< عَدَد 10 >

وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: ١ 1
फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«اصْنَعْ لَكَ بُوقَيْنِ مِنْ فِضَّةٍ مَطْرُوقَةٍ تَسْتَخْدِمُهُمَا لِدَعْوَةِ الشَّعْبِ، وَلإِعْلانِ نَفِيرِ الرَّحِيلِ، ٢ 2
“चाँदी की दो तुरहियां गढ़कर बनाई जाए; तू उनको मण्डली के बुलाने, और छावनियों के प्रस्थान करने में काम में लाना।
فَحَالَمَا يُنْفَخُ فِيهِمَا يَجْتَمِعُ إِلَيْكَ الشَّعْبُ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ. ٣ 3
और जब वे दोनों फूँकी जाएँ, तब सारी मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर तेरे पास इकट्ठी हो जाएँ।
أَمَّا إِذَا نُفِخَ فِي بُوقٍ وَاحِدٍ، يَتَوَافَدُ إِلَيْكَ رُؤَسَاءُ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ. ٤ 4
यदि एक ही तुरही फूँकी जाए, तो प्रधान लोग जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुष हैं तेरे पास इकट्ठे हो जाएँ।
وَعِنْدَمَا يَرْتَفِعُ نَفِيرُ هُتَافٍ، تَرْتَحِلُ الأَسْبَاطُ الْمُخَيِّمَةُ إِلَى الشَّرْقِ، ٥ 5
जब तुम लोग साँस बाँधकर फूँको, तो पूर्व दिशा की छावनियों का प्रस्थान हो।
وَإذَا ارْتَفَعَ نَفِيرُ هُتَافٍ ثَانٍ تَرْتَحِلُ الأَسْبَاطُ النَّازِلَةُ إِلَى الْجَنُوبِ، وَهَكَذَا يُعْلَنُ عَنِ الارْتِحَالِ بِنَفِيرِ الْهُتَافِ. ٦ 6
और जब तुम दूसरी बार साँस बाँधकर फूँको, तब दक्षिण दिशा की छावनियों का प्रस्थान हो। उनके प्रस्थान करने के लिये वे साँस बाँधकर फूँकें।
أَمَّا عِنْدَ جَمْعِ الشَّعْبِ، فَانْفُخُوا بِالْبُوقَيْنِ، وَلَكِنْ مِنْ غَيْرِ هُتَافٍ، ٧ 7
जब लोगों को इकट्ठा करके सभा करनी हो तब भी फूँकना परन्तु साँस बाँधकर नहीं।
وَيَكُونُ أَبْنَاءُ هَرُونَ هُمُ النَّافِخُونَ بِالأَبْوَاقِ، فَرِيضَةً دَائِمَةً لَكُمْ جِيلاً بَعْدَ جِيلٍ. ٨ 8
और हारून के पुत्र जो याजक हैं वे उन तुरहियों को फूँका करें। यह बात तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये सर्वदा की विधि रहे।
وَإِنْ ذَهَبْتُمْ لِمُحَارَبَةِ عَدُوٍّ فِي أَرْضِكُمْ يَضُرُّ بِكُمْ، فَاضْرِبُوا بِالأَبْوَاقِ، فَأَذْكُرَكُمْ وَأُخَلِّصَكُمْ مِنْ أَعْدَائِكُمْ. ٩ 9
और जब तुम अपने देश में किसी सतानेवाले बैरी से लड़ने को निकलो, तब तुरहियों को साँस बाँधकर फूँकना, तब तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को तुम्हारा स्मरण आएगा, और तुम अपने शत्रुओं से बचाए जाओगे।
انْفُخُوا فِي الأَبْوَاقِ أَيْضاً فِي أَيَّامِ فَرَحِكُمْ وَفِي أَعْيَادِكُمْ وَرُؤُوسِ شُهُورِكُمْ، وَكَذَلِكَ عَلَى مُحْرَقَاتِكُمْ وَذَبَائِحِ سَلامِكُمْ، فَتَكُونَ لَكُمْ تَذْكَاراً أَمَامِي. أَنَا الرَّبُّ إِلَهُكُمْ». ١٠ 10
१०अपने आनन्द के दिन में, और अपने नियत पर्वों में, और महीनों के आदि में, अपने होमबलियों और मेलबलियों के साथ उन तुरहियों को फूँकना; इससे तुम्हारे परमेश्वर को तुम्हारा स्मरण आएगा; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”
وَفِي الْيَوْمِ الْعِشْرِينَ مِنَ الشَّهْرِ الثَّانِي مِنَ السَّنَةِ الثَّانِيَةِ (الْعِبْرِيَّةِ) ارْتَفَعَتِ السَّحَابَةُ عَنْ مَسْكَنِ الشَّهَادَةِ، ١١ 11
११दूसरे वर्ष के दूसरे महीने के बीसवें दिन को बादल साक्षी के निवास के तम्बू पर से उठ गया,
فَارْتَحَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ فِي صَحْرَاءِ سِينَاءَ مِنْ مَكَانٍ إِلَى آخَرَ إِلَى أَنِ اسْتَقَرَّتِ السَّحَابَةُ فِي بَرِّيَّةِ فَارَانَ. ١٢ 12
१२तब इस्राएली सीनै के जंगल में से निकलकर प्रस्थान करके निकले; और बादल पारान नामक जंगल में ठहर गया।
وَكَانَتْ هَذِهِ أَوَّلَ مَرَّةٍ يَرْتَحِلُونَ فِيهَا بِمُوْجِبِ التَّنْظِيمِ الْجَدِيدِ الَّذِي أَمَرَ بِهِ الرَّبُّ عَلَى لِسَانِ مُوسَى، ١٣ 13
१३उनका प्रस्थान यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी आरम्भ हुआ।
فَقَدِ ارْتَحَلَتْ أَوَّلاً مُخَيَّمَاتُ سِبْطِ يَهُوذَا طِبْقاً لِعَشَائِرِهِمْ، وَعَلَى رَأْسِهِمْ نَحْشُونُ بْنُ عَمِّينَادَابَ. ١٤ 14
१४और सबसे पहले तो यहूदियों की छावनी के झण्डे का प्रस्थान हुआ, और वे दल बाँधकर चले; और उनका सेनापति अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन था।
ثُمَّ عَشَائِرُ سِبْطِ يَسَّاكَرَ، وَعَلَى رَأْسِهِمْ نَثَنَائِيلُ بْنُ صُوغَرَ، ١٥ 15
१५और इस्साकारियों के गोत्र का सेनापति सूआर का पुत्र नतनेल था।
وَتَلاهُمْ سِبْطُ زَبُولُونَ، وَعَلَى رَأْسِهِ آلِيآبُ بْنُ حِيلُونَ، ١٦ 16
१६और जबूलूनियों के गोत्र का सेनापति हेलोन का पुत्र एलीआब था।
ثُمَّ أُنْزِلَ الْمَسْكَنُ، فَارْتَحَلَ بَنُو جَرْشُونَ وَبَنُو مَرَارِي حَامِلِينَ الْمَسْكَنَ، ١٧ 17
१७तब निवास का तम्बू उतारा गया, और गेर्शोनियों और मरारियों ने जो निवास के तम्बू को उठाते थे प्रस्थान किया।
وَأَعْقَبَتْهُمْ مُخَيَّمَاتُ سِبْطِ رَأُوبَيْنَ وَفْقاً لِعَشَائِرِهِمْ، وَعَلَى رَأْسِهِمْ أَلِيصُورُ بْنُ شَدَيْئُورَ. ١٨ 18
१८फिर रूबेन की छावनी के झण्डे का कूच हुआ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापति शदेऊर का पुत्र एलीसूर था।
ثُمَّ عَشَائِرُ سِبْطِ شِمْعُونَ، وَعَلَى رَأْسِهِمْ شَلُومِيئِيلُ بْنُ صُورِيشَدَّاي، ١٩ 19
१९और शिमोनियों के गोत्र का सेनापति सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल था।
وَتَبِعَتْهُمْ عَشَائِرُ سِبْطِ جَادٍ، وَعَلَى رَأْسِهِمْ أَلِيَاسَافُ بْنُ دَعُوئِيلَ، ٢٠ 20
२०और गादियों के गोत्र का सेनापति दूएल का पुत्र एल्यासाप था।
ثُمَّ ارْتَحَلَ الْقَهَاتِيُّونَ حَامِلِينَ الْمَقْدِسَ إِلَى حَيْثُ كَانَ الْمَسْكَنُ قَدْ أُقِيمَ فِي انْتِظَارِهِمْ. ٢١ 21
२१तब कहातियों ने पवित्र वस्तुओं को उठाए हुए प्रस्थान किया, और उनके पहुँचने तक गेर्शोनियों और मरारियों ने निवास के तम्बू को खड़ा कर दिया।
وَارْتَحَلَتْ عَلَى أَثَرِهِمْ مُخَيَّمَاتُ أَفْرَايِمَ حَسَبِ عَشَائِرِهَا وَعَلَى رَأْسِهَا أَلِيشَمَعُ بْنُ عَمِّيهُودَ، ٢٢ 22
२२फिर एप्रैमियों की छावनी के झण्डे का कूच हुआ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापति अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा था।
ثُمَّ سِبْطُ مَنَسَّى وَعَلَى رَأْسِهِ جَمْلِيئِيلُ بْنُ فَدَهْصُورَ، ٢٣ 23
२३और मनश्शेइयों के गोत्र का सेनापति पदासूर का पुत्र गम्लीएल था।
وَتَبِعَهُمْ سِبْطُ بِنْيَامِينَ، وَعَلَى رَأْسِهِ أَبِيدَنُ بْنُ جِدْعُونِي، ٢٤ 24
२४और बिन्यामीनियों के गोत्र का सेनापति गिदोनी का पुत्र अबीदान था।
ثُمَّ ارْتَحَلَتْ مُخَيَّمَاتُ سِبْطِ دَانٍ بِرَايَتِهِ مَعَ جَمِيعِ عَشَائِرِهِ، فِي مُؤَخَّرَةِ الْجَمَاعَةِ، وَكَانَ عَلَى رَأْسِهِ أَخِيعَزَرُ بْنُ عَمِّيشَدَّاي. ٢٥ 25
२५फिर दानियों की छावनी जो सब छावनियों के पीछे थी, उसके झण्डे का प्रस्थान हुआ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापति अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर था।
وَسِبْطِ أَشِيرَ وَعَلَى رَأْسِهِ فَجْعِيئِيلُ بْنُ عُكْرَنَ، ٢٦ 26
२६और आशेरियों के गोत्र का सेनापति ओक्रान का पुत्र पगीएल था।
وَسِبْطِ نَفْتَالِي وَعَلَى رَأْسِهِ أَخِيرَعُ بْنُ عِينَنَ، ٢٧ 27
२७और नप्तालियों के गोत्र का सेनापति एनान का पुत्र अहीरा था।
فَكَانَ هَذَا هُوَ النِّظَامُ الَّذِي سَارَتْ عَلَيْهِ أَسْبَاطُ بَنِي إِسْرَائِيلَ فِي أَثْنَاءِ رَحِيلِهِمْ. ٢٨ 28
२८इस्राएली इसी प्रकार अपने-अपने दलों के अनुसार प्रस्थान करते, और आगे बढ़ा करते थे।
وَقَالَ مُوسَى لِحَمِيهِ حُوبَابَ بْنِ رَعُوئِيلَ الْمِدْيَانِيِّ: «إِنَّنَا رَاحِلُونَ إِلَى الأَرْضِ الَّتِي وَعَدَ الرَّبُّ أَنْ يَهَبَهَا لَنَا، فَتَعَالَ مَعْنَا، فَنُحْسِنَ إِلَيْكَ، لأَنَّ الرَّبَّ قَدْ وَعَدَ أَنْ يُحْسِنَ إِلَى إِسْرَائِيلَ». ٢٩ 29
२९मूसा ने अपने ससुर रूएल मिद्यानी के पुत्र होबाब से कहा, “हम लोग उस स्थान की यात्रा करते हैं जिसके विषय में यहोवा ने कहा है, ‘मैं उसे तुम को दूँगा’; इसलिए तू भी हमारे संग चल, और हम तेरी भलाई करेंगे; क्योंकि यहोवा ने इस्राएल के विषय में भला ही कहा है।”
فَقَالَ لَهُ: «لا أَذْهَبُ، بَلْ دَعْنِي أَمْضِي إِلَى أَرْضِي وَعَشِيرَتِي». ٣٠ 30
३०होबाब ने उसे उत्तर दिया, “मैं नहीं जाऊँगा; मैं अपने देश और कुटुम्बियों में लौट जाऊँगा।”
فَقَالَ مُوسَى: «لا تَتْرُكْنَا لأَنَّكَ تَعْرِفُ مَسَالِكَ الصَّحْرَاءِ وَمَوَاضِعَ الإِقَامَةِ فِيهَا، فَتَكُونَ لَنَا دَلِيلاً. ٣١ 31
३१फिर मूसा ने कहा, “हमको न छोड़, क्योंकि जंगल में कहाँ-कहाँ डेरा खड़ा करना चाहिये, यह तुझे ही मालूम है, तू हमारे लिए आँखों का काम करना।
وَإِنْ رَافَقْتَنَا فَإِنَّنَا نُحْسِنُ إِلَيْكَ بِنَفْسِ الإِحْسَانِ الَّذِي يُحْسِنُ الرَّبُّ بِهِ إِلَيْنَا». ٣٢ 32
३२और यदि तू हमारे संग चले, तो निश्चय जो भलाई यहोवा हम से करेगा उसी के अनुसार हम भी तुझ से वैसा ही करेंगे।”
فَارْتَحَلُوا مِنْ عِنْدِ جَبَلِ الرَّبِّ مَسِيرَةَ ثَلاثَةِ أَيَّامٍ، وَكَانَ تَابُوتُ الرَّبِّ يَتَقَدَّمُهُمْ بَاحِثاً لَهُمْ عَنْ مَوْضِعِ إِقَامَةٍ. ٣٣ 33
३३फिर इस्राएलियों ने यहोवा के पर्वत से प्रस्थान करके तीन दिन की यात्रा की; और उन तीनों दिनों के मार्ग में यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके लिये विश्राम का स्थान ढूँढ़ता हुआ उनके आगे-आगे चलता रहा।
وَكَانَتْ سَحَابَةُ الرَّبِّ تُظَلِّلُهُمْ نَهَاراً فِي أَثْنَاءِ ارْتِحَالِهِمْ مِنَ الْمُخَيَّمِ، ٣٤ 34
३४और जब वे छावनी के स्थान से प्रस्थान करते थे तब दिन भर यहोवा का बादल उनके ऊपर छाया रहता था।
وَكَانَ مُوسَى يَقُولُ عِنْدَ ارْتِحَالِ التَّابُوتِ: «قُمْ يَا رَبُّ وَبَدِّدْ أَعْدَاءَكَ فَيَهْرُبَ مُبْغِضُوكَ مِنْ أَمَامِكَ» ٣٥ 35
३५और जब जब सन्दूक का प्रस्थान होता था तब-तब मूसा यह कहा करता था, “हे यहोवा, उठ, और तेरे शत्रु तितर-बितर हो जाएँ, और तेरे बैरी तेरे सामने से भाग जाएँ।”
وَكَانَ يَقُولُ عِنْدَ حُلُولِهِ: «ارْجِعْ يَا رَبُّ إِلَى عَشَرَاتِ أُلُوفِ إِسْرَائِيلَ». ٣٦ 36
३६और जब जब वह ठहर जाता था तब-तब मूसा कहा करता था, “हे यहोवा, हजारों-हजार इस्राएलियों में लौटकर आ जा।”

< عَدَد 10 >