< المَزامِير 150 >
هَلِّلُويَا! سَبِّحُوا اللهَ فِي هَيْكَلِهِ. سَبِّحُوهُ فِي السَّمَاءِ الَّتِي صَنَعَهَا بِقُدْرَتِهِ | ١ 1 |
१यहोवा की स्तुति करो! परमेश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ مِنْ أَجْلِ أَعْمَالِهِ الْمُقْتَدِرَةِ. سَبِّحُوهُ حَسَبَ عَظَمَتِهِ الفَائِقَةِ. | ٢ 2 |
२उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ بِصَوْتِ بُوقٍ. سَبِّحُوهُ بِالرَّبَابِ وَالْعُودِ. | ٣ 3 |
३नरसिंगा फूँकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ بِالدُّفِّ وَالرَّقْصِ. سَبِّحُوهُ بِأَوْتَارٍ وَمِزْمَارٍ. | ٤ 4 |
४डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो; तारवाले बाजे और बाँसुरी बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ عَلَى وَقْعِ الصُّنُوجِ. سَبِّحُوهُ بالصُّنُوجِ الْمُدَوِّيَّةِ. | ٥ 5 |
५ऊँचे शब्दवाली झाँझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो; आनन्द के महाशब्दवाली झाँझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
لِتُسَبِّحِ الرَّبَّ كُلُّ نَسَمَةٍ. هَلِّلُويَا. | ٦ 6 |
६जितने प्राणी हैं सब के सब यहोवा की स्तुति करें! यहोवा की स्तुति करो!