< إشَعْياء 11 >
وَيُفْرِخُ بُرْعُمٌ مِنْ جِذْعِ يَسَّى، وَيَنْبُتُ غُصْنٌ مِنْ جُذُورِهِ، | ١ 1 |
और यस्सी के तने से एक कोंपल निकलेगी और उसकी जड़ों से एक बारआवर शाख़ पैदा होगी।
وَيَسْتَقِرُّ عَلَيْهِ رُوحُ الرَّبِّ، رُوحُ الْحِكْمَةِ وَالْفِطْنَةِ، رُوحُ الْمَشُورَةِ وَالْقُوَّةِ، رُوحُ مَعْرِفَةِ الرَّبِّ وَمَخَافَتِهِ. | ٢ 2 |
और ख़ुदावन्द की रूह उस पर ठहरेगी हिकमत और ख़िरद की रूह, मसलहत और क़ुदरत की रूह, मा'रिफ़त और ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ की रूह।
وَتَكُونُ مَسَرَّتُهُ فِي تَقْوى الرَّبِّ، وَلا يَقْضِي بِحَسَبِ مَا تَشْهَدُ عَيْنَاهُ، وَلا يَحْكُمُ بِمُقْتَضَى مَا تَسْمَعُ أُذُنَاهُ، | ٣ 3 |
और उसकी शादमानी ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ में होगी। और वह न अपनी आँखों के देखने के मुताबिक़ इन्साफ़ करेगा, और न अपने कानों के सुनने के मुवाफ़िक़ फ़ैसला करेगा;
إِنَّمَا يَقْضِي بِعَدْلٍ لِلْمَسَاكِينِ، وَيَحَكُمُ بِالإِنْصَافِ لِبَائِسِي الأَرْضِ، وَيُعَاقِبُ الأَرْضَ بِقَضِيبِ فَمِهِ، وَيُمِيتُ الْمُنَافِقَ بِنَفْخَةِ شَفَتَيْهِ، | ٤ 4 |
बल्कि वह रास्ती से ग़रीबों का इन्साफ़ करेगा, और 'अद्ल से ज़मीन के ख़ाकसारों का फ़ैसला करेगा; और वह अपनी ज़बान के 'असा से ज़मीन को मारेगा, और अपने लबों के दम से शरीरों को फ़ना कर डालेगा।
لأَنَّهُ سَيَرْتَدِي الْبِرَّ وَيَتَمَنْطَقُ بِالأَمَانَةِ. | ٥ 5 |
उसकी कमर का पटका रास्तबाज़ी होगी और उसके पहलू पर वफ़ादारी का पटका होगा।
فَيَسْكُنُ الذِّئْبُ مَعَ الْحَمَلِ، وَيَرْبِضُ النِّمْرُ إِلَى جِوَارِ الْجَدْيِ، وَيَتَآلَفُ الْعِجْلُ وَالأَسَدُ وَكُلُّ حَيَوَانٍ مَعْلُوفٍ مَعاً، وَيَسُوقُهَا جَمِيعاً صَبِيٌّ صَغِيرٌ. | ٦ 6 |
तब भेड़िया बर्रे के साथ रहेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठेगा, और बछड़ा और शेर बच्चा और पला हुआ बैल पेशरवी करेगा।
تَرْعَى الْبَقَرَةُ وَالدُّبُّ مَعاً، وَيَرْبِضُ أَوْلادُهُمَا مُتجَاوِرِينَ، وَيَأْكُلُ الأَسَدُ التِّبْنَ كَالثَّوْرِ، | ٧ 7 |
गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे और शेर — ए — बबर बैल की तरह भूसा खाएगा।
وَيَلْعَبُ الرَّضِيعُ فِي (أَمَانٍ) عِنْدَ جُحْرِ الصِّلِّ، وَيَمُدُّ الفَطِيمُ يَدَهُ إِلَى وَكْرِ الأَفْعَى (فَلا يُصِيبُهُ سُوءٌ). | ٨ 8 |
और दूध पीता बच्चा सॉंप के बिल के पास खेलेगा, और वह लड़का जिसका दूध छुड़ाया गया हो अफ़ई के बिल में हाथ डालेगा।
لَا يُؤْذُونَ وَلا يُسِيئُونَ فِي كُلِّ جَبَلِ قُدْسِي، لأَنَّ الأَرْضَ تَمْتَلِئُ مِنْ مَعْرِفَةِ الرَّبِّ كَمَا تَغْمُرُ الْمِيَاهُ الْبَحْرَ. | ٩ 9 |
वह मेरे तमाम पाक पहाड़ पर न नुक़्सान पहुँचाएँगें न हलाक करेंगे क्यूँकि जिस तरह समन्दर पानी से भरा है उसी तरह ज़मीन ख़ुदावन्द के इरफ़ान से मा'मूर होगी।
فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ يَنْتَصِبُ أَصْلُ يَسَّى رَايَةً لِلأُمَمِ، وَإِلَيْهِ تَسْعَى جَمِيعُ الشُّعُوبِ، وَيَكُونُ مَسْكَنُهُ مَجِيداً. | ١٠ 10 |
और उस वक़्त यूँ होगा कि लोग यस्सी की उस जड़ के तालिब होंगे, जो लोगों के लिए एक निशान है; और उसकी आरामगाह जलाली होगी।
فَيَعُودُ الرَّبُّ لِيَمُدَّ يَدَهُ ثَانِيَةً لِيَسْتَرِدَّ الْبَقِيَّةَ الْبَاقِيَةَ مِنْ شَعْبِهِ، مِنْ أَشُورَ وَمِصْرَ وَفَتْرُوسَ وَكُوشَ وَعِيلامَ وَشِنْعَارَ وَحَمَاةَ، وَمِنْ جَزَائِرِ الْبَحْرِ، | ١١ 11 |
उस वक़्त यूँ होगा कि ख़ुदावन्द दूसरी मर्तबा अपना हाथ बढ़ाएगा कि अपने लोगों का बक़िया या जो बच रहा हो, असूर और मिस्र और फ़त्रूस और कूश और इलाम और सिन'आर और हमात और समन्दर की अतराफ़ से वापस लाए।
وَيَنْصُبُ رَايَةً لِلأُمَمِ وَيَجْمَعُ مَنْفِيِّي إِسْرَائِيلَ وَمُشَتَّتِي يَهُوذَا مِنْ أَرْبَعَةِ أَطْرَافِ الأَرْضِ، | ١٢ 12 |
और वह क़ौमों के लिए एक झंडा खड़ा करेगा और उन इस्राईलियों को जो ख़ारिज किए गए हों जमा' करेगा; और सब बनी यहूदाह को जो तितर बितर होंगे, ज़मीन के चारों तरफ़ से इकठ्ठा करेगा।
فَيَتَلاشَى حَسَدُ أَفْرَايِمَ، وَتَزُولُ عَدَاوَةُ يَهُوذَا، فَلا أَفْرَايِمَ يَحْسُدُ يَهُوذَا، وَلا يَهُوذَا يُعَادِي أَفْرَايِمَ، | ١٣ 13 |
तब बनी इफ़्राईम में हसद न रहेगा और बनी यहूदाह के दुश्मन काट डाले जाएँगे, बनी इफ़्राईम बनी यहूदाह पर हसद न करेंगे और बनी यहूदाह बनी इफ़्राईम से कीना न रख्खेंगे।
وَيَنْقَضَّانِ عَلَى أَكْتَافِ الْفِلِسْطِينِيِّينَ غَرْباً وَيَغْزُوَانِ أَبْنَاءَ الْمَشْرِقِ مَعاً، وَيَسْتَوْلِيَانِ عَلَى بِلادِ أَدُومَ وَمُوآبَ، وَيَخْضَعُ لَهُمْ بَنُو عَمُّونَ. | ١٤ 14 |
और वह पश्चिम की तरफ़ फ़िलिस्तियों के कंधों पर झपटेंगे, और वह मिलकर पूरब के बसनेवालों को लूटेंगे, और अदोम और मोआब पर हाथ डालेंगे; और बनी 'अम्मोन उनके फ़रमाबरदार होंगे।
وَيُجَفِّفُ الرَّبُّ تَمَاماً لِسَانَ بَحْرِ مِصْرَ، وَيَهُزُّ يَدَهُ عَلَى النَّهْرِ فَتَهُبُّ رِيحٌ عَاِصفَةٌ تَقْسِمُ مَاءَهُ إِلَى سَبْعِ مَمَرَّاتٍ تَعْبُرُ فِيهَا الْجُيُوشُ. | ١٥ 15 |
तब ख़ुदावन्द बहर — ए — मिस्र की ख़लीज को बिल्कुल हलाक कर देगा, और अपनी बाद — ए — समूम से दरिया — ए — फ़रात पर हाथ चलाएगा और उसको सात नाले कर देगा, ऐसा करेगा कि लोग जूते पहने हुऐ पार चले जाएँगे।
وَيَمُدُّ الرَّبُّ طَرِيقاً مِنْ أَشُّورَ لِيَعُودَ مِنْهُ مَنْ بَقِيَ هُنَاكَ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ، كَمَا أَعَادَ الرَّبُّ جَمِيعَ إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ. | ١٦ 16 |
और उसके बाक़ी लोगों के लिए जो असूर में से बच रहेंगे, एक ऐसी शाहराह होगी जैसी बनी — इस्राईल के लिए थी, जब वह मुल्क — ए — मिस्र से निकले।