< إرْمِيا 48 >
نُبُوءَةٌ عَنِ الْمُوَآبِيِّينَ: هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ الْقَدِيرُ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: «وَيْلٌ لِنَبُو لأَنَّهَا أَصْبَحَتْ أَطْلالاً. لَحِقَ الْعَارُ بِقَرْيَتَايِمَ وَتَمَّ الاسْتِيلاءُ عَلَيْهَا. خَزِيَ الْحِصْنُ وَارْتَعَبَ. | ١ 1 |
मोआब के विषय में ज़आबोथ याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: “धिक्कार है नेबो पर, क्योंकि यह नष्ट हो चुका है. किरयथियों को लज्जित किया गया है, इसे अधीन कर लिया गया है; उच्चस्थ गढ़नगर को लज्जित कर दिया गया है. अब वह चूर-चूर हो चुका है.
زَالَ فَخْرُ مُوآبَ وَتَآمَرُوا فِي حَشْبُونَ عَلَيْهَا شَرّاً قَائِلِينَ: هَيَّا نَهْدِمُهَا فَلا تَكُونُ أُمَّةً بَعْدُ. وَأَنْتِ أَيْضاً يَا مَدْمِينُ، يُهَيْمِنُ عَلَيْكِ صَمْتُ الْمَوْتِ وَيُلاحِقُكِ السَّيْفُ. | ٢ 2 |
मोआब की अब ख्याति धूल में जा पड़ी है; उन्होंने हेशबोन के विरुद्ध विपत्ति योजित की है: ‘आओ, हम राष्ट्र के रूप में उसका अस्तित्व ही मिटा दें.’ मदमेन तुम्हारा स्वर भी शांत कर दिया जाएगा; तलवार तुम्हारा पीछा करेगी.
اسْمَعُوا صَوْتَ صُرَاخٍ مِنْ حُورُونَايِمَ: قَدْ حَلَّ بِنَا هَلاكٌ وَدَمَارٌ عَظِيمَانِ. | ٣ 3 |
होरोनयिम से विलाप सुनाई पड़ रहा है, विनाश और पूरा विध्वंस.
قَدْ تَحَطَّمَتْ مُوآبُ، وَبَلَغَ صُرَاخُهَا صُوغَرَ. | ٤ 4 |
मोआब भंग हो चुका है; उसके बालक पीड़ा में विलाप कर रहे हैं.
إِذْ عَلَى مُرْتَفَعِ لُوحِيتَ يَصْعَدُونَ بَاكِينَ بِمَرَارَةٍ، وَعَلَى مُنْحَدَرِ حُورُونَايِمَ يَتَرَدَّدُ صُرَاخُ الانْكِسَارِ. | ٥ 5 |
वे लूहीत की चढ़ाई पर, सदा रोते हुए चढ़ते जाएंगे; क्योंकि उन्होंने होरोनयिम की ढाल पर विनाश का विलाप सुन लिया है.
اهْرُبُوا وَانْجُوا بِأَنْفُسِكُمْ. كُونُوا كَعَرْعَرٍ فِي الْبَرِّيَّةِ. | ٦ 6 |
अपने प्राण बचाकर भागो; कि तुम मरुभूमि में धूप चन्दन झाड़ी सदृश हो जाओ.
لأَنَّكُمُ اتَّكَلْتُمْ عَلَى أَعْمَالِكُمْ وَكُنُوزِكُمْ، سَتُسْبَوْنَ أَيْضاً وَيَقَعُ الصَّنَمُ كَمُوشُ أَيْضاً أَسِيراً وَيُؤْخَذُ إِلَى الْمَنْفَى مَعَ كَهَنَتِهِ وَرُؤَسَائِهِ. | ٧ 7 |
क्योंकि तुमने अपनी ही उपलब्धियों तथा अपनी ही निधियों पर भरोसा किया है, यहां तक कि तुम स्वयं भी बंदी बना लिए जाओगे, खेमोश बंदी किया जाएगा, तथा उसके साथ होंगे उसके पुरोहित तथा अधिकारी.
وَيَزْحَفُ الْمُدَمِّرُ إِلَى كُلِّ مَدِينَةٍ، فَلا تُفْلِتُ مِنْهُ إِحْدَاهَا، فَيَبِيدُ الْوَادِي، وَيَتْلَفُ السَّهْلُ، لأَنَّ الرَّبَّ قَدْ قَضَى. | ٨ 8 |
एक विनाशक हर एक नगर में जाएगा, एक भी नगर बच न सकेगा. घाटी भी नष्ट हो जाएगी तथा पठार भी कुछ न रहेगा, ठीक जैसी याहवेह की पूर्ववाणी थी.
أَعْطُوا مُوآبَ أَجْنِحَةً، فَيُحَلِّقَ طَائِراً. قَدْ أَصْبَحَتْ مُدُنُهُ أَطْلالاً مَهْجُورَةً مِنَ النَّاسِ. | ٩ 9 |
मोआब को पंख प्रदान किए जाएं, कि वह उड़कर दूर चला जाए; क्योंकि उसके नगर उजाड़ हो जाएंगे, और कोई भी उनमें निवास न करेगा.
مَلْعُونٌ مَنْ يَقُومُ بِعَمَلِ الرَّبِّ مُتَهَاوِناً، وَمَلْعُونٌ مَنْ حَظَرَ عَلَى سَيْفِهِ الدَّمَ. | ١٠ 10 |
“शापित होगा वह व्यक्ति, जो याहवेह का कार्य उपेक्षा के भाव से करता है! तथा शापित वह भी होगा, जो अपनी तलवार को रक्तपात से बचाए रखता है!
قَدْ قَضَى مُوآبُ حَيَاةً مُتْرَفَةً مُنْذُ حَدَاثَتِهِ، كَالْخَمْرِ الْمُسْتَقِرِّ عَلَى عَكَرِهِ. لَمْ يُفْرَغْ مِنْ إِنَاءٍ إِلَى إِنَاءٍ، وَلَمْ يَذْهَبْ إِلَى السَّبْيِ قَطُّ لِذَلِكَ ظَلَّ مُحْتَفِظاً بِطَعْمِهِ وَلَمْ تَتَغَيَّرْ رَائِحَتُهُ. | ١١ 11 |
“बचपन ही से मोआब सुख-शांति की अवस्था में रहा है, कभी उसकी शांति भंग नहीं की गई, जैसे द्राक्षालता अपनी भूमि में स्थित हो गई हो, उसे एक बर्तन से दूसरे में उंडेला नहीं गया, न उसने बंधुआई का ही अनुभव किया है. तब उसका स्वाद वही का वही है, उसकी सुगंध भी अपरिवर्तित बनी हुई है.
هَا هِيَ أَيَّامٌ مُقْبِلَةٌ، يَقُولُ الرَّبُّ، أُرْسِلُ فِيهَا إِلَيْهِ عَابِرِي السَّبِيلِ سَاكِبِي الْجِرَارِ، فَيَسْكُبُونَهُ وَيُفْرِغُونَ جِرَارَهُ وَيُحَطِّمُونَ دِنَانَهُ. | ١٢ 12 |
इसलिये यह देख लेना, कि वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं मोआब में उन्हें भेजा करूंगा, जो बर्तनों से रस उण्डेलते हैं, वे मोआब को उण्डेलेंगे; वे मोआब के बर्तन रिक्त कर देंगे और तब वे उसके बर्तनों को तोड़कर चूर-चूर कर देंगे.
فَيَعْتَرِي الْمُوآبِيِّينَ الْخَجَلُ مِنْ كَمُوشَ، كَمَا اعْتَرَى الْخَجَلُ الإِسْرَائِيلِيِّينَ مِنْ بَيْتِ إِيلَ، مُتَّكَلِهِمْ. | ١٣ 13 |
खेमोश मोआब की लज्जा का कारण होगा, जिस प्रकार बेथेल इस्राएल वंश के लिए लज्जा का कारण हो गया था, जिस पर उन्होंने अत्यंत विश्वास किया था.
كَيْفَ تَقُولُونَ: إِنَّنَا أَبْطَالٌ وَجَبَابِرَةُ حَرْبٍ؟ | ١٤ 14 |
“तुम यह दावा कैसे कर रहे हो, ‘हम तो शूर योद्धा हैं, युद्ध के लिए हर प्रकार से सुयोग्य’?
إِنَّ مُوآبَ سَيُدَمَّرُ، وَتُغْزَى مُدُنُهُ، وَتَنْزِلُ نُخْبَةُ شُبَّانِهِ لِلذَّبْحِ، يَقُولُ الْمَلِكُ الَّذِي اسْمُهُ الرَّبُّ الْقَدِيرُ. | ١٥ 15 |
मोआब नष्ट हो चुका है, इसके नगर नष्ट हो चुके हैं; इसके सर्वोत्तम जवान वध के लिए उतारे गए हैं,” यह राजा की वाणी है, जिनका नाम है सेनाओं का याहवेह.
قَدْ أَزِفَتْ بَلِيَّةُ مُوآبَ وَمِحْنَتُهُ أَقْبَلَتْ مُسْرِعَةً. | ١٦ 16 |
“मोआब का विनाश तुरंत हो जाएगा; उसका विनाश निकट है.
فَارْثُوهُ يَا جَمِيعَ الْمُحِيطِينَ بِهِ وَسَائِرَ الْعَارِفِينَ اسْمَهُ. قُولُوا انْكَسَرَ صَوْلَجَانُ الْعِزِّ وَقَضِيبُ الْمَجْدِ. | ١٧ 17 |
तुम, जो उसके पड़ोसी हो, उसके लिए शोक मनाओ, तुम भी, जो उससे परिचित हो; यह कहते जाओ, ‘कैसे टूट गया दृढ़ राजदंड, वह, जो वैभवशाली राजदंड था!’
اهْبِطِي مِنَ الْمَجْدِ وَاجْلِسِي عَلَى الأَرْضِ الْظَّمْأَى أَيَّتُهَا السَّاكِنَةُ فِي دِيبُونَ، لأَنَّ مُدَمِّرَ مُوآبَ قَدْ زَحَفَ عَلَيْكِ وَهَدَمَ حُصُونَكِ. | ١٨ 18 |
“दीबोन निवासी पुत्री और अब अपने ऐश्वर्य से नीचे उतर आओ और आकर इस शुष्क भूमि पर बैठो, मोआब का विनाशक तुम्हें लक्ष्य करता हुआ आ पहुंचा है, वह तुम्हारे गढ़नगर नष्ट कर ही चुका है.
قِفِي عَلَى قَارِعَةِ الطَّرِيقِ وَرَاقِبِي يَا سَاكِنَةَ عَرُوعِيرَ. اسْأَلِي الْهَارِبَ وَالنَّاجِيَةَ بِنَفْسِهَا: مَاذَا جَرَى؟ | ١٩ 19 |
अरोअर वासियो, मार्ग के किनारे खड़े हो, सावधानीपूर्वक देखते रहो. उससे यह पूछो: जो भाग रहा है तथा उससे भी, जो बचकर निकल रहा है, ‘हुआ क्या है?’
فَيَأْتِيَ الْجَوَابُ: قَدْ لَحِقَ الْخِزْيُ بِمُوآبَ، لأَنَّهُ صَارَ أَطْلالاً فَوَلْوِلُوا وَأَعْوِلُوا. أَذِيعُوا فِي أَرْنُونَ أَنَّ مُوآبَ قَدْ أَصْبَحَ خَرَاباً. | ٢٠ 20 |
मोआब लज्जित है, क्योंकि इसे तोड़ दिया गया है. चिल्लाओ, विलाप करो! आरनोन के निकट जाकर घोषणा करो, कि मोआब विनष्ट किया जा चुका है.
قَدْ وَقَعَ الْقَضَاءُ عَلَى أَرْضِ السَّهْلِ، وَعَلَى حُولُونَ، وَعَلَى يَهْصَةَ، وَعَلَى مَيْفَعَةَ، | ٢١ 21 |
मैदानी क्षेत्र पर भी अब दंड प्रभावी हो चुका है; होलोन, यहत्स, मेफाअथ,
وَعَلَى دِيبُونَ، وَعَلَى نَبُو، وَعَلَى بَيْتِ دَبْلَتَايِمَ، | ٢٢ 22 |
दीबोन, नेबो, बेथ-दिबलाथाईम,
وَعَلَى قَرْيَتَايِمَ، وَعَلَى بَيْتِ جَامُولَ، وَعَلَى بَيْتِ مَعُونَ، | ٢٣ 23 |
किरयथियों, बेथ-गामूल, बेथ-मिओन,
وَعَلَى قَرْيُوتَ، وَعَلَى بُصْرَةَ، وَعَلَى كَافَّةِ مُدُنِ بِلادِ مُوآبَ الْبَعِيدَةِ وَالْقَرِيبَةِ. | ٢٤ 24 |
केरिओथ, बोज़राह तथा मोआब के दूरवर्ती एवं निकटवर्ती सभी नगर.
قَدْ كُسِرَ قَرْنُ مُوآبَ، وَتَحَطَّمَتْ ذِرَاعُهُ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ٢٥ 25 |
मोआब की शक्ति का प्रतीक सींग ही काट दिया गया है; तथा उसकी भुजा तोड़ दी गई है,” यह याहवेह की वाणी है.
أَسْكِرُوهُ حَتَّى يَتَمَرَّغَ فِي قَيْئِهِ، وَيُصْبِحَ مَهْزَأَةً، لأَنَّهُ تَغَطْرَسَ عَلَى الرَّبِّ. | ٢٦ 26 |
“उसे मतवाला कर दो, क्योंकि उसने याहवेह के समक्ष अहंकार करके विद्रोह किया है. अब वह उस स्थिति में पहुंच जाएगा जब वह अपनी ही उल्टी में लोटता हुआ दिखाई देगा; और वह उपहास का विषय बन जाएगा.
أَلَمْ يُصْبِحْ إِسْرَائِيلُ مَهْزَأَةً لَدَيْكَ؟ أَكَانَ بَيْنَ اللُّصُوصِ حَتَّى كُنْتَ تَهُزُّ رَأْسَكَ بِاحْتِقَارٍ كُلَّمَا جَاءَ ذِكْرُهُ عَلَى لِسَانِكَ؟ | ٢٧ 27 |
क्या इस्राएल तुम्हारे लिए उपहास का विषय न बना था? अथवा क्या वह चोरों में से है, क्योंकि जब भी इस्राएल का उल्लेख होता है, तुम घृणाभाव से अपना सिर हिलाने लगते हो?
اهْجُرُوا الْمُدُنَ وَأَقِيمُوا بَيْنَ الصُّخُورِ يَا أَهْلَ مُوآبَ، وَكُونُوا كَالْحَمَامَةِ الَّتِي تُعَشِّشُ عِنْدَ حَافَةِ فَوَّهَةِ الْكَهْفِ. | ٢٨ 28 |
मोआबवासियो, नगरों में रहना छोड़कर चट्टानों में रहने लगो. और उस कबूतर समान हो जाओ, जो दुर्गम चट्टानों की लघु गुफा में घोंसला निर्मित करती है.
قَدْ سَمِعْنَا عَنْ عَجْرَفَةِ مُوآبَ الْمُفْرِطَةِ. إِنَّهُ شَدِيدُ الْكِبْرِيَاءِ. سَمِعْنَا عَنْ غَطْرَسَتِهِ وَتَشَامُخِهِ وَغُرُورِهِ، وَعَنِ ارْتِفَاعِ قَلْبِهِ. | ٢٩ 29 |
“हमने मोआब के अहंकार— उसकी उद्दंडता, उसके दर्प, उसके गर्व तथा उसके मन के विषय में सुन लिया है, अत्यंत उग्र है उसका अहंकार.
قَدْ عَرَفْتُ كِبْرِيَاءَهُ يَقُولُ الرَّبُّ، إِنَّمَا زَهْوُهُ بَاطِلٌ، وَتَفَاخُرُهُ عَدِيمُ الْجَدْوَى. | ٣٠ 30 |
मैं अच्छी रीति से समझता हूं उसकी तिलमिलाहट,” यह याहवेह की वाणी है, “किंतु निरर्थक है यह सब; उसकी खोखली गर्वोक्ति ने कुछ भी प्राप्त नहीं किया है.
لِذَلِكَ أَنُوحُ عَلَى مُوآبَ وَأُعْوِلُ عَلَى كُلِّ أَهْلِهِ، وَأَئِنُّ عَلَى رِجَالِ قِيرَ حَارِسَ. | ٣١ 31 |
इसलिये मैं मोआब के लिए विलाप करूंगा, पूरे मोआब के लिए होगा मेरा विलाप, कीर-हेरासेथ वासियों के लिए होगी मेरी कराहट.
أَبْكِي عَلَيْكِ أَكْثَرَ مِنَ الْبُكَاءِ عَلَى يَعْزِيرَ يَا جَفْنَةَ سَبْمَةَ الَّتِي امْتَدَّتْ فُرُوعُهَا حَتَّى الْبَحْرِ، بَلْ بَلَغَتْ بَحْرَ يَعْزِيرَ، فَإِنَّ الْمُدَمِّرَ قَدِ انْقَضَّ عَلَى حَصَادِكِ النَّاضِجِ وَقِطَافِكِ. | ٣٢ 32 |
सिबमाह की लता मैं, याज़र पर विलाप से अधिक तुम्हारे लिए विलाप करूंगा. तुम्हारे लतातन्तु सागर पार तक तने हुए हैं; वे तो याज़र तक पहुंच चुके हैं. तुम्हारे ग्रीष्मकालीन फलों की उपज तथा तुम्हारे द्राक्षा की उपज पर विनाशक बरस पड़ा है.
قَدْ تَلاشَى الْفَرَحُ وَالْغِبْطَةُ مِنْ بَسَاتِينِ مُوآبَ وَمِنْ حُقُولِهِ، وَأُوْقِفَ تَدَفُّقُ الْخَمْرِ مِنَ الْمَعَاصِرِ فَلا يَدُوسُهَا دَائِسٌ بِهُتَافٍ، بَلْ تَعْلُو صَرَخَاتٌ لَا هُتَافَ فِيهَا. | ٣٣ 33 |
इसलिये मोआब के फलदायी उद्यान से उल्लास एवं आनंद समाप्त कर दिए गए हैं. द्राक्षा रौंदने के कुंड से रस निकलना समाप्त हो गया है; कोई भी उन्हें उल्लास-स्वर के साथ न रौंदेगा. जो ध्वनि होगी वह उल्लास-ध्वनि न होगी.
يَرْتَفِعُ الصُّرَاخُ مِنْ حَشْبُونَ إِلَى أَلْعَالَةَ فَيَاهَصَ. أَطْلَقُوا أَصْوَاتَهُمْ مِنْ صُوغَرَ إِلَى حُورُونَايِمَ حَتَّى الْعِجْلَةِ الثَّالِثَةِ، لأَنَّ مِيَاهَ نِمْرِيمَ أَيْضاً قَدْ نَضَبَتْ. | ٣٤ 34 |
“हेशबोन में उठ रही चिल्लाहट से एलिआलेह तक हां, याहज़ तक उन्होंने अपना स्वर उठाया है, ज़ोअर से होरोनयिम तक तथा एगलथ शलिशियाह तक, क्योंकि निमरीम की जल राशि समाप्त हो जाएगी.
وَأُبِيدُ مِنْ مُوآبَ، يَقُولُ الرَّبُّ، مَنْ يُقَرِّبُ ذَبِيحَةً عَلَى مُرْتَفَعَةٍ، وَمَنْ يُحْرِقُ بَخُوراً لِآلِهَةِ الْوَثَنِ. | ٣٥ 35 |
मैं मोआब का अस्तित्व ही मिटा दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है, जो पूजा-स्थल पर बलि अर्पण करता है तथा जो अपने-अपने देवताओं के लिए धूप जलाता है.
لِذَلِكَ يَئِنُّ قَلْبِي عَلَى مُوآبَ كَأَنِينِ مِزْمَارٍ، وَيَنُوحُ فُؤَادِي عَلَى رِجَالِ قِيرَ حَارِسَ كَنَوْحِ النَّايِ، فَإِنَّ ثَرْوَتَهُمْ الَّتِي اكْتَسَبُوهَا قَدْ تَبَدَّدَتْ. | ٣٦ 36 |
“इसलिये मोआब के लिए मेरा हृदय ऐसे विलाप करता है, जैसे विलापगान में बांसुरी; मेरा हृदय कीर-हेरासेथ के निवासियों के लिए बांसुरी के समान कराहता है. उन्होंने अपनी उपज का बहाव खो दिया है.
قَدْ أَصْبَحَ كُلُّ رَأْسٍ أَقْرَعَ، وَكُلُّ لِحْيَةٍ مَحْلُوقَةً، تَجَرَّحَتِ الأَيْدِي وَتَمَنْطَقَتِ الأَحْقَاءُ بِالْمُسُوحِ. | ٣٧ 37 |
हर एक सिर शोक के कारण मुंडवाया हुआ तथा दाढ़ी क़तरी हुई है; सभी के हाथ घावों से भरे हुए तथा हर एक ने कमर पर टाट लपेटा हुआ है.
شَاعَ الْنَّوْحُ عَلَى سُطُوحِ مُوآبَ وَفِي شَوَارِعِهَا كُلِّهَا، لأَنِّي حَطَّمْتُ مُوآبَ كَإِنَاءٍ لَيْسَ لأَحَدٍ رَغْبَةٌ فِيهِ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ٣٨ 38 |
मोआब के हर एक घर की छत पर तथा इसकी सड़कों पर चहुंओर विलाप व्याप्त है, क्योंकि मैंने मोआब को उस बर्तन के सदृश तोड़ दिया है, जो तिरस्कृत है,” यह याहवेह की वाणी है.
لَشَدَّ مَا تَحَطَّمْتَ! لَشَدَّ مَا يُوَلْوِلُونَ: كَيْفَ أَدْبَرَ مُوآبُ مُجَلَّلاً بِالْخِزْيِ؟ قَدْ صَارَ مَثَارَ هُزْءٍ وَرُعْبٍ لِكُلِّ مَنْ حَوْلَهُ». | ٣٩ 39 |
“कैसा चूर-चूर हो चुका है यह! कैसा है उनका विलाप! मोआब ने लज्जा में कैसे अपनी पीठ इस ओर कर दी है! अब मोआब उपहास का विषय होकर रह जाएगा, तथा निकटवर्ती सारे राष्ट्रों के समक्ष आतंक का विषय भी.”
لأَنَّ هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ: «انْظُرُوا، هَا وَاحِدٌ يَطِيرُ مُسْرِعاً كَالنَّسْرِ بَاسِطاً جَنَاحَيْهِ ضِدَّ مُوآبَ. | ٤٠ 40 |
क्योंकि यह याहवेह का संदेश है: “तुम देखना! कोई गरुड़-सदृश द्रुत गति से उड़ेगा, और मोआब पर अपने पंख फैला देगा.
فَيَسْتَوْلِي عَلَى الْمُدُنِ، وَتَسْقُطُ الْحُصُونُ، وَتُصْبِحُ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ قُلُوبُ مُحَارِبِي مُوآبَ كَقَلْبِ امْرَأَةٍ فِي مَخَاضِهَا. | ٤١ 41 |
केरिओथ अधीन कर लिया गया तथा गढ़ों पर शत्रु का अधिकार हो गया है. तब उस दिन मोआब के शूर योद्धाओं का हृदय ऐसा हो जाएगा, जैसे प्रसूता का.
يَهْلِكُ مُوآبُ وَلا يَبْقَى أُمَّةً، لأَنَّهُ قَدْ تَغَطْرَسَ عَلَى الرَّبِّ. | ٤٢ 42 |
मोआब विनष्ट होकर एक राष्ट्र न रह जाएगा क्योंकि वह याहवेह के समक्ष अहंकारी हो गया है.
يَتَرَصَّدُكُمُ الرُّعْبُ وَالْحُفْرَةُ وَالْفَخُّ يَا أَهْلَ مُوآبَ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ٤٣ 43 |
मोआबवासियो, आतंक, गड्ढे तथा फंदे तुम्हारे लिए नियत हैं,” यह याहवेह की वाणी है.
مَنْ يَهْرُبُ مِنَ الْخَوْفِ يَقَعُ فِي الْحُفْرَةِ، وَمَنْ يَصْعَدُ مِنَ الْحُفْرَةِ يَعْلَقُ بِالْفَخِّ، لأَنِّي أَجْلِبُ عَلَى مُوآبَ هَذِهِ الْمِحَنَ فِي سَنَةِ عِقَابِهِمْ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ٤٤ 44 |
“वह, जो आतंक से बचकर भागेगा, वह गड्ढे में जा गिरेगा, वह, जो गड्ढे से बाहर निकल आएगा फंदे में जा फंसेगा; क्योंकि मैं मोआब पर दंड का वर्ष ले आऊंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
فِي ظِلِّ حَشْبُونَ وَقَفَ الْهَارِبُونَ خَائِرِي الْقُوَى، لأَنَّ نَاراً انْدَلَعَتْ مِنْ حَشْبُونَ، وَشُعْلَةً مِنْ سِيحُونَ، فَالْتَهَمَتْ رُكْنَ مُوآبَ وَهَامَةَ الْمُتَبَجِّحِينَ الْغَوْغَائِيِّينَ. | ٤٥ 45 |
“हेशबोन की छाया में निर्बल शरणार्थी जा ठहरेंगे; क्योंकि हेशबोन में से अग्नि फैल रही है, तथा सीहोन के मध्य से लपटें. उसने मोआब के माथे को भस्म कर डाला है, साथ ही उनके कपाल भी, जो युद्ध में आनंद ले रहे थे.
وَيْلٌ لَكَ يَا مُوآبُ! قَدْ بَادَ شَعْبُ كَمُوشَ، لأَنَّ بَنِيكَ وَبَنَاتِكَ أُخِذُوا إِلَى السَّبْيِ. | ٤٦ 46 |
धिक्कार है तुम पर मोआब! खेमोशवासी नष्ट हो चुके हैं; क्योंकि तुम्हारे पुत्रों को बंदी बना लिया गया है और तुम्हारी पुत्रियां भी बन्दीत्व में चली गई हैं.
وَلَكِنِّي أَرُدُّ سَبْيَ مُوآبَ فِي الأَيَّامِ الآتِيَةِ»، يَقُولُ الرَّبُّ. إِلَى هُنَا خِتَامُ الْقَضَاءِ عَلَى مُوآبَ. | ٤٧ 47 |
“फिर भी मैं मोआब की समृद्धि अंतिम दिनों में लौटा दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है. मोआब का दंड इतना ही होगा.