< يَشُوع 22 >

ثُمَّ اسْتَدْعَى يَشُوعُ الرَّأُوبَيْنِيِّينَ وَالْجَادِيِّينَ وَنِصْفَ سِبْطِ مَنَسَّى، ١ 1
उस समय यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों को बुलवाकर कहा,
وَقَالَ لَهُمْ: «لَقَدْ وَفَيْتُمْ بِكُلِّ مَا أَوْصَاكُمْ بِهِ مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ، وَأَطَعْتُمْ كَلامِي فِي كُلِّ مَا أَمَرْتُكُمْ بِهِ. ٢ 2
“जो-जो आज्ञा यहोवा के दास मूसा ने तुम्हें दी थीं वे सब तुम ने मानी हैं, और जो-जो आज्ञा मैंने तुम्हें दी हैं उन सभी को भी तुम ने माना है;
وَلَمْ تَتَخَلَّوْا عَنْ إِخْوَتِكُمْ طَوَالَ هَذِهِ الأَيَّامِ الْكَثِيرَةِ حَتَّى هَذِهِ اللَّحْظَةِ، بَلْ نَفَّذْتُمُ الْمُهِمَّةَ الَّتِي أَوْكَلَهَا إِلَيْكُمُ الرَّبُّ. ٣ 3
तुम ने अपने भाइयों को इतने दिनों में आज के दिन तक नहीं छोड़ा, परन्तु अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा तुम ने चौकसी से मानी है।
وَهَا الرَّبُّ إِلَهُكُمُ الآنَ قَدْ أَرَاحَ إِخْوَتَكُمْ كَمَا وَعَدَهُمْ، فَانْصَرِفُوا إِلَى خِيَامِكُمْ وَإِلَى أَرْضِ مِلْكِكُمُ الَّتِي وَهَبَهَا لَكُمْ مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ فِي شَرْقِيِّ الأُرْدُنِّ. ٤ 4
और अब तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे भाइयों को अपने वचन के अनुसार विश्राम दिया है; इसलिए अब तुम लौटकर अपने-अपने डेरों को, और अपनी-अपनी निज भूमि में, जिसे यहोवा के दास मूसा ने यरदन पार तुम्हें दिया है चले जाओ।
إِنَّمَا احْرِصُوا جِدّاً عَلَى مُمَارَسَةِ الْوَصِيَّةِ وَالشَّرِيعَةِ الَّتِي أَمَرَكُمْ بِها مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ، وَهِيَ أَنْ تُحِبُّوا الرَّبَّ إِلَهَكُمْ وَتَسْلُكُوا فِي كُلِّ سُبُلِهِ وَتُطِيعُوا وَصَايَاهُ وَتَتَمَسَّكُوا بِهِ وَتَعْبُدُوهُ مِنْ كُلِّ قُلُوبِكُمْ وَنُفُوسِكُمْ». ٥ 5
केवल इस बात की पूरी चौकसी करना कि जो-जो आज्ञा और व्यवस्था यहोवा के दास मूसा ने तुम को दी है उसको मानकर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो, उसके सारे मार्गों पर चलो, उसकी आज्ञाएँ मानो, उसकी भक्ति में लौलीन रहो, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी सेवा करो।”
ثُمَّ بَارَكَهُمْ يَشُوعُ وَأَطْلَقَهُمْ، فَمَضَوْا إِلَى خِيَامِهِمْ. ٦ 6
तब यहोशू ने उन्हें आशीर्वाद देकर विदा किया; और वे अपने-अपने डेरे को चले गए।
وَكَانَ مُوسَى قَدْ وَهَبَ لِنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى مِلْكاً فِي بَاشَانَ، أَمَّا نِصْفُهُ الآخَرُ فَقَدْ أَعْطَاهُمْ يَشُوعُ مِيرَاثاً مَعَ إِخْوَتِهِمْ غَرْبِيَّ نَهْرِ الأُرْدُنِّ. وَعِنْدَمَا أَطْلَقَهُمْ يَشُوعُ أَيْضاً إِلَى خِيَامِهِمْ بَارَكَهُمْ ٧ 7
मनश्शे के आधे गोत्रियों को मूसा ने बाशान में भाग दिया था; परन्तु दूसरे आधे गोत्र को यहोशू ने उनके भाइयों के बीच यरदन के पश्चिम की ओर भाग दिया। उनको जब यहोशू ने विदा किया कि अपने-अपने डेरे को जाएँ,
وَقَالَ لَهُمْ: «ارْجِعُوا إِلَى خِيَامِكُمْ بِغَنَائِمَ كَثِيرَةٍ وَبِمَوَاشٍ وَفِيرَةٍ وَبِفِضَّةٍ وَذَهَبٍ وَنُحَاسٍ وَحَدِيدٍ وَمَلابِسَ كَثِيرَةٍ جِدّاً، تَقَاسَمُوا غَنِيمَةَ أَعْدَائِكُمْ مَعَ إِخْوَتِكُمْ». ٨ 8
तब उनको भी आशीर्वाद देकर कहा, “बहुत से पशु, और चाँदी, सोना, पीतल, लोहा, और बहुत से वस्त्र और बहुत धन-सम्पत्ति लिए हुए अपने-अपने डेरे को लौट आओ; और अपने शत्रुओं की लूट की सम्पत्ति को अपने भाइयों के संग बाँट लेना।”
فَرَجَعَ أَبْنَاءُ رَأُوبَيْنَ وَأَبْنَاءُ جَادٍ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى مِنْ عِنْدِ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ شِيلُوهَ الْوَاقِعَةِ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ، إِلَى أَرْضِ جِلْعَادَ، أَرْضِ مِيرَاثِهِمِ الَّتِي امْتَلَكُوهَا حَسَبَ وَعْدِ الرَّبِّ عَلَى لِسَانِ مُوسَى. ٩ 9
तब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री इस्राएलियों के पास से, अर्थात् कनान देश के शीलो नगर से, अपनी गिलाद नामक निज भूमि में, जो मूसा के द्वारा दी गई, यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनकी निज भूमि हो गई थी, जाने की मनसा से लौट गए।
وَعِنْدَمَا وَصَلَ رِجَالُ سِبْطَيْ رَأُوبَيْنَ وَجَادٍ وَنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى حَوْضَ الأُرْدُنِّ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ، شَيَّدُوا عَلَى ضَفَّةِ نَهْرِ الأُرْدُنِّ مَذْبَحاً رَائِعَ الْمَنْظَرِ. ١٠ 10
१०और जब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री यरदन की उस तराई में पहुँचे जो कनान देश में है, तब उन्होंने वहाँ देखने के योग्य एक बड़ी वेदी बनाई।
فَقِيلَ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ: «هَا قَدْ بَنَى أَبْنَاءُ رَأُوبَيْنَ وَجَادٍ وَأَبْنَاءُ نِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى مَذْبَحاً فِي حَوْضِ نَهْرِ الأُرْدُنِّ مُقَابِلَ جَانِبِنَا مِنَ النَّهْرِ». ١١ 11
११और इसका समाचार इस्राएलियों के सुनने में आया, कि रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने कनान देश के सामने यरदन की तराई में, अर्थात् उसके उस पार जो इस्राएलियों का है, एक वेदी बनाई है।
فَاحْتَشَدَ كُلُّ رِجَالِ إِسْرَائِيلَ فِي شِيلُوهَ مُتَأَهِّبِينَ لِمُحَارَبَتِهِمْ. ١٢ 12
१२जब इस्राएलियों ने यह सुना, तबइस्राएलियों की सारी मण्डली उनसे लड़ने के लिये चढ़ाई करने को शीलो में इकट्ठी हुई।
وَأَرْسَلُوا فِينْحَاسَ بْنَ أَلِعَازَارَ الْكَاهِنَ إِلَى أَبْنَاءِ رَأُوبَيْنَ وَأَبْنَاءِ جَادٍ وَأَبْنَاءِ نِصْفِ مَنَسَّى فِي أَرْضِ جِلْعَادَ ١٣ 13
१३तब इस्राएलियों ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास गिलाद देश में एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास को,
عَلَى رَأْسِ وَفْدٍ مِنْ عَشْرَةِ زُعَمَاءَ يُمَثِّلُ كُلُّ زَعِيمٍ مِنْهُمْ سِبْطاً مِنْ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ. ١٤ 14
१४और उसके संग दस प्रधानों को, अर्थात् इस्राएल के एक-एक गोत्र में से पूर्वजों के घरानों के एक-एक प्रधान को भेजा, और वे इस्राएल के हजारों में अपने-अपने पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष थे।
وَعِنْدَمَا وَصَلُوا إِلَى جِلْعَادَ قَالُوا لَهُمْ: ١٥ 15
१५वे गिलाद देश में रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास जाकर कहने लगे,
«هَذَا مَا تَقُولُهُ لَكُمْ كُلُّ جَمَاعَةِ الرَّبِّ: مَا هَذِهِ الْخِيَانَةُ الَّتِي ارْتَكَبْتُمُوهَا فِي حَقِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ فَارْتَدَدْتُمْ عَنِ الرَّبِّ وَبَنَيْتُمْ لأَنْفُسِكُمْ مَذْبَحاً، مُتَمَرِّدِينَ بِذَلِكَ عَلَى الرَّبِّ؟ ١٦ 16
१६“यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, कि ‘तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इसमें तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है?
أَلَمْ يَكْفِنَا إِثْمُ فَغُورَ الَّذِي لَمْ نَتَطَهَّرْ مِنْهُ إِلَى هَذَا الْيَوْمِ مُنْذُ أَنْ تَفَشَّى الْوَبَأُ فِي جَمَاعَةِ الرَّبِّ، ١٧ 17
१७सुनो, पोर के विषय का अधर्म हमारे लिये कुछ कम था, यद्यपि यहोवा की मण्डली को भारी दण्ड मिला तो भी आज के दिन तक हम उस अधर्म से शुद्ध नहीं हुए; क्या वह तुम्हारी दृष्टि में एक छोटी बात है,
حَتَّى تَرْتَدُّوا أَنْتُمُ الْيَوْمَ عَنِ الرَّبِّ؟ إِذَا تَمَرَّدْتُمُ الْيَوْمَ عَلَى الرَّبِّ فَإِنَّهُ يَسْخَطُ غَداً عَلَى كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ. ١٨ 18
१८कि आज तुम यहोवा को त्याग कर उसके पीछे चलना छोड़ देते हो? क्या तुम यहोवा से फिर जाते हो, और कल वह इस्राएल की सारी मण्डली से क्रोधित होगा।
فَإِنْ كَانَتْ أَرْضُكُمْ نَجِسَةً فَتَعَالَوْا إِلَى أَرْضِ الرَّبِّ، الَّتِي نُصِبَ فِيهَا مَسْكَنُ الرَّبِّ، وَرِثُوا بَيْنَنَا، وَلَكِنْ لَا تَتَمَرَّدُوا عَلَى الرَّبِّ وَلا عَلَيْنَا بِتَشْيِيدِكُمْ لأَنْفُسِكُمْ مَذْبَحاً غَيْرَ مَذْبَحِ الرَّبِّ إِلَهِنَا. ١٩ 19
१९परन्तु यदि तुम्हारी निज भूमि अशुद्ध हो, तो पार आकर यहोवा की निज भूमि में, जहाँ यहोवा का निवास रहता है, हम लोगों के बीच में अपनी-अपनी निज भूमि कर लो; परन्तु हमारे परमेश्वर यहोवा की वेदी को छोड़ और कोई वेदी बनाकर न तो यहोवा से बलवा करो, और न हम से।
أَلَمْ يَرْتَكِبْ عَخَانُ بْنُ زَارَحَ خِيَانَةً فَسَرَقَ مَا حَرَّمَهُ اللهُ، فَانْصَبَّ السَّخَطُ عَلَى كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ وَلَمْ يَكُنْ هُوَ وَحْدَهُ فَقَطْ الَّذِي هَلَكَ مِنْ جَرَّاءِ إِثْمِهِ؟» ٢٠ 20
२०देखो, जब जेरह के पुत्र आकान ने अर्पण की हुई वस्तु के विषय में विश्वासघात किया, तब क्या यहोवा का कोप इस्राएल की पूरी मण्डली पर न भड़का? और उस पुरुष के अधर्म का प्राणदण्ड अकेले उसी को न मिला।’”
فَأَجَابَهُمْ أَبْنَاءُ رَأُوبَيْنَ وَجَادٍ وَنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى: ٢١ 21
२१तब रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुषों को यह उत्तर दिया,
«إِنَّ الرَّبَّ الْقَدِيرَ هُوَ إِلَهُ كُلِّ الآلِهَةِ؛ إِنَّ الرَّبَّ الْقَدِيرَ هُوَ إِلَهُ كُلِّ الْآلِهَةِ. هُوَ يَعْلَمُ، وَعَلَى شَعْبِ إِسْرَائِيلَ أَنْ يَعْلَمَ أَنَّنَا لَمْ نَبْنِ الْمَذْبَحَ تَمَرُّداً عَلَيْهِ أَوْ خِيَانَةً فِي حَقِّهِ وَإلَّا فَلْيُهْلِكْنَا هَذَا الْيَوْمَ، ٢٢ 22
२२“यहोवा जो ईश्वरों का परमेश्वर है, ईश्वरों का परमेश्वर यहोवा इसको जानता है, और इस्राएली भी इसे जान लेंगे, कि यदि यहोवा से फिरके या उसका विश्वासघात करके हमने यह काम किया हो, तो तू आज हमको जीवित न छोड़,
وَلْيُعَاقِبْنَا الرَّبُّ نَفْسُهُ إِنْ كُنَّا قَدْ شَيَّدْنَا هَذَا الْمَذْبَحَ لِلارْتِدَادِ عَنْهُ أَوْ لإِصْعَادِ مُحْرَقَةٍ أَوْ تَقْدِمَةٍ أَوْ تَقْرِيبِ ذَبَائِحِ سَلامٍ عَلَيْهِ. ٢٣ 23
२३यदि आज के दिन हमने वेदी को इसलिए बनाया हो कि यहोवा के पीछे चलना छोड़ दें, या इसलिए कि उस पर होमबलि, अन्नबलि, या मेलबलि चढ़ाएँ, तो यहोवा आप इसका हिसाब ले;
إِنَّمَا أَقَمْنَاهُ خَوْفاً مِنْ أَنْ يَقُولَ يَوْماً أَوْلادُكُمْ لأَوْلادِنَا: بِأَيِّ حَقٍّ تَعْبُدُونَ الرَّبَّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ؟ ٢٤ 24
२४परन्तु हमने इसी विचार और मनसा से यह किया है कि कहीं भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने लगे, ‘तुम को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से क्या काम?
لَقَدْ جَعَلَ الرَّبُّ نَهْرَ الأُرْدُنِّ حَدّاً فَاصِلاً بَيْنَكُمْ وَبَيْنَنَا يَا أَبْنَاءَ سِبْطَيْ رَأُوبَيْنَ وَجَادٍ، فَلَيْسَ لَكُمْ نَصِيبٌ فِي الرَّبِّ، وَبِذَلِكَ يَثْنِي أَوْلادُكُمْ أَوْلادَنَا عَنْ تَقْوَى الرَّبِّ. ٢٥ 25
२५क्योंकि, हे रूबेनियों, हे गादियो, यहोवा ने जो हमारे और तुम्हारे बीच में यरदन को सीमा ठहरा दिया है, इसलिए यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं है।’ ऐसा कहकर तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान में से यहोवा का भय छुड़ा देगी।
وَذَلِكَ مَا جَعَلَنَا نَقُولُ: هَيَّا نَبْنِي مَذْبَحاً، لَا لِنُقَدِّمَ عَلَيْهِ مُحْرَقَةً أَوْ ذَبِيحَةً، ٢٦ 26
२६इसलिए हमने कहा, ‘आओ, हम अपने लिये एक वेदी बना लें, वह होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं,
إِنَّمَا لِيَكُونَ شَاهِداً بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ وَبَيْنَ أَجْيَالِنَا الْقَادِمَةِ بَعْدَنَا، بِأَنَّنَا نَعْبُدُ الرَّبَّ بِذَبَائِحِنَا وَمُحْرَقَاتِنَا وَتَقْدِمَاتِ سَلامِنَا، فَلا يَقُولُ أَبْنَاؤُكُمْ غَداً لأَبْنَائِنَا: لَيْسَ لَكُمْ نَصِيبٌ فِي الرَّبِّ. ٢٧ 27
२७परन्तु इसलिए कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिए कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।’
وَقُلْنَا: إِذَا حَدَثَ وَقَالُوا ذَلِكَ لأَجْيَالِنَا غَداً، أَنَّهُمْ يُجِيبُونَهُمْ: انْظُرُوا شِبْهَ مَذْبَحِ الرَّبِّ الَّذِي شَيَّدَهُ آبَاؤُنَا، لَا لِلْمُحْرَقَةِ وَلا لِلذَّبِيحَةِ، بَلْ لِيَكُونَ شَاهِداً بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ. ٢٨ 28
२८इसलिए हमने कहा, ‘जब वे लोग भविष्य में हम से या हमारे वंश से यह कहने लगें, तब हम उनसे कहेंगे, कि यहोवा के वेदी के नमूने पर बनी हुई इस वेदी को देखो, जिसे हमारे पुरखाओं ने होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं बनाया; परन्तु इसलिए बनाया था कि हमारे और तुम्हारे बीच में साक्षी का काम दे।’
فَحَاشَا لَنَا أَنْ نَتَمَرَّدَ عَلَى الرَّبِّ وَنَرْتَدَّ عَنْهُ بِبِنَاءِ مَذْبَحٍ لِلْمُحْرَقَةِ أَوِ التَّقْدِمَةِ أَوِ الذَّبِيحَةِ غَيْرَ مَذْبَحِ الرَّبِّ إِلَهِنَا الْقَائِمِ أَمَامَ مَسْكَنِهِ». ٢٩ 29
२९यह हम से दूर रहे कि यहोवा से फिरकर आज उसके पीछे चलना छोड़ दें, और अपने परमेश्वर यहोवा की उस वेदी को छोड़कर जो उसके निवास के सामने है होमबलि, और अन्नबलि, या मेलबलि के लिये दूसरी वेदी बनाएँ।”
فَلَمَّا سَمِعَ فِينْحَاسُ الْكَاهِنُ وَقَادَةُ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ الْمُرَافِقِينَ لَهُ مَا أَجَابَ بِهِ أَبْنَاءُ سِبْطَيْ رَأُوبَيْنَ وَجَادٍ وَأَبْنَاءُ نِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى، حَظِيَ ذَلِكَ بِرِضَاهُمْ. ٣٠ 30
३०रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों की इन बातों को सुनकर पीनहास याजक और उसके संग मण्डली के प्रधान, जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुष थे, वे अति प्रसन्न हुए।
فَقَالَ فِينْحَاسُ بْنُ أَلِعَازَارَ الْكَاهِنُ لَهُمْ: «الْيَوْمَ عَرَفْنَا أَنَّ الرَّبَّ بَيْنَنَا، لأَنَّكُمْ لَمْ تَرْتَكِبُوا هَذِهِ الْخِيَانَةَ بِحَقِّهِ، وَبِذَلِكَ أَنْقَذْتُمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ عِقَابِ الرَّبِّ». ٣١ 31
३१और एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शेइयों से कहा, “तुम ने जो यहोवा का ऐसा विश्वासघात नहीं किया, इससे आज हमने यह जान लिया कि यहोवा हमारे बीच में है: और तुम लोगों ने इस्राएलियों को यहोवा के हाथ से बचाया है।”
وَرَجَعَ فِينْحَاسُ بْنُ أَلِعَازَارَ الْكَاهِنُ وَالرُّؤَسَاءُ عَائِدِينَ مِنْ أَرْضِ جِلْعَادَ إِلَى أَرْضِ كَنْعَانَ حَيْثُ يُقِيمُ الإِسْرَائِيلِيُّونَ وَأَخْبَرُوهُمْ بِجَوَابِهِمْ. ٣٢ 32
३२तब एलीआजर याजक का पुत्र पीनहास प्रधानों समेत रूबेनियों और गादियों के पास से गिलाद होते हुए कनान देश में इस्राएलियों के पास लौट गया: और यह वृत्तान्त उनको कह सुनाया।
فَاغْتَبَطَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ وَبَارَكُوا الرَّبَّ وَتَخَلَّوْا عَنْ فِكْرَةِ مُحَارَبَةِ الرَّأُوبَيْنِيِّينَ وَالْجَادِيِّينَ وَتَخْرِيبِ أَرْضِهِمْ. ٣٣ 33
३३तब इस्राएली प्रसन्न हुए; और परमेश्वर को धन्य कहा, और रूबेनियों और गादियों से लड़ने और उनके रहने का देश उजाड़ने के लिये चढ़ाई करने की चर्चा फिर न की।
وَسَمَّى بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادٍ الْمَذْبَحَ «الشَّاهِدَ» لأَنَّهُمْ قَالُوا إِنَّهُ شَاهِدٌ بَيْنَنَا بِأَنَّ الرَّبَّ هُوَ إِلَهُنَا. ٣٤ 34
३४और रूबेनियों और गादियों ने यह कहकर, “यह वेदी हमारे और उनके मध्य में इस बात की साक्षी ठहरी है, कि यहोवा ही परमेश्वर है;” उस वेदी का नाम एद रखा।

< يَشُوع 22 >