< المَزامِير 91 >

الْمُحْتَمِي بِقُدْسِ أَقْدَاسِ الْعَلِيِّ، فِي ظِلِّ الْقَدِيرِ يَبِيتُ، ١ 1
वह, जिसका निवास सर्वोच्च परमेश्वर के आश्रय में है, सर्वशक्तिमान के छाया कुंज में सुरक्षित निवास करेगा.
أَقُولُ لِلرَّبِّ: أَنْتَ مَلْجَإِي وَحِصْنِي، إِلَهِي الَّذِي بِهِ وَثِقْتُ ٢ 2
याहवेह के विषय में मेरी घोषणा है, “वह मेरे आश्रय, मेरे गढ़ हैं, मेरे शरणस्थान परमेश्वर हैं, जिनमें मेरा भरोसा है.”
لأَنَّهُ يُنْقِذُكَ حَقّاً مِنْ فَخِّ الصَّيَّادِ وَمِنَ الْوَبَاءِ الْمُهْلِكِ. ٣ 3
वह तुम्हें सभी फंदे से बचाएंगे, वही घातक महामारी से तुम्हारी रक्षा करेंगे.
بِرِيشِهِ النَّاعِمِ يُظَلِّلُكَ، وَتَحْتَ أَجْنِحَتِهِ تَحْتَمِي، فَتَكُونُ لَكَ وُعُودُهُ الأَمِينَةُ تُرْساً وَمِتْرَاساً، ٤ 4
वह तुम्हें अपने परों में छिपा लेंगे, उनके पंखों के नीचे तुम्हारा आश्रय होगा; उनकी सच्चाई ढाल और गढ़ हैं.
فَلَا تَخَافُ مِنْ هَوْلِ اللَّيْلِ وَلَا مِنْ سَهْمٍ يَطِيرُ فِي النَّهَارِ. ٥ 5
तुम न तो रात्रि के आतंक से भयभीत होगे, न ही दिन में छोड़े गए बाण से,
وَلَا مِنْ وَبَاءٍ يَسْرِي فِي الظَّلامِ، وَلَا مِنْ هَلاكٍ يُفْسِدُ فِي الظَّهِيرَةِ. ٦ 6
वैसे ही न उस महामारी से, जो अंधकार में छिपी रहती है, अथवा उस विनाश से, जो दिन-दोपहरी में प्रहार करता है.
يَتَسَاقَطُ عَنْ جَانِبِكَ أَلْفُ إِنْسَانٍ، وَعَنْ يَمِينِكَ عَشَرَةُ آلافٍ، وَأَنْتَ لَا يَمَسُّكَ سُوءٌ. ٧ 7
संभव है कि तुम्हारे निकट हजार तथा तुम्हारी दायीं ओर दस हजार आ गिरें, किंतु वह तुम तक नहीं पहुंचेगा.
إِنَّمَا تُشَاهِدُ بِعَيْنَيْكَ مُعَاقَبَةَ الأَشْرَارِ. ٨ 8
तुम स्वयं अपनी आंखों से देखते रहोगे और देखोगे कि कैसा होता है कुकर्मियों का दंड.
لأَنَّكَ قُلْتَ: الرَّبُّ مَلْجَإِي، وَاتَّخَذْتَ الْعَلِيَّ مَلاذاً، ٩ 9
याहवेह, आप, जिन्होंने सर्वोच्च स्थान को अपना निवास बनाया है, “मेरे आश्रय हैं.”
فَلَنْ يُصِيبَكَ شَرٌّ وَلَنْ تَقْتَرِبَ بَلِيَّةٌ مِنْ مَسْكَنِكَ ١٠ 10
कोई भी विपत्ति तुम पर आने न पाएगी और न कोई विपत्ति ही तुम्हारे मंडप के निकट आएगी.
فَإِنَّهُ يُوصِي مَلائِكَتَهُ بِكَ لِكَيْ يَحْفَظُوكَ فِي جَمِيعِ طُرُقِكَ. ١١ 11
क्योंकि वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारी हर एक गतिविधि में तुम्हारी सुरक्षा का आदेश देंगे;
عَلَى أَيْدِيهِمْ يَحْمِلُونَكَ لِئَلّا تَصْدِمَ بِحَجَرٍ قَدَمَكَ. ١٢ 12
वे तुम्हें अपने हाथों में उठा लेंगे, कि कहीं तुम्हारे पांव को पत्थर से ठोकर न लग जाए.
تَطَأُ عَلَى الأَسَدِ وَالأَفْعَى، تَدُوسُ الشِّبْلَ وَالثُّعْبَانَ. ١٣ 13
तुम सिंह और नाग को कुचल दोगे; तुम पुष्ट सिंह और सर्प को रौंद डालोगे.
قَالَ الرَّبُّ: أُنَجِّيهِ لأَنَّهُ تَعَلَّقَ بِي. أُرَفِّعُهُ لأَنَّهُ عَرَفَ اسْمِي. ١٤ 14
यह याहवेह का आश्वासन है, “मैं उसे छुड़ाऊंगा, क्योंकि वह मुझसे प्रेम करता है; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, क्योंकि उसने मेरी महिमा पहचानी है.
يَدْعُونِي فَأَسْتَجِيبُ لَهُ، أُرَافِقُهُ فِي الضِّيقِ، أُنْقِذُهُ وَأُكْرِمُهُ ١٥ 15
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट की स्थिति में मैं उसके साथ रहूंगा, उसे छुड़ाकर मैं उसका सम्मान बढ़ाऊंगा.
أُطِيلُ عُمْرَهُ، وَأُرِيهِ خَلاصِي. ١٦ 16
मैं उसे दीर्घायु से तृप्‍त करूंगा और मैं उसे अपने उद्धार का अनुभव कराऊंगा.”

< المَزامِير 91 >