< لُوقا 9 >
ثُمَّ جَمَعَ يَسُوعُ الاِثْنَيْ عَشَرَ، وَمَنَحَهُمْ قُدْرَةً وَسُلْطَةً عَلَى جَمِيعِ الشَّيَاطِينِ وَعَلَى الأَمْرَاضِ لِشِفَائِهَا، | ١ 1 |
तब यीशु न बारयी चेला ख बुलाय क उन्ख सब दुष्ट आत्मावों अऊर बीमारियों ख दूर करन की सामर्थ अऊर अधिकार दियो,
وَأَرْسَلَهُمْ لِيُبَشِّرُوا بِمَلَكُوتِ اللهِ وَيَشْفُوا. | ٢ 2 |
अऊर उन्ख स्वर्ग को राज्य को प्रचार करन अऊर बीमारों ख अच्छो करन लायी भेज्यो।
وَقَالَ لَهُمْ: «لا تَحْمِلُوا لِلطَّرِيقِ شَيْئاً: لَا عَصاً، وَلا زَاداً، وَلا خُبْزاً، وَلا مَالاً، وَلا يَحْمِلِ الْوَاحِدُ ثَوْبَيْنِ. | ٣ 3 |
ओन उन्को सी कह्यो, “रस्ता लायी कुछ मत लेवो, नहीं लाठी, नहीं झोला, नहीं रोटी, नहीं रुपया अऊर नहीं दोय-दोय कुरता।
وَأَيَّ بَيْتٍ دَخَلْتُمْ فَهُنَاكَ أَقِيمُوا وَمِنْ هُنَاكَ ارْحَلُوا. | ٤ 4 |
जो कोयी घर म तुम जावो, उतच रहो, अऊर उतच सी बिदा हो।
وَإِنْ كَانَ أَحَدٌ لَا يَقْبَلُكُمْ فِي مَدِينَةٍ مَا، فَاخْرُجُوا مِنْ هُنَاكَ، وَانْفُضُوا الْغُبَارَ عَنْ أَقْدَامِكُمْ، شَهَادَةً عَلَيْهِمْ». | ٥ 5 |
जो कोयी तुम्ख स्वीकार नहीं करेंन, ऊ नगर सी निकलतो हुयो अपनो पाय की धूरला झाड़तो हुयो वापस लौट जावो कि उन पर गवाही होय।”
فَانْطَلَقُوا يَجْتَازُونَ فِي الْقُرَى وَهُمْ يُبَشِّرُونَ وَيَشْفُونَ فِي كُلِّ مَكَانٍ. | ٦ 6 |
येकोलायी हि निकल क गांव-गांव सुसमाचार सुनावतो, अऊर जित उत लोगों ख चंगो करतो हुयो फिरत रह्यो।
وَسَمِعَ هِيرُودُسُ حَاكِمُ الرُّبْعِ بِكُلِّ مَا كَانَ يَجْرِي، فَتحَيَّرَ، لأَنَّ بَعْضاً كَانُوا يَقُولُونَ: «إِنَّ يُوحَنَّا قَامَ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ!» | ٧ 7 |
देश को चौथाई को राजा हेरोदेस जो गलील को शासक होतो यो सब सुन क घबराय गयो, कहालीकि कुछ न कह्यो कि यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो मरयो हुयो म सी फिर सी जीन्दो भयो हय,
وَبَعْضاً يَقُولُونَ: «إِنَّ إِيلِيَّا ظَهَرَ!» وَآخَرِينَ: «إِنَّ وَاحِداً مِنَ الأَنْبِيَاءِ الْقُدَامَى قَامَ!» | ٨ 8 |
अऊर कुछ न यो कह्यो कि एलिय्याह दिखायी दियो हय, अऊर दूसरों न यो कि पुरानो भविष्यवक्तावों म सी कोयी फिर सी जीन्दो भयो हय।
فَقَالَ هِيرُودُسُ: «يُوحَنَّا، أَنَا قَطَعْتُ رَأْسَهُ، وَلكِنْ مَنْ هُوَ هَذَا الَّذِي أَسْمَعُ عَنْهُ مِثْلَ هذِهِ الأُمُورِ؟» وَكَانَ يَرْغَبُ فِي أَنْ يَرَاهُ. | ٩ 9 |
पर हेरोदेस न कह्यो, “यूहन्ना को मुंड त मय न कटवाय दियो, अब यो कौन आय जेको बारे म असी बाते सुनू हय?” अऊर ओन यीशु ख देखन की इच्छा करी।
وَبَعْدَمَا رَجَعَ الرُّسُلُ، أَخْبَرُوهُ بِجَمِيعِ مَا فَعَلُوا، فَأَخَذَهُمْ وَذَهَبَ بِهِمْ عَلَى انْفِرَادٍ إِلَى مَدِينَةٍ اسْمُهَا بَيْتُ صَيْدَا. | ١٠ 10 |
तब प्रेरितों न लौट क जो कुछ उन्न करयो होतो, यीशु ख बताय दियो; अऊर ऊ उन्ख अलग कर क् बैतसैदा नाम को नगर ख ले गयो।
وَلكِنَّ الْجُمُوعَ عَلِمُوا بِذَلِكَ فَلَحِقُوا بِهِ، فَاسْتَقْبَلَهُمْ وَحَدَّثَهُمْ عَنْ مَلَكُوتِ اللهِ، وَشَفَى مِنْهُمْ مَنْ كَانُوا مُحْتَاجِينَ إِلَى الشِّفَاءِ. | ١١ 11 |
यो जान क भीड़ ओको पीछू भय गयी, अऊर ऊ खुशी को संग उन्को सी मिल्यो, अऊर उन्को सी परमेश्वर को राज्य की बाते करन लग्यो, अऊर जो चंगो होनो चाहत होतो उन्ख चंगो करयो।
وَلَمَّا كَادَ النَّهَارُ يَنْقَضِي، تَقَدَّمَ إِلَيْهِ الاثْنَا عَشَرَ وَقَالُوا لَهُ: «اصْرِفِ الْجَمْعَ لِيَذْهَبُوا إِلَى الْقُرَى الْمُجَاوِرَةِ، وَإِلَى الْمَزَارِعِ، فَيَبِيتُوا هُنَاكَ وَيَجِدُوا طَعَاماً، لأَنَّنَا هُنَا فِي مَكَانٍ مُقْفِرٍ!» | ١٢ 12 |
जब दिन डुबन लग्यो त बारा चेलावों न आय क ओको सी कह्यो, “भीड़ ख बिदा कर कि चारों तरफ को गांवो अऊर बस्तियों म जाय क रूकन की अऊर जेवन को व्यवस्था करेंन, कहालीकि हम इत सुनसान जागा म हंय।”
فَقَالَ لَهُمْ: «أَعْطُوهُمْ أَنْتُمْ لِيَأْكُلُوا!» أَجَابُوا: «لَيْسَ عِنْدَنَا أَكْثَرُ مِنْ خَمْسَةِ أَرْغِفَةٍ وَسَمَكَتَيْنِ إِلّا إِذَا ذَهَبْنَا وَاشْتَرَيْنَا طَعَاماً لِهَذَا الشَّعْبِ كُلِّهِ». | ١٣ 13 |
यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुमच उन्ख खान ख दे।” उन्न कह्यो, “हमरो जवर पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख छोड़ अऊर कुछ नहाय; पर हां, यदि हम जाय क इन सब लोगों लायी भोजन ले लेबो, त होय सकय हय।” हि लोग त पाच हजार पुरुषों को लगभग होतो।
فَقَدْ كَانُوا نَحْوَ خَمْسَةِ آلافِ رَجُلٍ. ثُمَّ قَالَ لِتَلامِيذِهِ: «أَجْلِسُوهُمْ فِي جَمَاعَاتٍ تَتَأَلَّفُ كُلٌّ مِنْهَا مِنْ خَمْسِينَ». | ١٤ 14 |
तब यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “उन्ख पचास-पचास कर क् पंगत-पंगत सी बैठाय दे।”
فَفَعَلُوا، وَأَجْلَسُوا الْجَمِيعَ. | ١٥ 15 |
उन्न असोच करयो, अऊर सब ख बैठाय दियो।
فَأَخَذَ الأَرْغِفَةَ الْخَمْسَةَ وَالسَّمَكَتَيْنِ، وَرَفَعَ عَيْنَيْهِ نَحْوَ السَّمَاءِ، ثُمَّ بَارَكَهَا وَكَسَّرَهَا وَأَعْطَى التَّلامِيذَ لِيُقَدِّمُوا إِلَى الْجَمْعِ. | ١٦ 16 |
तब यीशु न हि पाच रोटी अऊर दोय मच्छी धरी, अऊर स्वर्ग की तरफ देख क परमेश्वर ख धन्यवाद करयो, अऊर तोड़-तोड़ क चेलावों ख देतो गयो कि लोगों ख परोसो।
فَأَكَلَ الْجَمِيعُ وَشَبِعُوا. ثُمَّ رُفِعَ مِنَ الْكِسَرِ الْفَاضِلَةِ عَنْهُمُ اثْنَتَا عَشْرَةَ قُفَّةً. | ١٧ 17 |
तब सब खाय क सन्तुष्ट भयो, अऊर चेलावों न बच्यो हुयो टुकड़ा सी भरी बारा टोकनी उठायी।
وَفِيمَا كَانَ يُصَلِّي عَلَى انْفِرَادٍ وَالتَّلامِيذُ مَعَهُ، سأَلَهُمْ: «مَنْ يَقُولُ الْجُمُوعُ إِنِّي أَنَا؟» | ١٨ 18 |
जब यीशु एकान्त जागा म प्रार्थना कर रह्यो होतो अऊर चेला ओको संग होतो, त ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “लोग मोख का कह्य हंय?”
فَأَجَابُوهُ: «يَقُولُ بَعْضُهُمْ إِنَّكَ يُوحَنَّا الْمَعْمَدَانُ، وَآخَرُونَ إِنَّكَ إِيِليَّا، وَآخَرُونَ إِنَّكَ وَاحِدٌ مِنَ الأَنْبِيَاءِ الْقُدَامَى وَقَدْ قَامَ!» | ١٩ 19 |
उन्न उत्तर दियो, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो, अऊर कोयी कोयी एलिय्याह, अऊर कोयी यो कि पुरानो भविष्यवक्तावों म सी कोयी फिर सी जीन्दो भयो हय।”
فَسَأَلَهُمْ: «وَأَنْتُمْ، مَنْ تَقُولُونَ إِنِّي أَنَا؟» فَأَجَابَهُ بُطْرُسُ: «أَنْتَ مَسِيحُ اللهِ!». | ٢٠ 20 |
ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “पर तुम मोख का कह्य हय?” पतरस न उत्तर दियो, “परमेश्वर को द्वारा भेज्यो हुयो मसीहा।”
وَلكِنَّهُ حَذَّرَهُمْ، مُوْصِياً أَلّا يُخْبِرُوا أَحَداً بِذَلِكَ. | ٢١ 21 |
तब यीशु न उन्ख आदेश दे क कह्यो कि यो कोयी सी मत कहजो।
وَقَالَ: «لابُدَّ أَنْ يَتَأَلَّمَ ابْنُ الإِنْسَانِ كَثِيراً وَيَرْفُضَهُ الشُّيُوخُ وَرُؤَسَاءُ الْكَهَنَةِ وَالْكَتَبَةُ، وَيُقْتَلَ، وَفِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ يُقَامَ». | ٢٢ 22 |
तब यीशु न कह्यो, “आदमी को बेटा लायी जरूरी हय कि ऊ बहुत दु: ख उठायेंन, अऊर बुजूर्गों अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री ओख ठुकराय क मार डालेंन, अऊर ऊ तीसरो दिन फिर सी जीन्दो होयेंन।”
ثُمَّ قَالَ لِلْجَمِيعِ: «إِنْ أَرَادَ أَحَدٌ أَنْ يَسِيرَ وَرَائِي، فَلْيُنْكِرْ نَفْسَهُ وَيَحْمِلْ صَلِيبهُ كُلَّ يَوْمِ وَيَتْبَعْنِي. | ٢٣ 23 |
ओन सब सी कह्यो, “यदि कोयी मोरो पीछू आवनो चाहवय, त अपनो आप सी इन्कार कर अऊर हर दिन जो मोरो लायी अपनो जीवन देन लायी तैयार हय मोरो पीछू आव।
فَأَيُّ مَنْ أَرَادَ أَنْ يُخَلِّصَ نَفْسَهُ، يَخْسَرُهَا؛ وَلكِنَّ مَنْ يَخْسَرُ نَفْسَهُ مَنْ أَجْلِي، فَهُوَ يُخَلِّصُهَا. | ٢٤ 24 |
कहालीकि जो कोयी अपनो जीव बचावनो चाहेंन ऊ ओख खोयेंन, पर जो कोयी मोरो लायी अपनो जीव खोयेंन उच ओख बचायेंन।
فَمَاذَا يَنْتَفِعُ الإِنْسَانُ لَوْ رَبِحَ الْعَالَمَ كُلَّهُ وَخَسِرَ نَفْسَهُ أَوْ أَهْلَكَهَا؟ | ٢٥ 25 |
यदि आदमी पूरो जगत ख पा ले अऊर अपनो जीव खोय दे यां ओकी हानि उठाये, त ओख का फायदा होयेंन?
فَإِنَّ مَنْ يَسْتَحِي بِي وَبِكَلامِي، فَبِهِ يَسْتَحِي ابْنُ الإِنْسَانِ لَدَى عَوْدَتِهِ فِي مَجْدِهِ وَمَجْدِ الآبِ وَالْمَلائِكَةِ الْمُقَدَّسِينَ. | ٢٦ 26 |
जो कोयी मोरो सी अऊर मोरी शिक्षा सी शर्मायेंन, आदमी को बेटा भी, जब अपनी अऊर अपनो बाप की अऊर पवित्र स्वर्गदूतों की महिमा सहित आयेंन, त ओको सी शर्मायेंन।
وَلكِنِّي أَقُولُ لَكُمْ بِحَقٍّ إِنَّ بَيْنَ الْوَاقِفِينَ هُنَا بَعْضاً لَنْ يَذُوقُوا الْمَوْتَ حَتَّى يَرَوْا مَلَكوتَ اللهِ». | ٢٧ 27 |
मय तुम सी सच कहू हय, कि जो इत खड़ो हंय, उन्म सी कुछ असो हंय कि जब तक परमेश्वर को राज्य नहीं देख ले, तब तक नहीं मरेंन।”
وَحَدَثَ بَعْدَ هَذَا الْكَلامِ بِثَمَانِيَةِ أَيَّامٍ تَقْرِيباً أَنْ أَخَذَ يَسُوعُ بُطْرُسَ وَيُوحَنَّا وَيَعْقُوبَ، وَصَعِدَ إِلَى جَبَلٍ لِيُصَلِّيَ. | ٢٨ 28 |
इन बातों को कोयी आठ दिन बाद यीशु पतरस, यूहन्ना अऊर याकूब ख संग ले क प्रार्थना करन लायी पहाड़ी पर गयो।
وَبَيْنَمَا هُوَ يُصَلِّي، تَجَلَّتْ هَيْئَةُ وَجْهِهِ وَصَارَتْ ثِيَابُهُ بَيْضَاءَ لَمَّاعَةً. | ٢٩ 29 |
जब ऊ प्रार्थना करतच होतो, त ओको चेहरा को रूप बदल गयो, अऊर ओको कपड़ा उज्वल होय क चमकन लग्यो।
وَإذَا رَجُلانِ يَتَحَدَّثَانِ مَعَهُ، هُمَا مُوسَى وَإِيلِيَّا، | ٣٠ 30 |
अऊर अचानक, मूसा अऊर एलिय्याह, हि दोय आदमी ओको संग बाते कर रह्यो होतो।
وَقَدْ ظَهَرَا بِمَجْدٍ وَتَكَلَّمَا عَنْ رَحِيلِهِ الَّذِي كَانَ عَلَى وَشْكِ إِتْمَامِهِ فِي أُورُشَلِيمَ. | ٣١ 31 |
हि स्वर्ग की महिमा सहित दिखायी दियो अऊर यीशु को मरन की चर्चा कर रह्यो होतो, परमेश्वर को उद्देश जो कि यरूशलेम म पूरो होन वालो होतो।
وَمَعَ أَنَّ بُطْرُسَ وَرَفِيقَيْهِ قَدْ غَالَبَهُمُ النَّوْمُ، فَإِنَّهُمْ حِينَ اسْتَيْقَظُوا تَمَاماً، شَاهَدُوا مَجْدَهُ وَالرَّجُلَيْنِ الْوَاقِفَيْنِ مَعَهُ. | ٣٢ 32 |
पतरस अऊर ओको संगी की आंखी म नींद छायी होती, अऊर जब हि अच्छी तरह सचेत भयो, त यीशु की महिमा अऊर उन दोय आदमी ख, जो ओको संग खड़ो होतो, देख्यो।
وَفِيمَا كَانَا يُفَارِقَانِهِ، قَالَ بُطْرُسُ لِيَسُوعَ: «يَا مُعَلِّمُ، مَا أَحْسَنَ أَنْ نَبْقَى هُنَا! فَلْنَنْصُبْ ثَلاثَ خِيَامٍ: وَاحِدَةً لَكَ، وَوَاحِدَةً لِمُوسَى، وَوَاحِدَةً لإِيلِيَّا» وَهُوَ لَا يَدْرِي مَا يَقُولُ. | ٣٣ 33 |
जब हि ओको जवर सी जान लग्यो, त पतरस न यीशु सी कह्यो, “हे मालिक, हमरो इत रहनो भलो हय: येकोलायी हम तीन मण्डप बनायबो, एक तोरो लायी, एक मूसा लायी, अऊर एक एलिय्याह लायी।” ऊ जानत नहीं होतो कि का कह्य रह्यो हय।
وَلكِنَّهُ فِيمَا كَانَ يَقُولُ ذلِكَ، جَاءَتْ سَحَابَةٌ فَخَيَّمَتْ عَلَيْهِمْ، فَخَافَ التَّلامِيذُ عِنْدَمَا طَوَّقَتْهُمُ السَّحَابَةُ، | ٣٤ 34 |
ऊ यो कहतच रह्यो होतो कि एक बादर न आय क उन्ख छाय लियो; अऊर जब बादर सी घिरन लग्यो त चेला डर गयो।
وَانْطَلَقَ صَوْتٌ مِنَ السَّحَابَةِ يَقُولُ: «هَذَا هُوَ ابْنِي الَّذِي اخْتَرْتُهُ. لَهُ اسْمَعُوا!» | ٣٥ 35 |
तब ऊ बादर म सी यो आवाज निकल्यो, “यो मोरो बेटा अऊर मोरो चुन्यो हुयो आय, येकी सुनो।”
وَفِيمَا انْطَلَقَ الصَّوْتُ، وُجِدَ يَسُوعُ وَحْدَهُ. وَقَدْ كَتَمُوا الْخَبَرَ فَلَمْ يُخْبِرُوا أَحَداً فِي تِلْكَ الأَيَّامِ بِأَيِّ شَيْءٍ مِمَّا رَأَوْهُ. | ٣٦ 36 |
यो आवाज बन्द होनो पर यीशु अकेलो पायो गयो; अऊर हि चुप रह्यो, अऊर जो कुछ देख्यो होतो ओकी कोयी बात उन दिनो म कोयी सी नहीं कहीं।
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي، لَمَّا نَزَلُوا مِنَ الْجَبَلِ، لاقَاهُ جَمْعٌ عَظِيمٌ. | ٣٧ 37 |
दूसरों दिन जब यीशु अऊर ओको तीन चेलावों पहाड़ी सी उतरयो त एक बड़ी भीड़ ओको सी आय क मिली।
وَإذَا فِي الْجَمْعِ رَجُلٌ نَادَى قَائِلاً: «يَا مُعَلِّمُ، أَتَوَسَّلُ إِلَيْكَ أَنْ تَنْظُرَ إِلَى ابْنِي، فَإِنَّهُ وَلَدِي الْوَحِيدُ. | ٣٨ 38 |
अऊर देखो, भीड़ म सी एक आदमी न चिल्लाय क कह्यो, “हे गुरु, मय तोरो सी बिनती करू हय कि मोरो बेटा पर दयादृष्टि कर; कहालीकि ऊ मोरो एकलौतो बेटा आय।
وَهَا إِنَّ رُوحاً يَتَمَلَّكُهُ، فَيَصْرُخُ فَجْأَةً، وَيَصْرَعُهُ الرُّوحُ فَيُزْبِدُ، وَبِالْجَهْدِ يُفَارِقُهُ بَعْدَ أَنْ يُرَضِّضَهُ. | ٣٩ 39 |
एक दुष्ट आत्मा ओख पकड़य हय, अऊर ऊ अचानक चिल्लावन लगय हय; अऊर ऊ ओख असो मुरकटय हय कि ऊ मुंह म फेस भर लावय हय; अऊर ओख कठिनायी सी गिराय क छोड़य हय।
وَقَدِ الْتَمَسْتُ مِنْ تَلامِيذِكَ أَنْ يَطْرُدُوهُ، فَلَمْ يَقْدِرُوا». | ٤٠ 40 |
मय न तोरो चेलावों सी बिनती करी कि दुष्ट आत्मा ख निकाले, पर हि नहीं निकाल सक्यो।”
فَأَجَابَ يَسُوعُ قَائِلاً: «أَيُّهَا الْجِيلُ غَيْرُ الْمُؤْمِنِ وَالْمُنْحَرِفُ! إِلَى مَتَى أَبْقَى مَعَكُمْ وَأَحْتَمِلُكُمْ؟» (وَقَالَ لِلرَّجُلِ): «أَحْضِرِ ابْنَكَ إِلَى هُنَا!» | ٤١ 41 |
यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “हे अविश्वासी अऊर जिद्दी लोगों, मय कब तक तुम्हरो संग रहूं अऊर तुम्हरी सहू? अपनो बेटा ख इत ले आव।”
وَفِيمَا الْوَلَدُ آتٍ، صَرَعَهُ الشَّيْطَانُ وَخَبَطَهُ بِعُنْفٍ. فَزَجَرَ يَسُوعُ الرُّوحَ النَّجِسَ، وَشَفَى الْوَلَدَ وَسَلَّمَهُ إِلَى أَبِيهِ. | ٤٢ 42 |
बेटा आयच रह्यो होतो कि दुष्ट आत्मा न ओख पटक क मुरकट्यो, पर यीशु न दुष्ट आत्मा ख डाट्यो अऊर बेटा ख अच्छो कर क् ओको बाप ख सौंप दियो।
فَذُهِلَ الْجَمِيعُ مِنْ عَظَمَةِ اللهِ. وَبَيْنَمَا كَانَ الْجَمِيعُ يَتَعَجَّبُونَ مِنْ كُلِّ مَا عَمِلَهُ يَسُوعُ، قَالَ لِتَلامِيذِهِ: | ٤٣ 43 |
तब सब लोग परमेश्वर को महासामर्थ सी अचम्भित भयो। पर जब सब लोग उन सब कामों सी जो कुछ यीशु करत होतो, अचम्भित होतो, त ओन अपनो चेलावों सी कह्यो,
«لِتَدْخُلْ هذِهِ الْكَلِمَاتُ آذَانَكُمْ: إِنَّ ابْنَ الإِنْسَانِ عَلَى وَشْكِ أَنْ يُسَلَّمَ إِلَى أَيْدِي النَّاسِ!» | ٤٤ 44 |
“तुम इन बातों पर कान लगावो, कहालीकि आदमी को बेटा आदमियों को हाथ म सौंप्यो जायेंन।”
إِلّا أَنَّهُمْ لَمْ يَفْهَمُوا هَذَا الْقَوْلَ، وَقَدْ أُغْلِقَ عَلَيْهِمْ فَلَمْ يُدْرِكُوهُ، وَخَافُوا أَنْ يَسْأَلُوهُ عَنْهُ. | ٤٥ 45 |
पर चेलावों या बात ख नहीं जान सक्यो, अऊर यो उन्को सी लूकी रही कि हि ओख समझ नहीं पायो; अऊर हि या बात को बारे म ओको सी पूछन सी डरत होतो।
وَحَدَثَ بَيْنَهُمْ جِدَالٌ حَوْلَ مَنْ هُوَ الأَعْظَمُ فِيهِمْ. | ٤٦ 46 |
तब उन्म यो विवाद होन लग्यो कि हम म सी बड़ो कौन हय।
فَإِذْ عَلِمَ يَسُوعُ نِيَّاتِ قُلُوبِهِمْ، أَخَذَ وَلَداً صَغِيراً وَأَوْقَفَهُ بِجَانِبِهِ، | ٤٧ 47 |
पर यीशु न उन्को मन को बिचार जान लियो, अऊर एक बच्चा ख ले क अपनो जवर खड़ो करयो,
وَقَالَ لَهُمْ: «أَيُّ مَنْ قَبِلَ بِاسْمِي هَذَا الْوَلَدَ الصَّغِيرَ، فَقَدْ قَبِلَنِي؛ وَمَنْ قَبِلَنِي، يَقْبَلُ الَّذِي أَرْسَلَنِي. فَإِنَّ مَنْ كَانَ الأَصْغَرَ بَيْنَكُمْ جَمِيعاً، فَهُوَ الْعَظِيمُ». | ٤٨ 48 |
अऊर उन्को सी कह्यो, “जो कोयी मोरो नाम सी यो बच्चा ख स्वीकारय हय, ऊ मोख स्वीकारय हय; अऊर जो कोयी मोख स्वीकारय हय, ऊ मोरो भेजन वालो ख स्वीकारय हय, कहालीकि जो तुम म सब सी छोटो सी छोटो हय, उच बड़ो हय।”
وَتَكَلَّمَ يُوحَنَّا فَقَالَ: «يَا سَيِّدُ، رَأَيْنَا وَاحِداً يَطْرُدُ الشَّيَاطِينَ بِاسْمِكَ، فَمَنَعْنَاهُ لأَنَّهُ لَا يَتْبَعُكَ مَعَنَا». | ٤٩ 49 |
तब यूहन्ना न कह्यो, “हे मालिक, हम न एक आदमी ख तोरो नाम सी दुष्ट आत्मावों ख निकालता देख्यो, अऊर हम न ओख मना करयो, कहालीकि ऊ हमरो संग होय क तोरो अनुसरन नहीं करत होतो।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «لا تَمْنَعُوهُ: لأَنَّ مَنْ لَيْسَ ضِدَّكُمْ، فَهُوَ مَعَكُمْ!» | ٥٠ 50 |
यीशु न यूहन्ना अऊर दूसरों चेला सी कह्यो, “ओख मना मत करो; कहालीकि जो तुम्हरो विरोध म नहाय, ऊ तुम्हरो तरफ हय।”
وَلَمَّا تَمَّتِ الأَيَّامُ لارْتِفَاعِهِ، صَمَّمَ بِعَزْمٍ عَلَى الْمُضِيِّ إِلَى أُورُشَلِيمَ. | ٥١ 51 |
जब यीशु ख स्वर्ग म उठायो जान को दिन पूरो होन पर होतो, त ओन यरूशलेम जान को बिचार ठान लियो।
فَأَرْسَلَ قُدَّامَهُ بَعْضَ الرُّسُلِ. فَذَهَبُوا وَدَخَلُوا قَرْيَةً لِلسَّامِرِيِّينَ، لِيُعِدُّوا لَهُ (مَنْزِلاً فِيهَا). | ٥٢ 52 |
ओन अपनो आगु दूत भेज्यो। हि सामरियों को एक गांव म गयो कि ओको लायी जागा तैयार करे।
وَلكِنَّهُمْ رَفَضُوا اسْتِقْبَالَهُ لأَنَّهُ كَانَ مُتَّجِهاً صَوْبَ أُورُشَلِيمَ. | ٥٣ 53 |
पर उन लोगों न ओख उतरन नहीं दियो, कहालीकि ऊ यरूशलेम जाय रह्यो होतो।
فَلَمَّا رَأَى ذلِكَ تِلْمِيذَاهُ يَعْقُوبُ وَيُوحَنَّا، قَالا: «يَا رَبُّ، أَتُرِيدُ أَنْ نَأْمُرَ بِأَنْ تَنْزِلَ النَّارُ مِنَ السَّمَاءِ وَتَلْتَهِمَهُمْ؟» | ٥٤ 54 |
यो देख क ओको चेलावों याकूब अऊर यूहन्ना न कह्यो, “हे प्रभु, का तय चाहवय हय कि हम आज्ञा दे, कि आसमान सी आगी गिर क उन्ख भस्म कर दे?”
فَالْتَفَتَ إِلَيْهِمَا وَوَبَّخَهُمَا قَائِلاً: «لا تَعْلَمَانِ مَنْ أَيِّ رُوحٍ أَنْتُمَا، | ٥٥ 55 |
पर यीशु न मुड़ क उन्ख डाट्यो।
لأَنَّ ابْنَ الإِنْسَانِ أَتَى لَا لِيُهْلِكَ نُفُوسَ الَّنَاسِ، بَلْ لِيُخَلِّصَهَا.» ثُمَّ ذَهَبُوا إِلَى قَرْيَةٍ أُخْرَى. | ٥٦ 56 |
यीशु अऊर ओको चेला कोयी दूसरों गांव म चली गयो।
وَبَيْنَمَا كَانُوا سَائِرِينَ فِي الطَّرِيقِ، قَالَ لَهُ أَحَدُ النَّاسِ: «يَا سَيِّدُ، سَأَتْبَعُكَ أَيْنَمَا تَذْهَبُ!» | ٥٧ 57 |
जब हि रस्ता म जाय रह्यो होतो, त कोयी न यीशु सी कह्यो, “जित-जित तय जाजो, मय तोरो पीछू होय जाऊं।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «لِلثَّعَالِبِ أَوْجَارٌ، وَلِطُيُورِ السَّمَاءِ أَوْكَارٌ؛ وَأَمَّا ابْنُ الإِنْسَانِ فَلَيْسَ لَهُ مَكَانٌ يُسْنِدُ إِلَيْهِ رَأْسَهُ». | ٥٨ 58 |
यीशु न ओको सी कह्यो, “लोमड़ियों को गुफा अऊर आसमान को पक्षिंयों को घोसला होवय हंय, पर आदमी को बेटा ख मुंड लूकान की भी जागा नहीं।”
وَقَالَ لِغَيْرِهِ: «اتْبَعْنِي!» وَلكِنَّ هَذَا قَالَ: «يَا سَيِّدُ، اسْمَحْ لِي أَنْ أَذْهَبَ أَوَّلاً وَأَدْفِنَ أَبِي!» | ٥٩ 59 |
यीशु न दूसरों सी कह्यो, “मोरो पीछू होय जा।” ओन कह्यो, “हे प्रभु, मोख पहिले जान दे कि अपनो बाप ख गाड़ देऊ।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «دَعِ الْمَوْتَى يَدْفِنُونَ مَوْتَاهُمْ، وَأَمَّا أَنْتَ فَاذْهَبْ وَبَشِّرْ بِمَلَكُوتِ اللهِ». | ٦٠ 60 |
यीशु न ओको सी कह्यो, “मरयो हुयो ख अपनो मुर्दा गाड़न दे, पर तय जाय क परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार प्रचार कर।”
وَقَالَ لَهُ آخَرُ: «يَا سَيِّدُ، سَأَتْبَعُكَ، وَلكِنِ اسْمَحْ لِي أَوَّلاً أَنْ أُوَدِّعَ أَهْلَ بَيْتِي!» | ٦١ 61 |
कोयी अऊर न भी कह्यो, “हे प्रभु, मय तोरो पीछू होय जाऊं; पर पहिले मोख जान दे कि अपनो घर को लोगों सी बिदा ले लेऊ।”
فَقَالَ لَهُ يَسُوعُ: «مَا مِنْ أَحَدٍ يَضَعُ يَدَهُ عَلَى الْمِحْرَاثِ وَيَلْتَفِتُ إِلَى الْوَرَاءِ، يَصْلُحُ لِمَلَكُوتِ اللهِ». | ٦٢ 62 |
यीशु न ओको सी कह्यो, “जो कोयी अपनो हाथ नांगर पर रख क पीछू देखय हय, ऊ परमेश्वर को राज्य को लायक नहाय।”