< يوحنَّا 12 >
وَقَبْلَ الْفِصْحِ بِسِتَّةِ أَيَّامٍ جَاءَ يَسُوعُ إِلَى بَيْتَ عَنْيَا، بَلْدَةِ لِعَازَرَ الَّذِي أَقَامَهُ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ. | ١ 1 |
यीशु फसह को त्यौहार सी छे दिन पहिले बैतनिय्याह गांव म आयो जित लाजर होतो, जेक यीशु न मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो।
فَأُقِيمَتْ لَهُ وَلِيمَةُ عَشَاءٍ، وَأَخَذَتْ مَرْثَا تَخْدِمُ، وَكَانَ لِعَازَرُ أَحَدَ الْمُتَّكِئِينَ مَعَهُ. | ٢ 2 |
उत उन्न ओको लायी भोजन तैयार करयो; अऊर मार्था सेवा करत होती, अऊर लाजर उन्म सी एक होतो जो ओको संग जेवन करन लायी बैठ्यो होतो।
فَأَخَذَتْ مَرْيَمُ مَناً (أَيْ ثُلْثَ لِتْرٍ) مِنْ عِطْرِ النَّارِدِينِ الْخَالِصِ الْغَالِي الثَّمَنِ، وَدَهَنَتْ بِهِ قَدَمَيْ يَسُوعَ، ثُمَّ مَسَحَتْهُمَا بِشَعْرِهَا، فَمَلأَتِ الرَّائِحَةُ الطَّيِّبَةُ أَرْجَاءَ الْبَيْتِ كُلِّهِ. | ٣ 3 |
तब मरियम न जटामांसी को अरधो लीटर बहुत कीमती अत्तर ले क यीशु को पाय पर डाल्यो, अऊर अपनो बालों सी ओको पाय पोछ्यो; अऊर अत्तर की सुगन्ध सी घर सुगन्धित भय गयो।
فَقَالَ أَحَدُ التَّلامِيذِ، وَهُوَ يَهُوذَا الإِسْخَريُوطِيُّ، الَّذِي كَانَ سَيَخُونُ يَسُوعَ: | ٤ 4 |
पर ओको चेलावों म सी यहूदा इस्करियोती नाम को एक चेला जो ओख पकड़वान पर होतो, कहन लग्यो,
«لِمَاذَا لَمْ يُبَعْ هَذَا الْعِطْرُ بِثَلاثِ مِئَةِ دِينَارٍ تُوَزَّعُ عَلَى الْفُقَرَاءِ؟» | ٥ 5 |
“यो अत्तर तीन सौ चांदी को सिक्का म बेच क गरीबों ख कहाली नहीं दियो गयो?”
وَلَمْ يَقُلْ هَذَا لأَنَّهُ كَانَ يَعْطِفُ عَلَى الْفُقَرَاءِ، بَلْ لأَنَّهُ كَانَ لِصّاً، فَقَدْ كَانَ أَمِيناً لِلصُّنْدُوقِ وَكَانَ يَخْتَلِسُ مِمَّا يُوْدَعُ فِيهِ. | ٦ 6 |
ओन या बात येकोलायी नहीं कहीं कि ओख गरीबों की चिन्ता होती पर येकोलायी कि ऊ चोर होतो, अऊर ओको जवर उन्की पैसा कि झोली रहत होती अऊर ओको म जो कुछ डाल्यो जात होतो, ऊ निकाल लेत होतो।
فَأَجَابَهُ يَسُوعُ: «دَعْهَا! فَقَدِ احْتَفَظَتْ بِهَذَا الْعِطْرِ لِيَوْمِ دَفْنِي، | ٧ 7 |
यीशु न कह्यो, “ओख रहन दे। ओख यो मोरो गाड़्यो जान को दिन लायी रखन दे।
لأَنَّ الْفُقَرَاءَ عِنْدَكُمْ فِي كُلِّ حِينٍ؛ أَمَّا أَنَا فَلَنْ أَكُونَ عِنْدَكُمْ فِي كُلِّ حِينٍ». | ٨ 8 |
कहालीकि गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हंय, पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रहूं।”
وَعَلِمَ كَثِيرُونَ مِنَ الْيَهُودِ أَنَّ يَسُوعَ فِي بَيْتَ عَنْيَا، فَجَاءُوا لَا لِيَرَوْا يَسُوعَ فَقَطْ، بَلْ لِيَرَوْا أَيْضاً لِعَازَرَ الَّذِي أَقَامَهُ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ. | ٩ 9 |
जब यहूदियों की बड़ी भीड़ जान गयी कि ऊ उत हय, त हि नहीं केवल यीशु को वजह आयो पर येकोलायी भी कि लाजर ख देखे, जेक ओन मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो।
فَقَرَّرَ رُؤَسَاءُ الْكَهَنَةِ أَنْ يَقْتُلُوا لِعَازَرَ أَيْضاً، | ١٠ 10 |
तब मुख्य याजकों न लाजर ख भी मार डालन को साजीश रच्यो।
لأَنَّ كَثِيرِينَ مِنَ الْيَهُودِ كَانُوا يَهْجُرُونَهُمْ بِسَبَبِهِ وَيُؤْمِنُونَ بِيَسُوعَ. | ١١ 11 |
कहालीकि ओको वजह बहुत सो यहूदी चली गयो अऊर यीशु पर विश्वास करयो।
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي، عَرَفَ الْجُمْهُورُ الْكَبِيرُ الَّذِي جَاءَ إِلَى العِيدِ أَنَّ يَسُوعَ قَادِمٌ إِلَى أُورُشَلِيمَ. | ١٢ 12 |
दूसरों दिन बहुत सो लोगों न जो त्यौहार म आयो होतो यो सुन्यो कि यीशु यरूशलेम म आय रह्यो हय।
فَحَمَلُوا سَعَفَ النَّخْلِ وَخَرَجُوا لاِسْتِقْبَالِهِ هَاتِفِينَ: «أُوصَنَّا! تَبَارَكَ الآتِي بِاسْمِ الرَّبِّ! إِنَّهُ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ!» | ١٣ 13 |
येकोलायी उन्न खजूर की डगाली धरी अऊर ओको सी भेंट करन ख निकल्यो, अऊर पुकारन लग्यो, “परमेश्वर की महिमा हो! धन्य इस्राएल को राजा, जो प्रभु को नाम सी आवय हय।”
وَوَجَدَ يَسُوعُ جَحْشاً فَرَكِبَ عَلَيْهِ، كَمَا قَدْ كُتِبَ: | ١٤ 14 |
जब यीशु ख गधा को एक बछड़ा मिल्यो; त ऊ ओको पर बैठ गयो, जसो लिख्यो हय,
«لا تَخَافِي يَا بِنْتَ صِهْيَوْنَ، فَإِنَّ مَلِكَكِ قَادِمٌ إِلَيْكِ رَاكِباً عَلَى جَحْشِ أَتَانٍ». | ١٥ 15 |
“हे सिय्योन की बेटी, मत डर; देख, तोरो राजा गधा को बछड़ा पर सवार हुयो आवय हय।”
وَلَمْ يُدْرِكْ تَلامِيذُ يَسُوعَ أَوَّلَ الأَمْرِ أَنَّ هَذَا إِتْمَامٌ لِلنُّبُوءَةِ. وَلكِنْ بَعْدَمَا تَمَجَّدَ يَسُوعُ تَذَكَّرُوا أَنَّ الْكِتَابَ قَالَ هَذَا عَنْهُ، وَأَنَّهُمْ فَعَلُوا هَذَا مِنْ أَجْلِهِ. | ١٦ 16 |
ओको चेलावों या बाते पहिले नहीं समझ्यो होतो, पर जब यीशु की महिमा प्रगट भयी त उन्ख याद आयो कि या बाते ओको बारे म लिख्यो हुयी होती अऊर लोगों न ओको सी योच तरह को व्यवहार करयो होतो।
وَالْجَمْعُ الَّذِينَ كَانُوا مَعَهُ حِينَ دَعَا لِعَازَرَ مِنَ الْقَبْرِ وَأَقَامَهُ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ، كَانُوا يَشْهَدُونَ لَهُ بِذَلِكَ. | ١٧ 17 |
तब भीड़ को उन लोगों न गवाही दी, जो ऊ समय ओको संग होतो, जब ओन लाजर ख कब्र म सी बुलाय क मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो।
وَلِذلِكَ خَرَجَتِ الْجُمُوعُ لاِسْتِقْبَالِهِ، لأَنَّهُمْ سَمِعُوا أَنَّهُ أَجْرَى تِلْكَ الآيَةَ. | ١٨ 18 |
योच वजह लोग ओको सी मिलन आयो होतो कहालीकि उन्न सुन्यो होतो कि ओन यो आश्चर्य चिन्ह दिखायो हय।
فَقَالَ الْفَرِّيسِيُّونَ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ: «أَرَأَيْتُمْ كَيْفَ أَنَّكُمْ لَمْ تَسْتَفِيدُوا شَيْئاً؟ هَا قَدِ انْطَلَقَ الْعَالَمُ كُلُّهُ وَرَاءَهُ!» | ١٩ 19 |
तब फरीसियों न आपस म कह्यो, “सोचो त सही कि तुम सी कुछ नहीं बन पड़य। देखो, जगत ओको पीछू चलन लग्यो हय।”
وَكَانَ بَيْنَ الَّذِينَ قَصَدُوا أُورُشَلِيمَ لِلْعِبَادَةِ فِي أَثْنَاءِ الْعِيدِ بَعْضُ الْيُونَانِيِّينَ، | ٢٠ 20 |
जो लोग ऊ त्यौहार म आराधना करन आयो होतो उन्म सी कुछ गैरयहूदियों होतो।
فَذَهَبُوا إِلَى فِيلِبُّسَ، وَهُوَ مِنْ بَيْتَ صَيْدَا فِي مِنْطَقَةِ الْجَلِيلِ، وَقَالُوا لَهُ: «يَا سَيِّدُ، نُرِيدُ أَنْ نَرَى يَسُوعَ». | ٢١ 21 |
उन्न गलील प्रदेश को बैतसैदा नगर को रहन वालो फिलिप्पुस को जवर आय क ओको सी बिनती करी, “महाराज, हम यीशु ख देखनो चाहजे हंय।”
فَجَاءَ فِيلِبُّسُ وَأَخْبَرَ أَنْدَرَاوُسَ، ثُمَّ ذَهَبَا مَعاً وَأَخْبَرَا يَسُوعَ. | ٢٢ 22 |
फिलिप्पुस न आय क अन्द्रियास सी कह्यो, तब अन्द्रियास अऊर फिलिप्पुस न जाय क यीशु सी कह्यो।
فَقَالَ يَسُوعُ لَهُمَا: «قَدِ اقْتَرَبَتْ سَاعَةُ تَمْجِيدِ ابْنِ الإِنْسَانِ. | ٢٣ 23 |
येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “ऊ समय आय गयो हय कि आदमी को बेटा की महिमा हो।
الْحَقَّ الْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ حَبَّةَ الْحِنْطَةِ تَبْقَى وَحِيدَةً إِنْ لَمْ تَقَعْ فِي الأَرْضِ وَتَمُتْ. أَمَّا إِذَا مَاتَتْ، فَإِنَّهَا تُنْتِجُ حَبّاً كَثِيراً. | ٢٤ 24 |
मय तुम सी सच सच कहू हय कि जब तक गहूं को बीजा जमीन म गिड़ क मर नहीं जावय, ऊ अकेलो रह्य हय; पर जब मर जावय हय, त बहुत फर लावय हय।
مَنْ يَتَمَسَّكْ بِحَيَاتِهِ، يَخْسَرْهَا. وَمَنْ نَبَذَهَا فِي هَذَا الْعَالَمِ يُوَفِّرُهَا لِلْحَيَاةِ الأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) | ٢٥ 25 |
जो अपनो जीव ख प्रिय जानय हय, ऊ ओख खोय देवय हय; अऊर जो यो जगत म अपनो जीव ख अप्रिय जानय हय, ऊ अनन्त जीवन लायी ओकी रक्षा करेंन। (aiōnios )
مَنْ أَرَادَ أَنْ يَخْدِمَنِي فَلْيَتْبَعْنِي. وَحَيْثُ أَكُونُ أَنَا يَكُونُ خَادِمِي أَيْضاً. وَكُلُّ مَنْ يَخْدِمْنِي يُكْرِمْهُ أَبِي. | ٢٦ 26 |
यदि कोयी मोरी सेवा करे, त मोरो पीछू होय जा; अऊर जित मय हय, उत मोरो सेवक भी होयेंन। यदि कोयी मोरी सेवा करेंन, त बाप ओको आदर करेंन।
نَفْسِي الآنَ مُضْطَرِبَةٌ، فَمَاذَا أَقُولُ؟ أَيُّهَا الآبُ أَنْقِذْنِي مِنَ السَّاعَةِ الْقَادِمَةِ عَلَيَّ؟ لا! فَمِنْ أَجْلِ هذِهِ السَّاعَةِ أَتَيْتُ. | ٢٧ 27 |
“अब मोरो जीव परेशान हय। येकोलायी अब मय का कहूं? ‘हे पिता, मोख या घड़ी सी बचाव?’ असो नहीं पर मय योच वजह सी यो घड़ी तक पहुंच्यो हय।
أَيُّهَا الآبُ، مَجِّدِ اسْمَكَ!» فَإِذَا صَوْتٌ مِنَ السَّمَاءِ يُجِيبُ: «قَدْ مَجَّدْتُهُ وَسَأُمَجِّدُهُ أَيْضاً». | ٢٨ 28 |
हे पिता, अपनो नाम की महिमा कर।” तब यो स्वर्ग सी आवाज भयी। “मय न ओकी महिमा करी हय, अऊर फिर भी करू।”
فَقَالَ بَعْضُ الْحَاضِرِينَ مِمَّنْ سَمِعُوا الصَّوْتَ: «هَذَا صَوْتُ رَعْدٍ!» وَلكِنَّ غَيْرَهُمْ قَالُوا: «حَدَّثَهُ مَلاكٌ». | ٢٩ 29 |
तब जो लोग खड़ो हुयो सुन रह्यो होतो उन्न कह्यो कि बादर गरज्यो। दूसरों न कह्यो, “कोयी स्वर्गदूत ओको सी बोल्यो।”
فَأَجَابَ يَسُوعُ: «لَمْ يَكُنْ هَذَا الصَّوْتُ لأَجْلِي بَلْ لأَجْلِكُمْ. | ٣٠ 30 |
येको पर यीशु न कह्यो, “यो शब्द मोरो लायी नहीं, पर तुम्हरो लायी आयो हय।
الآنَ وَقْتُ الْحُكْمِ عَلَى هَذَا الْعَالَمِ! الآنَ يُطْرَدُ سَيِّدُ هَذَا الْعَالَمِ خَارِجاً! | ٣١ 31 |
अब यो जगत को न्याय होवय हय, अब यो जगत को शासक निकाल दियो जायेंन;
وَحِينَ أَرْتَفِعُ عَنِ الأَرْضِ أَجْذِبُ إِلَيَّ الْجَمِيعَ». | ٣٢ 32 |
अऊर मय यदि धरती पर सी ऊचो पर चढ़ायो जाऊं, त सब ख अपनो जवर खीचूं।”
قَالَ هَذَا مُشِيراً إِلَى الْمِيتَةِ الَّتِي سَيَمُوتُهَا. | ٣٣ 33 |
असो कह्य क ओन यो प्रगट कर दियो कि ऊ कसो मृत्यु सी मरेंन।
فَقَالَ بَعْضُ الْحَاضِرِينَ: «عَلَّمَتْنَا الشَّرِيعَةُ أَنَّ الْمَسِيحَ يَبْقَى حَيًّا إِلَى الأَبَدِ، فَكَيْفَ تَقُولُ إِنَّ ابْنَ الإِنْسَانِ لابُدَّ أَنْ يُعَلَّقَ؟ مَنْ هُوَ ابْنُ الإِنْسَانِ هَذَا؟» (aiōn ) | ٣٤ 34 |
येको पर लोगों न ओको सी कह्यो, “हम न व्यवस्था की या बात सुनी हय कि मसीह हमेशा रहेंन, तब तय कहाली कह्य हय कि आदमी को बेटा ख ऊचो पर चढ़ायो जानो जरूरी हय? यो आदमी को बेटा कौन आय?” (aiōn )
فَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «النُّورُ بَاقٍ مَعَكُمْ وَقْتاً قَصِيراً. فَوَاصِلُوا سَيْرَكُمْ مَادَامَ النُّورُ يُشْرِقُ عَلَيْكُمْ، لِئَلّا يُطْبِقَ عَلَيْكُمُ الظَّلامُ، فَإِنَّ الَّذِي يَمْشِي فِي الظَّلامِ لَا يَعْلَمُ أَيْنَ يَذْهَبُ. | ٣٥ 35 |
यीशु न उन्को सी कह्यो, “ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हरो बीच म हय। जब तक ज्योति तुम्हरो संग हय तब तक चलतो रहो, असो नहीं होय कि अन्धारो तुम्ख आय घेरे; जो अन्धारो म चलय हय ऊ नहीं जानय कि कित जावय हय।
آمِنُوا بِالنُّورِ مَادَامَ النُّورُ مَعَكُمْ، فَتَصِيرُوا أَبْنَاءَ النُّورِ». وَبَعْدَمَا قَالَ يَسُوعُ هَذَا، ذَهَبَ وَأَخْفَى نَفْسَهُ عَنْهُمْ. | ٣٦ 36 |
जब तक ज्योति तुम्हरो संग हय, ज्योति पर विश्वास करो ताकि तुम ज्योति की सन्तान बनो।” या बाते कह्य क यीशु चली गयो अऊर उन्को सी लूक्यो रह्यो।
وَمَعَ أَنَّهُ أَجْرَى أَمَامَهُمْ آيَاتٍ كَثِيرَةً جِدّاً، لَمْ يُؤْمِنُوا بِهِ، | ٣٧ 37 |
ओन उन्को आगु इतनो आश्चर्य को चिन्ह दिखायो, तब भी उन्न ओको पर विश्वास नहीं करयो;
لِيَتِمَّ قَوْلُ النَّبِيِّ إِشَعْيَاءَ: «يَا رَبُّ مَنْ آمَنَ بِكَلامِنَا؟ وَلِمَنْ ظَهَرَتْ يَدُ الرَّبِّ؟» | ٣٨ 38 |
ताकि यशायाह भविष्यवक्ता को वचन पूरो होय जो ओन कह्यो: “हे प्रभु, हमरो समाचार को कौन न विश्वास करयो हय? अऊर प्रभु को भुजबल कौन्को पर प्रगट भयो हय?”
فَلَمْ يَسْتَطِيعُوا أَنْ يُؤْمِنُوا، لأَنَّ إِشَعْيَاءَ قَالَ أَيْضاً: | ٣٩ 39 |
यो वजह हि विश्वास नहीं कर सक्यो, कहालीकि यशायाह न यो भी कह्यो हय:
«أَعْمَى عُيُونَهُمْ وَقَسَّى قُلُوبَهُمْ، لِئَلّا يُبْصِرُوا بِعُيُونِهِمْ وَيَفْهَمُوا بِقُلُوبِهِمْ، وَيَتُوبُوا فَأَشْفِيَهُمْ». | ٤٠ 40 |
“ओन उन्की आंखी अन्धो, अऊर उन्को मन कठोर कर दियो हय; कहीं असो नहीं होय कि हि आंखी सी देखे, अऊर मन सी समझे, अऊर मोरो तरफ फिरे, अऊर मय उन्ख चंगो करू।”
وَقَدْ قَالَ إِشَعْيَاءُ هَذَا عِنْدَمَا رَأَى مَجْدَ الرَّبِّ فَتَحَدَّثَ عَنْهُ. | ٤١ 41 |
यशायाह न या बात येकोलायी कहीं कि ओन ओकी महिमा देखी, अऊर ओन ओको बारे म बाते करी।
وَمَعَ ذلِكَ فَإِنَّ كَثِيرِينَ مِنَ الرُّؤَسَاءِ آمَنُوا بِيَسُوعَ، دُونَ أَنْ يُجَاهِرُوا بِإِيمَانِهِمْ، مَخَافَةَ أَنْ يُحْكَمَ عَلَيْهِمْ بِالطَّرْدِ مِنَ الْمَجْمَعِ، | ٤٢ 42 |
तब भी अधिकारियों म सी बहुत सो न ओको पर विश्वास करयो, पर फरीसियों को वजह प्रगट म नहीं मानत होतो, कहीं असो नहीं होय कि हि आराधनालयों म सी निकाल दियो जायेंन:
مُفَضِّلِينَ الْمَجْدَ الآتِي مِنَ النَّاسِ عَلَى الْمَجْدِ الآتِي مِنَ اللهِ. | ٤٣ 43 |
कहालीकि आदमियों को तरफ सी बड़ायी उन्ख परमेश्वर को तरफ सी बड़ायी की अपेक्षा बहुत प्रिय लगत होती।
فَقَالَ يَسُوعُ بِصَوْتٍ عَالٍ: «مَنْ يُؤْمِنْ بِي، فَهُوَ يُؤْمِنُ لَا بِي أَنَا بَلْ بِالَّذِي أَرْسَلَنِي، | ٤٤ 44 |
यीशु न पुकार क कह्यो, “जो मोर पर विश्वास करय हय, ऊ मोरो पर नहीं बल्की मोरो भेजन वालो पर विश्वास करय हय।
وَمَنْ رَآنِي، رَأَى الَّذِي أَرْسَلَنِي | ٤٥ 45 |
अऊर जो मोख देखय हय, ऊ मोरो भेजन वालो ख देखय हय।
جِئْتُ إِلَى الْعَالَمِ نُوراً، لِكَيْ لَا يَبْقَى فِي الظَّلامِ كُلُّ مَنْ آمَنَ بِي. | ٤٦ 46 |
मय जगत म ज्योति होय क आयो हय, ताकि जो कोयी मोरो पर विश्वास करेंन ऊ अन्धारो म नहीं रहेंन।
وَإذَا سَمِعَ أَحَدٌ كَلامِي وَلَمْ يُؤْمِنْ بِهِ، فَأَنَا لَا أَحْكُمُ عَلَيْهِ، فَقَدْ جِئْتُ لَا لأَحْكُمَ عَلَى الْعَالَمِ، بَلْ لأُخَلِّصَ الْعَالَمَ. | ٤٧ 47 |
यदि कोयी मोरी बाते सुन्क नहीं मानेंन, त मय ओख दोषी नहीं ठहराऊ; कहालीकि मय जगत ख दोषी ठहरान लायी नहीं, पर जगत को उद्धार करन लायी आयो हय।
فَالَّذِي يَرْفُضُنِي وَلا يَقْبَلُ كَلامِي، لَهُ مَنْ يَحْكُمُ عَلَيْهِ: فَإِنَّ الْكَلِمَةَ الَّتِي قُلْتُهَا هِيَ تَحْكُمُ عَلَيْهِ فِي الْيَوْمِ الأَخِيرِ؛ | ٤٨ 48 |
जो मोख बेकार जानय हय अऊर मोरी बाते स्वीकार नहीं करय हय ओख दोषी ठहरान वालो त एक हय: यानेकि जो वचन मय न कह्यो हय, उच पिछलो दिन म ओख दोषी ठहरायेंन।
لأَنِّي لَمْ أَتَكَلَّمْ بِشَيْءٍ مِنْ عِنْدِي، بَلْ أَقُولُ مَا أَوْصَانِي بِهِ الآبُ الَّذِي أَرْسَلَنِي | ٤٩ 49 |
कहालीकि मय न अपनी तरफ सी बाते नहीं करी; पर बाप जेन मोख भेज्यो हय ओन मोख आज्ञा दी हय कि का का कहूं अऊर का का बोलू?
وَأَنَا أَعْلَمُ أَنَّ وَصِيَّتَهُ هِيَ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ: فَإِنَّ مَا أَقُولُهُ مِنْ كَلامٍ، أَقُولُهُ كَمَا قَالَهُ لِيَ الآبُ». (aiōnios ) | ٥٠ 50 |
अऊर मय जानु हय कि ओकी आज्ञा अनन्त जीवन आय। येकोलायी मय जो कुछ बोलू हय, ऊ जसो बाप न मोरो सी कह्यो हय वसोच बोलू हय।” (aiōnios )