< هُوشَع 5 >
اسْمَعُوا هَذَا أَيُّهَا الْكَهَنَةُ وَأَنْصِتُوا يَا شَعْبَ إِسْرَائِيلَ، وَأَصْغُوا يَا أَهْلَ بَيْتِ الْمَلِكِ، لأَنَّ الْقَضَاءَ حَالٌّ بِكُمْ إِذْ كُنْتُمْ فَخّاً فِي الْمِصْفَاةِ وَشَبَكَةً مَنْصُوبَةً عَلَى جَبَلِ تَابُورَ. | ١ 1 |
“हे पुरोहितो, यह बात सुनो! हे इस्राएलियो, ध्यान दो! राज घरानो, सुनो! यह न्याय तुम्हारे विरुद्ध है: तुम मिज़पाह में एक फंदा बन गये हो, ताबोर में बिछाये गये एक जाल हो.
لَقَدْ حَفَرْتُمْ حُفْرَةً عَمِيقَةً فِي شِطِّيمَ، لَكِنِّي أَقُومُ بِتَأْدِيبِهِمْ جَمِيعاً. | ٢ 2 |
विद्रोहियों ने घोर नरसंहार किया है, मैं उन सबको अनुशासित करूंगा.
إِنِّي أَعْرِفُ إِسْرَائِيلَ وَلا يَخْفَى عَنِّي مِنْهُ خَافِيَةٌ، فَأَنْتَ يَا إِسْرَائِيلُ قَدْ زَنَيْتَ الآنَ وَتَنَجَّسْتَ. | ٣ 3 |
मैं एफ्राईम के बारे में सब कुछ जानता हूं; इस्राएल की बात मुझसे छिपी नहीं है. हे एफ्राईम, तुम वेश्यावृत्ति में लिप्त हो; इस्राएल भ्रष्ट हो गया है.
إِنَّ أَعْمَالَ شَرِّهِمْ تَحُولُ دُونَ رُجُوعِهِمْ إِلَى إِلَهِهِمْ، لأَنَّ رُوحَ الزِّنَى (أَيْ خِيَانَةِ الرَّبِّ) كَامِنَةٌ فِيهِمْ، وَهُمْ لَا يَعْرِفُونَ الرَّبَّ. | ٤ 4 |
“उनके काम उन्हें अपने परमेश्वर की ओर लौटने नहीं देते. वेश्यावृत्ति की आत्मा उनके दिल में है; वे याहवेह को नहीं मानते हैं.
هَا صَلَفُ إِسْرَائِيلَ يَشْهَدُ عَلَيْهِ فِي وَجْهِهِ، وَإِسْرَائِيلُ وَأَفْرَايِمُ يَكْبُوَانِ بِإِثْمِهِمَا، وَيَتَعَثَّرُ مَعَهُمَا يَهُوذَا أَيْضاً. | ٥ 5 |
इस्राएल का घमंड उसी के विरुद्ध गवाही देता है; इस्राएली, और तो और एफ्राईम भी अपने पापों में लड़खड़ाते हैं; यहूदिया भी उनके साथ लड़खड़ाता है.
وَحِينَ يَنْطَلِقُونَ بِمَوَاشِيهِمْ لِيَلْتَمِسُوا الرَّبَّ لَا يَجِدُونَهُ، إِذْ قَدِ انْصَرَفَ عَنْهُمْ. | ٦ 6 |
जब वे अपनी भेड़-बकरी और गाय-बैल के झुंड को लेकर याहवेह की खोज में जाते हैं, तो याहवेह उन्हें नहीं मिलते हैं; क्योंकि उन्होंने अपने आपको उनसे अलग कर लिया है.
لَقَدْ خَانُوا الرَّبَّ لأَنَّهُمْ أَنْجَبُوا أَبْنَاءَ غُرَبَاءَ عَنْهُ، لِذَلِكَ فَإِنَّ مَوَاسِمَ أَوَائِلِ الشَّهْرِ الْجَدِيدِ تَلْتَهِمُهُمْ مَعَ حُقُولِهِمْ. | ٧ 7 |
उन्होंने याहवेह के साथ विश्वासघात किया है; वे अवैध बच्चे पैदा करते हैं. जब वे नये चांद के भोज का उत्सव मनाएंगे, तो वह उनके खेतों को निगल जाएगा.
انْفُخُوا فِي أَبْوَاقِ الْحَرْبِ فِي جِبْعَةَ وَفِي الرَّامَةِ، وَأَطْلِقُوا صَيْحَةَ الْقِتَالِ فِي بَيْتِ آوَنَ: تَقَدَّمْ يَا بَنْيَامِينُ. | ٨ 8 |
“गिबियाह नगर में तुरही बजाओ, रामाह नगर में नरसिंगा फूंको. बेथ-आवेन में युद्ध की घोषणा ऊंची आवाज में करो; हे बिन्यामिन, हमारी अगुवाई करो.
أَرْضُ أَفْرَايِمَ سَتُصْبِحُ خَرَاباً فِي يَوْمِ الْقَضَاءِ، وَبَيْنَ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ أَظْهَرْتُ مَا هُوَ يَقِينٌ. | ٩ 9 |
हिसाब करने के दिन एफ्राईम बेकार हो जाएगा. इस्राएल के गोत्रों के बीच मैं उसी बात की घोषणा करूंगा, जिसका होना निश्चित है.
قَدْ صَارَ رُؤَسَاءُ يَهُوذَا مُتَعَدِّينَ كَالَّذِينَ يَنْقُلُونَ تُخُومَ الأَرْضِ لَيَسْلُبُوا سِوَاهُمْ. لِهَذَا سَأَصُبُّ عَلَيْهِمْ سَخَطِي كَالْمَاءِ. | ١٠ 10 |
यहूदिया के अगुए उनके जैसे हैं जो सीमा के पत्थरों को हटाते हैं. उन पर मैं अपना कोप पानी के बाढ़ की तरह उंडेलूंगा.
لَقَدْ لَحِقَ الضِّيقُ بِإِسْرَائِيلَ، وَسَحَقَهُ الْقَضَاءُ لأَنَّهُ وَطَّدَ الْعَزْمَ عَلَى الْغَوَايَةِ وَرَاءَ الأَوْثَانِ. | ١١ 11 |
एफ्राईम सताया जाता है, न्याय में कुचला गया है, क्योंकि उसने मूर्तियों के पीछे जाने की ठानी है.
لِهَذَا أَكُونُ كَالْعُثِّ لإِسْرَائِيلَ، وَكالسُّوسِ النَّاخِرِ لِشَعْبِ يَهُوذَا. | ١٢ 12 |
मैं एफ्राईम के लिए कीड़े के समान, और यहूदाह के लोगों के लिए एक सड़न के जैसा हूं.
عِنْدَمَا تَبَيَّنَ إِسْرَائِيلُ دَاءَهُ، وَيَهُوذَا جِرَاحَهُ، لَجَأَ إِسْرَائِيلُ إِلَى أَشُّورَ يَلْتَمِسُ مَعُونَةَ الْمَلِكِ الْعَظِيمِ، إِلّا أَنَّهُ أَخْفَقَ فِي عِلاجِهِ أَوْ فِي مُدَاوَاةِ جِرَاحِهِ. | ١٣ 13 |
“जब एफ्राईम ने अपनी बीमारी, और यहूदिया ने अपने घाव को देखा, तब एफ्राईम अश्शूर की तरफ गया, और बड़े राजा से सहायता की याचना की. परंतु वह तुम्हें न तो चंगा कर सकता है, और न ही तुम्हारे घावों को ठीक कर सकता है.
فَإِنِّي سَأَكُونُ كَالأَسَدِ الْمُفْتَرِسِ لإِسْرَائِيلَ، وَكَالشِّبْلِ لأَبْنَاءِ يَهُوذَا. أَفْتَرِسُ وَأَمْضِي. أَخْطَفُ وَلَيْسَ مِنْ يُنْقِذُ. | ١٤ 14 |
क्योंकि एफ्राईम के लिए मैं एक सिंह के जैसा, और यहूदाह के लिए एक बड़े सिंह के जैसा हो जाऊंगा. मैं उन्हें फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा और चला जाऊंगा; मैं उन्हें उठाकर ले जाऊंगा, और उन्हें छुड़ाने वाला कोई न होगा.
ثُمَّ أَرْجِعُ إِلَى مَوْضِعِي إِلَى أَنْ يَعْتَرِفُوا بِإِثْمِهِمْ وَيَطْلُبُوا وَجْهِي، وَفِي ضِيقِهِمْ يَلْتَمِسُونَنِي (قَائِلِينَ): | ١٥ 15 |
जब तक वे अपने अपराध को मान नहीं लेते और मेरी ओर लौट नहीं आते मैं अपने स्थान में नहीं लौटूंगा; अपनी दुर्गति के समय वे मन लगाकर मेरी खोज करेंगे.”