< المَزامِير 150 >

هَلِّلُويَا! سَبِّحُوا اللهَ فِي هَيْكَلِهِ. سَبِّحُوهُ فِي السَّمَاءِ الَّتِي صَنَعَهَا بِقُدْرَتِهِ ١ 1
यहोवा की स्तुति करो! परमेश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ مِنْ أَجْلِ أَعْمَالِهِ الْمُقْتَدِرَةِ. سَبِّحُوهُ حَسَبَ عَظَمَتِهِ الفَائِقَةِ. ٢ 2
उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ بِصَوْتِ بُوقٍ. سَبِّحُوهُ بِالرَّبَابِ وَالْعُودِ. ٣ 3
नरसिंगा फूँकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ بِالدُّفِّ وَالرَّقْصِ. سَبِّحُوهُ بِأَوْتَارٍ وَمِزْمَارٍ. ٤ 4
डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो; तारवाले बाजे और बाँसुरी बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
سَبِّحُوهُ عَلَى وَقْعِ الصُّنُوجِ. سَبِّحُوهُ بالصُّنُوجِ الْمُدَوِّيَّةِ. ٥ 5
ऊँचे शब्दवाली झाँझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो; आनन्द के महाशब्दवाली झाँझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
لِتُسَبِّحِ الرَّبَّ كُلُّ نَسَمَةٍ. هَلِّلُويَا. ٦ 6
जितने प्राणी हैं सब के सब यहोवा की स्तुति करें! यहोवा की स्तुति करो!

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