< مَتَّى 14 >
فِي ذَلِكَ الْوَقْتِ سَمِعَ هِيرُودُسُ حَاكِمُ الرُّبْعِ بِأَخْبَارِ يَسُوعَ. | ١ 1 |
ऊ समय देश को चौथाई भाग को राजा हेरोदेस न यीशु की चर्चा सुनी,
فَقَالَ لِخُدَّامِهِ: «هَذَا هُوَ يُوحَنَّا الْمَعْمَدَانُ، وَقَدْ قَامَ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ. وَلِذَلِكَ تُجْرَى عَلَى يَدِهِ الْمُعْجِزَاتُ!» | ٢ 2 |
अऊर अपनो सेवकों सी कह्यो, “यो यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो आय! ऊ मरयो हुयो म सी फिर सी जीन्दो भयो हय, येकोलायी ओको सी यो सामर्थ को काम प्रगट होवय हंय।”
فَإِنَّ هِيرُودُسَ كَانَ قَدْ أَلْقَى الْقَبْضَ عَلَى يُوحَنَّا وَقَيَّدَهُ، وَسَجَنَهُ مِنْ أَجْلِ هِيرُودِيَّا زَوْجَةِ فِيلِبُّسَ أَخِيهِ، | ٣ 3 |
कहालीकि हेरोदेस न अपनो भाऊ फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास को वजह, यूहन्ना ख पकड़ क बान्ध्यो अऊर जेलखाना म डाल दियो होतो।
لأَنَّ يُوحَنَّا كَانَ يَقُولُ لَهُ: «لا يَحِلُّ لَكَ أَنْ تَتَزَوَّجَ بِها!» | ٤ 4 |
कहालीकि यूहन्ना न ओको सी कह्यो होतो कि येख रखनो तोरो लायी उचित नहाय।
وَلَمَّا كَانَ هِيرُودُسُ يُرِيدُ أَنْ يَقْتُلَ يُوحَنَّا، خَافَ مِنَ الشَّعْبِ، لأَنَّهُمْ كَانُوا يَعْتَبِرُونَ يُوحَنَّا نَبِيًّا. | ٥ 5 |
येकोलायी ऊ ओख मार डालनो चाहत होतो, पर लोगों सी डरत होतो कहालीकि हि ओख भविष्यवक्ता मानत होतो।
وَفِي أَثْنَاءِ الاِحْتِفَالِ بِذِكْرَى مِيلادِ هِيرُودُسَ، رَقَصَتِ ابْنَةُ هِيرُودِيَّا فِي الْوَسَطِ، فَسَرَّتْ هِيرُودُسَ، | ٦ 6 |
पर जब हेरोदेस को जनम दिन आयो, त हेरोदियास की बेटी न उत्सव म नाच दिखाय क हेरोदेस ख खुश करयो।
فَأَقْسَمَ لَهَا وَاعِداً بِأَنْ يُعْطِيَهَا أَيَّ شَيْءٍ تَطْلُبُهُ. | ٧ 7 |
येको पर ओन कसम खाय क वचन दियो, “जो कुछ तय मोख मांगजो, मय तोख देऊं।”
فَبَعْدَ اسْتِشَارَةِ أُمِّهَا، قَالَتْ: «أَعْطِنِي هُنَا عَلَى طَبَقٍ رَأْسَ يُوحَنَّا الْمَعْمَدَانِ!» | ٨ 8 |
वा अपनी माय ख उकसायो जानो सी बोली, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को मुंड थारी म यहां मोख मंगाय देवो।”
فَحَزِنَ الْمَلِكُ؛ وَلَكِنَّهُ أَمَرَ بِأَنْ تُعْطَى مَا تُرِيدُ، مِنْ أَجْلِ مَا أَقْسَمَ بِهِ أَمَامَ الْمُتَّكِئِينَ مَعَهُ. | ٩ 9 |
राजा दु: खी भयो, पर अपनी कसम को, अऊर संग म जेवन करन बैठन वालो को वजह, आज्ञा दियो कि दे दियो जाये।
وَأَرْسَلَ إِلَى السِّجْنِ فَقَطَعَ رَأْسَ يُوحَنَّا. | ١٠ 10 |
अऊर ओन जेलखाना म लोगों ख भेज क यूहन्ना को मुंड कटाय दियो;
وَجِيءَ بِالرَّأْسِ عَلَى طَبَقٍ، فَقُدِّمَ إِلَى الصَّبِيَّةِ، فَحَمَلَتْهُ إِلَى أُمِّهَا. | ١١ 11 |
अऊर ओको मुंड थारी म लायो अऊर बेटी ख दियो गयो, अऊर ओन अपनी माय को जवर ले गयी।
وَجَاءَ تَلامِيذُ يُوحَنَّا، فَرَفَعُوا جُثْمَانَهُ، وَدَفَنُوهُ. ثُمَّ ذَهَبُوا وَأَخْبَرُوا يَسُوعَ. | ١٢ 12 |
तब यूहन्ना को चेला आयो अऊर ओकी लाश ख लिजाय क गाड़ दियो, अऊर जाय क यीशु ख सुसमाचार दियो।
فَمَا إِنْ سَمِعَ يَسُوعُ بِذَلِكَ، حَتَّى رَكِبَ قَارِباً وَرَحَلَ عَلَى انْفِرَادٍ إِلَى مَكَانٍ خَالٍ. فَسَمِعَتِ الْجُمُوعُ بِذَلِكَ، وَتَبِعُوهُ مِنَ الْمُدُنِ سَيْراً عَلَى الأَقْدَامِ. | ١٣ 13 |
जब यीशु न यूहन्ना को बारे म यो सुन्यो, त ऊ डोंगा पर चढ़ क उत सी कोयी सुनसान जागा को, एकान्त म चली गयो। लोग यो सुन क नगर-नगर सी पैदल चल ख ओको पीछू चली गयो।
وَلَمَّا نَزَلَ يَسُوعُ إِلَى الشَّاطِئِ، رَأَى جَمْعاً كَبِيراً، فَأَخَذَتْهُ الشَّفَقَةُ عَلَيْهِمْ وَشَفَى مَرْضَاهُمْ. | ١٤ 14 |
ओन निकल क एक बड़ी भीड़ देखी अऊर उन पर तरस खायो, अऊर उन्को बीमारों ख चंगो करयो।
وَعِنْدَمَا حَلَّ الْمَسَاءُ، اقْتَرَبَ التَّلامِيذُ إِلَيْهِ وَقَالُوا: «هَذَا الْمَكَانُ مُنْعَزِلٌ، وَقَدْ فَاتَ الْوَقْتُ. فَاصْرِفِ الْجُمُوعَ لِيَذْهَبُوا إِلَى الْقُرَى وَيَشْتَرُوا طَعَاماً لأَنْفُسِهِمْ». | ١٥ 15 |
जब शाम भयी त ओको चेलावों न ओको जवर आय क कह्यो, “यो सुनसान जागा आय अऊर देर होय रही हय; लोगों ख बिदा करयो जाये कि हि बस्तियों म जाय क अपनो लायी भोजन ले ले।”
وَلَكِنَّ يَسُوعَ قَالَ لَهُمْ: «لا حَاجَةَ لَهُمْ أَنْ يَذْهَبُوا. أَعْطُوهُمْ أَنْتُمْ لِيَأْكُلُوا!» | ١٦ 16 |
पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “उन्को जानो जरूरी नहाय! तुमच इन्क खान ख देवो।”
فَقَالُوا: «لَيْسَ عِنْدَنَا هُنَا سِوَى خَمْسَةِ أَرْغِفَةٍ وَسَمَكَتَيْنِ». | ١٧ 17 |
उन्न ओको सी कह्यो, “इत हमरो जवर पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख छोड़ क अऊर कुछ नहाय।”
فَقَالَ: «أَحْضِرُوهَا إِلَيَّ هُنَا!» | ١٨ 18 |
यीशु न कह्यो, “उन्ख इत मोरो जवर लावो।”
وَأَمَرَ الْجُمُوعَ أَنْ يَجْلِسُوا عَلَى الْعُشْبِ. ثُمَّ أَخَذَ الأَرْغِفَةَ الْخَمْسَةَ وَالسَّمَكَتَيْنِ، وَرَفَعَ نَظَرَهُ إِلَى السَّمَاءِ، وَبَارَكَ وَكَسَّرَ الأَرْغِفَةَ، وَأَعْطَاهَا لِلتَّلامِيذِ، فَوَزَّعُوهَا عَلَى الْجُمُوعِ. | ١٩ 19 |
तब यीशु न लोगों ख घास पर बैठन ख कह्यो, अऊर उन पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख लियो; अऊर स्वर्ग को तरफ देख क धन्यवाद करयो अऊर रोटी तोड़-तोड़ क चेलावों ख दियो, अऊर चेलावों न लोगों ख।
فَأَكَلَ الْجَمِيعُ وَشَبِعُوا. ثُمَّ رَفَعَ التَّلامِيذُ اثْنَتَيْ عَشْرَةَ قُفَّةً مَلأُوهَا بِمَا فَضَلَ مِنَ الْكِسَرِ. | ٢٠ 20 |
जब सब लोग खाय क सन्तुष्ट भय गयो, त चेलावों न बच्यो हुयो टुकड़ा सी भरी हुयी बारा टोकनियां उठायी।
وَكَانَ عَدَدُ الآكِلِينَ نَحْوَ خَمْسَةِ آلافِ رَجُلٍ، مَاعَدَا النِّسَاءَ وَالأَوْلادَ. | ٢١ 21 |
अऊर खान वालो बाईयों अऊर बच्चां ख छोड़ क, पाच हजार आदमियों को लगभग होतो।
وَفِي الْحَالِ أَلْزَمَ يَسُوعُ التَّلامِيذَ أَنْ يَرْكَبُوا الْقَارِبَ وَيَسْبِقُوهُ إِلَى الضَّفَّةِ الْمُقَابِلَةِ مِنَ الْبُحَيْرَةِ، حَتَّى يَصْرِفَ هُوَ الْجُمُوعَ. | ٢٢ 22 |
तब यीशु न तुरतच अपनो चेलावों ख डोंगा पर चढ़न लायी मजबूर करयो कि हि ओको सी पहिले ओन पार चली जाये, जब तक ऊ लोगों ख बिदा करे।
وَبَعْدَمَا صَرَفَ الْجُمُوعَ، صَعِدَ إِلَى الْجَبَلِ لِيُصَلِّيَ عَلَى انْفِرَادٍ. وَحَلَّ الْمَسَاءُ وَهُوَ وَحْدَهُ هُنَاكَ. | ٢٣ 23 |
ऊ लोगों ख बिदा कर क्, प्रार्थना करन ख अलग पहाड़ी पर चली गयो; अऊर शाम ख ऊ उत अकेलो होतो।
وَكَانَ قَارِبُ التَّلامِيذِ قَدْ بَلَغَ وَسَطَ الْبُحَيْرَةِ وَالأَمْوَاجُ تَضْرِبُهُ، لأَنَّ الرِّيحَ كَانَتْ مُعَاكِسَةً لَهُ. | ٢٤ 24 |
ऊ समय डोंगा किनार सी दूर झील को बीच लहरो सी डगमगावत होतो, कहालीकि हवा आगु की होती।
وَفِي الرُّبْعِ الأَخِيرِ مِنَ اللَّيْلِ جَاءَ يَسُوعُ إِلَى التَّلامِيذِ مَاشِياً عَلَى مَاءِ الْبُحَيْرَةِ. | ٢٥ 25 |
अऊर यीशु तीन बजे सी छे बजे को बीच भुन्सारो म झील पर चलतो हुयो उन्को जवर आयो।
فَلَمَّا رَآهُ التَّلامِيذُ مَاشِياً عَلَى الْمَاءِ، اضْطَرَبُوا قَائِلِينَ: «إِنَّهُ شَبَحٌ!» وَمِنْ خَوْفِهِمْ صَرَخُوا. | ٢٦ 26 |
चेला ओख झील पर चलतो हुयो देख क घबराय गयो। अऊर कहन लग्यो, “यो भूत आय!” अऊर डर को मारे चिल्लावन लग्यो।
وَفِي الْحَالِ كَلَّمَهُمْ يَسُوعُ قَائِلاً: «تَشَجَّعُوا! أَنَا هُوَ. لَا تَخَافُوا!» | ٢٧ 27 |
तब यीशु न तुरतच उन्को सी बाते करी अऊर कह्यो, “हिम्मत रखो! मय आय, डरो मत!”
فَقَالَ لَهُ بُطْرُسُ: «إِنْ كُنْتَ أَنْتَ هُوَ، فَمُرْنِي أَنْ آتِيَ إِلَيْكَ مَاشِياً عَلَى الْمَاءِ!» | ٢٨ 28 |
पतरस न ओख उत्तर दियो, “हे प्रभु, यदि तयच आय, त मोख अपनो जवर पानी पर चल क आवन कि आज्ञा दे।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «تَعَالَ!» فَنَزَلَ بُطْرُسُ مِنَ الْقَارِبِ وَمَشَى عَلَى الْمَاءِ مُتَّجِهاً نَحْوَ يَسُوعَ. | ٢٩ 29 |
ओन कह्यो, “आव!” तब पतरस डोंगा पर सी उतर क यीशु को जवर जाय क पानी पर चलन लग्यो।
وَلَكِنَّهُ عِنْدَمَا شَعَرَ بِشِدَّةِ الرِّيحِ، خَافَ وَبَدَأَ يَغْرَقُ، فَصَرَخَ: «يَا رَبُّ نَجِّنِي!» | ٣٠ 30 |
पर हवा ख देख क डर गयो, अऊर जब डुबन लग्यो त चिल्लाय क कह्यो, “हे प्रभु, मोख बचाव!”
فَمَدَّ يَسُوعُ يَدَهُ فِي الْحَالِ وَأَمْسَكَهُ وَقَالَ لَهُ: «يَا قَلِيلَ الإِيمَانِ، لِمَاذَا شَكَكْتَ؟» | ٣١ 31 |
यीशु न तुरतच हाथ बढ़ाय क ओख धर लियो अऊर ओको सी कह्यो, “हे अविश्वासी, तय न कहाली सक करयो?”
وَمَا إِنْ صَعِدَا إِلَى الْقَارِبِ، حَتَّى سَكَنَتِ الرِّيحُ. | ٣٢ 32 |
जब हि डोंगा पर चढ़ गयो, त हवा रुक गयी।
فَتَقَدَّمَ الَّذِينَ فِي الْقَارِبِ، وَسَجَدُوا لَهُ قَائِلِينَ: «أَنْتَ حَقّاً ابْنُ اللهِ!» | ٣٣ 33 |
येको पर उन्न जो डोंगा पर होतो, ओख दण्डवत प्रनाम कर क् कह्यो, “सचमुच, तय परमेश्वर को बेटा आय।”
وَلَمَّا عَبَرُوا إِلَى الضَّفَّةِ الْمُقَابِلَةِ مِنَ الْبُحَيْرَةِ، نَزَلُوا فِي بَلْدَةِ جَنِّيسَارَتَ. | ٣٤ 34 |
हि झील को ओन पार उतर क गन्नेसरत म पहुंच्यो।
فَعَرَفَهُ أَهْلُ تِلْكَ الْمِنْطَقَةِ، وَأَرْسَلُوا الْخَبَرَ إِلَى الْبِلادِ الْمُجَاوِرَةِ، فَأَحْضَرُوا إِلَيْهِ جَمِيعَ الْمَرْضَى، | ٣٥ 35 |
उत को लोगों न ओख पहिचान लियो अऊर आजु बाजू को पूरो देश म सुसमाचार भेज्यो, अऊर सब बीमारों ख ओको जवर लायो,
وَطَلَبُوا مِنْهُ أَنْ يَسْمَحَ لَهُمْ بِلَمْسِ طَرَفِ رِدَائِهِ فَقَطْ. وَجَمِيعُ الَّذِينَ لَمَسُوهُ نَالُوا الشِّفَاءَ التَّامَّ. | ٣٦ 36 |
अऊर ओको सी बिनती करन लग्यो कि ऊ उन्ख अपनो कपड़ा को कोना ख छूवन दे; अऊर जितनो न ओको कपड़ा ख छूयो, हि चंगो भय गयो।