< المَزامِير 63 >

مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ عِنْدَمَا كَانَ فِي بَرِّيَّةِ يَهُوذَا يَا اللهُ أَنْتَ إِلَهِي وَإِيَّاكَ أَطْلُبُ بَاكِراً. عَطِشَتْ إِلَيْكَ نَفْسِي وَيَشْتَاقُ إِلَيْكَ جِسْمِي فِي أَرْضٍ قَاحِلَةٍ يَابِسَةٍ لَا مَاءَ فِيهَا، ١ 1
दावीद का एक स्तोत्र. जब वह यहूदिया प्रदेश के निर्जन प्रदेश में था. परमेश्वर, आप मेरे अपने परमेश्वर हैं, अत्यंत उत्कटतापूर्वक मैं आपके सान्‍निध्य की कामना करता हूं; सूखी और प्यासी भूमि में, जहां जल है ही नहीं, मेरा प्राण आपके लिए प्यासा एवं मेरी देह आपकी अभिलाषी है.
حَتَّى أُعَايِنَ قُدْرَتَكَ وَمَجْدَكَ، مِثْلَمَا رَأَيْتُكَ فِي مَوْضِعِكَ الْمُقَدَّسِ. ٢ 2
आपके पवित्र स्थान में मैंने आपका दर्शन किया है, कि आपके सामर्थ्य तथा तेज को निहारूं.
لأَنَّ رَحْمَتَكَ خَيْرٌ مِنَ الْحَيَاةِ، لِذَلِكَ تُسَبِّحُكَ شَفَتَايَ. ٣ 3
इसलिये कि आपका करुणा-प्रेम मेरे जीवन की अपेक्षा कहीं अधिक श्रेष्ठ है, मेरे होंठ आपके स्तवन करते रहेंगे.
أَحْمَدُكَ عَلَى بَرَكَاتِكَ مَدَى حَيَاتِي، وَبِاسْمِكَ أَرْفَعُ يَدَيَّ مُبْتَهِلاً. ٤ 4
मैं आजीवन आपका धन्यवाद करता रहूंगा, आपकी महिमा का ध्यान करके मैं अपने हाथ उठाऊंगा.
تَشْبَعُ نَفْسِي كَأَنَّهَا أَكَلَتْ مِنَ الشَّحْمِ وَالدَّسَمِ، وَيُسَبِّحُكَ فَمِي بِشَفَتَيْنِ مُبْتَهِجَتَيْنِ ٥ 5
होंठों पर गीत और मुख से स्तुति के वचनों से मेरे प्राण ऐसे तृप्‍त हो जाएंगे, जैसे उत्कृष्ट भोजन से.
أَذْكُرُكَ عَلَى فِرَاشِي وَأَتَأَمَّلُ فِيكَ فِي أَثْنَاءِ اللَّيْلِ. ٦ 6
जब मैं बिछौने पर होता हूं, तब आपका स्मरण करता हूं; मैं रात्रि के प्रहरों में आपके विषय में चिंतन करता रहूंगा.
لأَنَّكَ كُنْتَ عَوْناً لِي، فَإِنِّي فِي ظِلِّ جَنَاحَيْكَ أُرَنِّمُ مُبْتَهِجاً. ٧ 7
क्योंकि आप ही मेरे सहायक हैं, आपके पंखों की छाया मुझे गीत गाने के लिए प्रेरित करती है.
تَتَعَلَّقُ نَفْسِي بِكَ. يَمِينُكَ تَدْعَمُنِي ٨ 8
मैं आपके निकट रहना चाहता हूं; आपका दायां हाथ मुझे संभाले रहता है.
أَمَّا طَالِبُو نَفْسِي لِيُهْلِكُوهَا فَسَيَدْخُلُونَ أَسْفَلَ أَعْمَاقِ الأَرْضِ. ٩ 9
जो मेरे प्राणों के प्यासे हैं, उनका विनाश निश्चित है; वे पृथ्वी की गहराई में समा जाएंगे.
يُسَلَّمُونَ إِلَى حَدِّ السَّيْفِ وَيَضْحَوْنَ مَأْكَلاً لِبَنَاتِ آوَى. ١٠ 10
वे तलवार से घात किए जाने के लिए सौंप दिए जाएंगे, कि वे सियारों का आहार बन जाएं.
أَمَّا الْمَلِكُ فَيَفْرَحُ بِاللهِ وَيَفْتَخِرُ بِهِ كُلُّ مَنْ يُقْسِمُ (صَادِقاً) لأَنَّ أَفْوَاهَ النَّاطِقِينَ بِالْكَذِبِ تُسَدُّ. ١١ 11
परंतु राजा तो परमेश्वर में उल्‍लसित रहेगा; वे सभी, जिन्होंने परमेश्वर में श्रद्धा रखी है, उनका स्तवन करेंगे, जबकि झूठ बोलने वालों के मुख चुप कर दिए जाएंगे.

< المَزامِير 63 >