< هُوشَع 8 >
ضَعِ الْبُوقَ بَيْنَ شَفَتَيْكَ لِتَنْفُخَ فِيهِ، لأَنَّ نَسْراً يَنْقَضُّ عَلَى بَيْتِ الرَّبِّ، فَإِنَّ الشَّعْبَ قَدْ نَقَضُوا عَهْدِي وَتَعَدَّوْا عَلَى شَرِيعَتِي. | ١ 1 |
तुरही अपने मुँह से लगा! वह 'उक़ाब की तरह ख़ुदावन्द के घर पर टूट पड़ा है, क्यूँकि उन्होंने मेरे अहद से तजावुज़ किया और मेरी शरी'अत के ख़िलाफ़ चले।
يَسْتَغِيثُونَ بِي قَائِلِينَ: «يَا إِلَهَنَا، إِنَّنَا نَعْرِفُكَ، فَنَحْنُ إِسْرَائِيلَ شَعْبُكَ». | ٢ 2 |
वह मुझे यूँ पुकारते हैं कि ऐ हमारे ख़ुदा, हम बनी — इस्राईल तुझे पहचानते हैं।
غَيْرَ أَنَّ إِسْرَائِيلَ قَدْ مَقَتَ الْخَيْرَ، لِهَذَا يُطَارِدُهُ عَدُوٌّ. | ٣ 3 |
इस्राईल ने भलाई को छोड़ दिया, दुश्मन उसका पीछा करेंगे।
قَدْ نَصَبُوا لَهُمْ مُلُوكاً وَلَكِنْ مِنْ غَيْرِ رِضَايَ، وَأَقَامُوا رُؤَسَاءَ مِنْ غَيْرِ مُوَافَقَتِي، وَصَنَعُوا بِذَهَبِهِمْ وَفِضَّتِهِمْ أَصْنَاماً تَؤُولُ إِلَى هَلاكِهِمْ. | ٤ 4 |
उन्होंने बादशाह मुक़र्रर किए लेकिन मेरी तरफ़ से नहीं। उन्होंने उमरा को ठहराया है और मैंने उनको न जाना। उन्होंने अपने सोने चाँदी से बुत बनाए ताकि बर्बाद हों।
لَشَدَّ مَا أَزْدَرِي عِجْلَكِ أَيَّتُهَا السَّامِرَةُ، وَهَا غَضَبِي قَدِ احْتَدَمَ عَلَيْهِمْ فَإِلَى مَتَى يَظَلُّونَ عَاجِزيِنَ عَنِ النَّقَاوَةِ؟ | ٥ 5 |
ऐ सामरिया, तेरा बछड़ा मरदूद है। मेरा क़हर उन पर भड़का है। वह कब तक गुनाह से पाक न होंगे।
إِنَّهُ صَنْعَةُ عَامِلٍ إِسْرَائِيلِيٍّ وَلَيْسَ إِلَهاً، وَلابُدَّ أَنْ يَصِيرَ عِجْلُ السَّامِرَةِ حُطَاماً. | ٦ 6 |
क्यूँकि ये भी इस्राईल ही की करतूत है। कारीगर ने उसको बनाया है। वह ख़ुदा नहीं। सामरिया का बछड़ा यक़ीनन टुकड़े — टुकड़े किया जाएगा।
إِنَّهُمْ يَزْرَعُونَ الرِّيحَ، وَسَيَحْصُدُونَ الزَّوْبَعَةَ. زَرْعٌ عَقِيمٌ لَا يَصْنَعُ دَقِيقاً، وَإِنْ صَنَعَ يَلْتَهِمُهُ الْغُرَبَاءُ. | ٧ 7 |
बेशक उन्होंने हवा बोई। वह गर्दबाद काटेंगे, न उसमें डंठल निकलेगा न उसकी बालों से ग़ल्ला पैदा होगा और अगर पैदा हो भी तो अजनबी उसे चट कर जाएँगे।
قَدِ ابْتُلِعَ إِسْرَائِيلُ، وَأَصْبَحَ بَيْنَ الشُّعُوبِ كَإِنَاءٍ لَا جَدْوَى مِنْهُ، | ٨ 8 |
इस्राईल निगला गया। अब वह क़ौमों के बीच ना पसंदीदा बर्तन की तरह होंगे।
لأَنَّ أَبْنَاءَ إِسْرَائِيلَ لَجَأُوا إِلَى أَشُّورَ كَحِمَارٍ وَحْشِيٍّ مُتَوَحِّدٍ شَرِيدٍ، وَاسْتَأْجَرَ أَفْرَايِمُ مُحِبِّينَ | ٩ 9 |
क्यूँकि वह तन्हा गोरख़र की तरह असूर को चले गए हैं। इफ़्राईम ने उजरत पर यार बुलाए।
وَإِنْ كَانُوا يَسْتَأْجِرُونَ حُلَفَاءَ مِنْ بَيْنِ الأُمَمِ، فَإِنِّي أَجْمَعُهُمُ الآنَ، فَيَتَحَرَّرُونَ إِلَى حِينٍ مِنْ نِيرِ الْمَلِكِ وَالرُّؤَسَاءِ. | ١٠ 10 |
अगरचे उन्होंने क़ौमों को उजरत दी है तो भी अब मै उनको जमा' करूँगा और वह बादशाह — ओ — उमरा के बोझ से ग़मग़ीन होंगे।
أَكْثَرَ أَفْرَايِمُ مِنْ تَشْيِيدِ الْمَذَابِحِ لِيُصْعِدَ عَلَيْهَا ذَبَائِحَ الْخَطِيئَةِ، فَأَصْبَحَتْ هَذِهِ مَذَابِحَ لاِرْتِكَابِ الْخَطِيئَةِ. | ١١ 11 |
चूँकि इफ़्राईम ने गुनहगारी के लिए बहुत सी क़ुर्बानगाहें बनायीं इसलिए वह क़ुर्बानगाहें उसकी गुनहगारी का ज़रिया' हुई।
قَدْ كَتَبْتُ لَهُمْ بِكَثْرَةٍ شَرِيعَتِي لَكِنَّهُمْ حَسَبُوهَا غَرِيبَةً عَنْهُمْ. | ١٢ 12 |
अगरचे मैंने अपनी शरी'अत के अहकाम को उनके लिए हज़ारों बार लिखा, लेकिन वह उनको अजनबी ख़्याल करते हैं।
يَذْبَحُونَ الذَّبَائِحَ الْمُقَرَّبَةَ إِلَيَّ لِيَأْكُلُوا لُحُومَهَا، لَا لِيُقَدِّمُوهَا إِلَيَّ. وَلَكِنِّي لَا أُسَرُّ بِها. وَالآنَ أَذْكُرُ إِثْمَهُمْ وَأُعَاقِبُهُمْ عَلَى خَطَايَاهُمْ وَإِلَى مِصْرَ يَرْجِعُونَ. | ١٣ 13 |
वह मेरे तोहफ़ों की क़ुर्बानियों के लिए गोश्त पेश करते और खाते हैं, लेकिन ख़ुदावन्द उनको क़ुबूल नहीं करता। अब वह उनकी बदकिरदारी की याद करेगा और उनको उनके गुनाहों की सज़ा देगा। वह मिस्र को वापस जाएँगे।
لأَنَّ إِسْرَائِيلَ قَدْ نَسِيَ خَالِقَهُ، وَشَيَّدَ قُصُوراً، وَأَكْثَرَ يَهُوذَا مِنْ بِنَاءِ الْمُدُنِ الْمُحَصَّنَةِ، لِهَذَا سَأُرْسِلُ نَاراً عَلَى هَذِهِ الْمُدُنِ فَتَلْتَهِمُ حُصُونَهُ. | ١٤ 14 |
इस्राईल ने अपने ख़ालिक़ को फ़रामोश करके बुतख़ाने बनाए हैं और यहूदाह ने बहुत से हसीन शहर ता'मीर किए हैं, लेकिन मैं उसके शहरों पर आग भेजूँगा और वह उनके कस्रों को भसम कर देगी।