< إشَعْياء 66 >

هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: السَّمَاءُ عَرْشِي وَالأَرْضُ مَوْطِئُ قَدَمَيَّ، فَأَيَّ بَيْتٍ تُشَيِّدُونَ لِي؟ وَأَيْنَ مَقَرُّ رَاحَتِي؟ ١ 1
यहोवा यह कहता है: “आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
جَمِيعُ هَذِهِ صَنَعَتْهَا يَدِي فَوُجِدَتْ كُلُّهَا، لَكِنَّنِي أُسَرُّ بِالرَّجُلِ الْمُتَوَاضِعِ الْمُنْسَحِقِ الرُّوحِ الَّذِي يَرْتَعِدُ مِنْ كَلِمَتِي. ٢ 2
यहोवा की यह वाणी है, ये सब वस्तुएँ मेरे ही हाथ की बनाई हुई हैं, इसलिए ये सब मेरी ही हैं। परन्तु मैं उसी की ओर दृष्टि करूँगा जो दीन और खेदित मन का हो, और मेरा वचन सुनकर थरथराता हो।
إِنَّ مَنْ يَنْحَرُ ثَوْراً كَمَنْ يَقْتُلُ إِنْسَاناً، وَمَنْ يُقَرِّبُ حَمَلاً كَمَنْ يَكْسِرُ عُنُقَ كَلْبٍ، وَمَنْ يُصْعِدُ تَقْدِمَةَ حِنْطَةٍ كَمَنْ يُقَدِّمُ دَمَ خِنْزِيرٍ، وَمَنْ يُحْرِقُ بَخُوراً كَمَنْ يُبَارِكُ وَثَناً، لأَنَّ هَؤُلاءِ آثَرُوا طُرُقَهُمْ، وَاسْتَطَابَتْ نُفُوسُهُمْ أَرْجَاسَهُمْ. ٣ 3
“बैल का बलि करनेवाला मनुष्य के मार डालनेवाले के समान है; जो भेड़ का चढ़ानेवाला है वह उसके समान है जो कुत्ते का गला काटता है; जो अन्नबलि चढ़ाता है वह मानो सूअर का लहू चढ़ानेवाले के समान है; और जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को धन्य कहता है। इन सभी ने अपना-अपना मार्ग चुन लिया है, और घिनौनी वस्तुओं से उनके मन प्रसन्न होते हैं।
لِهَذَا أَنَا أَيْضاً أَخْتَارُ بَلايَاهُمْ لَهُمْ وَأُوْقِعُ بِهِمِ الْمَخَاوِفَ، لأَنِّي عِنْدَمَا دَعَوْتُ لَمْ يَسْتَجِيبُوا، وَحِينَ تَكَلَّمْتُ لَمْ يُصْغُوا، إِنَّمَا ارْتَكَبُوا الشَّرَّ فِي عَيْنَيَّ وَاخْتَارُوا مَا لَا أُسَرُّ بِهِ. ٤ 4
इसलिए मैं भी उनके लिये दुःख की बातें निकालूँगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊँगा; क्योंकि जब मैंने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैंने उनसे बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिससे मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया।”
اسْمَعُوا قَوْلَ الرَّبِّ أَيُّهَا الْمُرْتَعِدُونَ مِنْ كَلامِهِ: يَسْخَرُ مِنْكُمْ إخْوَتُكُمُ الَّذِينَ يَكْرَهُونَكُمْ وَيَنْبِذُونَكُمْ لأَنَّكُمْ تَخَافُونَ اسْمِي قَائِلِينَ: لِيَتَمَجَّدِ الرَّبُّ حَتَّى نَشْهَدَ فَرَحَكُمْ. وَلَكِنَّهُمْ لَا يَعْرِفُونَ أَنَّهُمْ هُمُ الَّذِينَ يَخْزَوْنَ. ٥ 5
तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का यह वचन सुनो: “तुम्हारे भाई जो तुम से बैर रखते और मेरे नाम के निमित्त तुम को अलग कर देते हैं उन्होंने कहा है, ‘यहोवा की महिमा तो बढ़े, जिससे हम तुम्हारा आनन्द देखने पाएँ;’ परन्तु उन्हीं को लज्जित होना पड़ेगा।
اسْمَعُوا صَوْتَ جَلَبَةٍ فِي الْمَدِينَةِ، صَوْتاً مِنَ الْهَيْكَلِ، صَوْتَ الرَّبِّ يُجَازِي أَعْدَاءَهُ. ٦ 6
“सुनो, नगर से कोलाहल की धूम! मन्दिर से एक शब्द, सुनाई देता है! वह यहोवा का शब्द है, वह अपने शत्रुओं को उनकी करनी का फल दे रहा है!
شَعْبِي مِثْلُ امْرَأَةٍ وَلَدَتْ قَبْلَ أَنْ تَتَمَخَّضَ، وَقَبْلَ أَنْ تُقَاسِيَ مِنَ الطَّلْقِ أَنْجَبَتْ ذَكَراً. ٧ 7
“उसकी प्रसव-पीड़ा उठने से पहले ही उसने जन्मा दिया; उसको पीड़ाएँ होने से पहले ही उससे बेटा जन्मा।
مَنْ سَمِعَ مِثْلَ هَذَا، وَمَنْ رَأَى نَظِيرَهُ؟ أَتُوْلَدُ بِلادٌ فِي يَوْمٍ وَاحِدٍ؟ أَمْ تُخْلَقُ أُمَّةٌ دَفْعَةً وَاحِدَةً؟ فَمَا إِنْ تَمَخَّضَتْ صِهْيَوْنُ حَتَّى أَنْجَبَتْ أَبْنَاءَهَا. ٨ 8
ऐसी बात किसने कभी सुनी? किसने कभी ऐसी बातें देखी? क्या देश एक ही दिन में उत्पन्न हो सकता है? क्या एक जाति क्षण मात्र में ही उत्पन्न हो सकती है? क्योंकि सिय्योन की प्रसव-पीड़ा उठी ही थीं कि उससे सन्तान उत्पन्न हो गए।
يَقُولُ الرَّبُّ: هَلْ أُمْخِضُ وَلا أُوَلِّدُ؟ هَلْ أُغْلِقُ الرَّحِمَ وَأَنَا الْمُوَلِّدُ؟ ٩ 9
यहोवा कहता है, क्या मैं उसे जन्माने के समय तक पहुँचाकर न जन्माऊँ? तेरा परमेश्वर कहता है, मैं जो गर्भ देता हूँ क्या मैं कोख बन्द करूँ?
تَهَلَّلُوا مَعَ أُورُشَلِيمَ وَافْرَحُوا لَهَا يَا كُلَّ مُحِبِّيهَا، ابْتَهِجُوا مَعَهَا بِفَرَحٍ يَا جَمِيعَ النَّائِحِينَ عَلَيْهَا. ١٠ 10
१०“हे यरूशलेम से सब प्रेम रखनेवालों, उसके साथ आनन्द करो और उसके कारण मगन हो; हे उसके विषय सब विलाप करनेवालों उसके साथ हर्षित हो!
لِكَيْ تَرْضَعُوا وَتَشْبَعُوا مِنْ ثَدْيِ تَعْزِيَاتِهَا، وَلِكَيْ تَحْلِبُوا بِوَفْرَةٍ وَتَتَلَذَّذُوا مِنْ دِرَّةِ مَجْدِهَا. ١١ 11
११जिससे तुम उसके शान्तिरूपी स्तन से दूध पी पीकर तृप्त हो; और दूध पीकर उसकी महिमा की बहुतायत से अत्यन्त सुखी हो।”
لأَنَّهُ هَكَذَا يَقُولُ الرَّبُّ: هَا أَنَا أُسْبِغُ عَلَيْهَا الْخَيْرَ كَنَهْرٍ، وَأُجْرِي إِلَيْهَا ثَرْوَةَ الأُمَمِ كَسَيْلٍ مُتَدَفِّقٍ، فَتَرْضَعُونَ، وَتُحْمَلُونَ فِي الْحِضْنِ، وَعَلَى رُكْبَتَيْهَا تُدَلَّلُونَ. ١٢ 12
१२क्योंकि यहोवा यह कहता है, “देखो, मैं उसकी ओर शान्ति को नदी के समान, और जाति-जाति के धन को नदी की बाढ़ के समान बहा दूँगा; और तुम उससे पीओगे, तुम उसकी गोद में उठाए जाओगे और उसके घुटनों पर कुदाए जाओगे।
وَأُعَزِّيكُمْ كَمَنْ تُعَزِّيه أُمُّهُ، وَفِي أُورُشَلِيمَ تُعَزَّوْنَ. ١٣ 13
१३जिस प्रकार माता अपने पुत्र को शान्ति देती है, वैसे ही मैं भी तुम्हें शान्ति दूँगा; तुम को यरूशलेम ही में शान्ति मिलेगी।
وَتَشْهَدُونَ فَتُسَرُّ قُلُوبُكُمْ وَتَزْدَهِرُ عِظَامُكُمْ كَالْعُشْبِ، فَتُصبِحُ يَدُ الرَّبِّ مَعْرُوفَةً عِنْدَ عَبِيدِهِ، وَيَنْصَبُّ غَضَبُهُ عَلَى أَعْدَاِئهِ. ١٤ 14
१४तुम यह देखोगे और प्रफुल्लित होंगे; तुम्हारी हड्डियाँ घास के समान हरी-भरी होंगी; और यहोवा का हाथ उसके दासों के लिये प्रगट होगा, और उसके शत्रुओं के ऊपर उसका क्रोध भड़केगा।
لأَنَّهُ هَا هُوَ الرَّبُّ مُقْبِلٌ بِنَارٍ، وَمَرْكَبَاتُهُ كَالْعَاصِفَةِ، لِيَسْكُبَ غَضَبَهُ بِسَخَطٍ، وَزَجْرَهُ بِلَهِيبِ نَارٍ. ١٥ 15
१५“क्योंकि देखो, यहोवा आग के साथ आएगा, और उसके रथ बवण्डर के समान होंगे, जिससे वह अपने क्रोध को जलजलाहट के साथ और अपनी चितौनी को भस्म करनेवाली आग की लपट से प्रगट करे।
لأَنَّ الرَّبَّ يُعَاقِبُ أَهْلَ الأَرْضِ بِنَارِهِ وَسَيْفِهِ، وَيَكْثُرُ قَتْلَى الرَّبِّ. ١٦ 16
१६क्योंकि यहोवा सब प्राणियों का न्याय आग से और अपनी तलवार से करेगा; और यहोवा के मारे हुए बहुत होंगे।
وَالَّذِينَ يَتَطَهَّرُونَ وَيَتَقَدَّسُونَ وَيَقْصِدُونَ إِلَى الْحَدَائِقِ حَيْثُ يَعْبُدُونَ وَثَناً قَائِماً وَرَاءَ أَشْجَارِهَا، وَيَأْكُلُونَ لَحْمَ الْخِنْزِيرِ وَالْفِئْرَانِ، وَكُلَّ اللُّحُومِ الْمُحَرَّمَةِ، مَصِيرُهُمُ الْهَلاكُ. ١٧ 17
१७“जो लोग अपने को इसलिए पवित्र और शुद्ध करते हैं कि बारियों में जाएँ और किसी के पीछे खड़े होकर सूअर या चूहे का माँस और अन्य घृणित वस्तुएँ खाते हैं, वे एक ही संग नाश हो जाएँगे, यहोवा की यही वाणी है।
وَلأَنِّي عَالِمٌ بِأَعْمَالِهِمْ وَأَفْكَارِهِمْ فَأَنَا مُزْمِعٌ أَنْ آتِيَ لأَجْمَعَ كُلَّ الأُمَمِ وَالأَلْسِنَةِ، فَيَتَوَافَدُونَ وَيَرَوْنَ مَجْدِي ١٨ 18
१८“क्योंकि मैं उनके काम और उनकी कल्पनाएँ, दोनों अच्छी रीति से जानता हूँ; और वह समय आता है जब मैं सारी जातियों और भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवालों को इकट्ठा करूँगा; और वे आकर मेरी महिमा देखेंगे।
وَأَجْعَلُ بَيْنَهُمْ آيَةً وَأَبْعَثُ بَعْضَ النَّاجِينَ مِنْهُمْ إِلَى الأُمَمِ: إِلَى تَرْشِيشَ، وَفُولَ، وَلُودَ، الْمَهَرَةِ فِي رَمْيِ السِّهَامِ، وَإِلَى تُوبَالَ وَيَاوَانَ وَإِلَى الْجَزَائِرِ الْبَعِيدَةِ مِمَّنْ لَمْ يَسْمَعُوا بِشُهْرَتِي أَوْ يَرَوْا مَجْدِي، فَيُذِيعُونَ مَجْدِي بَيْنَ الأُمَمِ. ١٩ 19
१९मैं उनमें एक चिन्ह प्रगट करूँगा; और उनके बचे हुओं को मैं उन जातियों के पास भेजूँगा जिन्होंने न तो मेरा समाचार सुना है और न मेरी महिमा देखी है, अर्थात् तर्शीशियों और धनुर्धारी पूलियों और लूदियों के पास, और तुबलियों और यूनानियों और दूर द्वीपवासियों के पास भी भेज दूँगा और वे जाति-जाति में मेरी महिमा का वर्णन करेंगे।
وَيُحْضِرُونَ جَميِعَ إِخْوَتِكُمْ مِنْ سَائِرِ الأُمَمِ، تَقْدِمَةً لِلرَّبِّ، عَلَى مُتُونِ الْجِيَادِ، وَفِي الْمَرْكَبَاتِ وَالْهَوَادِجِ، وَعَلَى ظُهُورِ الْبِغَالِ وَأَسْنِمَةِ الْجِمَالِ، إِلَى أُورُشَلِيمَ جَبَلِ قُدْسِي، كَمَا يُحْضِرُ الإِسْرَائِيلِيُّونَ تَقْدِمَةَ الْحِنْطَةِ فِي آنِيَةٍ طَاهِرَةٍ إِلَى بَيْتِ الرَّبِّ ٢٠ 20
२०जैसे इस्राएली लोग अन्नबलि को शुद्ध पात्र में रखकर यहोवा के भवन में ले आते हैं, वैसे ही वे तुम्हारे सब भाइयों को भाइयों को जातियों से घोड़ों, रथों, पालकियों, खच्चरों और साँड़नियों पर चढ़ा-चढ़ाकर मेरे पवित्र पर्वत यरूशलेम पर यहोवा की भेंट के लिये ले आएँगे, यहोवा का यही वचन है।
وَمِنْهُمْ أَصْطَفِي كَهَنَةً وَلاوِيِّينَ يَقُولُ الرَّبُّ. ٢١ 21
२१और उनमें से मैं कुछ लोगों को याजक और लेवीय पद के लिये भी चुन लूँगा।
لأَنَّهُ كَمَا تَدُومُ أَمَامِي السَّمَاوَاتُ الْجَدِيدَةُ وَالأَرْضُ الْجَدِيدَةُ الَّتِي أَنَا أَصْنَعُهَا هَكَذَا تَدُومُ ذُرِّيَّتُكُمْ وَذِكْرُكُمْ. ٢٢ 22
२२“क्योंकि जिस प्रकार नया आकाश और नई पृथ्वी, जो मैं बनाने पर हूँ, मेरे सम्मुख बनी रहेगी, उसी प्रकार तुम्हारा वंश और तुम्हारा नाम भी बना रहेगा; यहोवा की यही वाणी है।
وَيَأْتِي مِنْ رَأْسِ شَهْرٍ إِلَى رَأْسِ شَهْرٍ، وِمِنْ سَبْتٍ إِلَى سَبْتٍ كُلُّ بَنِي الْبَشَرِ لِيَعْبُدُونِي، ٢٣ 23
२३“फिर ऐसा होगा कि एक नये चाँद से दूसरे नये चाँद के दिन तक और एक विश्रामदिन से दूसरे विश्रामदिन तक समस्त प्राणी मेरे सामने दण्डवत् करने को आया करेंगे; यहोवा का यही वचन है।
ثُمَّ يَمْضُونَ لِمُشَاهَدَةِ جُثَثِ الرِّجَالِ الَّذِينَ تَمَرَّدُوا عَلَيَّ، لأَنَّ دُودَهُمْ لَا يَمُوتُ وَنَارَهُمْ لَا تَخْمَدُ. وَيَكُونُونَ مَثَارَ اشْمِئْزَازِ جَمِيعِ النَّاسِ. ٢٤ 24
२४“तब वे निकलकर उन लोगों के शवों पर जिन्होंने मुझसे बलवा किया दृष्टि डालेंगे; क्योंकि उनमें पड़े हुए कीड़े कभी न मरेंगे, उनकी आग कभी न बुझेगी, और सारे मनुष्यों को उनसे अत्यन्त घृणा होगी।”

< إشَعْياء 66 >