< عِبرانِيّين 12 >
فَبِمَا أَنَّ هَذَا الْعَدَدَ الْكَبِيرَ مِنَ الشَّاهِدِينَ لِلإِيمَانِ، يَتَجَمَّعُ حَوْلَنَا كَأَنَّهُ سَحَابَةٌ عَظِيمَةٌ، فَلْنَطْرَحْ جَانِباً كُلَّ ثِقْلٍ يُعِيقُنَا عَنِ التَّقَدُّمِ، وَنَتَخَلَّصْ مِنْ تِلْكَ الْخَطِيئَةِ الَّتِي نَتَعَرَّضُ لِلسُّقُوطِ فِي فَخِّهَا بِسُهُولَةٍ، لِكَيْ نَتَمَكَّنَ، نَحْنُ أَيْضاً، أَنْ نَرْكُضَ بِاجْتِهَادٍ فِي السِّبَاقِ الْمُمْتَدِّ أَمَامَنَا، | ١ 1 |
इस बजह तै जिब घणखरे माणसां के बिश्वास की गवाही जो उनकी जिन्दगी म्ह सै, म्हारे बारें म्ह बड़े बाद्दळ की तरियां घेरे होए सै, तो आओ, हरेक रोकणआळी चीज अर उलझाण आळे पाप ताहीं दूर करकै, अर राह पै हमनै चालणा सै, धीरज तै चाल्ला।
مُتَطَلِّعِينَ دَائِماً إِلَى يَسُوعَ: رَائِدِ إِيمَانِنَا وَمُكَمِّلِهِ. فَهُوَ قَدْ تَحَمَّلَ الْمَوْتَ صَلْباً، هَازِئاً بِمَا فِي ذَلِكَ مِنْ عَارٍ، إِذْ كَانَ يَنْظُرُ إِلَى السُّرُورِ الَّذِي يَنْتَظِرُهُ، ثُمَّ جَلَسَ عَنْ يَمِينِ عَرْشِ اللهِ. | ٢ 2 |
अर बिश्वास के कर्ता अर सिध्द करण आळे यीशु की ओड़ लखान्दे रहवां, उस आनन्द कै खात्तर जो बिश्वास म्ह मिलण आळा था, शर्म की कुछ परवाह न्ही करकै क्रूस का दुख सहया, अर परमेसवर कै सिंहासन कै सोळी ओड़ महिमामय जगहां जा बेठ्या।
فَتَأَمَّلُوا مَلِيًّا مَا قَاسَاهُ بِتَحَمُّلِهِ تِلْكَ الْمُعَامَلَةَ الْعَنِيفَةَ الَّتِي عَامَلَهُ بِها الْخَاطِئُونَ، لِكَيْ لَا تَتْعَبُوا وَتَنْهَارُوا! | ٣ 3 |
यीशु के उदाहरण कै बारें म्ह सोच्चो, जिसनै अपणे बिरोध म्ह पापियाँ का इतणा बिरोध सह लिया ताके थम निराश होकै हिम्मत ना छोड़ द्यो।
لَمْ تُقَاوِمُوا بَعْدُ حَتَّى بَذْلِ الدَّمِ فِي مُجَاهَدَتِكُمْ ضِدَّ الْخَطِيئَةِ. | ٤ 4 |
पाप के बिरुध्द अपणे संघर्ष म्ह थमनै उसतै इसी मुठभेड़ न्ही करी के थारा लहू बह्या हो,
فَهَلْ نَسِيتُمُ الْوَعْظَ الَّذِي يُخَاطِبُكُمْ بِهِ اللهُ بِوَصْفِكُمْ أَبْنَاءً لَهُ؟ إِذْ يَقُولُ: «يَا ابْنِي، لَا تَسْتَخِفَّ بِتَأْدِيبِ الرَّبِّ. وَلا تَفْقِدِ الْعَزِيمَةَ حِينَ يُوَبِّخُكَ عَلَى الْخَطَأِ. | ٥ 5 |
अर थम उस उपदेश ताहीं, जो थारे ताहीं बेट्टा की तरियां दिया जावै सै, भूल गये सो: “हे मेरे बेट्टे, प्रभु की ताड़ना नै हल्की बात ना जाण, अर जिब वो तन्नै घुड़कै तो हिम्मत ना छोड्डै।
فَإِنَّ الَّذِي يُحِبُّهُ الرَّبُّ يُؤَدِّبُهُ. وَهُوَ يَجْلِدُ كُلَّ مَنْ يَتَّخِذُهُ لَهُ ابْناً!» | ٦ 6 |
क्यूँके प्रभु जिसतै प्यार करै सै, उसकी ताड़ना भी करै सै, अर जिस ताहीं बेट्टा बणा लेवै सै, उसकै कोड़े भी मारै सै, ताके अपणे बाळकां नै सुधार सकै।”
إِذَنْ، تَحَمَّلُوا تَأْدِيبَ الرَّبِّ. فَهُوَ يُعَامِلُكُمْ مُعَامَلَةَ الأَبْنَاءِ: وَأَيُّ ابْنٍ لَا يُؤَدِّبُهُ أَبُوهُ؟ | ٧ 7 |
थम दुख नै पिता की ताड़ना समझकै सह ल्यो, परमेसवर थारे ताहीं बेट्टा जाणकै थारे गेल्या सलूक करै सै वो कौण सा बेट्टा सै, जिसकी ताड़ना पिता न्ही करदा?
فَإِنْ كُنْتُمْ لَا تَتَلَقَّوْنَ التَّأْدِيبَ الَّذِي يَشْتَرِكُ فِيهِ أَبْنَاءُ اللهِ جَمِيعاً، فَمَعْنَى ذَلِكَ أَنَّكُمْ لَسْتُمْ أَبْنَاءَ شَرْعِيِّينَ لَهُ. | ٨ 8 |
जै वा ताड़ना जिसकै सब भागी होवै सै, अर थारी कोनी होई, तो थम परमेसवर की ऊलाद कोनी।
كَانَ آبَاؤنَا الأَرْضِيُّونَ يُؤَدِّبُونَنَا وَنَحْنُ أَوْلادٌ، وَكُنَّا نَحْتَرِمُهُمْ. أَفَلا يَجْدُرُ بِنَا الآنَ أَنْ نَخْضَعَ خُضُوعاً تَامّاً لِتَأْدِيبِ أَبِي الأَرْوَاحِ، لِنَحْيَا حَيَاةً فُضْلَى؟ | ٩ 9 |
फेर जिब के म्हारा शारीरिक पिता भी म्हारी ताड़ना करया करै था अर हमनै उसका आदर-मान करया, तो यो और भी जरूरी सै के अपणी आत्मायाँ के पिता के ओड़ तै अनुशासन स्वीकार करा सां, ताके म्हारे धोरै अनन्त जीवन हो।
وَقَدْ أَدَّبَنَا آبَاؤُنَا فَتْرَةً مِنَ الزَّمَانِ، حَسَبَ مَا رَأَوْهُ مُنَاسِباً. أَمَّا اللهُ، فَيُؤَدِّبُنَا دَائِماً مِنْ أَجْلِ مَنْفَعَتِنَا: لِكَيْ نَشْتَرِكَ فِي قَدَاسَتِهِ. | ١٠ 10 |
म्हारे धन्यवादी पिता तो, अपणी समझकै मुताबिक थोड़े-से बखत कै खात्तर म्हारी ताड़ना करै सै, पर वो तो म्हारै फैयदे कै खात्तर करै सै, के हम भी उसके समान पवित्र बण जावां।
وَطَبْعاً، كُلُّ تَأْدِيبٍ لَا يَبْدُو فِي الْحَالِ بَاعِثاً عَلَى الْفَرَحِ، بَلْ عَلَى الْحُزْنِ. وَلَكِنَّهُ فِيمَا بَعْدُ، يُنْتِجُ بِسَلامٍ فِي الَّذِينَ يَتَلَقَّوْنَهُ ثَمَرَ الْبِرِّ. | ١١ 11 |
इस बखत ताड़ना दी जावै सै, उस बखत ताड़ना आच्छी कोनी लाग्गै, बल्के वा दुख की बात दिखाई देवै सै। तोभी जो उस ताहीं सहन्दे-सहन्दे पक्के होगे सै, बाद म्ह उननै चैन कै गेल्या धर्म का ईनाम मिलै सै।
لِذَلِكَ، شَدِّدُوا أَيْدِيَكُمُ الْمُرْتَخِيَةَ، وَرُكَبَكُمُ الْمُنْحَلَّةَ. | ١٢ 12 |
इन सारी बात्तां के कारण सब मजबूत बणो अर उत्साहित होओ,
وَمَهِّدُوا لأَقْدَامِكُمْ طُرُقاً مُسْتَقِيمَةً، حَتَّى لَا تَنْحَرِفَ أَرْجُلُ الْعُرْجِ، بَلْ تُشْفَى! | ١٣ 13 |
अर अपणे पायां कै खात्तर सीध्धी राही बणाओ के लंगड़ा भटक ना जावै पर भला-चंगा हो जावै।
اجْعَلُوا هَدَفَكُمْ أَنْ تُسَالِمُوا جَمِيعَ النَّاسِ، وَتَعِيشُوا حَيَاةً مُقَدَّسَةً. فَبِغَيْرِ قَدَاسَةٍ، لَا يَقْدِرُ أَحَدٌ أَنْ يَرَى الرَّبَّ. | ١٤ 14 |
सारया तै मेळ-मिलाप राक्खो, अर पवित्र होण खात्तर हरेक ढाळ की कोशिश म्ह रहों, जिसकै बिना कोए प्रभु ताहीं कदे भी न्ही देक्खैगा।
انْتَبِهُوا أَلّا يَسْقُطَ أَحَدُكُمْ مِنْ نِعْمَةِ اللهِ، حَتَّى لَا يَتَأَصَّلَ بَيْنَكُمْ جَذْرُ مَرَارَةٍ، فَيُسَبِّبَ بَلْبَلَةً، وَيُنَجِّسَ كَثِيرِينَ مِنْكُمْ. | ١٥ 15 |
सावधान रहो, इसा ना हो के कोए परमेसवर कै अनुग्रह तै दूर रह जावै या कोए कड़वी जड़ फूटकै दर्द देवै, अर उसकै जरिये घणखरे माणस परमेसवर के सच्चे रास्ते तै भटक जावै सै।
وَحَذَارِ أَنْ يَكُونَ بَيْنَكُمْ زَانٍ أَوْ مُسْتَهْتِرٌ مِثْلُ عِيسُو الَّذِي بَاعَ حُقُوقَهُ الَّتِي كَانَتْ لَهُ بِوَصْفِهِ الابْنَ الْبِكْرَ، لِقَاءَ أَكْلَةٍ وَاحِدَةٍ. | ١٦ 16 |
इसा ना हो के कोए माणस जार, या अब्राहम के पोत्ते एसाव की तरियां उस म्ह कोए बुराई ना होवै, क्यूँके वो जेट्ठा बेट्टा था, उसनै खास उत्तराधिकारी होण का हक था, पर उसनै अपणे जन्म सिध्द होण के पद का सम्मान न्ही करया, इस करकै उसनै अपणे छोट्टे भाई याकूब ताहीं एक बर के खाणे कै बदले म्ह अपणा जन्म सिध्द होण का पद बेच दिया।
فَأَنْتُمْ تَعْلَمُونَ جَيِّداً أَنَّهُ لَمَّا أَرَادَ اسْتِعَادَةَ الْبَرَكَةِ مِنْ أَبِيهِ، بَعْدَمَا كَانَ قَدِ اسْتَخَفَّ بِها، رُفِضَ لأَنَّهُ لَمْ يَجِدْ مَجَالاً لِلتَّوْبَةِ، مَعَ أَنَّهُ طَلَبَ الْبَرَكَةَ وَهُوَ يَذْرِفُ الدُّمُوعَ. | ١٧ 17 |
थमनै बेरा सै के बाद म्ह जिब उसनै आशीष पाणी चाही तो उस ताहीं मना कर दिया गया, अर आँसू बहा-बहाकै आशीष के मांग्गण पै भी वो पैहले जो कुछ भी करया था, उस ताहीं बदलण खात्तर कुछ भी न्ही कर सका।
إِنَّكُمْ لَمْ تَقْتَرِبُوا إِلَى جَبَلٍ مَلْمُوسٍ، مُشْتَعِلٍ بِالنَّارِ، وَلا إلى ضَبَابٍ وَظَلامٍ وَرِيحٍ عَاصِفَةٍ، | ١٨ 18 |
थम आग की लपटे, अन्धेरे, काळी घटा जिसा असली पहाड़ पै न्ही आये सों, जिसा के इस्राएल के माणस सीनै पहाड़ पै आये थे, जिब परमेसवर नै उन ताहीं अपणे नियम दिए थे।
حَيْثُ انْطَلَقَ صَوْتُ بُوقٍ هَاتِفاً بِكَلِمَاتٍ وَاضِحَةٍ، وَقَدْ كَانَ مُرْعِباً حَتَّى إِنَّ سَامِعِيهِ الْتَمَسُوا أَنْ يَتَوَقَّفَ عَنِ الْكَلامِ. | ١٩ 19 |
थम तुरही की आवाज कै धोरै कोनी सों, अर बोल्लण आळे के इसे शब्द कै धोरै न्ही आए, जिसकै सुनणआळे तै बिनती करी के इब म्हारै तै और बात ना करी जावै।
فَإِنَّهُمْ لَمْ يُطِيقُوا احْتِمَالَ هَذَا الأَمْرِ الصَّادِرِ إِلَيْهِمْ: «حَتَّى الْحَيَوَانُ الَّذِي يَمَسُّ الْجَبَلَ، يَجِبُ أَنْ تَقْتُلُوهُ رَجْماً!» | ٢٠ 20 |
उननै इसा इस करकै कह्या, क्यूँके वे इस हुकम नै बर्दाश्त न्ही कर सकै, के परमेसवर नै उनतै कह्या था, “जै कोए पशु भी पहाड़ ताहीं छुवै तो उसपै पत्थर बरसाये जावै।”
وَالْوَاقِعُ أَنَّ ذَلِكَ الْمَشْهَدَ كَانَ مُرْعِباً إِلَى دَرَجَةٍ جَعَلَتْ مُوسَى يَقُولُ: «أَنَا خَائِفٌ جِدّاً، بَلْ مُرْتَجِفٌ خَوْفاً!» | ٢١ 21 |
अर वो दर्शन इसा डरावणा था के मूसा नबी नै भी कह्या, “मै घणा डरुँ अर काप्पू सूं।”
وَلَكِنَّكُمْ قَدِ اقْتَرَبْتُمْ إِلَى جَبَلِ صِهْيَوْنَ، إِلَى مَدِينَةِ اللهِ الْحَيِّ، أُورُشَلِيمَ السَّمَاوِيَّةِ. بَلْ تَقَدَّمْتُمْ إِلَى حَفْلَةٍ يَجْتَمِعُ فِيهَا عَدَدٌ لَا يُحْصَى مِنَ الْمَلائِكَةِ، | ٢٢ 22 |
पर थम सिय्योन कै पहाड़ पै आये सों, जित्त सुर्गीय यरुशलेम सै, जो जिन्दे परमेसवर का नगर सै, उसकै धोरै अर लाखों सुर्गदूत खुशी उत्सव मनावै सै।
إِلَى كَنِيسَةٍ تَجْمَعُ أَبْنَاءً لِلهِ أَبْكَاراً، أَسْمَاؤُهُمْ مَكْتُوبَةٌ فِي السَّمَاءِ. بَلْ إِلَى اللهِ نَفْسِهِ، دَيَّانِ الْجَمِيعِ، وَإِلَى أَرْوَاحِ أُنَاسٍ بَرَّرَهُمُ اللهُ وَجَعَلَهُمْ كَامِلِينَ. | ٢٣ 23 |
थम उन परमेसवर के खास बाळकां की सभा अर कलीसिया म्ह आये सों, जिनकै नाम सुर्ग म्ह लिक्खे होए सै, परमेसवर कै धोरै जो सब का न्यायी सै, सुर्ग म्ह धर्मी माणसां की आत्मायाँ खात्तर जो इब सिध्द करे गये सै।
كَذلِكَ، تَقَدَّمْتُمْ إِلَى يَسُوعَ، وَسِيطِ الْعَهْدِ الْجَدِيدِ، وَإِلَى دَمِهِ الْمَرْشُوشِ الَّذِي يَتَكَلَّمُ مُطَالِباً بِأَفْضَلَ مِمَّا طَالَبَ بِهِ دَمُ هَابِيلَ. | ٢٤ 24 |
थम यीशु कै धोरै आए सों, जो परमेसवर अर माणसां के बीच म्ह करार बणाया, अर छिड़काव का लहू जो माफी के बारें म्ह बोल्लै सै, ना के न्याय के बारें म्ह, जो हाबिल कै लहू तै घणी बढ़िया बात कहवै सै।
إِذَنْ حَذَارِ أَنْ تَرْفُضُوا الَّذِي يَتَكَلَّمُ! فَمَادَامَ أُولئِكَ الَّذِينَ رَفَضُوا الاسْتِمَاعَ لِمَنْ كَلَّمَهُمْ عَلَى هذِهِ الأَرْضِ، لَمْ يُفْلِتُوا (مِنَ الْعِقَابِ) قَطُّ، فَكَمْ بِالأَحْرَى لَا نُفْلِتُ نَحْنُ أَبَداً إِنْ تَحَوَّلْنَا عَنِ الَّذِي يَتَكَلَّمُ إِلَيْنَا مِنَ السَّمَاءِ عَيْنِهَا! | ٢٥ 25 |
सावधान रहो, परमेसवर के हुकम मान्नो, जो थारे तै बात करण लागरया सै, क्यूँके इस्राएल के माणस जिब धरती पै मूसा नबी की चेतावनी पाकै बच पाए, क्यूँके उननै मूसा नबी की बात कोनी मान्नी थी, तो हम सुर्ग पै तै चेतावनी देण आळे परमेसवर तै मुँह मोड़कै उसके छो तै किस तरियां बच सकांगें?
وَإِذْ تَكَلَّمَ اللهُ قَدِيماً، زَلْزَلَ صَوْتُهُ الأَرْضَ، أَمَّا الآنَ، فَيَعِدُ قَائِلاً: «إِنِّي مَرَّةً أُخْرَى، سَوْفَ أُزَلْزِلُ لَا الأَرْضَ وَحْدَهَا، بَلِ السَّمَاءَ أَيْضاً!» | ٢٦ 26 |
जिब परमेसवर सीनै पहाड़ पै तै बोल्या, तो उसकै शब्द नै धरती ताहीं भी हला दिया, पर इब उसनै यो वादा करा सै, “एक बर फेर मै ना सिर्फ धरती ताहीं बल्के अकास ताहीं भी हला देऊँगा।”
وَبِقَوْلِهِ: «مَرَّةً أُخْرَى»، يُشِيرُ إِلَى أَنَّهُ سَوْفَ يُزِيلُ كُلَّ مَا لَيْسَ لَهُ أَسَاسٌ مَتِينٌ بِاعْتِبَارِهِ مَخْلُوقاً، حَتَّى لَا تَبْقَى إِلّا تِلْكَ الأَشْيَاءُ الثَّابِتَةُ الأَسَاسِ. | ٢٧ 27 |
अर यो बोल “एक बर फेर” इस बात ताहीं दिखावै सै के बणाई होई चीज हलाई, अर हटा दी जावैंगी, ताके जो चीज हलाई न्ही जान्दी, वे पक्की तरियां बणी रहवैं।
فَبِمَا أَنَّنَا قَدْ حَصَلْنَا عَلَى مَمْلَكَةٍ ثَابِتَةٍ لَا تَتَزَلْزَلُ، لِنَعْبُدِ اللهَ وَنَخْدِمْهُ شَاكِرِينَ، بِصُورَةٍ تُرْضِيهِ، بِكُلِّ احْتِرَامٍ وَمَخَافَةٍ، | ٢٨ 28 |
हमनै जो राज्य मिला सै वो न्ही हिलाया जा सकता, इस कारण हमनै उसका धन्यवादी होणा चाहिए, जिसकै जरिये हम भगति, अर भय सुधा परमेसवर की इसी आराधना कर सकां सां जिसतै वो राज्जी होवै सै,
مُتَذَكِّرِينَ أَنَّ «إِلَهَنَا نَارٌ آكِلَةٌ!» | ٢٩ 29 |
क्यूँके म्हारा परमेसवर राख करण आळी आग सै।