< প্রথম রাজাবলি 21 >

1 এর পরে যিষ্রিয়েলীয় নাবোতের আঙ্গুর ক্ষেত নিয়ে একটা ঘটনা ঘটে গেল। এই আঙ্গুর ক্ষেতটা ছিল যিষ্রিয়েলে শমরিয়ার রাজা আহাবের রাজবাড়ীর কাছেই।
येज़्रील में, शमरिया के राजा अहाब के राजघराने के पास येज़्रीलवासी नाबोथ का एक दाख की बारी थी.
2 আহাব নাবোৎকে বললেন, “সব্জির ক্ষেত করবার জন্য তোমার আঙ্গুর ক্ষেতটা আমাকে দিয়ে দাও, কারণ ওটা আমার রাজবাড়ীর কাছেই। এর বদলে আমি তোমাকে আরও ভাল একটা আঙ্গুর ক্ষেত দেব তুমি যদি চাও তবে তার উচিত মূল্যও তোমাকে দেব।”
इन घटनाओं के बाद अहाब ने नाबोथ के सामने यह प्रस्ताव रखा, “मुझे अपना दाख की बारी दे दो. मैं इसे अपने लिए साग-पात का बगीचा बनाना चाहता हूं, क्योंकि यह मेरे घर के पास है. इसकी जगह पर मैं तुम्हें इससे बेहतर अंगूर का बगीचा दे दूंगा या अगर तुम्हें सही लगे तो मैं तुम्हें इसका पूरा दाम दे सकता हूं.”
3 নাবোৎ আহাবকে বলল, “আমার পূর্বপুরুষদের কাছ থেকে পাওয়া অধিকার যে আমি আপনাকে দিয়ে দিই সদাপ্রভু যেন তা হতে না দেন।”
मगर नाबोथ ने अहाब को उत्तर दिया, “याहवेह यह कभी न होने दें कि मैं अपने पूर्वजों की मीरास आपको सौंप दूं.”
4 তখন “আমার পূর্বপুরুষদের অধিকার আমি আপনাকে দেব না,” যিষ্রিয়েলীয় নাবোতের এই কথার জন্য আহাব বিষন্ন ও বিরক্ত হয়ে বাড়ি চলে গেলেন। তিনি বিছানায় শুয়ে মুখ ফিরিয়ে থাকলেন, কোনো খাবার খেলেন না।
अहाब उदास और गुस्सा होता हुआ अपने घर को लौट गया, क्योंकि येज़्रीलवासी नाबोथ ने उसे कहा था, “मैं अपने पूर्वजों की मीरास आपको सौंप नहीं सकता.” अहाब जाकर अपने बिछौने पर लेट गया, अपना मुंह फेर लिया और उसने भोजन भी न किया.
5 তখন ঈষেবল তাঁর স্ত্রী তাঁকে জিজ্ঞাসা করলেন, “তুমি মন খারাপ করে আছ কেন? খেতে চাইছ না কেন?”
मगर उसकी पत्नी ईजेबेल ने उसके पास आ उससे कहा, “आपके मन में ऐसी कौन सी उदासी है कि आप भोजन तक नहीं कर रहे!”
6 উত্তরে রাজা তাঁকে বললেন, “আমি যিষ্রিয়েলীয় নাবোৎকে বলেছিলাম টাকা নিয়ে তোমার আঙ্গুর ক্ষেত আমাকে দাও; কিংবা যদি সন্তুষ্ট হও, তবে আমি তাঁর পরিবর্তে আর একটা আঙ্গুর খেত তোমাকে দেব,” তাতে সে উত্তর দিল, “আমার আঙ্গুর খেত আপনাকে দেব না।”
राजा ने उसे उत्तर दिया, “इसलिये कि मैंने येज़्रीलवासी नाबोथ से बातें की हैं और उसके सामने यह प्रस्ताव रखा, ‘अपनी दाख की बारी मुझे बेच दो या तुम चाहो तो मैं तुम्हें इसकी जगह पर एक दूसरी दाख की बारी दिए देता हूं,’ मगर उसने मुझे उत्तर दिया, ‘मैं तुम्हें अपनी दाख की बारी नहीं दे सकता.’”
7 তখন তাঁর স্ত্রী ঈষেবল তাঁকে বললেন, “তুমি না ইস্রায়েলের উপর রাজত্ব করছ? ওঠো, খাওয়া দাওয়া কর, আনন্দিত হও। যিষ্রিয়েলীয় নাবোতের আঙ্গুর ক্ষেত আমি তোমাকে দেব।”
उसकी पत्नी ईजेबेल ने उत्तर दिया, “क्या इस्राएल के राजा आप नहीं हैं? उठिए, भोजन कीजिए कि आपके चेहरे पर चमक आ जाए. येज़्रीलवासी नाबोथ की दाख की बारी आपको मैं दूंगी.”
8 পরে ঈষেবল আহাবের নাম করে কতগুলো চিঠি লিখে সেগুলোর উপর আহাবের সীলমোহর দিলেন এবং নাবোতের শহরে বাসকারী প্রাচীনদের কাছে ও গণ্যমান্য লোকদের কাছে চিঠিগুলো পাঠিয়ে দিলেন।
इसके लिए ईजेबेल ने अहाब के नाम में पत्र लिखे, उन पर अहाब की मोहर लगा उन्हें नाबोथ के नगर के पुरनियों और बड़े लोगों को भेज दिया.
9 সেই চিঠিগুলোতে সে এই কথা লিখেছিল, “আপনারা উপবাস ঘোষণা করুন এবং লোকদের মধ্যে নাবোৎকে উঁচু জায়গা দিন।
पत्रों में उसने लिखा था: “उपवास की घोषणा करो और नाबोथ को मुख्य स्थान पर बैठाना.
10 ১০ তার সামনে দুটো আসনে দুজন খারাপ লোককে বসান। তারা এই বলে তার বিরুদ্ধে সাক্ষ্য দিক যে, সে ঈশ্বর ও রাজার বিরুদ্ধে অপমানের কথা বলেছে। তারপর তাকে সেখান থেকে বের করে নিয়ে পাথর ছুঁড়ে মেরে ফেলুন।”
नाबोथ के ही सामने दो दुष्ट लोगों को भी बैठा देना. वे नाबोथ पर यह आरोप लगाएं: ‘तुमने परमेश्वर और राजा को शाप दिया है.’ तब उसे ले जाकर पत्थराव द्वारा उसकी हत्या कर देना.”
11 ১১ পরে তাঁর শহরে বাসকারী প্রাচীনরা ও গণ্যমান্য লোকেরা ঈষেবলের চিঠিতে লেখা নির্দেশমত কাজ করলেন।
नाबोथ के नगरवासी पुरनियों और प्रमुखों ने ऐसा ही किया, जैसा ईजेबेल ने उन्हें आदेश दिया था; ठीक जैसा आदेश उन्हें पत्रों में ईजेबेल द्वारा दिया गया था.
12 ১২ তাঁরা উপবাস ঘোষণা করে নাবোৎকে লোকদের মধ্যে উঁচু জায়গায় বসালেন।
उन्होंने उपवास की घोषणा की और नाबोथ को लोगों के बीच मुख्य स्थान पर बैठाया.
13 ১৩ তারপর দুজন খারাপ লোক এসে নাবোতের সামনে বসে লোকদের কাছে তার বিরুদ্ধে এই সাক্ষ্য দিল যে, “নাবোৎ ঈশ্বর ও রাজার বিরুদ্ধে অপমানের কথা বলেছে।” তারপর লোকেরা তাকে শহরের বাইরে নিয়ে গিয়ে পাথর ছুঁড়ে মেরে ফেলল।
दो दुष्टों ने आकर सबके सामने यह कहकर नाबोथ पर आरोप लगाया: “नाबोथ ने परमेश्वर और राजा को शाप दिया है.” तब वे नाबोथ को नगर के बाहर ले गए, और पत्थराव कर उसकी हत्या कर दी.
14 ১৪ এর পর সেই প্রাচীনরা ঈষেবলের কাছে খবর পাঠালেন যে, “নাবোৎকে পাথর ছুঁড়ে মেরে ফেলা হয়েছে।”
इसके बाद उन्होंने ईजेबेल को यह सूचना भेज दी, “नाबोथ का पत्थराव किया चुका है; उसकी मृत्यु हो चुकी है.”
15 ১৫ নাবোৎকে পাথর ছুঁড়ে মেরে ফেলা হয়েছে শুনেই ঈষেবল আহাবকে বললেন, “ওঠ, যিষ্রিয়েলীয় নাবোৎ যে আঙ্গুর ক্ষেতটা তোমার কাছে বিক্রি করতে চায় নি তার দখল নাও; কারণ নাবোৎ আর বেঁচে নেই, মরে গেছে।”
जैसा ही ईजेबेल को यह मालूम हुआ कि नाबोथ का पत्थराव किया गया और उसकी मृत्यु हो चुकी है, ईजेबेल ने अहाब से कहा, “उठिए! येज़्रीलवासी नाबोथ की दाख की बारी को अब अपने अधिकार में ले लीजिए. इस दाख की बारी के लिए वह आपसे इसका मूल्य भी स्वीकार करने के लिए तैयार न था, अब वह जीवित नहीं, मर चुका है.”
16 ১৬ নাবোৎ মারা গেছে শুনে আহাব উঠে নাবোতের আঙ্গুর ক্ষেতের দখল নিতে গেলেন।
जैसे ही अहाब ने यह सुना कि नाबोथ की मृत्यु हो चुकी है, अहाब उठकर येज़्रीलवासी नाबोथ की दाख की बारी की ओर चल पड़ा, कि उस पर अधिकार कर ले.
17 ১৭ তখন তিশ্‌বীয় এলিয়ের কাছে সদাপ্রভুর এই বাক্য প্রকাশিত হল,
तिशबेवासी एलियाह को याहवेह का यह संदेश भेजा गया:
18 ১৮ “ওঠ, শমরিয়াতে ইস্রায়েলের রাজা আহাবের সঙ্গে দেখা করতে যাও। দেখো, সে এখন নাবোতের আঙ্গুর ক্ষেতে আছে। সে ওটার দখল নেবার জন্য সেখানে গেছে।
“जाकर इस्राएल के राजा अहाब से, जो शमरिया में है, भेंटकरो. देखना इस समय वह नाबोथ की दाख की बारी में है, जहां वह उस पर अधिकार करने के लिए गया हुआ है.
19 ১৯ তুমি তাকে বল যে, সদাপ্রভু বলছেন, ‘তুমি কি একজন লোককে মেরে ফেলেছ এবং তার সম্পত্তি দখল করেছ?’ তারপর তাকে বল যে, সদাপ্রভু বলছেন, ‘কুকুরেরা যেখানে নাবোতের রক্ত চেটে খেয়েছে সেখানে তারা তোমার রক্ত, হ্যাঁ, তোমারই রক্ত চেটে খাবে’।”
तुम्हें उससे कहना, ‘यह याहवेह का संदेश है, तुमने हत्या की है, और अब अधिकार भी कर लिया न?’ फिर यह कहना होगा: ‘यह याहवेह का संदेश है, जहां कुत्तों ने नाबोथ का लहू चाटा है, वहीं वे तुम्हारा लहू भी चाटेंगे!’”
20 ২০ আহাব সেই কথা শুনে এলিয়কে বললেন, “হে আমার শত্রু, এবার কি তুমি আমাকে পেয়েছ?” উত্তরে এলিয় বললেন, “হ্যাঁ, পেয়েছি; কারণ সদাপ্রভুর চোখে যা মন্দ তাই করবার জন্য তুমি নিজেকে বিক্রি করেছ।
अहाब ने एलियाह से कहा, “मेरे शत्रु, तुम फिर मेरे सामने आ गए!” एलियाह ने उत्तर दिया, “मुझे आना पड़ा, क्योंकि आपने अपने आपको उस काम के लिए समर्पित कर रखा है, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है.
21 ২১ সেইজন্য সদাপ্রভু বলছেন, ‘আমি তোমার উপর বিপদ নিয়ে আসব। তোমাকে আমি একেবারে ধ্বংস করব। আহাব বংশের প্রত্যেক পুরুষকে এবং ইস্রায়েলের মধ্যে দাস ও স্বাধীন লোককে শেষ করে দেব।
याहवेह कहते हैं, ‘यह देखना, मैं तुम पर बहुत विपत्ति बरसाऊंगा. मैं तुम्हें पूरी तरह भस्म कर दूंगा और मैं इस्राएल में अहाब के परिवार से हर एक पुरुष को—बंधुआ हो या स्वतंत्र—मिटा दूंगा.
22 ২২ আমি তোমার বংশকে নবাটের ছেলে যারবিয়াম এবং অহিয়ের ছেলে বাশার বংশের মত করব, এর কারণ তোমার অসন্তোষজনক ব্যবহার, যার মাধ্যমে তুমি আমার ক্রোধ জাগিয়ে তুলেছ এবং ইস্রায়েলকে দিয়ে পাপ করিয়েছ।
मैं तुम्हारे परिवार को नेबाथ के पुत्र यरोबोअम के समान और अहीयाह के पुत्र बाशा के समान बना दूंगा, क्योंकि तुमने मुझे क्रोध के लिए भड़काया और इस्राएल को पाप की ओर उकसाया है.’
23 ২৩ এছাড়া ঈষেবলের সম্বন্ধেও আমি বলছি যে, যিষ্রিয়েলের দেয়ালের কাছে কুকুরেরা তাকে খেয়ে ফেলবে।
“हां, ईजेबेल के लिए भी याहवेह का संदेश है, ‘येज़्रील नगर की सीमा के भीतर ही कुत्ते ईजेबेल को खा जाएंगे.’
24 ২৪ আহাবের যে সব লোক শহরে মরবে তাদের খাবে কুকুরে আর যারা মাঠের মধ্যে মরবে তাদের খাবে আকাশের পাখীতে’।”
“अहाब के किसी भी संबंधी की मृत्यु नगर में होगी वह कुत्तों का भोजन हो जाएगा, और जिस किसी की मृत्यु नगर के बाहर खुले मैदान में होगी, वह आकाश के पक्षियों का भोजन हो जाएगा.”
25 ২৫ স্ত্রীর কু পরামর্শ সদাপ্রভুর চোখে যা মন্দ আহাব তাই করবার জন্য নিজেকে বিক্রি করে দিয়েছিলেন। তাঁর মত আর কেউ এই রকম কাজ করে নি।
(निःसंदेह ऐसा कोई भी न हुआ, जो याहवेह के सामने बुराई के लिए अहाब के समान लगा रहा—अहाब, जिसे उसकी पत्नी ईजेबेल उकसाती रहती थी.
26 ২৬ আর ইস্রায়েলীয়দের সামনে থেকে সদাপ্রভু যে ইমোরীয়দের তাড়িয়ে দিয়েছিলেন, তাদের সমস্ত কাজ অনুসারে তিনি প্রতিমা পূজাকারী অনুগামী হয়ে তিনি জঘন্য কাজ করতেন।
उसकी मूर्तियों की पूजा करना, जैसा अमोरी किया करते थे, जिन्हें याहवेह ने इस्राएली प्रजा के सामने से निकाल दिया था, बहुत ही घृणित काम था.)
27 ২৭ আহাব সদাপ্রভুর কথা শুনে নিজের কাপড় ছিঁড়ে ফেলে চট পরলেন এবং উপবাস করলেন। তিনি চট পরেই শুয়ে থাকতেন এবং ধীরে ধীরে চলতে লাগলেন।
यह सुनकर अहाब ने अपने वस्त्र फाड़ दिए, और टाट लपेट लिया, उपवास किया, टाट पर ही सोने लगा और विलाप करते हुए ही अपना पूरा दिन गुज़ारने लगा.
28 ২৮ তখন সদাপ্রভুর এই বাক্য তিশ্‌বীয় এলিয়ের কাছে আসল, বলল,
तिशबे एलियाह के पास याहवेह का यह संदेश पहुंचा,
29 ২৯ “আহাব আমার সামনে নিজেকে কেমন করে নত করেছে, তুমি কি লক্ষ্য করেছ? সে নিজেকে নত করেছে বলে এই বিপদ আমি তার জীবনকালে আনব না, কিন্তু তার ছেলের জীবনকালে তার বংশের উপরে এই বিপদ আনব।”
“क्या तुमने देखा कि अहाब मेरे सामने कैसा विनम्र हो गया है? उसकी इस विनम्रता के कारण मैं यह विपत्ति उसके जीवनकाल में नहीं, बल्कि उसके पुत्र के शासनकाल में ही उसके परिवार पर डालूंगा.”

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