাদের কি এই দেশের অধিকারী হওয়া উচিত?
तुम अपने तलवार पर निर्भर रहते हो, तुम घृणित काम करते हो, और तुममें से हर एक अपने पड़ोसी की पत्नी को अशुद्ध करता है. तब क्या तुम्हें उस देश पर अधिकार करना चाहिये?’
27 ২৭ তুমি তাদেরকে এই কথা বলবে, “প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমার জীবনের দিব্য, যারা সে সব ধ্বংসের জায়গায় আছে, তারা তরোয়ালে পতিত হবে এবং যারা মাঠে আছে, তাদেরকে আমি খাদ্য হিসাবে জীবন্ত পশুদের দেব এবং যারা দুর্গে কি গুহাতে থাকে, তারা মহামারীতে মরবে।
“उनसे यह कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, जो इस समय खंडहरों में रह रहे हैं, वे तलवार से मारे जाएंगे, जो खुले मैदान में हैं, उन्हें मैं जंगली जानवरों का आहार होने के लिये दे दूंगा, और जो दृढ़ गढ़ों और गुफाओं में हैं, वे महामारी से मारे जाएंगे.
28 ২৮ তারপর আমি দেশকে জনশূন্য ও ভয়ঙ্কর করব এবং তার পরাক্রমের গর্ব শেষ হবে এবং ইস্রায়েলের পর্বত সব ধ্বংস হবে, কেও সেখান দিয়ে যাবে না।”
मैं उस देश को उजाड़ एवं निर्जन बना दूंगा, और उसके घमंड से भरे बल का अंत हो जाएगा, और इस्राएल के पर्वत सुनसान हो जाएंगे, जिससे कोई भी उनमें से होकर नहीं जाएगा.
29 ২৯ তাই তারা জানবে যে, আমি সদাপ্রভু, তখন আমি দেশকে জনশূন্য ও ভয়ঙ্কর করবো কারণ তারা সব ঘৃণার কাজ করেছে।
उनके द्वारा किए गये सब घृणित कामों के कारण जब मैं उस देश को उजाड़ एवं निर्जन बना दूंगा, तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’
30 ৩০ এবং তুমি, মানুষের সন্তান, তোমার জাতির লোকেরা দেয়াল এবং ঘরের দরজা বিষয়ে কথাবার্ত্তা বলে ও প্রত্যেকে প্রতিবেশীকে ও ভাইকে বলে, চল, আমরা গিয়ে ভাববাদীর বাক্য শুনি, যা সদাপ্রভুর থেকে আসে।
“हे मनुष्य के पुत्र, जहां तक तुम्हारा सवाल है, तुम्हारे लोग तुम्हारे विषय में दीवारों के किनारे और घर के दरवाजों पर बात करते हुए एक दूसरे से यह कह रहे हैं, ‘आओ और उस संदेश को सुनो, जो याहवेह से आया है.’
31 ৩১ তাই আমার লোকেরা তোমার কাছে আসবে, তেমনি তারা তোমার কাছে আসবে এবং তোমার সামনে বসবে ও তোমার বাক্য শুনবে, কিন্তু তা পালন করবে না সঠিক বাক্য তাদের মুখে থাকে কিন্তু তাদের হৃদয় অন্যায় লাভের দিকে থাকে।
मेरे लोग तुम्हारे पास आते हैं, जैसा कि वे सामान्यतः करते हैं, और वे तुम्हारा वचन सुनने के लिये तुम्हारे सामने बैठते हैं, पर वे उन वचनों के अनुसार नहीं चलते हैं, वे मुंह से प्रेम की बातें तो करते हैं, पर उनका मन अन्याय की कमाई में लगा रहता है.
32 ৩২ কারণ তাদের কাছে তুমি মধুর স্বর বিশিষ্ট নিপুন বাদ্যকরের সুন্দর সঙ্গীতের মত, তাই তারা তোমার বাক্য শুনবে, কিন্তু পালন করবে না।
वास्तव में, तुम उनके लिये एक ऐसे व्यक्ति हो, जो सुरिली आवाज में प्रेम गीत गाता है और अच्छा बाजा बजाता है, इससे बढ़कर तुम उनके लिये कुछ नहीं हो, क्योंकि वे तुम्हारे वचन को तो सुनते हैं पर उसके अनुसार नहीं चलते हैं.
33 ৩৩ যখন এটা হবে দেখো, এটা ঘটবে, তারপর তারা জানবে যে এক জন ভাববাদী তাদের মধ্যে আছেন।
“जब यह सब घटित होगा—और यह अवश्य ही घटित होगा—तब वे जानेंगे कि उनके बीच एक भविष्यवक्ता आया था.”

< যিহিস্কেল ভাববাদীর বই 33 >