< إشَعْياء 34 >

اقْتَرِبُوا أَيُّهَا الأُمَمُ لِلاسْتِمَاعِ، أَصْغُوا أَيُّهَا الشُّعُوبُ. لِتَسْمَعِ الأَرْضُ وَمِلْؤُهَا، الْمَسْكُونَةُ وَكُلُّ مَا يَخْرُجُ مِنْهَا، ١ 1
हे जाति-जाति के लोगों, सुनने के लिये निकट आओ, और हे राज्य-राज्य के लोगों, ध्यान से सुनो! पृथ्वी भी, और जो कुछ उसमें है, जगत और जो कुछ उसमें उत्पन्न होता है, सब सुनो।
لأَنَّ الرَّبَّ سَاخِطٌ عَلَى كُلِّ الشُّعُوبِ، وَغَضَبُهُ مُنْصَبٌّ عَلَى جَمِيعِ أَجْنَادِهِمْ. قَضَى عَلَيْهِمْ بِالْفَنَاءِ، وَأَسْلَمَهُمْ إِلَى الذَّبْحِ، ٢ 2
यहोवा सब जातियों पर क्रोध कर रहा है, और उनकी सारी सेना पर उसकी जलजलाहट भड़की हुई है, उसने उनको सत्यानाश होने, और संहार होने को छोड़ दिया है।
فَتُطْرَحُ قَتْلاهُمْ وَيَنْتَشِرُ نَتْنُ جِيَفِهِمْ فِي الْفَضَاءِ، وَتَفِيضُ الْجِبَالُ بِدِمَائِهِمْ، ٣ 3
उनके मारे हुए फेंक दिये जाएँगे, और उनके शवों की दुर्गन्ध उठेगी; उनके लहू से पहाड़ गल जाएँगे।
وَتَنْحَلُّ كُلُّ كَوَاكِبِ السَّمَاءِ، وَتُطْوَى السَّمَاوَاتُ كَدَرْجٍ، وَتَتَسَاقَطُ كُلُّ نُجُومِهَا كَتَسَاقُطِ أَوْرَاقِ الْكَرْمَةِ أَوْ حَبَّاتِ التِّينِ الْمُتَغَضِّنَةِ. ٤ 4
आकाश के सारे गण जाते रहेंगे और आकाश कागज के समान लपेटा जाएगा। और जैसे दाखलता या अंजीर के वृक्ष के पत्ते मुर्झाकर गिर जाते हैं, वैसे ही उसके सारे गण धुँधले होकर जाते रहेंगे।
لأَنَّ سَيْفِي قَدْ تَشَرَّبَ بِالسَّخَطِ فِي السَّمَاءِ، وَهَا هُوَ يَنْزِلُ لِيُعَاقِبَ أَدُومَ، وَيَنْتَقِمَ مِنَ الشَّعْبِ الَّذِي قَضَيْتُ عَلَيْهِ بِالفَنَاءِ. ٥ 5
क्योंकि मेरी तलवार आकाश में पीकर तृप्त हुई है; देखो, वह न्याय करने को एदोम पर, और जिन पर मेरा श्राप है उन पर पड़ेगी।
لِلرَّبِّ سَيْفٌ مُشْبَعٌ بِالدَّمِ، مَطْلِيٌّ بِالشَّحْمِ، بِدَمِ حُمْلانٍ وَتُيُوسٍ، وَبِشَحْمِ كُلَى كِبَاشٍ، لأَنَّ لِلرَّبِّ ذَبِيحَةً فِي بُصْرَةَ، وَمَذْبَحَةً فِي أَدُومَ. ٦ 6
यहोवा की तलवार लहू से भर गई है, वह चर्बी से और भेड़ों के बच्चों और बकरों के लहू से, और मेढ़ों के गुर्दों की चर्बी से तृप्त हुई है। क्योंकि बोस्रा नगर में यहोवा का एक यज्ञ और एदोम देश में बड़ा संहार हुआ है।
وَيَسْقُطُ مَعَهُمُ الْبَقَرُ الْوَحْشِيُّ، وَالْعُجُولُ وَالثِّيرَانُ الْقَوِيَّةُ، فَتَتَشَبَّعُ أَرْضُهُمْ بِالدِّمَاءِ، وَيُخْصِبُ تُرَابُهُمْ بِالشَّحْمِ، ٧ 7
उनके संग जंगली साँड़ और बछड़े और बैल वध होंगे, और उनकी भूमि लहू से भीग जाएगी और वहाँ की मिट्टी चर्बी से अघा जाएगी।
لأَنَّ لِلرَّبِّ يَوْمَ انْتِقَامٍ، سَنَةَ ثَأْرٍ لِدَعْوَى صِهْيَوْنَ، ٨ 8
क्योंकि बदला लेने को यहोवा का एक दिन और सिय्योन का मुकद्दमा चुकाने का एक वर्ष नियुक्त है।
فَتَنْقَلِبُ أَنْهَارُ أَدُومَ إِلَى زِفْتٍ، وَتُرَابُهُمْ إِلَى كِبْرِيتٍ، وَتُصْبِحُ أَرْضُهَا قَاراً مُشْتَعِلاً. ٩ 9
और एदोम की नदियाँ राल से और उसकी मिट्टी गन्धक से बदल जाएगी; उसकी भूमि जलती हुई राल बन जाएगी।
فَلا تَنْطَفِئُ لَيْلاً وَنَهَاراً، وَيُحَلِّقُ دُخَانُهَا إِلَى الْفَضَاءِ مَدَى الدَّهْرِ، وَتَظَلُّ خَرَاباً جِيلاً بَعْدَ جِيلٍ، فَلا يَعْبُرُ بِها أَحَدٌ إِلَى الأَبَدِ، ١٠ 10
१०वह रात-दिन न बुझेगी; उसका धुआँ सदैव उठता रहेगा। युग-युग वह उजाड़ पड़ा रहेगा; कोई उसमें से होकर कभी न चलेगा।
وَلا يَرِثُهَا سِوَى الصُّقُورِ وَالْقَنَافِذِ، وَيَسْكُنُ فِيهَا الْبُومُ وَالْغُرَابُ، وَيَمُدُّ الرَّبُّ عَلَيْهَا خَيْطَ الدَّمَارِ وَمِطْمَارَ الْهَلاكِ، ١١ 11
११उसमें धनेश पक्षी और साही पाए जाएँगे और वह उल्लू और कौवे का बसेरा होगा। वह उस पर गड़बड़ की डोरी और सुनसानी का साहुल तानेगा।
وَلا يَجِدُ فِيهَا أَشْرَافُهَا أَثَراً لِلْمَلِكِ، وَيَنْقَرِضُ جَميِعُ رُؤَسَائِهَا. ١٢ 12
१२वहाँ न तो रईस होंगे और न ऐसा कोई होगा जो राज्य करने को ठहराया जाए; उसके सब हाकिमों का अन्त होगा।
يَنْمُو الشَّوْكُ فِي قُصُورِهَا، وَيَزْحَفُ الْعَوْسَجُ عَلَى حُصُونِهَا، فَتُصْبِحُ مَأْوىً لِبَنَاتِ آوَى، وَمَسْكِناً لِلنَّعَامِ. ١٣ 13
१३उसके महलों में कटीले पेड़, गढ़ों में बिच्छू पौधे और झाड़ उगेंगे। वह गीदड़ों का वासस्थान और शुतुर्मुर्गों का आँगन हो जाएगा।
وَتَجْتَمِعُ فِيهَا الْوُحُوشُ الْبَرِّيَّةُ مَعَ الذِّئَابِ، وَوَعْلُ الْبَرِّ يَدْعُو صَاحِبَهُ، وَهُنَاكَ تَسْتَقِرُّ وُحُوشُ اللَّيْلِ وَتَجِدُ لِنَفْسِهَا مَلاذَ رَاحَةٍ. ١٤ 14
१४वहाँ निर्जल देश के जन्तु सियारों के संग मिलकर बसेंगे और रोंआर जन्तु एक दूसरे को बुलाएँगे; वहाँ लीलीत नामक जन्तु वासस्थान पाकर चैन से रहेगा।
هُنَاكَ تَعِيشُ الْبُومُ وَتَبِيضُ وَتُفْرِخُ وَتَرْعَى صِغَارَهَا تَحْتَ أَجْنِحَتِهَا، وَهُنَاكَ أَيْضاً تَتَلاقَى الصُّقُورُ بَعْضُهَا بِبَعْضٍ. ١٥ 15
१५वहाँ मादा उल्लू घोंसला बनाएगी; वे अण्डे देकर उन्हें सेएँगी और अपनी छाया में बटोर लेंगी; वहाँ गिद्ध अपनी साथिन के साथ इकट्ठे रहेंगे।
ابْحَثُوا فِي سِفْرِ الرَّبِّ وَاقْرَأُوا: فَكَلِمَةٌ وَاحِدَةٌ لَا يُمْكِنُ أَنْ تَسْقُطَ، إِذْ كُلُّ أَلِيفٍ سَيَجْتَمِعُ بِأَلِيفِهِ، لأَنَّ فَمَ الرَّبِّ قَدْ أَمَرَ، وَرُوحَهُ يَجْمَعُهَا مَعاً. ١٦ 16
१६यहोवा की पुस्तक से ढूँढ़कर पढ़ो: इनमें से एक भी बात बिना पूरा हुए न रहेगी; कोई बिना जोड़ा न रहेगा। क्योंकि मैंने अपने मुँह से यह आज्ञा दी है और उसी की आत्मा ने उन्हें इकट्ठा किया है।
فَهُوَ قَدْ أَلْقَى عَلَيْهَا الْقُرْعَةَ، وَيَدُهُ قَدْ وَزَّعَتْهَا بِقِسْطَاسٍ، فَتَرِثُهَا إِلَى الأَبَدِ وَتُقِيمُ فِيهَا جِيلاً بَعْدَ جِيلٍ. ١٧ 17
१७उसी ने उनके लिये चिट्ठी डाली, उसी ने अपने हाथ से डोरी डालकर उस देश को उनके लिये बाँट दिया है; वह सर्वदा उनका ही बना रहेगा और वे पीढ़ी से पीढ़ी तक उसमें बसे रहेंगे।

< إشَعْياء 34 >