< مَرْقُس 10 >
ثُمَّ غَادَرَ تِلْكَ الْمِنْطَقَةَ وَجَاءَ إِلَى نَوَاحِي مِنْطَقَةِ الْيَهُودِيَّةِ وَمَا وَرَاءَ الأُرْدُنِّ. فَاجْتَمَعَتْ إِلَيْهِ الْجُمُوعُ ثَانِيَةً وَأَخَذَ يُعَلِّمُهُمْ كَعَادَتِهِ. | ١ 1 |
तब यीशु न उत सी उठ क यहूदिया प्रदेश को सीमा म अऊर यरदन नदी को पार आयो। अऊर भीड़ ओको जवर फिर सी जमा भय गयी, अऊर ऊ अपनो रीति को अनुसार उन्ख फिर सी सिखावन लग्यो।
وَتَقَدَّمَ إِلَيْهِ بَعْضُ الْفَرِّيسِيِّينَ وَسَأَلُوهُ لِيُجَرِّبُوهُ: «هَلْ يَحِلُّ لِلرَّجُلِ أَنْ يُطَلِّقَ زَوْجَتَهُ؟» | ٢ 2 |
तब फरीसियों न ओको जवर आय क ओकी बातों म फसावन लायी ओको सी पुच्छ्यो, “का हमरो नियम को अनुसार यो ठीक हय कि आदमी ख अपनी पत्नी ख छोड़चिट्ठी देन कि अनुमति देवय हय?”
فَرَدَّ عَلَيْهِمْ سَائِلاً: | ٣ 3 |
यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “कि मूसा न तुम्ख का आज्ञा दियो हय?”
«بِمَاذَا أَوْصَاكُمْ مُوسَى؟» فَقَالُوا: «سَمَحَ مُوسَى بِأَنْ تُكْتَبَ وَثِيقَةُ طَلاقٍ ثُمَّ تُطَلَّقَ الزَّوْجَةُ». | ٤ 4 |
मूसा न अनुमति दियो हय कि, “छोड़चिट्ठी लिख क देन अऊर छोड़न की आज्ञा दियो हय।”
فَأَجَابَهُمْ يَسُوعُ: «بِسَبَبِ قَسَاوَةِ قُلُوبِكُمْ كَتَبَ لَكُمْ مُوسَى هَذِهِ الْوَصِيَّةَ. | ٥ 5 |
यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम्हरो मन की कठोरता को वजह मूसा न तुम्हरो लायी यो आज्ञा लिख्यो।”
وَلكِنْ مُنْذُ بَدْءِ الْخَلِيقَةِ جَعَلَ اللهُ الإِنْسَانَ ذَكَراً وَأُنْثَى. | ٦ 6 |
पर शास्त्र म लिख्यो हय सुरूवात सी परमेश्वर न नर अऊर नारी कर क् उन्ख बनायो हय।
لِذَلِكَ يَتْرُكُ الرَّجُلُ أَبَاهُ وَأُمَّهُ وَيَتَّحِدُ بِزَوْجَتِهِ، | ٧ 7 |
येकोलायी आदमी अपनो माय-बाप सी अलग होय क अपनी पत्नी को संग रहेंन,
فَيَصِيرُ الاِثْنَانِ جَسَداً وَاحِداً. فَلا يَكُونَانِ بَعْدُ اثْنَيْنِ بَلْ جَسَداً وَاحِداً. | ٨ 8 |
अऊर हि दोयी एक शरीर होयेंन; येकोलायी हि अब दोय नहीं पर एक शरीर हंय।
فَمَا جَمَعَهُ اللهُ لَا يُفَرِّقُهُ إِنْسَانٌ». | ٩ 9 |
येकोलायी “जेक परमेश्वर न जोड़्यो हय ओख आदमी अलग नहीं करे।”
وَفِي الْبَيْتِ، عَادَ تَلامِيذُهُ فَسَأَلُوهُ عَنِ الأَمْرِ. | ١٠ 10 |
हि जब घर गयो त चेलावों न येको बारे म यीशु सी पुच्छ्यो।
فَقَالَ لَهُمْ: «أَيُّ مَنْ طَلَّقَ زَوْجَتَهُ وَتَزَوَّجَ بِأُخْرَى، يَرْتَكِبُ مَعَهَا الزِّنَى. | ١١ 11 |
ओन उन्को सी कह्यो, “जो कोयी अपनी पत्नी ख छोड़ क दूसरी सी बिहाव करय हय त ऊ अपनी पहिली पत्नी को विरोध म व्यभिचार करय हय।
وَإِنْ طَلَّقَتِ الزَّوْجَةُ زَوْجَهَا وَتَزَوَّجَتْ مِنْ آخَرَ، تَرْتَكِبُ الزِّنَى!» | ١٢ 12 |
अऊर एक पत्नी जो अपनो पति ख छोड़ क दूसरों सी बिहाव करय त वा भी व्यभिचार करय हय।”
وَقَدَّمَ إِلَيْهِ بَعْضُهُمْ أَوْلاداً صِغَاراً لِكَيْ يَلْمِسَهُمْ. فَزَجَرَهُمُ التَّلامِيذُ. | ١٣ 13 |
तब लोग बच्चां ख यीशु को जवर लान लग्यो कि ऊ ओख छूवय, पर चेलावों न लोगों ख डाट्यो।
فَلَمَّا رَأَى يَسُوعُ ذلِكَ، غَضِبَ وَقَالَ لَهُمْ: «دَعُوا الصِّغَارَ يَأْتُونَ إِلَيَّ، وَلا تَمْنَعُوهُمْ، لأَنَّ لِمِثْلِ هؤُلاءِ مَلَكُوتَ اللهِ! | ١٤ 14 |
यीशु न यो देख गुस्सा म होय क उन्को सी कह्यो, “बच्चा ख मोरो जवर आवन देवो अऊर उन्ख मना मत करो, कहालीकि परमेश्वर को राज्य असोच को हय।
الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: مَنْ لَا يَقْبَلْ مَلَكُوتَ اللهِ كَأَنَّهُ وَلَدٌ صَغِيرٌ، فَلَنْ يَدْخُلَهُ أَبَداً!» | ١٥ 15 |
मय तुम सी सच कहू हय कि जो कोयी परमेश्वर को राज्य ख बच्चा को जसो स्वीकार नहीं करय, ऊ उन्म कभी नहीं सिर पायेंन।”
ثُمَّ ضَمَّ الأَوْلادَ بِذِرَاعَيْهِ وَبَارَكَهُمْ وَاضِعاً يَدَيْهِ عَلَيْهِمْ. | ١٦ 16 |
तब ओन बच्चां ख गोदी म लियो, अऊर उन पर हाथ रख क आशीर्वाद दियो।
وَبَيْنَمَا كَانَ خَارِجاً إِلَى الطَّرِيقِ، أَسْرَعَ إِلَيْهِ رَجُلٌ وَسَجَدَ لَهُ يَسْأَلُهُ: «أَيُّهَا الْمُعَلِّمُ الصَّالِحُ، مَاذَا أَعْمَلُ لأَرِثَ الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ؟» (aiōnios ) | ١٧ 17 |
जब यीशु उत सी निकल क रस्ता म जाय रह्यो होतो, त एक आदमी ओको जवर दौड़ क आयो, अऊर ओको आगु घुटना पर होय क ओको सी पुच्छ्यो, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन पावन लायी मय का करू?” (aiōnios )
وَلكِنَّ يَسُوعَ قَالَ لَهُ: «لِمَاذَا تَدْعُونِي الصَّالِحَ؟ لَيْسَ أَحَدٌ صَالِحاً إِلّا وَاحِدٌ، وَهُوَ اللهُ. | ١٨ 18 |
यीशु न ओको सी कह्यो, “तय मोख उत्तम कहालीकि कह्य हय?” केवल परमेश्वर ख छोड़ क। “कोयी भी उत्तम नहाय।
أَنْتَ تَعْرِفُ الْوَصَايَا: لَا تَقْتُلْ؛ لَا تَزْنِ؛ لَا تَسْرِقْ؛ لَا تَشْهَدْ بِالزُّورِ؛ لَا تَظْلِمْ؛ أَكْرِمْ أَبَاكَ وَأُمَّكَ!» | ١٩ 19 |
तय परमेश्वर कि आज्ञा ख त जानय हय: ‘हत्या नहीं करनो, व्यभिचार नहीं करनो, चोरी नहीं करनो, झूठी गवाही नहीं देनो, छल नहीं करनो, अपनो बाप अऊर अपनी माय को आदर करनो।’”
فَأَجَابَهُ قَائِلاً: «هذِهِ كُلُّهَا عَمِلْتُ بِها مُنْذُ صِغَرِي» | ٢٠ 20 |
ओन यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, इन सब ख मय छोटो होतो तब सी मानतो आयो हय।”
وَإِذْ نَظَرَ يَسُوعُ إِلَيْهِ، أَحَبَّهُ، وَقَالَ لَهُ: «يَنْقُصُكَ شَيْءٌ وَاحِدٌ: اذْهَبْ، بِعْ كُلَّ مَا عِنْدَكَ، وَوَزِّعْ عَلَى الْفُقَرَاءِ، فَيَكُونَ لَكَ كَنْزٌ فِي السَّمَاءِ، ثُمَّ تَعَالَ اتْبَعْنِي». | ٢١ 21 |
यीशु न प्रेम सी ओको तरफ देख क कह्यो, “तोरो म एक बात की कमी हय। जा, जो कुछ तोरो हय ओख बेच क गरीबों ख दे, तब तोख स्वर्ग म धन मिलेंन, तब आय क मोरो पीछू चल।”
وَأَمَّا هُوَ فَمَضَى حَزِيناً وَقَدِ اكْتَأَبَ مِنْ هَذَا الْقَوْلِ، لأَنَّهُ كَانَ صَاحِبَ ثَرْوَةٍ كَبِيرَةٍ. | ٢٢ 22 |
ऊ आदमी या बात ख सुन क ओको चेहरा पर उदासी छाय गयी, अऊर ऊ दु: खी होय क चली गयो, कहालीकि ऊ बहुत धनी होतो।
فَتَطَلَّعَ يَسُوعُ حَوْلَهُ وَقَالَ لِتَلامِيذِهِ: «مَا أَصْعَبَ دُخُولَ الأَغْنِيَاءِ إِلَى مَلَكُوتِ اللهِ!» | ٢٣ 23 |
यीशु न चारयी तरफ देख क अपनो चेलावों सी कह्यो, “धनवानों ख परमेश्वर को राज्य म सिरनो कितनो कठिन हय!”
فَدُهِشَ التَّلامِيذُ لِهذَا الْكَلامِ. فَعَادَ يَسُوعُ يَقُولُ لَهُمْ: «يَا بَنِيَّ، مَا أَصْعَبَ دُخُولَ الْمُتَّكِلِينَ عَلَى الْمَالِ إِلَى مَلَكُوتِ اللهِ! | ٢٤ 24 |
हि चेला ओको बातों सी अचम्भित भयो। येको पर यीशु न फिर सी उन्को सी कह्यो; “हे बच्चा, जो धन पर भरोसा रखय हय, उन्को लायी परमेश्वर को राज्य म सिरनो कितनो कठिन हय?
فَأَسْهَلُ أَنْ يَدْخُلَ الْجَمَلُ فِي ثَقْبِ إِبْرَةٍ، مِنْ أَنْ يَدْخُلَ الْغَنِيُّ إِلَى مَلَكُوتِ اللهِ». | ٢٥ 25 |
परमेश्वर को राज्य म अमीर आदमी को सिरनो सी ऊंट को लायी सूई को नाक म सी होय क निकल जानो सहज हय!”
فَذُهِلُوا جِدّاً، وَقَالَ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ: «وَمَنْ يَقْدِرُ أَنْ يَخْلُصَ؟» | ٢٦ 26 |
चेला बहुतच अचम्भित होय क आपस म कहन लग्यो, “त फिर कौन को उद्धार होय सकय हय?”
فَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ وَهُوَ نَاظِرٌ إِلَيْهِمْ: «هَذَا مُسْتَحِيلٌ عِنْدَ النَّاسِ، وَلكِنْ لَيْسَ عِنْدَ اللهِ. فَإِنَّ كُلَّ شَيْءٍ مُسْتَطَاعٌ عِنْدَ اللهِ!» | ٢٧ 27 |
यीशु न उन्को तरफ देख क कह्यो, “यो आदमी लायी असम्भव हय, परमेश्वर लायी नहाय, पर परमेश्वर लायी सब कुछ सम्भव हय।”
فَأَخَذَ بُطْرُسُ يَقُولُ لَهُ: «هَا نَحْنُ قَدْ تَرَكْنَا كُلَّ شَيْءٍ وَتَبِعْنَاكَ.» | ٢٨ 28 |
पतरस ओको सी कहन लग्यो, “देखो, हम त सब कुछ छोड़ क तोरो पीछू भय गयो हय।”
فَأَجَابَ يَسُوعُ: «الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: مَا مِنْ أَحَدٍ تَرَكَ لأَجْلِي وَلأَجْلِ الإِنْجِيلِ بَيْتاً أَوْ إِخْوَةً أَوْ أَخَوَاتٍ أَوْ أُمّاً أَوْ أَباً أَوْ أَوْلاداً أَوْ حُقُولاً، | ٢٩ 29 |
यीशु न कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि असो कोयी नहाय, जेन मोरो अऊर मोरो सुसमाचार को लायी घर यां भाऊ-बहिनों यां माय-बाप यां बालबच्चा यां खेतो ख छोड़ दियो हय,
إِلّا وَيَنَالُ مِئَةَ ضِعْفٍ الآنَ فِي هَذَا الزَّمَانِ، بُيُوتاً وَإِخْوَةً وَأَخَوَاتٍ وَأُمُّهَاتٍ وَأَوْلاداً وَحُقُولاً مَعَ اضْطِهَادَاتٍ، وَفِي الزَّمَانِ الآتِي الْحَيَاةَ الأَبَدِيَّةَ. (aiōn , aiōnios ) | ٣٠ 30 |
अऊर अब यो समय को जीवन म सौ गुना मिलेंन, घर अऊर भाऊ-बहिन अऊर माय अऊर बालबच्चा अऊर खेतो म, पर सताव को संग अऊर आवन वालो युग म अनन्त जीवन मिलेंन। (aiōn , aiōnios )
وَهُنَاكَ أَوَّلُونَ كَثِيرُونَ يَصِيرُونَ آخِرِينَ، وَالآخِرُونَ يَصِيرُونَ أَوَّلِينَ!» | ٣١ 31 |
पर बहुत सो जो आगु हंय, हि पीछू होयेंन, अऊर जो पीछू हंय, हि आगु होयेंन।”
وَكَانُوا فِي الطَّرِيقِ صَاعِدِينَ إِلَى أُورُشَلِيمَ، وَيَسُوعُ يَتَقَدَّمُهُمْ، وَكَانَ التَّلامِيذُ مُتَحَيَّرِينَ وَالَّذِينَ يَتْبَعُونَهُ خَائِفِينَ. فَانْفَرَدَ بِالاِثْنَيْ عَشَرَ، مَرَّةً أُخْرَى، وَأَخَذَ يُطْلِعُهُمْ عَلَى مَا سَيَحْدُثُ لَهُ، فَقَالَ: | ٣٢ 32 |
हि यरूशलेम ख जातो हुयो रस्ता म होतो, अऊर यीशु उन्को आगु-आगु चल रह्यो होतो: चेला घबरायो हुयो होतो अऊर जो लोग ओको पीछू-पीछू चल रह्यो होतो हि डरयो हुयो होतो। तब ऊ फिर उन बारयी चेलावों ख अलग लिजाय क उन्को सी जो बात ओको पर घटन वाली होती ओख बतावन लग्यो।
«هَا نَحْنُ صَاعِدُونَ إِلَى أُورُشَلِيمَ، وَسَوْفَ يُسَلَّمُ ابْنُ الإِنْسَانِ إِلَى رُؤَسَاءِ الْكَهَنَةِ وَإِلَى الْكَتَبَةِ، فَيَحْكُمُونَ عَلَيْهِ بِالْمَوْتِ، وَيُسَلِّمُونَهُ إِلَى أَيْدِي الأُمَمِ، | ٣٣ 33 |
“सुनो, हम यरूशलेम जाय रह्यो हंय, जित आदमी को बेटा मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों को हाथ सौंप दियो जायेंन। अऊर हि ओख मारन लायी दोष लगायेंन। अऊर फिर गैरयहूदियों को हाथ म सौंप दियो जायेंन।
فَيَسْخَرُونَ مِنْهُ، وَيَبْصُقُونَ عَلَيْهِ، وَيَجْلِدُونَهُ، وَيَقْتُلُونَهُ. وَفِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ يَقُومُ!» | ٣٤ 34 |
हि ओकी मजाक उड़ायेंन, ओको पर थूकेंन, ओख कोड़ा सी मार क ओख मार डालेंन, अऊर तीन दिन बाद ऊ फिर सी जीन्दो होयेंन।”
عِنْدَئِذٍ تَقَدَّمَ إِلَيْهِ يَعْقُوبُ وَيُوحَنَّا ابْنَا زَبَدِي، وَقَالا لَهُ: «يَا مُعَلِّمُ، نَرْغَبُ فِي أَنْ تَفْعَلَ لَنَا كَلَّ مَا نَطْلُبُ مِنْكَ». | ٣٥ 35 |
तब जब्दी को दोय टुरा याकूब अऊर यूहन्ना यीशु को जवर आय क कह्यो, “हे गुरु, हम चाहजे हंय कि जो कुछ हम तोरो सी मांगबो, ऊ तय हमरो लायी करे।”
فَسَأَلَهُمَا: «مَاذَا تَرْغَبَانِ فِي أَنْ أَفْعَلَ لَكُمَا؟» | ٣٦ 36 |
अऊर यीशु न कह्यो, “तुम का चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी करू?”
قَالا لَهُ: «هَبْنَا أَنْ نَجْلِسَ فِي مَجْدِكَ: وَاحِدٌ عَنْ يَمِينِكَ، وَوَاحِدٌ عَنْ يَسَارِكَ!» | ٣٧ 37 |
उन्न यीशु सी कह्यो, “जब तुम अपनो महिमामय राज्य को सिंहासन पर बैठ्यो, तब हम असो चाहवय हय कि हम म सी एक तोरो दायो तरफ अऊर दूसरों तोरो बायो तरफ बैठे।”
فَقَالَ لَهُمَا يَسُوعُ: «أَنْتُمَا لَا تَدْرِيَانِ مَا تَطْلُبَانِ: أَتَقْدِرَانِ أَنْ تَشْرَبَا الْكَأْسَ الَّتِي سَأَشْرَبُهَا أَنَا، أَوْ تَغُوصَا فِي الآلامِ الَّتِي سَأَغُوصُ فِيهَا؟» | ٣٨ 38 |
यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम नहीं जानय कि का मांग रह्यो हय? जो दु: ख को कटोरा मय पीवन पर हय, का तुम पी सकय हय? अऊर जो मरन को बपतिस्मा मय लेन पर हय, का तुम ले सकय हय?”
فَقَالا لَهُ: «إِنَّنَا نَقْدِرُ!» فَأَجَابَهُمَا يَسُوعُ: «الْكَأْسَ الَّتِي سَأَشْرَبُهَا سَوْفَ تَشْرَبَانِ، وَالآلامَ الَّتِي سَأَغُوصُ فِيهَا سَوْفَ تَغُوصَانِ فِيهَا. | ٣٩ 39 |
उन्न ओको सी कह्यो, “हम सी होय सकय हय।” यीशु न उन्को सी कह्यो, “जो दु: ख को प्याला मय पीवन पर हय, तुम भी पीवो; अऊर जो मरन को बपतिस्मा मय लेन पर हय, ओख तुम भी लेवो।
أَمَّا الْجُلُوسُ عَنْ يَمِينِي وَعَنْ يَسَارِي، فَلَيْسَ لِي أَنْ أَمْنَحَهُ إِلّا لِلَّذِينَ أُعِدَّ لَهُمْ». | ٤٠ 40 |
पर मोरो अधिकार नहाय कि मय कौन ख चुनू कि कौन कित बैठेंन, केवल परमेश्वरच ओको लायी जागा तैयार करेंन कि कौन मोरो दायो अऊर बायो बैठेंन।”
وَلَمَّا سَمِعَ التَّلامِيذُ الْعَشَرَةُ بِذلِكَ، أَخَذُوا يَسْتَاءُونَ مِنْ يَعْقُوبَ وَيُوحَنَّا. | ٤١ 41 |
यो सुन क दसो चेलावों याकूब अऊर यूहन्ना की बातों पर नाराज भय गयो।
وَلكِنَّ يَسُوعَ دَعَاهُمْ إِلَيْهِ وَقَالَ لَهُمْ: «تَعْرِفُونَ أَنَّ الْمُعْتَبَرِينَ حُكَّاماً عَلَى الأُمَمِ يَسُودُونَهُمْ، وَأَنَّ عُظَمَاءَهُمْ يَتَسَلَّطُونَ عَلَيْهِمْ. | ٤٢ 42 |
तब यीशु न उन्ख जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “तुम जानय भी हय कि जो हेथेंन को शासक समझ्यो जावय हंय, हि उन पर शासन करय हंय; अऊर उन्म जो बड़ो हंय, उन पर अधिकार जतावय हंय,
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَلا يَكُنْ ذَلِكَ بَيْنَكُمْ، وَإِنَّمَا أَيُّ مَنْ أَرَادَ أَنْ يَصِيرَ عَظِيماً بَيْنَكُمْ، فَلْيَكُنْ لَكُمْ خَادِماً، | ٤٣ 43 |
पर तुम म सी असो नहाय, जो कोयी तुम म सी बड़ो होनो चाहवय हय, ऊ सब को सेवक बने;
وَأَيُّ مَنْ أَرَادَ أَنْ يَصِيرَ أَوَّلاً فِيكُمْ، فَلْيَكُنْ لِلْجَمِيعِ عَبْداً. | ٤٤ 44 |
अऊर जो कोयी तुम म मुख्य बननो चाहवय हय, ऊ सब को सेवक बने।
فَحَتَّى ابْنُ الإِنْسَانِ قَدْ جَاءَ لَا لِيُخْدَمَ، بَلْ لِيَخْدِمَ وَيَبْذِلَ نَفْسَهُ فِدْيَةً عَنْ كَثِيرِينَ». | ٤٥ 45 |
कहालीकि मय आदमी को बेटा येकोलायी नहीं आयो कि अपनी सेवा करावन, बल्की दूसरों कि सेवा करन, अऊर लोगों को पापों की कीमत चुकावन लायी अपनो जीवन देन आयो होतो।”
ثُمَّ وَصَلُوا إِلَى أَرِيحَا. وَبَيْنَمَا كَانَ خَارِجاً مِنْ أَرِيحَا، وَمَعَهُ تَلامِيذُهُ وَجَمْعٌ كَبِيرٌ، كَانَ بَارْتِيمَاوُسُ الأَعْمَى – ابْنُ تِيمَاوُسَ، جَالِساً عَلَى جَانِبِ الطَّرِيقِ يَسْتَعْطِي. | ٤٦ 46 |
हि यरीहो नगर म पहुंच्यो, अऊर जब ऊ अऊर ओको चेलावों, अऊर एक बड़ी भीड़ यरीहो सी निकलत होती, त बरतिमाई नाम को एक अन्धा भिखारी, जो तिमाई को बेटा होतो, सड़क को किनार बैठ्यो होतो।
وَإِذْ سَمِعَ أَنَّ ذَاكَ هُوَ يَسُوعُ النَّاصِرِيُّ، أَخَذَ يَصْرُخُ قَائِلاً: «يَا يَسُوعُ ابْنَ دَاوُدَ، ارْحَمْنِي!» | ٤٧ 47 |
जब ऊ सुन्यो कि यो नासरत निवासी यीशु हय, त पुकार पुकार क कहन लग्यो, “हे यीशु! दाऊद को बेटा! मोरो पर दया करो!”
فَزَجَرَهُ كَثِيرُونَ لِيَسْكُتَ، وَلكِنَّهُ صَرخَ أَكْثَرَ: «يَا ابْنَ دَاوُدَ، ارْحَمْنِي». | ٤٨ 48 |
बहुत सो न डाट क कह्यो कि ऊ चुप रहे। पर ऊ अऊर भी पुकारन लग्यो, “हे दाऊद की सन्तान, मोरो पर दया कर!”
فَتَوَقَّفَ يَسُوعُ وَقَالَ: «اُدْعُوهُ!» فَدَعَوْا الأَعْمَى قَائِلِينَ: «تَشَجَّعْ، اِنْهَضْ! إِنَّهُ يَدْعُوكَ!» | ٤٩ 49 |
तब यीशु न रुक क कह्यो, “ओख बुलाव।” अऊर लोगों न ऊ अन्धा ख बुलाय क ओको सी कह्यो, “हिम्मत रख! उठ! ऊ तोख बुलावय हय।”
فَهَبَّ مُتَّجِهاً إِلَى يَسُوعَ طَارِحاً عَنْهُ رِدَاءَهُ. | ٥٠ 50 |
ऊ अपनो कपड़ा फेक क उछल पड़यो, अऊर यीशु को जवर आयो।
وَسَأَلَهُ يَسُوعُ: «مَاذَا تُرِيدُ أَنْ أَفْعَلَ لَكَ؟» فَأَجَابَهُ الأَعْمَى: «يَا سَيِّدِي، أَنْ أُبْصِرَ!» | ٥١ 51 |
येको पर यीशु न ओको सी कह्यो, “तय का चाहवय हय कि मय तोरो लायी करू?” अन्धा न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, यो कि मय देखन लगू।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «اذْهَبْ! إِيمَانُكَ قَدْ شَفَاكَ». وَفِي الْحَالِ أَبْصَرَ، وَتَبِعَ يَسُوعَ فِي الطَّرِيقِ. | ٥٢ 52 |
यीशु न ओको सी कह्यो, “चली जा, तोरो विश्वास न तोख चंगो करयो हय।” अऊर ऊ तुरतच देखन लग्यो, अऊर रस्ता म ओको पीछू चली गयो।