< عَدَد 21 >

وَعِنْدَمَا سَمِعَ مَلِكُ عَرَادَ الْكَنْعَانِيُّ، الْمُسْتَوْطِنُ فِي النَّقَبِ، أَنَّ الإِسْرَائِيلِيِّينَ قَادِمُونَ عَلَى طَرِيقِ أَتَارِيمَ، حَارَبَهُمْ وَأَسَرَ عَدَداً مِنْهُمْ. ١ 1
तब अराद का कनानी राजा, जो दक्षिण देश में रहता था, यह सुनकर कि जिस मार्ग से वे भेदिए आए थे उसी मार्ग से अब इस्राएली आ रहे हैं, इस्राएल से लड़ा, और उनमें से कुछ को बन्धुआ कर लिया।
فَنَذَرَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ لِلرَّبِّ نَذْراً قَائِلِينَ: «إِنْ أَظْفَرْتَنَا بِهَؤُلاءِ الْقَوْمِ، لَنُحَرِّمَنَّ مُدُنَهُمْ». ٢ 2
तब इस्राएलियों ने यहोवा से यह कहकर मन्नत मानी, “यदि तू सचमुच उन लोगों को हमारे वश में कर दे, तो हम उनके नगरों को सत्यानाश कर देंगे।”
فَاسْتَجَابَ الرَّبُّ لَهُمْ، وَأَظْفَرَهُمْ بِالْكَنْعَانِيِّينَ، فَحَرَّمُوهُمْ وَمُدُنَهُمْ، فَدُعِيَ اسْمُ الْمَكَانِ «حُرْمَةَ». ٣ 3
इस्राएल की यह बात सुनकर यहोवा ने कनानियों को उनके वश में कर दिया; अतः उन्होंने उनके नगरों समेत उनको भी सत्यानाश किया; इससे उस स्थान का नाम होर्मा रखा गया।
وَارْتَحَلُوا مِنْ جَبَلِ هُورٍ عَنْ طَرِيقِ الْبَحْرِ الأَحْمَرِ لِيَدُورُوا حَوْلَ أَرْضِ أَدُومَ فَأَعْيَتْ نَفْسُ الشَّعْبِ فِي الطَّرِيقِ، ٤ 4
फिर उन्होंने होर पहाड़ से कूच करके लाल समुद्र का मार्ग लिया कि एदोम देश से बाहर-बाहर घूमकर जाएँ; और लोगों का मन मार्ग के कारण बहुत व्याकुल हो गया।
وَتَذَمَّرُوا عَلَى اللهِ وَعَلَى مُوسَى قَائِلِينَ: «لِمَاذَا أَخْرَجْتُمَانَا مِنْ مِصْرَ لِنَمُوتَ فِي الصَّحْرَاءِ، حَيْثُ لَا خُبْزَ وَلا مَاءَ؟ وَقَدْ عَافَتْ أَنْفُسُنَا الطَّعَامَ التَّافِهَ». ٥ 5
इसलिए वे परमेश्वर के विरुद्ध बात करने लगे, और मूसा से कहा, “तुम लोग हमको मिस्र से जंगल में मरने के लिये क्यों ले आए हो? यहाँ न तो रोटी है, और न पानी, और हमारे प्राण इस निकम्मी रोटी से दुःखित हैं।”
فَأَطْلَقَ الرَّبُّ عَلَى الشَّعْبِ الْحَيَّاتِ السَّامَّةَ، فَلَدَغَتِ الشَّعْبَ، فَمَاتَ مِنْهُمْ قَوْمٌ كَثِيرُونَ. ٦ 6
अतः यहोवा ने उन लोगों में तेज विषवाले साँप भेजे, जो उनको डसने लगे, और बहुत से इस्राएली मर गए।
فَجَاءَ الشَّعْبُ إِلَى مُوسَى قَائِليِنَ: «لَقَدْ أَخْطَأْنَا إِذْ تَذَمَّرْنَا عَلَى الرَّبِّ وَعَلَيْكَ، فَابْتَهِلْ إِلَى الرَّبِّ لِيُخَلِّصَنَا مِنَ الْحَيَّاتِ». فَصَلَّى مُوسَى مِنْ أَجْلِ الشَّعْبِ، ٧ 7
तब लोग मूसा के पास जाकर कहने लगे, “हमने पाप किया है, कि हमने यहोवा के और तेरे विरुद्ध बातें की हैं; यहोवा से प्रार्थना कर कि वह साँपों को हम से दूर करे।” तब मूसा ने उनके लिये प्रार्थना की।
فَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «اصْنَعْ لَكَ حَيَّةً سَامَّةً وَارْفَعْهَا عَلَى عَمُودٍ، لِكَيْ يَلْتَفِتَ إِلَيْهَا كُلُّ مَنْ تَلْدَغُهُ حَيَّةٌ، فَيَحْيَا» ٨ 8
यहोवा ने मूसा से कहा, “एक तेज विषवाले साँप की प्रतिमा बनवाकर खम्भे पर लटका; तब जो साँप से डसा हुआ उसको देख ले वह जीवित बचेगा।”
فَصَنَعَ مُوسَى حَيَّةً مِنْ نُحَاسٍ وَأَقَامَهَا عَلَى عَمُودٍ، فَكَانَ كُلُّ مَنْ لَدَغَتْهُ حَيَّةٌ، يَلْتَفِتُ إِلَى حَيَّةِ النُّحَاسِ وَيَحْيَا. ٩ 9
अतः मूसा ने पीतल का एक साँप बनवाकर खम्भे पर लटकाया; तब साँप के डसे हुओं में से जिस-जिसने उस पीतल के साँप की ओर देखा वह जीवित बच गया।
ثُمَّ انْتَقَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ وَنَزَلُوا فِي أُوبُوتَ، ١٠ 10
१०फिर इस्राएलियों ने कूच करके ओबोत में डेरे डालें।
وَمِنْهَا ارْتَحَلُوا وَحَلُّوا فِي عَيِيِّ عَبَارِيمَ، فِي الصَّحْرَاءِ الْمُقَابِلَةِ لِمُوآبَ فِي اتِّجَاهِ الشَّرْقِ. ١١ 11
११और ओबोत से कूच करके अबारीम में डेरे डालें, जो पूर्व की ओर मोआब के सामने के जंगल में है।
ثُمَّ ارْتَحَلُوا مِنْ هُنَاكَ وَنَزَلُوا فِي وَادِي زَارَدَ، ١٢ 12
१२वहाँ से कूच करके उन्होंने जेरेद नामक नाले में डेरे डालें।
بَعْدَ ذَلِكَ انْتَقَلُوا مِنْ هُنَاكَ وَأَقَامُوا إِلَى جَانِبِ أَرْنُونَ فِي الصَّحْرَاءِ، وَرَاءَ حُدُودِ الأَمُورِيِّينَ، لأَنَّ أَرْنُونَ هِيَ الْحَدُّ الْفَاصِلُ مَا بَيْنَ بِلادِ مُوآبَ وَالأَمُورِيِّينَ. ١٣ 13
१३वहाँ से कूच करके उन्होंने अर्नोन नदी, जो जंगल में बहती और एमोरियों के देश से निकलती है, उसकी दूसरी ओर डेरे खड़े किए; क्योंकि अर्नोन मोआबियों और एमोरियों के बीच होकर मोआब देश की सीमा ठहरी है।
لِذَلِكَ وَرَدَ فِي كِتَابِ حُرُوبِ الرَّبِّ: «مَدِينَةُ وَاهِبٍ فِي مِنْطَقَةِ سُوفَةَ، وَأَوْدِيَةِ نَهْرِ أَرْنُونَ، ١٤ 14
१४इस कारण यहोवा के संग्राम नामक पुस्तक में इस प्रकार लिखा है, “सूपा में वाहेब, और अर्नोन की घाटी,
وَمَصَبِّ الأَوْدِيَةِ الْمُمْتَدِّ نَحْوَ مَدِينَةِ عَارَ، وَالْمُسْتَنِدِ إِلَى حُدُودِ مُوآبَ». ١٥ 15
१५और उन घाटियों की ढलान जो आर नामक नगर की ओर है, और जो मोआब की सीमा पर है।”
وَمِنْ هُنَاكَ مَضَوْا نَحْوَ بِئْرٍ، وَهِيَ الْبِئْرُ الَّتِي قَالَ الرَّبُّ عِنْدَهَا لِمُوسَى: «اجْمَعِ الشَّعْبَ لأُعْطِيَهُمْ مَاءً» ١٦ 16
१६फिर वहाँ से कूच करके वे बैर तक गए; वहाँ वही कुआँ है जिसके विषय में यहोवा ने मूसा से कहा था, “उन लोगों को इकट्ठा कर, और मैं उन्हें पानी दूँगा।”
حِينَئِذٍ شَدَا الإِسْرَائِيلِيُّونَ بِهَذَا النَّشِيدِ: «ارْتَفِعْ يَا مَاءَ الْبِئْرِ! ١٧ 17
१७उस समय इस्राएल ने यह गीत गाया, “हे कुएँ, उमड़ आ, उस कुएँ के विषय में गाओ!
تَغَنَّوْا بِها، تَغَنَّوْا بِالْبِئْرِ الَّتِي حَفَرَهَا رُؤَسَاءُ. حَفَرَهَا شُرَفَاءُ الشَّعْبِ بِالصَّوْلَجَانِ وَالْعِصِيِّ». ثُمَّ انْتَقَلُوا مِنَ الصَّحْرَاءِ إِلَى مَتَّانَةَ. ١٨ 18
१८जिसको हाकिमों ने खोदा, और इस्राएल के रईसों ने अपने सोंटों और लाठियों से खोद लिया।” फिर वे जंगल से मत्ताना को,
وَمِنْ مَتَّانَةَ إِلَى نَحْلِيئِيلَ وَمِنْ نَحْلِيئِيلَ إِلَى بَامُوتَ. ١٩ 19
१९और मत्ताना से नहलीएल को, और नहलीएल से बामोत को,
وَمِنْ بَامُوتَ إِلَى الْجِوَاءِ الَّتِي فِي صَحْرَاءِ مُوآبَ عِنْدَ قِمَّةِ الْفِسْجَةِ الْمُشْرِفَةِ عَلَى امْتِدَادِ الصَّحْرَاءِ. ٢٠ 20
२०और बामोत से कूच करके उस तराई तक जो मोआब के मैदान में है, और पिसगा के उस सिरे तक भी जो यशीमोन की ओर झुका है पहुँच गए।
وَبَعَثَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ رُسُلاً إِلَى سِيحُونَ مَلِكِ الأَمُورِيِّينَ قَائِلِينَ: ٢١ 21
२१तब इस्राएल ने एमोरियों के राजा सीहोन के पास दूतों से यह कहला भेजा,
«دَعْنَا نَجْتَزْ فِي أَرْضِكَ، فَلا نَمِيلُ إِلَى حَقْلٍ وَلا إِلَى كَرْمٍ، وَلا نَشْرَبُ مَاءَ بِئْرٍ، بَلْ نَسِيرُ فِي الطَّرِيقِ الْعَامَّةِ الْمُخَصَّصَةِ لِلسَّفَرِ حَتَّى نَعْبُرَ حُدُودَكَ». ٢٢ 22
२२“हमें अपने देश में होकर जाने दे; हम मुड़कर किसी खेत या दाख की बारी में तो न जाएँगे; न किसी कुएँ का पानी पीएँगे; और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएँ तब तक सड़क ही से चले जाएँगे।”
فَلَمْ يَأْذَنْ سِيحُونُ لِلإِسْرَائِيلِيِّينَ بِالْمُرُورِ فِي تُخُومِهِ، بَلْ حَشَدَ جَيْشَهُ وَخَرَجَ لِلِقَائِهِمْ إِلَى الصَّحْرَاءِ، وَحَارَبَهُمْ عِنْدَ يَاهَصَ، ٢٣ 23
२३फिर भी सीहोन ने इस्राएल को अपने देश से होकर जाने न दिया; वरन् अपनी सारी सेना को इकट्ठा करके इस्राएल का सामना करने को जंगल में निकल आया, और यहस को आकर उनसे लड़ा।
فَهَزَمَهُ الإِسْرَائِيلِيُّونَ بِحَدِّ السَّيْفِ، وَاسْتَوْلَوْا عَلَى بِلادِهِ مِنْ أَرْنُونَ إِلَى يَبُّوقَ حَتَّى حُدُودِ الْعَمُّونِيِّينَ وَلَمْ يَتَجَاوَزُوهَا لِمَنَاعَتِهَا. ٢٤ 24
२४तब इस्राएलियों ने उसको तलवार से मार दिया, और अर्नोन से यब्बोक नदी तक, जो अम्मोनियों की सीमा थी, उसके देश के अधिकारी हो गए; अम्मोनियों की सीमा तो दृढ़ थी।
وَامْتَلَكَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ كُلَّ مُدُنِ الأَمُورِيِّينَ، وَمِنْ جُمْلَتِهَا حَشْبُونُ وَضَوَاحِيهَا وَأَقَامُوا فِيهَا، ٢٥ 25
२५इसलिए इस्राएल ने एमोरियों के सब नगरों को ले लिया, और उनमें, अर्थात् हेशबोन और उसके आस-पास के नगरों में रहने लगे।
لأَنَّ حَشْبُونَ كَانَتْ عَاصِمَةَ سِيحُونَ مَلِكِ الأَمُورِيِّينَ الَّذِي كَانَ قَدْ حَارَبَ مَلِكَ مُوآبَ السَّابِقَ وَاسْتَوْلَى عَلَى أَرَاضِيهِ كُلِّهَا حَتَّى أَرْنُونَ. ٢٦ 26
२६हेशबोन एमोरियों के राजा सीहोन का नगर था; उसने मोआब के पिछले राजा से लड़कर उसका सारा देश अर्नोन तक उसके हाथ से छीन लिया था।
لِهَذَا يَقُولُ الشُّعَرَاءُ: «هَيَّا إِلَى حَشْبُونَ فَتُبْنَى، وَتُشَيَّدُ مَدِينَةُ سِيحُونَ. ٢٧ 27
२७इस कारण गूढ़ बात के कहनेवाले कहते हैं, “हेशबोन में आओ, सीहोन का नगर बसे, और दृढ़ किया जाए।
فَقَدِ انْدَلَعَتْ نَارٌ مِنْ حَشْبُونَ، لَهِيبٌ مِنْ مَدِينَةِ سِيحُونَ، فَالْتَهَمَتْ عَارَ مُوآبَ، وَأَهْلَكَتْ أَهْلَ مُرْتَفَعَاتِ أَرْنُونَ. ٢٨ 28
२८क्योंकि हेशबोन से आग, सीहोन के नगर से लौ निकली; जिससे मोआब देश का आर नगर, और अर्नोन के ऊँचे स्थानों के स्वामी भस्म हुए।
وَيْلٌ لَكَ يَا مُوآبُ. هَلَكْتِ يَا أُمَّةَ كَمُوشَ. قَدْ هَرَبَ أَبْنَاؤُهُ وَأَصْبَحَتْ بَنَاتُهُ سَبَايَا سِيحُونَ مَلِكِ الأَمُورِيِّينَ. ٢٩ 29
२९हे मोआब, तुझ पर हाय! कमोश देवता की प्रजा नाश हुई, उसने अपने बेटों को भगोड़ा, और अपनी बेटियों को एमोरी राजा सीहोन की दासी कर दिया।
لَكِنْ قَدْ طَوَّحْنَا بِهِمْ. هَلَكَتْ حَشْبُونُ إِلَى دِيبُونَ، دَمَّرْنَا الْبِلادَ حَتَّى نُوفَحَ الَّتِي تَمْتَدُّ إِلَى مِيدَبَا». ٣٠ 30
३०हमने उन्हें गिरा दिया है, हेशबोन दीबोन तक नष्ट हो गया है, और हमने नोपह और मेदबा तक भी उजाड़ दिया है।”
فَأَقَامَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ فِي بِلادِ الأَمُورِيِّينَ. ٣١ 31
३१इस प्रकार इस्राएल एमोरियों के देश में रहने लगा।
وَأَرْسَلَ مُوسَى لِيَسْتَكْشِفَ مِنْطَقَةَ يَعَزِيرَ، وَمَا لَبِثَ بَنُو إِسْرَائِيلَ أَنِ اسْتَوْلَوْا عَلَى قُرَاهَا وَطَرَدُوا مِنْهَا الأَمُورِيِّينَ، ٣٢ 32
३२तब मूसा ने याजेर नगर का भेद लेने को भेजा; और उन्होंने उसके गाँवों को ले लिया, और वहाँ के एमोरियों को उस देश से निकाल दिया।
ثُمَّ اتَّجَهُوا نَحْوَ طَرِيقِ بَاشَانَ. فَهَبَّ عُوجُ مَلِكُ بَاشَانَ مَعَ جَمِيعِ قَوْمِهِ لِلِقَائِهِمْ فِي إِذْرَعِي وَمُحَارَبَتِهِمْ. ٣٣ 33
३३तब वे मुड़कर बाशान के मार्ग से जाने लगे; और बाशान के राजा ओग ने उनका सामना किया, वह लड़ने को अपनी सारी सेना समेत एद्रेई में निकल आया।
فَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «لا تَخَفْ مِنْهُ لأَنَّنِي قَدْ دَفَعْتُهُ لِيَدِكَ مَعَ جَمِيعِ قَوْمِهِ وَأَرْضِهِ، فَتَفْعَلُ بِهِ مَا فَعَلْتَهُ بِسِيحُونَ مَلِكِ الأَمُورِيِّينَ فِي حَشْبُونَ». ٣٤ 34
३४तब यहोवा ने मूसा से कहा, “उससे मत डर; क्योंकि मैं उसको सारी सेना और देश समेत तेरे हाथ में कर देता हूँ; और जैसा तूने एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के साथ किया है, वैसा ही उसके साथ भी करना।”
فَقَضَوْا عَلَيْهِ وَعَلَى أَبْنَائِهِ وَقَوْمِهِ حَتَّى لَمْ يَبْقَ مِنْهُمْ حَيٌّ، وَامْتَلَكُوا دِيَارَهُ. ٣٥ 35
३५तब उन्होंने उसको, और उसके पुत्रों और सारी प्रजा को यहाँ तक मारा कि उसका कोई भी न बचा; और वे उसके देश के अधिकारी हो गए।

< عَدَد 21 >