< المَزامِير 126 >

تَرْنِيمَةُ الْمَصَاعِدِ عِنْدَمَا أَرْجَعَ الرَّبُّ أَهْلَ أُورُشَلِيمَ مِنَ السَّبْيِ، صِرْنَا كَمَنْ يَرَى حُلْماً. ١ 1
यात्रा का गीत जब यहोवा सिय्योन में लौटनेवालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखनेवाले से हो गए।
عِنْدَئِذٍ امْتَلأَتْ أَفْوَاهُنَا ضِحْكاً، وَأَلْسِنَتُنَا تَرَنُّماً. عِنْدَئِذٍ قَالَتِ الأُمَمُ: إِنَّ الرَّبَّ قَدْ أَجْرَى أُمُوراً عَظِيمَةً مَعَ هَؤُلاءِ. ٢ 2
तब हम आनन्द से हँसने और जयजयकार करने लगे; तब जाति-जाति के बीच में कहा जाता था, “यहोवा ने, इनके साथ बड़े-बड़े काम किए हैं।”
نَعَمْ، إِنَّ الرَّبَّ قَدْ صَنَعَ أُمُوراً عَظِيمَةً لَنَا، فَفَرِحْنَا. ٣ 3
यहोवा ने हमारे साथ बड़े-बड़े काम किए हैं; और इससे हम आनन्दित हैं।
أَرْجِعْنَا يَا رَبُّ مِنْ سَبْيِنَا، كَمَا تَرْجِعُ السُّيُولُ إِلَى النَّقَبِ. ٤ 4
हे यहोवा, दक्षिण देश के नालों के समान, हमारे बन्दियों को लौटा ले आ!
فَمَنْ يَزْرَعْ بِالدُّمُوعِ يَحْصُدْ غَلّاتِهِ بِالابْتِهَاجِ. ٥ 5
जो आँसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएँगे।
وَمَنْ يَذْهَبْ بَاكِياً حَامِلاً بِذَارَهُ يَرْجِعْ مُتَرَنِّماً حَامِلاً حُزَمَ حَصِيدِهِ. ٦ 6
चाहे बोनेवाला बीज लेकर रोता हुआ चला जाए, परन्तु वह फिर पूलियाँ लिए जयजयकार करता हुआ निश्चय लौट आएगा।

< المَزامِير 126 >