< ميخا 7 >

وَيْلٌ لِي، فَقَدْ صِرْتُ كَرَجُلٍ جَائِعٍ جَاءَ يَبْحَثُ عَنْ جَنْيِ الصَّيْفِ وَبَقَايَا قِطَافِ الْعِنَبِ، فَلَمْ يَجِدْ عُنْقُوداً لِلأَكْلِ وَلا شَيْئاً مِنْ بَاكُورَةِ التِّينِ مِمَّا تَشْتَهِيهِ نَفْسِي. ١ 1
मेरी क्या दुर्गति है! मैं उस मनुष्य के जैसा हूं, जो अंगूर की बारी में लवनी के छूटे अंगूर को धूपकाल में बटोरता है; खाने के लिये अंगूर का कोई गुच्छा नहीं बचा है, मैंने शुरू के अंजीर के फलों की जो लालसा की थी, वे भी नहीं हैं.
قَدْ بَادَ الصَّالِحُ مِنْ الأَرْضِ وَاخْتَفَى الْمُسْتَقِيمُ مِنْ بَيْنِ النَّاسِ. جَمِيعُهُمْ يَكْمِنُونَ لِسَفْكِ الدِّمَاءِ، وَكُلُّ وَاحِدٍ مِنْهُمْ يَقْتَنِصُ أَخَاهُ. ٢ 2
विश्वासयोग्य लोग देश से नाश हो गये हैं; एक भी ईमानदार व्यक्ति नहीं बचा है. हर एक जन खून बहाने के घात में लगा रहता है; वे जाल बिछाकर एक दूसरे को फंसाने के चक्कर में रहते हैं.
تَجِدُّ أَيْدِيهُمْ فِي ارْتِكَابِ الشَّرِّ، وَيَسْعَى الرَّئِيسُ وَالْقَاضِي وَرَاءَ الرِّشْوَةِ، وَيُمْلِي الْعَظِيمُ عَلَيْهِمْ أَهْوَاءَ نَفْسِهِ، فَيَتَآمَرُونَ جَمِيعاً عَلَى الْحَقِّ. ٣ 3
उनके हाथ बुराई के काम करने में माहिर हैं; शासन करनेवाले उपहार की मांग करते हैं, न्यायाधीश घूस लेते हैं, शक्तिशाली लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति बलपूर्वक करते हैं, वे सब मिलकर षड़्‍यंत्र रचते हैं.
أَفْضَلُهُمْ مِثْلُ الْعَوْسَجِ، وَأَكْثَرُهُمُ اسْتِقَامَةً أَسْوَأُ مِنْ سِيَاجِ الشَّوْكِ. وَهَا يَوْمُ عِقَابِكُمُ الَّذِي أَنْذَرَ بِهِ أَنْبِيَاؤُكُمْ قَدْ وَافَى. عِنْدَئِذٍ يَعْتَرِيكُمُ الارْتِبَاكُ. ٤ 4
उनमें जो सर्वोत्तम माना जाता है, वह एक कंटीली झाड़ी के जैसा है, उनमें जो सबसे ज्यादा ईमानदार समझा जाता है, वह एक कंटीले बाड़े से भी बुरा है. तुम्हारे पास परमेश्वर के आने का समय आ गया है, अर्थात् तुम्हारे पहरेदार के खतरे के घंटी बजाने का दिन आ गया है. अब तुम्हारे घबराने का समय है.
لَا تَأْتَمِنْ جَارَكَ وَلا تَثِقْ بِصَدِيقٍ، وَاحْتَرِسْ مِمَّا تَنْطِقُ بِهِ شَفَتَاكَ مِمَّنَ تَرْقُدُ فِي حِضْنِكَ. ٥ 5
किसी पड़ोसी पर विश्वास न करना और न ही अपने किसी मित्र पर भरोसा करना. यहां तक कि अपनी अर्द्धागिनी से भी संभलकर बात करना.
فَإِنَّ الابْنَ يَسْتَخِفُّ بِأَبِيهِ وَالابْنَةُ تَتَمَرَّدُ عَلَى أُمِّهَا، وَالْكَنَّةُ عَلَى حَمَاتِهَا، وَأَعْدَاءُ الإِنْسَانِ أَهْلُ بَيْتِهِ. ٦ 6
क्योंकि पुत्र अपने पिता का अनादर करता है, पुत्री उसकी माता के विरुद्ध तथा बहू उसकी सास के विरुद्ध, उठ खड़ी होती है, मनुष्य के शत्रु उसके परिवार के सदस्य ही होते हैं.
أَمَّا أَنَا فَأَرْتَقِبُ الرَّبَّ وَأَنْتَظِرُ إِلَهَ خَلاصِي فَيَسْمَعُنِي إِلَهِي. ٧ 7
पर जहां तक मेरी बात है, मेरी आशा याहवेह पर लगी रहती है, मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की बाट जोहता हूं; मेरे परमेश्वर मेरी सुनेंगे.
لَا تَشْمَتِي بِي يَا عَدُوَّتِي، لأَنِّي إِنْ سَقَطْتُ أَقُومُ، وَإِنْ جَلَسْتُ فِي الظُّلْمَةِ يَكُونُ الرَّبُّ نُوراً لِي. ٨ 8
हे मेरे शत्रु, मेरी स्थिति पर आनंद मत मना! यद्यपि मैं गिर गया हूं, पर मैं उठ खड़ा होऊंगा. यद्यपि मैं अंधकार में बैठा हुआ हूं, पर याहवेह मेरी ज्योति होंगे.
إِنِّي أَخْطَأْتُ إِلَى الرَّبِّ لِذَلِكَ أَتَحَمَّلُ غَضَبَهُ، إِلَى أَنْ يُدَافِعَ عَنِّي وَيُثْبِتَ اسْتِقَامَتِي، فَيُخْرِجُنِي إِلَى النُّورِ لأُشَاهِدَ عَدْلَهُ. ٩ 9
क्योंकि मैंने उनके विरुद्ध पाप किया है, इसलिये मैं तब तक याहवेह के क्रोध सहता रहूंगा, जब तक कि वे मेरा मामला सुनकर मुझे न्याय प्रदान न करें. वही मुझे उस उजियाले में ले आएंगे; और मैं उनकी धार्मिकता को देखूंगा.
عِنْدَئِذٍ تَرَى ذَلِكَ عَدُوَّتِي فَيَعْتَرِيهَا الْخِزْيُ إِذْ قَالَتْ لِي: «أَيْنَ هُوَ الرَّبُّ إِلَهُكِ؟» سَتَشْهَدُهَا عَيْنَايَ تُدَاسُ كَطِينِ الشَّوَارِعِ وَالأَزِقَّةِ. ١٠ 10
तब मेरा शत्रु यह देखेगा और लज्जा से अपना मुंह ढांप लेगा, यह शत्रु वही है, जिसने मुझसे कहा था, “कहां है याहवेह तुम्हारा परमेश्वर?” तब मैं उस शत्रु के पतन को देखूंगा; यहां तक की वह गली के कीचड़ की तरह पैरों तले रौंदा जाएगा.
هَا قَدْ أَقْبَلَ يَوْمُ بِنَاءِ أَسْوَارِ مَدِينَتِكِ. فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ تَتَّسِعُ تُخُومُكِ. ١١ 11
तुम्हारे दीवारों को बनाने का दिन, और तुम्हारी सीमाओं का बढ़ाने का दिन आएगा.
وَيَتَقَاطَرُ إِلَيْكِ شَعْبُكِ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ، مِنْ أَشُّورَ وَمِنْ مُدُنِ مِصْرَ حَتَّى نَهْرِ الْفُرَاتِ؛ مِنْ بَحْرٍ إِلَى بَحْرٍ؛ وَمِنْ جَبَلٍ إِلَى جَبَلٍ. ١٢ 12
उस दिन लोग तुम्हारे पास अश्शूर और मिस्र देश के शहरों से आएंगे, यहां तक कि मिस्र देश से लेकर इफरात नदी तक से, और समुद्र से समुद्र के बीच और पहाड़ से पहाड़ के बीच के देशों से लोग तुम्हारे पास आएंगे.
غَيْرَ أَنَّ الأَرْضَ تَكُونُ مُوْحِشَةً بِسَبَبِ سَيِّئَاتِ سُكَّانِهَا. ١٣ 13
पृथ्वी के निवासियों के कारण, उनके कामों के फलस्वरूप, पृथ्वी उजाड़ और निर्जन हो जाएगी.
ارْعَ يَا رَبُّ شَعْبَكَ بِعَصَاكَ، فَهُمْ قَطِيعُ مِيرَاثِكَ الرَّابِضُونَ وَحْدَهُمْ فِي الْغَابَةِ فِي وَسَطِ الْكَرْمَلِ. قُدْهُمْ إِلَى بَاشَانَ وَجِلْعَادَ لِيَتَمَتَّعُوا بِخِصْبِ أَرْضِهِمَا كَالْعَهْدِ بِهِمْ فِي أَيَّامِ الْقِدَمِ. ١٤ 14
अपने लोगों की रखवाली, अपने उत्तराधिकार में पाये झुंड की रखवाली अपनी लाठी से करना, जो बंजर भूमि में, और उपजाऊ चरागाह में अपने बूते रहते हैं. उन्हें बहुत पहले के समय जैसे बाशान और गिलआद में चरने दो.
وَيُجِيبُ الرَّبُّ: سَأُرِيهِمْ مُعْجِزَاتٍ كَمَا فَعَلْتُ فِي أَيَّامِ خُرُوجِهِمْ مِنْ دِيَارِ مِصْرَ. ١٥ 15
“जब तुम मिस्र देश से निकलकर आए, उन दिनों के जैसे, मैं उन्हें आश्चर्यकर्म दिखाऊंगा.”
فَتَرَى الأُمَمُ وَيَخْزَوْنَ مِنْ قُوَّتِهِمْ وَيَضَعُونَ أَيْدِيَهُمْ عَلَى أَفْوَاهِهِمْ وَتُصَابُ آذَانُهُمْ بِالصَّمَمِ. ١٦ 16
जाति-जाति के लोग यह देखेंगे और अपने शक्ति से वंचित लज्जित होंगे. वे लज्जा के मारे अपना मुंह अपने हाथों से ढंक लेंगे और उनके कान बहरे हो जाएंगे.
وَيَلْحَسُونَ التُّرَابَ كَالْحَيَّةِ وَيَنْسَلُّونَ مِنْ حُصُونِهِمْ مُرْتَعِبِينَ كَزَوَاحِفِ الأَرْضِ، وَيَرْجِعُونَ بِخَوْفٍ إِلَى الرَّبِّ إِلَهِنَا مُرْتَعِبِينَ مِنْكَ. ١٧ 17
वे सांप के समान, और भूमि पर रेंगनेवाले जंतु के समान धूल चाटेंगे. वे अपने मांद से कांपते हुए निकलेंगे; वे याहवेह हमारे परमेश्वर से डरेंगे और तुमसे भयभीत होंगे.
إِيُّ إِلَهٍ مِثْلُكَ يَصْفَحُ عَنِ الإِثْمِ وَيَعْفُو عَنْ مَعْصِيَةِ بَقِيَّةِ مِيرَاثِهِ؟ لَا يَحْتَفِظُ إِلَى الأَبَدِ بِغَضَبِهِ لأَنَّهُ يُسَرُّ بِالرَّحْمَةِ. ١٨ 18
आपके जैसा और कौन परमेश्वर है, जो अपने निज भाग के बचे हुओं के पापों और अपराधों को क्षमा करते हैं? आपका क्रोध हमेशा के लिये नहीं होता पर आप दया दिखाने में प्रसन्‍न होते हैं.
يَعُودُ يَرْحَمُنَا وَيَطَأُ ذُنُوبَنَا بِقَدَمَيْهِ، وَيَطْرَحُ مَعَاصِيَنَا إِلَى أَعْمَاقِ الْبَحْرِ. ١٩ 19
आप हम पर फिर दया करेंगे; आप अपने पैरों तले हमारे पापों को कुचल देंगे और हमारे दुष्टता के कामों को गहरे समुद्र में फेंक देंगे.
أَنْتَ تُبْدِي أَمَانَةً لِذُرِّيَّةِ يَعْقُوبَ، وَرَحْمَةً لِنَسْلِ إِبْرَاهِيمَ، كَمَا حَلَفْتَ لأَجْدَادِنَا مُنْذُ الْقِدَمِ. ٢٠ 20
आप उस शपथ के अनुरूप, जो आपने वर्षों पहले हमारे पूर्वजों से की थी, याकोब के लोगों के प्रति विश्वासयोग्य बने रहेंगे, और अब्राहाम के वंशजों को अपना प्रेम दिखाएंगे.

< ميخا 7 >