< المَزامِير 103 >

بَارِكِي يَا نَفْسِي الرَّبَّ، وَلْيَحْمَدْ كُلُّ مَا فِي دَاخِلِي اسْمَهُ الْقُدُّوسَ. ١ 1
दाऊद का भजन हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!
بَارِكِي يَا نَفْسِي الرَّبَّ، وَلَا تَنْسَيْ جَمِيعَ خَيْرَاتِهِ. ٢ 2
हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।
إِنَّهُ يَغْفِرُ جَمِيعَ آثَامِكِ وَيُبْرِئُ كُلَّ أَمْرَاضِكِ. ٣ 3
वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
وَيَفْدِي مِنَ الْمَوْتِ حَيَاتَكِ وَيُتَوِّجُكِ بِالرَّحْمَةِ وَالرَّأْفَةِ. ٤ 4
वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करुणा और दया का मुकुट बाँधता है,
وَيُشْبِعُ بِالْخَيْرِ عُمْرَكِ فَيَتَجَدَّدُ كَالنَّسْرِ شَبَابُكِ. ٥ 5
वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिससे तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है।
الرَّبُّ يَحْكُمُ بِالعَدْلِ وَيُنْصِفُ جَمِيعَ الْمَظْلُومِينَ. ٦ 6
यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।
أَطْلَعَ مُوسَى عَلَى طُرُقِهِ وَبَنِي إِسْرَائِيلَ عَلَى أَفْعَالِهِ. ٧ 7
उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।
الرَّبُّ رَحِيمٌ وَرَؤُوفٌ، بَطِيءُ الْغَضَبِ وَوَافِرُ الرَّحْمَةِ. ٨ 8
यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है
لَا يَسْخَطُ إِلَى الأَبَدِ وَلَا يَحْقِدُ إِلَى الدَّهْرِ. ٩ 9
वह सर्वदा वाद-विवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।
لَمْ يُعَامِلْنَا حَسَبَ خَطَايَانَا وَلَمْ يُجَازِنَا حَسَبَ آثَامِنَا. ١٠ 10
१०उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हमको बदला दिया है।
مِثْلَ ارْتِفَاعِ السَّمَاوَاتِ فَوْقَ الأَرْضِ، تَعَاظَمَتْ رَحْمَتُهُ عَلَى مُتَّقِيهِ. ١١ 11
११जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊँचा है, वैसे ही उसकी करुणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है।
وَكَبُعْدِ الْمَشْرِقِ عَنِ الْمَغْرِبِ أَبْعَدَ عَنَّا مَعَاصِيَنَا. ١٢ 12
१२उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है।
مِثْلَمَا يَعْطِفُ الأَبُ عَلَى بَنِيهِ يَعْطِفُ الرَّبُّ عَلَى أَتْقِيَائِهِ. ١٣ 13
१३जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।
لأَنَّهُ يَعْرِفُ ضَعْفَنَا وَيَذْكُرُ أَنَّنَا جُبِلْنَا مِنْ تُرَابٍ. ١٤ 14
१४क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।
أَيَّامُ الإِنْسَانِ مِثْلُ الْعُشْبِ وَزَهْرِ الْحَقْلِ، ١٥ 15
१५मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल के समान फूलता है,
تَهُبُّ عَلَيْهِ الرِّيحُ فَيَفْنَى، وَلَا يَعُودُ مَوْضِعُهُ يَتَذَكَّرُهُ فِيمَا بَعْدُ. ١٦ 16
१६जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।
أَمَّا رَحْمَةُ الرَّبِّ فَهِيَ مِنَ الأَزَلِ وَإِلَى الأَبَدِ عَلَى مُتَّقِيهِ، وَعَدْلُهُ يَمْتَدُّ إِلَى بَنِي الْبَنِينَ، ١٧ 17
१७परन्तु यहोवा की करुणा उसके डरवैयों पर युग-युग, और उसका धर्म उनके नाती-पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,
لِلَّذِينَ يُرَاعُونَ عَهْدَهُ وَالَّذِينَ يَتَذَكَّرُونَ وَصَايَاهُ وَيُمَارِسُونَهَا. ١٨ 18
१८अर्थात् उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं।
الرَّبُّ ثَبَّتَ فِي السَّمَاوَاتِ عَرْشَهُ، وَمَمْلَكَتُهُ عَلَى جَمِيعِ الْبَشَرِ تَسُودُ. ١٩ 19
१९यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है।
بَارِكُوا الرَّبَّ يَا مَلائِكَتَهُ الْمُقْتَدِرِينَ قُوَّةً، الْفَاعِلِينَ أَمْرَهُ فَوْرَ صُدُورِ كَلِمَتِهِ. ٢٠ 20
२०हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन को मानते और पूरा करते हो, उसको धन्य कहो!
بَارِكُوا الرَّبَّ يَا جَمِيعَ جُنُودِهِ، يَا خُدَّامَهُ الْعَامِلِينَ رِضَاهُ. ٢١ 21
२१हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके सेवकों, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो!
بَارِكُوا الرَّبَّ يَا كُلَّ خَلِيقَتِهِ، فِي كُلِّ مَوَاضِعِ سُلْطَانِهِ. بَارِكِي يَا نَفْسِي الرَّبَّ. ٢٢ 22
२२हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!

< المَزامِير 103 >