< المَزامِير 114 >

عِنْدَ خُرُوجِ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ، وَآلِ يَعْقُوبَ مِنْ بَيْنِ شَعْبٍ غَرِيبِ اللِّسَانِ. ١ 1
जब इस्राएल ने मिस्र से, अर्थात् याकूब के घराने ने अन्य भाषावालों के मध्य से कूच किया,
صَارَ يَهُوذَا هَيْكَلاً مُقَدَّساً لَهُ، وَإِسْرَائِيلُ مَقَرَّ سُلْطَانِهِ. ٢ 2
तब यहूदा यहोवा का पवित्रस्थान और इस्राएल उसके राज्य के लोग हो गए।
رَأَى الْبَحْرُ الأَحْمَرُ ذَلِكَ فَهَرَبَ، وَتَرَاجَعَ نَهْرُ الأُرْدُنِّ إِلَى الْوَرَاءِ. ٣ 3
समुद्र देखकर भागा, यरदन नदी उलटी बही।
قَفَزَتِ الْجِبَالُ كَأَنَّهَا كِبَاشٌ، وَالتِّلالُ كَأَنَّهَا حُمْلانٌ. ٤ 4
पहाड़ मेढ़ों के समान उछलने लगे, और पहाड़ियाँ भेड़-बकरियों के बच्चों के समान उछलने लगीं।
مَالَكَ يَا بَحْرُ قَدْ هَرَبْتَ، وَيَا أُرْدُنُّ قَدْ رَجَعْتَ إِلَى الْوَرَاءِ؟ ٥ 5
हे समुद्र, तुझे क्या हुआ, कि तू भागा? और हे यरदन तुझे क्या हुआ कि तू उलटी बही?
مَالَكِ يَا جِبَالُ تَقْفِزِينَ كَالْكِبَاشِ، وَيَا تِلالُ كَالْحُمْلانِ؟ ٦ 6
हे पहाड़ों, तुम्हें क्या हुआ, कि तुम भेड़ों के समान, और हे पहाड़ियों तुम्हें क्या हुआ, कि तुम भेड़-बकरियों के बच्चों के समान उछलीं?
تَزَلْزَلِي يَا أَرْضُ فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ إِلَهِ يَعْقُوبَ. ٧ 7
हे पृथ्वी प्रभु के सामने, हाँ, याकूब के परमेश्वर के सामने थरथरा।
الَّذِي حَوَّلَ الصَّخْرَةَ إِلَى جَدَاوِلَ، وَالصَّوَّانَ إِلَى يَنَابِيعِ مِيَاهٍ. ٨ 8
वह चट्टान को जल का ताल, चकमक के पत्थर को जल का सोता बना डालता है।

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