< رُؤيا 1 >

هَذِهِ رُؤْيَا أَعْطَاهَا اللهُ لِيَسُوعَ الْمَسِيحِ، لِيَكْشِفَ لِعَبِيدِهِ عَنْ أُمُورٍ لابُدَّ أَنْ تَحْدُثَ عَنْ قَرِيبٍ. وَأَعْلَنَهَا الْمَسِيحُ لِعَبْدِهِ يُوحَنَّا عَنْ طَرِيقِ مَلاكٍ أَرْسَلَهُ لِذَلِكَ. ١ 1
ईसा मसीह का मुक़ाशिफ़ा, जो उसे ख़ुदा की तरफ़ से इसलिए हुआ कि अपने बन्दों को वो बातें दिखाए जिनका जल्द होना ज़रूरी है; और उसने अपने फ़रिश्ते को भेज कर उसकी मा'रिफ़त उन्हें अपने अपने बन्दे युहन्ना पर ज़ाहिर किया।
وَقَدْ شَهِدَ يُوحَنَّا بِكَلِمَةِ اللهِ وَبِشَهَادَةِ يَسُوعَ الْمَسِيحِ، بِجَمِيعِ الأُمُورِ الَّتِي رَآهَا. ٢ 2
यूहन्ना ने ख़ुदा का कलाम और ईसा मसीह की गवाही की या'नी उन सब चीज़ों की जो उसने देखीं थीं गवाही दी।
طُوبَى لِلَّذِي يَقْرَأُ كِتَابَ النُّبُوءَةِ هَذَا وَلِلَّذِينَ يَسْمَعُونَهُ، فَيُرَاعُونَ مَا جَاءَ فِيهِ، لأَنَّ مَوْعِدَ إِتْمَامِ النُّبُوءَةِ قَدِ اقْتَرَبَ! ٣ 3
इस नबुव्वत की किताब का पढ़ने वाले और उसके सुनने वाले और जो कुछ इस में लिखा है, उस पर अमल करने वाले मुबारिक़ हैं; क्यूँकि वक़्त नज़दीक है।
مِنْ يُوحَنَّا، إِلَى الْكَنَائِسِ السَّبْعِ فِي مُقَاطَعَةِ آسْيَّا: لَكُمُ النِّعْمَةُ وَالسَّلامُ مِنَ الْكَائِنِ وَالَّذِي كَانَ وَالَّذِي سَيَأْتِي، وَمِنَ الأَرْوَاحِ السَّبْعَةِ الْمَاثِلَةِ أَمَامَ عَرْشِهِ، ٤ 4
युहन्ना की जानिब से उन सात कलीसियाओं के नाम जो आसिया सूबा में हैं। उसकी तरफ़ से जो है, और जो था, और जो आनेवाला है, और उन सात रुहों की तरफ़ से जो उसके तख़्त के सामने हैं।
وَمِنْ يَسُوعَ الْمَسِيحِ الشَّاهِدِ الأَمِينِ، بِكْرِ الْقَائِمِينَ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ، مَلِكِ مُلُوكِ الأَرْضِ، ذَاكَ الَّذِي بِدَافِعِ مَحَبَّتِهِ لَنَا مَاتَ لأَجْلِنَا فَغَسَلَنَا بِدَمِهِ مِنْ خَطَايَانَا، ٥ 5
और ईसा मसीह की तरफ़ से जो सच्चे गवाह और मुर्दों में से जी उठनेवालों में पहलौठा और दुनियाँ के बादशाहों पर हाकिम है, तुम्हें फ़ज़ल और इत्मीनान हासिल होता रहे। जो हम से मुहब्बत रखता है, और जिसने अपने ख़ून के वसीले से हम को गुनाहों से मु'आफ़ी बख़्शी,
وَجَعَلَ مِنَّا مَمْلَكَةً، وَكَهَنَةً لِلهِ أَبِيهِ، لَهُ الْمَجْدُ وَالسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. آمِين! (aiōn g165) ٦ 6
और हम को एक बादशाही भी दी और अपने ख़ुदा और बाप के लिए काहिन भी बना दिया। उसका जलाल और बादशाही हमेशा से हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōn g165)
هَا هُوَ آتٍ مَعَ السَّحَابِ! سَتَرَاهُ عُيُونُ الْجَمِيعِ، حَتَّى أُولئِكَ الَّذِينَ طَعَنُوهُ، وَتَنُوحُ بِسَبَبِهِ قَبَائِلُ الأَرْضِ كُلُّهَا! نَعَمْ، آمِينَ! ٧ 7
देखो, वो बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, और उसे छेदा था वो भी देखेंगे, और ज़मीन पर के सब क़बीले उसकी वजह से सीना पीटेंगे। बेशक। आमीन।
«أَنَا الأَلِفُ وَالْيَاءُ» (الْبِدَايَةُ وَالنِّهَايَةُ). هَذَا يَقُولُهُ الرَّبُّ الإِلهُ الْكَائِنُ الَّذِي كَانَ الَّذِي سَيَأْتِي، الْقَادِرُ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ. ٨ 8
ख़ुदावन्द ख़ुदा जो है और जो था और जो आनेवाला है, या'नी क़ादिर — ए — मुत्ल्क फ़रमाता है, “मैं अल्फ़ा और ओमेगा हूँ।”
أَنَا، يُوحَنَّا أَخَاكُمْ وَشَرِيكَكُمْ فِي الضِّيقَةِ وَالْمَلَكُوتِ وَالصَّبْرِ فِي يَسُوعَ، كُنْتُ مَنْفِيًّا فِي الْجَزِيرَةِ الَّتِي تُسَمَّى بَطْمُسَ، لأَجْلِ كَلِمَةِ اللهِ وَشَهَادَةِ يَسُوعَ. ٩ 9
मैं युहन्ना, जो तुम्हारा भाई और ईसा की मुसीबत और बादशाही और सब्र में तुम्हारा शरीक हूँ, ख़ुदा के कलाम और ईसा के बारे में गवाही देने के ज़रिए उस टापू में था, जो पत्मुस कहलाता है, कि
وَفِي يَوْمِ الرَّبِّ، صِرْتُ فِي الرُّوحِ، فَسَمِعْتُ مِنْ وَرَائِي صَوْتاً عَالِياً كَصَوْتِ الْبُوقِ ١٠ 10
ख़ुदावन्द के दिन रूह में आ गया और अपने पीछे नरसिंगे की सी ये एक बड़ी आवाज़ सुनी,
يَقُولُ: «دَوِّنْ مَا تَرَاهُ فِي كِتَابٍ، وَابْعَثْ بِهِ إِلَى الْكَنَائِسِ السَّبْعِ: فِي أَفَسُسَ، وَسِمِيرْنَا، وَبَرْغَامُسَ، وَثِيَاتِيرَا، وَسَارْدِسَ، وَفِيلادَلْفِيَا، وَلاوُدِكِيَّةَ». ١١ 11
“जो कुछ तू देखता है उसे एक किताब में लिख कर उन सातों शहरों की सातों कलीसियाओं के पास भेज दे या'नी इफ़िसुस, और सुमरना, और परिगमुन, और थुवातीरा, और सरदीस, और फ़िलदिल्फ़िया, और लौदीकिया में।”
وَعِنْدَمَا الْتَفَتُّ نَحْوَ الصَّوْتِ، رَأَيْتُ سَبْعَ مَنَائِرَ مِنْ ذَهَبٍ، ١٢ 12
मैंने उस आवाज़ देनेवाले को देखने के लिए मुँह फेरा, जिसने मुझ से कहा था; और फिर कर सोने के सात चिराग़दान देखे,
يَقِفُ وَسَطَهَا كَائِنٌ يُشْبِهُ ابْنَ الإِنْسَانِ وَيَرْتَدِي ثَوْباً طَوِيلاً إِلَى الرِّجْلَيْنِ، يَلُفُّ صَدْرَهُ حِزَامٌ مِنْ ذَهَبٍ. ١٣ 13
और उन चिराग़दानों के बीच में आदमज़ाद सा एक आदमी देखा, जो पाँव तक का जामा पहने हुए था।
شَعْرُ رَأْسِهِ نَاصِعُ الْبَيَاضِ كَالصُّوفِ أَوِ الثَّلْجِ، وَعَيْنَاهُ كَشُعْلَةٍ مُلْتَهِبَةٍ. ١٤ 14
उसका सिर और बाल सफ़ेद ऊन बल्कि बर्फ़ की तरह सफ़ेद थे, और उसकी आँखें आग के शो'ले की तरह थीं।
رِجْلاهُ تَلْمَعَانِ كَأَنَّهُمَا نُحَاسٌ نَقِيٌّ مَصْقُولٌ بِالنَّارِ، وَصَوْتُهُ يُدَوِّي كَصَوْتِ شَلّالٍ غَزِيرٍ، ١٥ 15
और उसके पाँव उस ख़ालिस पीतल के से थे जो भट्टी में तपाया गया हो, और उसकी आवाज़ ज़ोर के पानी की सी थी।
وَوَجْهُهُ يَتَوَهَّجُ بِالنُّورِ كَشَمْسِ الظَّهِيرَةِ. وَكَانَ فِي يَدِهِ الْيُمْنَى سَبْعَةُ نُجُومٍ، وَمِنْ فَمِهِ يَخْرُجُ سَيْفٌ قَاطِعٌ ذُو حَدَّيْنِ. ١٦ 16
और उसके दहने हाथ में सात सितारे थे, और उसके मुँह में से एक दोधारी तेज़ तलवार निलकती थी; और उसका चेहरा ऐसा चमकता था जैसे तेज़ी के वक़्त आफ़ताब।
فَلَمَّا رَأَيْتُهُ ارْتَمَيْتُ عِنْدَ قَدَمَيْهِ كَالْمَيْتِ، فَلَمَسَنِي بِيَدِهِ الْيُمْنَى وَقَالَ: «لا تَخَفْ! أَنَا الأَوَّلُ وَالآخِرُ، ١٧ 17
जब मैंने उसे देखा तो उसके पाँव में मुर्दा सा गिर पड़ा। और उसने ये कहकर मुझ पर अपना दहना हाथ रख्खा, “ख़ौफ़ न कर; मैं अव्वल और आख़िर,
أَنَا الْحَيُّ. كُنْتُ مَيْتاً، وَلَكِنْ هَا أَنَا حَيٌّ إِلَى أَبَدِ الآبِدِينَ. وَلِي مَفَاتِيحُ الْمَوْتِ وَالْهَاوِيَةِ. (aiōn g165, Hadēs g86) ١٨ 18
और ज़िन्दा हूँ। मैं मर गया था, और देख हमेशा से हमेशा तक रहूँगा; और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह की कुन्जियाँ मेरे पास हैं। (aiōn g165, Hadēs g86)
دَوِّنْ مَا رَأَيْتَهُ، وَمَا يَحْدُثُ الآنَ، وَمَا يُوشِكُ أَنْ يَحْدُثَ بَعْدَهُ. ١٩ 19
पस जो बातें तू ने देखीं और जो हैं और जो इनके बाद होने वाली हैं, उन सब को लिख ले।
وَهَذَا سِرُّ النُّجُومِ السَّبْعَةِ الَّتِي رَأَيْتَهَا فِي يَمِينِي، وَمَنَائِرِ الذَّهَبِ السَّبْعِ: النُّجُومُ السَّبْعَةُ تُمَثِّلُ مَلائِكَةَ الْكَنَائِسِ السَّبْعِ، أَمَّا الْمَنَائِرُ السَّبْعُ فَهِيَ تُمَثِّلُ الْكَنَائِسَ السَّبْعَ نَفْسَهَا. ٢٠ 20
या'नी उन सात सितारों का भेद जिन्हें तू ने मेरे दहने हाथ में देखा था, और उन सोने के सात चिराग़दानों का: वो सात सितारे तो सात कलीसियाओं के फ़रिश्ते हैं, और वो सात चिराग़दान कलीसियाएँ हैं।”

< رُؤيا 1 >