< عَدَد 1 >
فِي الْيَوْمِ الأَوَّلِ مِنَ الشَّهْرِ الثَّانِي مِنَ السَّنَةِ الثَّانِيَةِ لِخُرُوجِ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ دِيَارِ مِصْرَ، أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى فِي بَرِّيَّةِ سِينَاءَ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ قَائِلاً: | ١ 1 |
१इस्राएलियों के मिस्र देश से निकल जाने के दूसरे वर्ष के दूसरे महीने के पहले दिन को, यहोवा ने सीनै के जंगल में मिलापवाले तम्बू में, मूसा से कहा,
«أَحْصُوا كُلَّ ذَكَرٍ بِاسْمِهِ مِنْ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ حَسَبَ قَبَائِلِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ. | ٢ 2 |
२“इस्राएलियों की सारी मण्डली के कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, एक-एक पुरुष की गिनती नाम ले लेकर करना।
وَعَلَيْكَ أَنْتَ وَهَرُونَ أَنْ تَحْسِبَهُمْ وَفْقاً لفِرَقِهِمْ مِنِ ابْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، مِنْ إِسْرَائِيلَ. | ٣ 3 |
३जितने इस्राएली बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के हों, और जो युद्ध करने के योग्य हों, उन सभी को उनके दलों के अनुसार तू और हारून गिन ले।
وَلْيَكُنْ مَعَكُمَا مِنْ كُلِّ سِبْطٍ رَجُلٌ يَتَوَلَّى رِيَاسَةَ بَيْتِ آبَائِهِ. | ٤ 4 |
४और तुम्हारे साथ प्रत्येक गोत्र का एक पुरुष भी हो जो अपने पितरों के घराने का मुख्य पुरुष हो।
وَهَذِهِ أَسْمَاءُ الرِّجَالِ الَّذِينَ يُشْرِفُونَ مَعَكُمَا عَلَى الإحْصَاءِ: عَنْ سِبْطِ رَأُوبَيْنَ أَلِيصُورُ بْنُ شَدَيْئُورَ. | ٥ 5 |
५तुम्हारे उन साथियों के नाम ये हैं: रूबेन के गोत्र में से शदेऊर का पुत्र एलीसूर;
عَنْ سِبْطِ شِمْعُونَ شَلُومِيئِيلُ بْنُ صُورِيشَدَّايْ. | ٦ 6 |
६शिमोन के गोत्र में से सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल;
عَنْ سِبْطِ يَهُوذَا نَحْشُونُ بْنُ عَمِّينَادَابَ. | ٧ 7 |
७यहूदा के गोत्र में से अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन;
عَنْ سِبْطِ يَسَّاكَرَ نَثَنَائِيلُ بْنُ صُوغَرَ. | ٨ 8 |
८इस्साकार के गोत्र में से सूआर का पुत्र नतनेल;
عَنْ سِبْطِ زَبُولُونَ أَلِيآبُ بْنُ حِيلُونَ. | ٩ 9 |
९जबूलून के गोत्र में से हेलोन का पुत्र एलीआब;
عَنْ سِبْطِ أَفْرَايِمَ بْنُ يُوسُفَ أَلِيشَمَعُ بْنُ عَمِّيهُودَ. عَنْ سِبْطِ مَنَسَّى بْنِ يُوسُفَ جَمْلِيئِيلُ بْنُ فَدَهْصُورَ. | ١٠ 10 |
१०यूसुफ वंशियों में से ये हैं, अर्थात् एप्रैम के गोत्र में से अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा, और मनश्शे के गोत्र में से पदासूर का पुत्र गम्लीएल;
عَنْ سِبْطِ بِنْيَامِينَ أَبِيدَنُ بْنُ جِدْعُونِي. | ١١ 11 |
११बिन्यामीन के गोत्र में से गिदोनी का पुत्र अबीदान;
عَنْ سِبْطِ دَانٍ أَخِيعَزَرُ بْنُ عَمِّيشَدَّايْ. | ١٢ 12 |
१२दान के गोत्र में से अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर;
عَنْ سِبْطِ أَشِيرَ فَجْعِيئِيلُ بْنُ عُكْرَنَ. | ١٣ 13 |
१३आशेर के गोत्र में से ओक्रान का पुत्र पगीएल;
عَنْ سِبْطِ جَادٍ أَلِيَاسَافُ بْنُ دَعُوئِيلَ. | ١٤ 14 |
१४गाद के गोत्र में से दूएल का पुत्र एल्यासाप;
عَنْ سِبْطِ نَفْتَالِي أَخِيرَعُ بْنُ عِينَنَ. | ١٥ 15 |
१५नप्ताली के गोत्र में से एनान का पुत्र अहीरा।”
هَؤُلاءِ هُمُ الرِّجَالُ الْمُنْتَخَبُونَ مِنْ بَيْنِ الشَّعْبِ، رُؤَسَاءُ أَسْبَاطِهِمْ وَشُيُوخُ عَشَائِرِهِمْ». | ١٦ 16 |
१६मण्डली में से जो पुरुष अपने-अपने पितरों के गोत्रों के प्रधान होकर बुलाए गए, वे ये ही हैं, और ये इस्राएलियों के हजारों में मुख्य पुरुष थे।
فَأَخَذَ مُوسَى وَهَرُونُ هَؤُلاءِ الرِّجَالَ الَّذِينَ تَعَيَّنُوا بِأَسْمَائِهِمْ، | ١٧ 17 |
१७जिन पुरुषों के नाम ऊपर लिखे हैं उनको साथ लेकर मूसा और हारून ने,
وَجَمَعَا كُلَّ الشَّعْبِ فِي أَوَّلِ الشَّهْرِ الثَّانِي. فانْتَسَبَ كُلُّ ذَكَرٍ بِاسْمِهِ مِنِ ابْنِ عِشْرِينَ فَمَا فَوْقُ إِلَى سِبْطِهِ حَسَبَ عَشِيرَتِهِ، | ١٨ 18 |
१८दूसरे महीने के पहले दिन सारी मण्डली इकट्ठी की, तब इस्राएलियों ने अपने-अपने कुल और अपने-अपने पितरों के घराने के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु वालों के नामों की गिनती करवाकर अपनी-अपनी वंशावली लिखवाई;
كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى. فَأَحْصَاهُمْ فِي صَحْرَاءِ سِينَاءَ. | ١٩ 19 |
१९जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी उसी के अनुसार उसने सीनै के जंगल में उनकी गणना की।
فَمِنْ نَسْلِ رَأُوبَيْنَ بِكْرِ إِسْرَائِيلَ تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٢٠ 20 |
२०और इस्राएल के पहलौठे रूबेन के वंश के जितने पुरुष अपने कुल और अपने पितरों के घराने के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ رَأُوبَيْنَ سِتَّةً وَأَرْبَعِينَ أَلْفاً وَخَمسَ مِئَةٍ. | ٢١ 21 |
२१और रूबेन के गोत्र के गिने हुए पुरुष साढ़े छियालीस हजार थे।
وَمِنْ نَسْلِ شِمْعُونَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٢٢ 22 |
२२शिमोन के वंश के लोग जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे, और जो युद्ध करने के योग्य थे वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए।
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ شِمْعُونَ تِسْعَةً وَخَمْسِينَ أَلْفاً وَثَلاثَ مِئَةٍ. | ٢٣ 23 |
२३और शिमोन के गोत्र के गिने हुए पुरुष उनसठ हजार तीन सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ جَادٍ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٢٤ 24 |
२४गाद के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ جَادٍ خَمْسَةً وَأَرْبَعِينَ أَلْفاً وَسِتَّ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ. | ٢٥ 25 |
२५और गाद के गोत्र के गिने हुए पुरुष पैंतालीस हजार साढ़े छः सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ يَهُوذَا، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٢٦ 26 |
२६यहूदा के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ يَهُوذَا أَرْبَعَةً وَسَبْعِينَ أَلْفاً وَسِتَّ مِئَةٍ. | ٢٧ 27 |
२७और यहूदा के गोत्र के गिने हुए पुरुष चौहत्तर हजार छः सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ يَسَّاكَرَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٢٨ 28 |
२८इस्साकार के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ يَسَّاكَرَ أَرْبَعَةً وَخَمْسِينَ أَلْفاً وَأَرْبَعَ مِئَةٍ. | ٢٩ 29 |
२९और इस्साकार के गोत्र के गिने हुए पुरुष चौवन हजार चार सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ زَبُولُونَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٣٠ 30 |
३०जबूलून के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ زَبُولُونَ سَبْعَةً وَخَمْسِينَ أَلْفاً وَأَرْبَعَ مِئَةٍ. | ٣١ 31 |
३१और जबूलून के गोत्र के गिने हुए पुरुष सत्तावन हजार चार सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ أَفْرَايِمَ بْنِ يُوسُفَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٣٢ 32 |
३२यूसुफ के वंश में से एप्रैम के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ أَفْرَايِمَ أَرْبَعِينَ أَلْفاً وَخَمْسَ مِئَةٍ. | ٣٣ 33 |
३३और एप्रैम गोत्र के गिने हुए पुरुष साढ़े चालीस हजार थे।
وَمِنْ نَسْلِ مَنَسَّى بْنِ يُوسُفَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنْ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٣٤ 34 |
३४मनश्शे के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ مَنَسَّى اثْنَيْنِ وَثَلاثِينَ أَلْفاً وَمِئَتَيْنِ. | ٣٥ 35 |
३५और मनश्शे के गोत्र के गिने हुए पुरुष बत्तीस हजार दो सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ بِنْيَامِينَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنْ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٣٦ 36 |
३६बिन्यामीन के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ بِنْيَامِينَ خَمْسَةً وَثَلاثِينَ أَلْفاً وَأَرْبَعَ مِئَةٍ. | ٣٧ 37 |
३७और बिन्यामीन के गोत्र के गिने हुए पुरुष पैंतीस हजार चार सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ دَانٍ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنْ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٣٨ 38 |
३८दान के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ دَانَ اثْنَيْنِ وَسِتِّينَ أَلْفاً وَسَبْعَ مِئَةٍ. | ٣٩ 39 |
३९और दान के गोत्र के गिने हुए पुरुष बासठ हजार सात सौ थे।
وَمِنْ نَسْلِ أَشِيرَ، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مِنْ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٤٠ 40 |
४०आशेर के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ أَشِيرَ وَاحِداً وَأَرْبَعِينَ أَلْفاً وَخَمَسَ مِئَةٍ. | ٤١ 41 |
४१और आशेर के गोत्र के गिने हुए पुरुष साढ़े इकतालीस हजार थे।
وَمِنْ نَسْلِ نَفْتَالِي، تَمَّ إِحْصَاءُ جَمِيعِ الرِّجَالِ الْبَالِغِينَ مِنَ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، مَنْ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، | ٤٢ 42 |
४२नप्ताली के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
فَكَانَ عَدَدُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ سِبْطِ نَفْتَالِي ثَلاثَةً وَخَمْسِينَ أَلْفاً وَأَرْبَعَ مِئَةٍ. | ٤٣ 43 |
४३और नप्ताली के गोत्र के गिने हुए पुरुष तिरपन हजार चार सौ थे।
هَؤُلاءِ هُمْ جُمْلَةُ الَّذِينَ أَحْصَاهُمْ مُوسَى وَهَرُونَ وَرُؤَسَاءُ إِسْرَائِيلَ الاثْنَا عَشَرَ الْمُمَثِّلُونَ لأَسْبَاطِهِمْ. | ٤٤ 44 |
४४इस प्रकार मूसा और हारून और इस्राएल के बारह प्रधानों ने, जो अपने-अपने पितरों के घराने के प्रधान थे, उन सभी को गिन लिया और उनकी गिनती यही थी।
فَكَانَ الْمَجْمُوعُ الْكُلِّيُّ لِلرِّجَالِ الْمُحْصَيْنَ مِنْ إِسْرَائِيلَ الْبَالِغِينَ مِنْ الْعُمْرِ عِشْرِينَ سَنَةً فَمَا فَوْقُ، حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ مِنَ الْقَادِرِينَ عَلَى الْقِتَالِ فِي الْحَرْبِ فِي إِسْرَائِيلَ | ٤٥ 45 |
४५अतः जितने इस्राएली बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के होने के कारण युद्ध करने के योग्य थे वे अपने पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,
سِتَّ مِئَةِ أَلْفٍ وَثَلاثَةَ آلافٍ وَخَمْسَ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ. | ٤٦ 46 |
४६और वे सब गिने हुए पुरुष मिलाकर छः लाख तीन हजार साढ़े पाँच सौ थे।
أَمَّا اللّاوِيُّونَ الْمُنْتَسِبُونَ لِسِبْطِ آبَائِهِمْ فَلَمْ يُحْصَوْا بَيْنَهُمْ، | ٤٧ 47 |
४७इनमें लेवीय अपने पितरों के गोत्र के अनुसार नहीं गिने गए।
إِذْ قَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: | ٤٨ 48 |
४८क्योंकि यहोवा ने मूसा से कहा था,
«أَمَّا سِبْطُ لاوِي فَلا تَحْسِبْهُ وَلا تُحْصِهِ بَيْنَ بَنِي إِسْرَائِيلَ، | ٤٩ 49 |
४९“लेवीय गोत्र की गिनती इस्राएलियों के संग न करना;
بَلْ اعْهَدْ بِمَسْكِنِ الشَّهَادَةِ وَأَمْتِعَتِهِ كُلِّهَا وَسَائِرِ مَالَهُ إِلَى اللّاوِيِّينَ. فَهُمْ يَنْقُلُونَ الْمَسْكَنَ وَأَمْتِعَتَهُ كُلَّهَا وَيَعْتَنُونَ بِهِ، وَحَوْلَهُ يُقِيمُونَ. | ٥٠ 50 |
५०परन्तु तू लेवियों को साक्षी के तम्बू पर, और उसके सम्पूर्ण सामान पर, अर्थात् जो कुछ उससे सम्बंध रखता है उस पर अधिकारी नियुक्त करना; और सम्पूर्ण सामान सहित निवास को वे ही उठाया करें, और वे ही उसमें सेवा टहल भी किया करें, और तम्बू के आस-पास वे ही अपने डेरे डाला करें।
وَهُمُ الَّذِينَ يُنْزِلُونَ الْمَسْكَنَ عِنْدَ ارْتِحَالِهِ وَيَنْصِبُونَهُ عِنْدَ حُلُولِهِ، وَأَيُّ وَاحِدٍ آخَرَ غَيْرَهُمْ يَقْتَرِبُ مِنْهُ يُقْتَلُ. | ٥١ 51 |
५१और जब जब निवास को आगे ले जाना हो तब-तब लेवीय उसको गिरा दें, और जब जब निवास को खड़ा करना हो तब-तब लेवीय उसको खड़ा किया करें; और यदि कोई दूसरा समीप आए तो वह मार डाला जाए।
وَلْيَضْرِبْ بَنُو إِسْرَائِيلَ خِيَامَهُمْ كُلٌّ فِي مَوْضِعِهِ فِي الْمُخَيَّمِ، وَكُلٌّ تَحْتَ رَايَةِ قَوْمِهِ. | ٥٢ 52 |
५२और इस्राएली अपना-अपना डेरा अपनी-अपनी छावनी में और अपने-अपने झण्डे के पास खड़ा किया करें;
وَأَمَّا اللّاوِيُّونَ فَيُقِيمُونَ حَوْلَ مَسْكَنِ الشَّهَادَةِ، لِئَلّا يَحِلَّ سَخَطُ الرَّبِّ عَلَى شَعْبِ إِسْرَائِيلَ. وَليُحَافِظِ اللّاوِيُّونَ عَلَى خِدْمَةِ مَسْكَنِ الشَّهَادَةِ وَشَعَائِرِهِ». | ٥٣ 53 |
५३पर लेवीय अपने डेरे साक्षी के तम्बू ही के चारों ओर खड़े किया करें, कहीं ऐसा न हो कि इस्राएलियों की मण्डली पर मेरा कोप भड़के; और लेवीय साक्षी के तम्बू की रक्षा किया करें।”
فَنَفَّذَ بَنُو إِسْرَائِيلَ تَمَاماً كُلَّ مَا أَمَرَ الرَّبُّ بِهِ مُوسَى. | ٥٤ 54 |
५४जो आज्ञाएँ यहोवा ने मूसा को दी थीं, इस्राएलियों ने उन्हीं के अनुसार किया।