< قُضاة 7 >
وَفِي الصَّبَاحِ الْبَاكِرِ تَوَجَّهَ يَرُبَّعْلُ (جِدْعُونُ) وَجَيْشُهُ إِلَى عَيْنِ حَرُودَ وَخَيَّمُوا هُنَاكَ. وَكَانَ جَيْشُ الْمِدْيَانِيِّينَ مُعَسْكِراً إِلَى الشِّمَالِ مِنْهُمْ فِي الْوَادِي عِنْدَ تَلِّ مُورَةَ. | ١ 1 |
तब यरूबाल, अर्थात् गिदोन, तथा उसके साथ के सारे योद्धा तड़के उठे और उन्होंने हरोद के सोते के पास पड़ाव डाल दिया; मिदियानी उनके उत्तर में घाटी की मोरेह पहाड़ी पर पड़ाव डाले हुए थे.
وَقَالَ الرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «إِنَّ الْقَوْمَ الَّذِينَ مَعَكَ كَثِيرُونَ عَلَيَّ لِطَرْدِ الْمِدْيَانِيِّينَ بِيَدِهِمْ، لِئَلّا يَتَبَاهَى عَلَيَّ الإِسْرَائِيلِيُّونَ قَائِلِينَ: إِنَّ قُوَّتَنَا أَنْقَذَتْنَا. | ٢ 2 |
याहवेह ने गिदोन से कहा, “मिदियानियों को तुम्हारे वश में कर देने के उद्देश्य से तुम्हारे साथ के इन लोगों की संख्या बहुत अधिक है. ऐसा न हो इस्राएल अहंकार में यह डींग मारने लगे, ‘अपनी ही शक्ति से हमने छुटकारा प्राप्त किया है!’
وَالآنَ نَادِ فِي مَسَامِعِ الْقَوْمِ قَائِلاً: كُلُّ مَنْ هُوَ خَائِفٌ وَمُرْتَعِدٌ فَلْيَرْجِعْ مُنْصَرِفاً مِنْ جَبَلِ جِلْعَادَ». فَرَجَعَ مِنَ الْقَوْمِ اثْنَانِ وَعِشْرُونَ أَلْفاً وَبَقِيَ عَشَرَةُ آلافٍ. | ٣ 3 |
इस कारण अब मेरे पास आओ, लोगों को घोषणा करके यह सुना दो, ‘जो कोई डरा हुआ है, और डर से कांप रहा है, वह गिलआद पहाड़ से लौटकर चला जाए.’” इस घोषणा पर बाईस हज़ार लोग लौटकर चले गए. बचे रह गए, दस हज़ार.
وَقَالَ الرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «لَمْ يَزَلْ عَدَدُ الْمُحَارِبِينَ كَبِيراً. انْزِلْ بِهِمْ إِلَى الْمَاءِ فَأُغَرْبِلَهُمْ لَكَ. فَيَذْهَبَ مَعَكَ مَنْ أَخْتَارُهُ لَكَ وَتَصْرِفُ عَنْكَ مَنْ أَرْفُضُهُ». | ٤ 4 |
याहवेह ने गिदोन से कहा, “अब भी गिनती में ये लोग बहुत ज्यादा हैं. उन्हें जल के पास ले आओ कि मैं उन्हें वहां तुम्हारे लिए परख सकूं. मैं जिस किसी के विषय में कहूंगा, ‘यह जाएगा तुम्हारे साथ,’ वही तुम्हारे साथ जाएगा; किंतु जिस किसी के विषय में मैं यह कहूं ‘यह तुम्हारे साथ नहीं जाएगा,’ वह तुम्हारे साथ नहीं जाएगा.”
فَنَزَلَ جِدْعُونُ بِالْجَيْشِ إِلَى الْمَاءِ. وَقَالَ الرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «كُلُّ مَنْ يَلْعَقُ بِلِسَانِهِ مِنَ الْمَاءِ كَمَا يَلْعَقُ الْكَلْبُ أَوْقِفْهُ وَحْدَهُ، وَكُلُّ مَنْ جَثَا عَلَى رُكْبَتَيْهِ لِلشُّرْبِ أَوْقِفْهُ وَحْدَهُ أَيْضاً». | ٥ 5 |
इस प्रकार गिदोन उस सबको जल के निकट ले आया. याहवेह ने गिदोन को आदेश दिया, “तुम उन्हें, जो कुत्ते के समान जीभ से जल पिएंगे, उनसे अलग कर लेना, जो घुटने टेककर जल पिएंगे.”
فَكَانَ عَدَدُ الَّذِينَ غَرَفُوا الْمَاءَ بِأَيْدِيهِمْ وَلَعَقُوهُ ثَلاثَ مِئَةِ رَجُلٍ. وَأَمَّا بَاقِي الْجَيْشِ فَجَثَوْا عَلَى رُكَبِهِمْ لِشُرْبِ الْمَاءِ. | ٦ 6 |
उन व्यक्तियों की गिनती, जिन्होंने चुल्लू में जल लेकर जीभ की सहायता से जल पिया था, तीन सौ हुई; मगर बचे हुए वे थे, जिन्होंने घुटने टेककर जल पिया था.
فَقَالَ الرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «سَأُخَلِّصُكُمْ وَأُظْفِرُكَ بِالْمِدْيَانِيِّينَ بِالثَّلاثِ مِئَةِ رَجُلٍ الَّذِينَ لَعَقُوا الْمَاءَ. وَلْيَنْصَرِفْ سَائِرُ الْقَوْمِ إِلَى أَمَاكِنِ سُكْنَاهُمْ». | ٧ 7 |
याहवेह ने गिदोन से कहा, “मैं इन्हीं तीन सौ व्यक्तियों के द्वारा तुम्हें छुटकारा दिलाऊंगा, जिन्होंने चुल्लू में जल लेकर जीभ की सहायता से पिया था. मैं मिदियानियों को तुम्हारे अधीन कर दूंगा. इसलिये अब इन बचे हुओं को लौट जाने दो.”
فَصَرَفَ جِدْعُونُ بَقِيَّةَ الإِسْرَائِيلِيِّينَ إِلَى خِيَامِهِمْ بَعْدَ أَنْ أَخَذَ مَؤُونَتَهُمْ وَأَبْوَاقَهُمْ، وَاحْتَفَظَ فَقَطْ بِالثَّلاثِ مِئَةِ رَجُلٍ. وَكَانَ مُخَيَّمُ الْمِدْيَانِيِّينَ تَحْتَهُمْ فِي الْوَادِي. | ٨ 8 |
इन लोगों ने अपने भोजन सामग्री और अपने नरसिंगे उठा लिए. बाकियों को गिदोन ने विदा कर दिया, और इस्राएली अपनी-अपनी घर को लौट गए, मगर इन तीन सौ को उसने अपने साथ रखा. मिदियानियों का पड़ाव नीचे घाटी में था.
وَقَالَ الرَّبُّ فِي تِلْكَ اللَّيْلَةِ لِجِدْعُونَ: «قُمْ وَهَاجِمِ الْمُعَسْكَرَ، لأَنَّنِي مُزْمِعٌ أَنْ أُسَلِّمَهُ إِلَى يَدِكَ | ٩ 9 |
उसी रात याहवेह ने गिदोन को आदेश दिया, “उठो, जाकर पड़ाव पर हमला कर दो, क्योंकि मैंने उसे तुम्हारे अधीन कर दिया है.
وَإِنْ كُنْتَ خَائِفاً مِنْ مُهَاجَمَةِ الْمُعَسْكَرِ فَتَسَلَّلْ أَنْتَ وَفُورَةُ غُلَامُكَ إِلَيْهِ، | ١٠ 10 |
हां, यदि तुम्हें वहां जाने में डर लग रहा हो, तो अपने सेवक पुराह को लेकर वहां पड़ाव को जाओ.
وَاسْتَمِعْ إِلَى حَدِيثِهِمْ، فَتَتَشَدَّدَ عَزِيمَتُكَ وَتَهْجُمَ عَلَى الْمُعَسْكَرِ». فَتَسَلَّلَ هُوَ وَفُورَةُ خَادِمُهُ وَكَمَنَ عِنْدَ طَرَفِ الْمُعَسْكَرِ قَرِيباً مِنْ مَقَرِّ آخِرِ الْمُتَجَنِّدِينَ. | ١١ 11 |
वहां जाकर सुनो कि वे क्या-क्या बातें कर रहे हैं. इससे तुम्हें हौसला मिलेगा कि तुम पड़ाव पर हमला कर सको.” सो गिदोन अपने सेवक पुराह को लेकर सेना के पड़ाव की सीमा चौकी पर जा पहुंचा.
وَكَانَ الْمِدْيَانِيُّونَ وَالْعَمَالِقَةُ وَسَائِرُ بَنِي الْمَشْرِقِ مُخَيِّمِينَ فِي الْوَادِي، فِي كَثْرَةِ الْجَرَادِ، وَجِمَالُهُمْ لَا تُحْصَى كَالرَّمْلِ الَّذِي عَلَى شَاطِئِ الْبَحْرِ. | ١٢ 12 |
इस समय मिदियानी, अमालेक तथा पूर्वी देशों से आए हुए सैनिक घाटी में अपनी-अपनी छावनियों में लेटे हुए थे. वे टिड्डी दल के समान अनगिनत थे. उनके ऊंट भी अनगिनत थे, जैसे सागर किनारे की रेत.
وَلَمَّا وَصَلَ جِدْعُونُ إِلَى مَكْمَنِهِ سَمِعَ رَجُلاً يُحَدِّثُ صَاحِبَهُ بِحُلْمٍ رَآهُ قَائِلا: «رَأَيْتُ فِي حُلْمِي وَإذَا رَغِيفُ خُبْزِ شَعِيرٍ يَتَدَحْرَجُ فِي مُعَسْكَرِ الْمِدْيَانِيِّينَ حَتَّى بَلَغَ الْخَيْمَةَ فَضَرَبَهَا فَسَقَطَتْ، وَقَلَبَهَا رَأْساً عَلَى عَقِبٍ». | ١٣ 13 |
जब गिदोन सीमा चौकी पर पहुंचा, एक सैनिक अपने मित्र से अपने स्वप्न के बारे में बता रहा था; वह कह रहा था, “सुनो, मैंने एक स्वप्न देखा है. जौ की एक रोटी लुढ़कती हुई आई और मिदियानी पड़ाव में प्रवेश कर गई, एक तंबू तक पहुंचकर उसने उस पर ऐसा हमला किया, कि वह तंबू भूमि पर बिछ गया.”
فَأَجَابَ صَاحِبُهُ: «لَيْسَ ذَلِكَ سِوَى سَيْفِ جِدْعُونَ بْنِ يُوآشَ قَائِدِ جَيْشِ إِسْرَائِيلَ، لَقَدْ أَظْفَرَهُ اللهُ عَلَى الْمِدْيَانِيِّينَ وَعَلَى كُلِّ الْجَيْشِ». | ١٤ 14 |
उसके मित्र ने उत्तर में कहा, “इस्राएली योआश के पुत्र गिदोन की तलवार के अलावा यह और कोई नहीं हो सकता. परमेश्वर ने मिदियान तथा उसकी पूरी छावनी को उसके वश में कर दिया है.”
فَلَمَّا سَمِعَ جِدْعُونُ حَدِيثَ الْحُلْمِ وَتَفْسِيرَهُ سَجَدَ، وَرَجَعَ إِلَى مُخَيَّمِ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ: «هُبُّوا، فَقَدْ نَصَرَكُمُ الرَّبُّ عَلَى جَيْشِ الْمِدْيَانِيِّينَ». | ١٥ 15 |
जब गिदोन ने इस स्वप्न तथा इसके फल के बारे में सुना, वह परमेश्वर की स्तुति में वहीं दंडवत हो गया. वह इस्राएली छावनी को लौट गया और वहां यह घोषणा कर दी, “उठो-उठो याहवेह ने मिदियानी पड़ाव को तुम्हारे वश में कर दिया है.”
وَقَسَمَ الثَّلاثَ مِئَةِ رَجُلٍ إِلَى ثَلاثِ فِرَقٍ، وَوَزَّعَ عَلَى كُلٍّ مِنْهُمْ بُوقاً وَجَرَّةً فَارِغَةً فِي وَسَطِهَا مِصْبَاحٌ. | ١٦ 16 |
तब गिदोन ने उन तीन सौ को तीन दलों में बांटकर उन सभी के हाथों में नरसिंगे और खाली मटकियां दे दीं, जिनमें मशालें रखी हुई थी.
وَقَالَ لَهُمْ: «انْظُرُوا إِلَيَّ وَافْعَلُوا مِثْلِي. عِنْدَمَا أَبْلُغُ طَرَفَ الْمُعَسْكَرِ، افْعَلُوا تَمَاماً كَمَا أَفْعَلُ. | ١٧ 17 |
उसने उन्हें आदेश दिया, “मेरी ओर देखते रहना तथा वैसा ही करते जाना जैसा जैसा मैं करूंगा, और सुनो, जब मैं उनकी छावनी के पास पहुंचूंगा, तो जो मैं करूंगा, वही तुम भी करना.
وَمَتَى نَفَخْتُ أَنَا وَكُلُّ الَّذِينَ مَعِي بِالْبُوقِ، انْفُخُوا أَنْتُمْ أَيْضاً بِالأَبْوَاقِ حَوْلَ كُلِّ الْمُعَسْكَرِ وَقُولُوا:’لِلرَّبِّ وَلِجِدْعُونَ‘.» | ١٨ 18 |
जब मैं और मेरे साथी नरसिंगा फूंकें, तब तुम भी पूरी छावनी के आस-पास नरसिंगा फूंकते हुए नारा लगाना, ‘याहवेह के लिए और गिदोन के लिए!’”
فَأَقْبَلَ جِدْعُونُ وَفِرْقَتُهُ إِلَى طَرَفِ الْمُعَسْكَرِ فِي مُنْتَصَفِ اللَّيْلِ، بَعْدَ تَغْيِيرِ نَوْبَةِ الْحِرَاسَةِ، فَنَفَخُوا بِالأَبْوَاقِ وَحَطَّمُوا الْجِرَارَ الَّتِي بِأَيْدِيهِمْ. | ١٩ 19 |
इस कारण आधी रात को, जब उन्होंने पहरेदार चुने, गिदोन और उसके साथ के सौ व्यक्ति छावनी के पास पहुंच गए. उन्होंने नरसिंगे फूंके और अपने हाथों की मटकियों को फोड़ डाला.
وَهَكَذَا نَفَخَتِ الْفِرَقُ الثَّلاثُ بِالأَبْوَاقِ وَحَطَّمُوا الْجِرَارَ وَأَمْسَكُوا الْمَصَابِيحَ بِأَيْدِيهِمِ الْيُسْرَى وَالأَبْوَاقَ بِأَيْدِيهِمِ الْيُمْنَى لِيَنْفُخُوا بِها صَارِخِينَ: «سَيْفٌ لِلرَّبِّ وَلِجِدْعُونَ». | ٢٠ 20 |
जब तीनों दलों ने नरसिंगे फूंकते हुए अपनी-अपनी मटकियां फोड़ीं, उन्होंने मशालें अपने बाएं हाथ में तथा नाद करने के लिए नरसिंगे दाएं हाथ में पकड़े थे. उन्होंने नारा लगाया, “तलवार याहवेह के लिए और गिदोन के लिए.”
وَوَقَفَ كُلٌّ مِنْهُمْ فِي مَكَانِهِ حَوْلَ الْمُعَسْكَرِ، فَدَبَّ الذُّعْرُ فِي الْجَيْشِ وَتَرَاكَضُوا هَارِبِينَ صَارِخِينَ. | ٢١ 21 |
हर एक व्यक्ति अपने-अपने स्थान पर पड़ाव के आस-पास घेरा बनाए हुए खड़ा था. पड़ाव के सभी लोग भागने लगे. वे सब भागते हुए चिल्लाते जा रहे थे.
وَعَادَتِ الْفِرَقُ الثَّلاثُ تَنْفُخُ فِي أَبْوَاقِهَا، فَجَعَلَ الرَّبُّ أَعْدَاءَهُمْ يُقَاتِلُونَ بَعْضُهُمْ بَعْضاً، وَأَغْمَدَ كُلُّ وَاحِدٍ سَيْفَهُ فِي صَاحِبِهِ وَفَرُّوا إِلَى بَيْتِ شِطَّةَ بِاتِّجَاهِ صَرَدَةَ حَتَّى بَلَغُوا آبَلَ مَحُولَةَ بِالْقُرْبِ مِنْ طَبَّاةَ. | ٢٢ 22 |
जब उन तीन सौ ने नरसिंगे फूंके, याहवेह ने मिदियानियों के हर एक सैनिक की तलवार उसके साथी पर चलवा दी; ऐसा सारी सेना में हो गया. सेना ज़ेरेराह के बेथ-शित्ताह तक भागती चली गई; और आगे तब्बाथ के निकट आबेल-मेहोलाह की सीमा तक.
فَاسْتَدْعَى جِدْعُونُ رِجَالَ إِسْرَائِيلَ مِنْ نَفْتَالِي وَمِنْ أَشِيرَ وَمِنْ كُلِّ مَنَسَّى وَتَعَقَّبُوا الْمِدْيَانِيِّينَ. | ٢٣ 23 |
नफताली, आशेर तथा मनश्शेह के गोत्रों से इस्राएलियों को बुलाया गया और उन्होंने भी मिदियानियों का पीछा किया.
وَبَعَثَ جِدْعُونُ بِرُسُلٍ إِلَى كُلِّ جَبَلِ أَفْرَايِمَ قَائِلاً: «انْزِلُوا لِلِقَاءِ الْمِدْيَانِيِّينَ وَاسْتَوْلُوا عَلَى مَوَاقِعِ عُبُورِ نَهْرِ الأُرْدُنِّ عِنْدَ بَيْتِ بَارَةَ». فَاحْتَشَدَ كُلُّ رِجَالِ أَفْرَايِمَ وَاسْتَوْلَوْا عَلَى مِيَاهِ الأُرْدُنِّ عِنْدَ بَيْتِ بَارَةَ، | ٢٤ 24 |
गिदोन ने एफ्राईम के सारे पहाड़ी इलाके में यह संदेश लेकर अपने दूत भेज दिए: “आकर मिदियान पर आक्रमण करके उनसे बेथ-बाराह तथा यरदन तक के जलाशय छीन लो.” इसलिए एफ्राईम से सभी पुरुष आ गए और उन्होंने बेथ-बाराह तथा यरदन तक सारे जलाशयों पर अधिकार कर लिया.
وَأَسَرُوا قَائِدَيِ الْمِدْيَانِيِّينَ غُرَاباً وَذِئْباً، فَقَتَلُوا غُرَاباً عَلَى صَخْرَةِ غُرَابٍ، وَأَمَّا ذِئْبٌ فَقَتَلُوهُ عِنْدَ مِعْصَرَةِ ذِئْبٍ. وَتَعَقَّبُوا الْمِدْيَانِيِّينَ ثُمَّ حَمَلُوا رَأْسَي غُرَابٍ وَذِئْبٍ إِلَى جِدْعُونَ عَبْرَ نَهْرِ الأُرْدُنِّ. | ٢٥ 25 |
उन्होंने मिदियान के दो हाकिमों ओरेब तथा ज़ेब, को पकड़ लिया. जब वे मिदियानियों का पीछा कर रहे थे, ओरेब का वध ओरेब की चट्टान पर तथा ज़ेब का वध ज़ेब के दाख के कुंड पर कर दिया. उन्होंने यरदन पार से ओरेब तथा ज़ेब के सिर लाकर गिदोन के सामने रख दिए.