< لاويّين 8 >
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: | ١ 1 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
«أَحْضِرْ هَرُونَ وَأَبْنَاءَهُ وَثِيَابَهُمْ وَدُهْنَ الْمَسْحَةِ وَثَوْرَ ذَبِيحَةِ الْخَطِيئَةِ وَالْكَبْشَيْنِ وَسَلَّ الْفَطِيرِ، | ٢ 2 |
“हारून और उसके साथ उसके बेटों को, और लिबास, को और मसह करने के तेल को, और ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े और दोनों मेंढों और बे — ख़मीरी रोटियों की टोकरी को ले;
وَاجْمَعْ سَائِرَ بَنِي إِسْرَائِيلَ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ». | ٣ 3 |
और सारी जमा'अत को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर जमा' कर।”
فَنَفَّذَ مُوسَى أَمْرَ الرَّبِّ، فَاجْتَمَعَتِ الْجَمَاعَةُ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، | ٤ 4 |
चुनाँचे मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ 'अमल किया; और सारी जमा'अत ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर जमा' हुई।
فَقَالَ لَهُمْ مُوسَى: «هَذَا مَا أَمَرَ الرَّبُّ بِهِ». | ٥ 5 |
तब मूसा ने जमा'अत से कहा, “यह वह काम है, जिसके करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है।”
فَقَدَّمَ مُوسَى هَرُونَ وَأَبْنَاءَهُ وَغَسَّلَهُمْ بِمَاءٍ، | ٦ 6 |
फिर मूसा हारून और उसके बेटों को आगे लाया और उन को पानी से ग़ुस्ल दिलाया।
وَأَلْبَسَ هَرُونَ الْقَمِيصَ وَنَطَّقَهُ بِالْحِزَامِ، وَكَسَاهُ بِالْجُبَّةِ، وَوَضَعَ عَلَيْهِ الرِّدَاءَ، وَنَطَّقَهُ بِحِزَامِ الرِّدَاءِ وَشَدَّهُ بِهِ، | ٧ 7 |
और उसको कुरता पहना कर उस पर कमरबन्द लपेटा, और उसको जुब्बा पहना कर उस पर अफ़ोद लगाया और अफ़ोद के कारीगरी से बुने हुए कमरबन्द को उस पर लपेटा, और उसी से उसको उसके ऊपर कस दिया।
وَجَعَلَ عَلَيْهِ الصُّدْرَةَ، وَثَبَّتَ فِي الصُّدْرَةِ الْأُورِيمَ وَالتُّمِّيمَ، | ٨ 8 |
और सीनाबन्द को उसके ऊपर लगा कर सीनाबन्द में ऊरीम और तुम्मीम लगा दिए।
وَوَضَعَ مُوسَى عَلَى رَأْسِ هَرُونَ الْعِمَامَةَ، وَعَلَّقَ عَلَيْهَا فَوْقَ الْجَبْهَةِ صَفِيحَةَ الذَّهَبِ، الإِكْلِيلَ الْمُقَدَّسَ، تَمَاماً كَمَا أَمَرَهُ الرَّبُّ. | ٩ 9 |
और उसके सिर पर 'अमामा रख्खा और 'अमामे पर सामने सोने के पत्तर या'नी पाक ताज को लगाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ أَخَذَ مُوسَى دُهْنَ الْمَسْحَةِ وَمَسَحَ الْمَسْكِنَ وَكُلَّ مَا فِيهِ وَقَدَّسَهُ لِلرَّبِّ. | ١٠ 10 |
और मूसा ने मसह करने का तेल लिया; और घर को और जो कुछ उसमें था सब को मसह कर के पाक किया।
ثُمَّ رَشَّ مِنَ الدُّهْنِ عَلَى الْمَذْبَحِ سَبْعَ مَرَّاتٍ، وَمَسَحَ الْمَذْبَحَ وَجَمِيعَ أَوَانِيهِ وَحَوْضَ الاغْتِسَالِ وَقَاعِدَتَهُ لِتَقْدِيسِهَا، | ١١ 11 |
और उस में से थोड़ा सा लेकर मज़बह पर सात बार छिड़का; और मज़बह और उसके सब बर्तनों को, और हौज़ और उसकी कुर्सी को मसह किया, ताकि उन्हें पाक करे।
وَصَبَّ مِنْ دُهْنِ الْمَسْحَةِ عَلَى رَأْسِ هَرُونَ وَمَسَحَهُ تَكْرِيساً لَهُ. | ١٢ 12 |
और मसह करने के तेल में से थोड़ा सा हारून के सिर पर डाला और उसे मसह किया ताकि वह पाक हो।
ثُمَّ أَحْضَرَ مُوسَى أَبْنَاءَ هَرُونَ وَأَلْبَسَهُمْ أَقْمِصَةً، وَنَطَّقَهُمْ بِأَحْزِمَةٍ، وَعَصَبَ عَلَى رُؤُوسِهِمِ الْقَلانِسَ كَمَا أَمَرَهُ الرَّبُّ. | ١٣ 13 |
फिर मूसा हारून के बेटों को आगे लाया और उन को कुरते पहनाए, और उन पर कमरबन्द लपेटे, और उनको पगड़ियाँ पहनाई जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ أَتَى بِثَوْرِ الْخَطِيئَةِ، فَوَضَعَ هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِهِ، | ١٤ 14 |
और वह ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े को आगे लाया, और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाथ ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े के सिर पर रख्खे।
فَذَبَحَهُ مُوسَى، وَأَخَذَ الدَّمَ وَوَضَعَهُ عَلَى قُرُونِ الْمَذْبَحِ الأَرْبَعَةِ، وَعَلَى الْمَذْبَحِ نَفْسِهِ لِيُقَدِّسَهُ. ثُمَّ صَبَّ بَقِيَّةَ الدَّمِ عِنْدَ قَاعِدَتِهِ، وَكَرَّسَهُ تَكْفِيراً عَنْهُ. | ١٥ 15 |
फिर उसने उसको ज़बह किया, और मूसा ने ख़ून को लेकर मज़बह के चारों तरफ़ उसके सींगों पर अपनी उँगली से लगाया और मज़बह को पाक किया; और बाक़ी ख़ून मज़बह के पाये पर उँडेल कर उसका कफ़्फ़ारा दिया, ताकि वह पाक हो।
وَأَخَذَ مُوسَى شَحْمَ أَعْضَاءِ الثَّوْرِ الدَّاخِلِيَّةِ، وَكَذَلِكَ الْمَرَارَةَ وَالْكُلْيَتَيْنِ وَشَحْمَهُمَا وَأَحْرَقَهَا كُلَّهَا عَلَى الْمَذْبَحِ. | ١٦ 16 |
और मूसा ने अंतड़ियों के ऊपर की सारी चर्बी, और जिगर पर की झिल्ली, और दोनों गुर्दों और उन की चर्बी को लिया और उन्हें मज़बह पर जलाया;
وَأَمَّا جِلْدُ الثَّوْرِ وَلَحْمُهُ وَفَرْثُهُ فَأَحْرَقَهَا بِنَارٍ خَارِجَ الْمُخَيَّمِ كَمَا أَمَرَهُ الرَّبُّ. | ١٧ 17 |
लेकिन बछड़े को, उसकी खाल और गोश्त और गोबर के साथ, लश्करगाह के बाहर आग में जलाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ قَدَّمَ كَبْشَ الْمُحْرَقَةِ، فَوَضَعَ هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِهِ، | ١٨ 18 |
फिर उसने सोख़्तनी क़ुर्बानी के मेंढे को हाज़िर किया, और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाथ उस मेंढे के सिर पर रख्खे।
فَذَبَحَهُ مُوسَى وَرَشَّ الدَّمَ عَلَى جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ، | ١٩ 19 |
और उसने उसको ज़बह किया, और मूसा ने ख़ून को मज़बह के ऊपर चारों तरफ़ छिड़का।
وَقَطَّعَ الْكَبْشَ إِلَى أَجْزَائِهِ، ثُمَّ أَحْرَقَ الرَّأْسَ وَالأَجْزَاءَ وَالشَّحْمَ. | ٢٠ 20 |
फिर उसने मेंढे के 'उज़्व — 'उज़्व को काट कर अलग किया, और मूसा ने सिर और 'आज़ा और चर्बी को जलाया।
وَأَمَّا أَمْعَاؤُهُ وَأَكَارِعُهُ فَقَدْ غَسَلَهَا بِمَاءٍ. وَأَحْرَقَ مُوسَى كُلَّ الْكَبْشِ عَلَى الْمَذْبَحِ، فَكَانَ مُحْرَقَةً لِرِضَى الرَّبِّ وَسُرُورِهِ. وَقُودٌ هُوَ لِلرَّبِّ، تَمَاماً كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ. | ٢١ 21 |
और उसने अंतड़ियों और पायों को पानी से धोया, और मूसा ने पूरे मेंढे को मज़बह पर जलाया। यह सोख़्तनी क़ुर्बानी राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए थी, यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानी थी, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ أَحْضَرَ الْكَبْشَ الثَّانِي، كَبْشَ التَّكْرِيسِ، فَوَضَعَ هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِهِ، | ٢٢ 22 |
और उसने दूसरे मेंढे को जो तख़्सीसी मेंढा था हाज़िर किया, और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाथ उस मेंढे के सिर पर रख्खे।
فَذَبَحَهُ مُوسَى، وَأَخَذَ مِنْ دَمِهِ فَوَضَعَهُ عَلَى شَحْمَةِ أُذْنِ هَرُونَ الْيُمْنَى، وَعَلَى إِبْهَامِ يَدِهِ الْيُمْنَى وَإِبْهَامِ رِجْلِهِ الْيُمْنَى. | ٢٣ 23 |
और उसने उस को ज़बह किया, और मूसा ने उसका कुछ ख़ून लेकर उसे हारून के दहने कान की लौ पर, और दहने हाथ के अंगूठे और दहने पाँव के अंगूठे पर लगाया।
ثُمَّ قَدَّمَ مُوسَى أَبْنَاءَ هَرُونَ وَوَضَعَ مِنَ الدَّمِ عَلَى شَحْمِ آذَانِهِمِ الْيُمْنَى، وَعَلَى أَبَاهِمِ أَيْدِيهِمِ الْيُمْنَى، وَعَلَى أَبَاهِمِ أَرْجُلِهِمِ الْيُمْنَى، وَرَشَّ بَقِيَّةَ الدَّمِ عَلَى جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ. | ٢٤ 24 |
फिर वह हारून के बेटों को आगे लाया, और उसी ख़ून में से कुछ उनके दहने कान की लौ पर और दहने हाथ के अंगूठे और दहने पाँव के अंगूठे पर लगाया; और बाक़ी ख़ून को उसने मज़बह के ऊपर चारों तरफ़ छिड़का।
ثُمَّ أَخَذَ شَحْمَ الأَلْيَةِ وَكُلَّ شَحْمِ الأَعْضَاءِ الدَّاخِلِيَّةِ وَالْمَرَارَةَ وَالْكُلْيَتَيْنِ وَشَحْمَهُمَا وَالسَّاقَ الْيُمْنَى، | ٢٥ 25 |
और उसने चर्बी और मोटी दुम, और अंतड़ियों के ऊपर की चर्बी, और जिगर पर की झिल्ली, और दोनो गुर्दे और उन की चर्बी, और दहनी रान इन सभों को लिया,
وَأَخَذَ مِنْ سَلِّ الْفَطِيرِ الَّذِي فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ قُرْصَ فَطِيرٍ وَاحِداً، وَكَعْكَةً وَاحِدَةً مَعْجُونَةً بِزَيْتٍ وَرِقَاقَةً، وَوَضَعَهَا عَلَى الشَّحْمِ وَعَلَى السَّاقِ الْيُمْنَى، | ٢٦ 26 |
और बे — ख़मीरी रोटियों की टोकरी में से जो ख़ुदावन्द के सामने रहती थी, बे — ख़मीरी रोटी का एक गिर्दा, और तेल चुपड़ी हुई रोटी का एक गिर्दा, और एक चपाती निकाल कर उन्हे चर्बी और दहनी रान पर रख्खा।
وَوَضَعَهَا جَمِيعاً عَلَى كَفَّيْ هَرُونَ وَأَكُفِّ أَبْنَائِهِ لِيُرَجِّحُوهَا أَمَامَ الرَّبِّ، | ٢٧ 27 |
और इन सभों को हारून और उसके बेटों के हाथों पर रखकर उन्हें हिलाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने हिलाया।
ثُمَّ أَخَذَهَا مُوسَى عَنْ أَكُفِّهِمْ وَأَحْرَقَهَا أَمَامَ الرَّبِّ عَلَى الْمَذْبَحِ فَوْقَ الْمُحْرَقَةِ، فَكَانَتْ قُرْبَانَ تَكْرِيسٍ لِرِضَى الرَّبِّ وَسُرُورِهِ. إِنَّهَا مُحْرَقَةٌ لِلرَّبِّ. | ٢٨ 28 |
फिर मूसा ने उनको उनके हाथों से ले लिया, और उनको मज़बह पर सोख़्तनी क़ुर्बानी के ऊपर जलाया। यह राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए तख़्सीसी क़ुर्बानी थी। यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानी थी।
وَتَنَاوَلَ مُوسَى صَدْرَ كَبْشِ التَّكْرِيسِ وَرَجَّحَهُ أَمَامَ الرَّبِّ، فَكَانَ الصَّدْرُ نَصِيبَ مُوسَى كَمَا أَمَرَهُ الرَّبُّ. | ٢٩ 29 |
फिर मूसा ने सीने को लिया, और उसको हिलाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने हिलाया। उस तख़्सीसी मेंढे में से यही मूसा का हिस्सा था, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ أَخَذَ مُوسَى بَعْضَ دُهْنِ الْمَسْحَةِ وَبَعْضَ الدَّمِ الَّذِي عَلَى الْمَذْبَحِ، وَرَشَّهَا عَلَى هَرُونَ وَثِيَابِهِ، وَعَلَى أَبْنَاءِ هَرُونَ وَثِيَابِهِمْ، فَقَدَّسَهُمْ جَمِيعاً مَعَ مَلابِسِهِمْ لِلرَّبِّ. | ٣٠ 30 |
और मूसा ने मसह करने के तेल और मज़बह के ऊपर के ख़ून में से कुछ — कुछ लेकर उसे हारून और उसके लिबास पर, और साथ ही उसके बेटों पर और उनके लिबास पर छिड़का; और हारून और उसके लिबास को, और उसके बेटों को और उनके लिबास को पाक किया।
ثُمَّ قَالَ لِهَرُونَ وَأَبْنَائِهِ: «اطْبُخُوا اللَّحْمَ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَكُلُوهُ هُنَاكَ مَعَ خُبْزِ سَلِّ التَّكْرِيسِ، كَمَا أَوْصَيْتُ أَلّا يَأْكُلَهُ سِوَى هَرُونَ وَأَبْنَائِهِ. | ٣١ 31 |
और मूसा ने हारून और उसके बेटों से कहा कि, ये गोश्त ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर पकाओ, और इसको वहीं उस रोटी के साथ जो तख़्सीसी टोकरी में है, खाओ, जैसा मैंने हुक्म किया है कि हारून और उसके बेटे उसे खाएँ।
وَمَا تَبَقَّى مِنَ اللَّحْمِ وَالْخُبْزِ تُحْرِقُونَهُ بِنَارٍ. | ٣٢ 32 |
और इस गोश्त और रोटी में से जो कुछ बच रहे उसे आग में जला देना;
وَلا تُفَارِقُوا مَدْخَلَ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ سَبْعَةَ أَيَّامٍ، إِلَى يَوْمِ اكْتِمَالِ تَكْرِيسِكُمْ، لأَنَّ الرَّبَّ يُكَرِّسُكُمْ سَبْعَةَ أَيَّامٍ. | ٣٣ 33 |
और जब तक तुम्हारी तख्सीस के दिन पूरे न हों, तब तक या'नी सात दिन तक, तुम ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े से बाहर न जाना; क्यूँकि सात दिन तक वह तुम्हारी तख्सीस करता रहेगा।
إِنَّ مَا جَرَى الْيَوْمَ هُوَ مَا أَمَرَ بِهِ الرَّبُّ تَكْفِيراً عَنْكُمْ. | ٣٤ 34 |
जैसा आज किया गया है, वैसा ही करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है ताकि तुम्हारे लिए कफ़्फ़ारा हो।
فَامْكُثُوا عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ سَبْعَةَ أَيَّامٍ، لَيْلاً وَنَهَاراً، عَامِلِينَ شَعَائِرَ الرَّبِّ، فَلا تَمُوتُوا لأَنَّ هَذَا مَا أَوْصَيْتُ بِهِ». | ٣٥ 35 |
इसलिए तुम ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर सात रोज़ तक दिन रात ठहरे रहना, और ख़ुदावन्द के हुक्म को मानना, ताकि तुम मर न जाओ; क्यूँकि ऐसा ही हुक्म मुझको मिला है।
فَنَفَّذَ هَروُنُ وَأَبْنَاؤُهُ كُلَّ مَا أَمَرَ بِهِ الرَّبُّ عَلَى لِسَانِ مُوسَى. | ٣٦ 36 |
तब हारून और उसके बेटों ने सब काम ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ किया जो उस ने मूसा के ज़रिए' दिया था।