< تكوين 20 >

وَارْتَحَلَ إِبْرَاهِيمُ مِنْ هُنَاكَ إِلَى أَرْضِ النَّقَبِ، وَأَقَامَ بَيْنَ قَادَشَ وَشُورَ، وَتَغَرَّبَ فِي جَرَارَ. ١ 1
फिर अब्राहाम नेगेव देश की ओर गये तथा कादेश और शूर के बीच में रहने लगे, कुछ समय तक वे गेरार में रहे,
وَهُنَاكَ قَالَ إِبْرَاهِيمُ عَنْ سَارَةَ زَوْجَتِهِ: «هِيَ أُخْتِي». فَأَرْسَلَ أَبِيمَالِكُ مَلِكُ جَرَارَ وَأَحْضَرَ سَارَةَ إِلَيْهِ. ٢ 2
और वहां अब्राहाम ने अपनी पत्नी साराह के विषय में कहा, “वह मेरी बहन है.” और गेरार के राजा अबीमेलेक ने साराह को बुलवाया तथा अपने महल में रखा.
وَلِكَنَّ اللهَ تَجَلَّى لأَبِيمَالِكَ فِي حُلْمٍ فِي اللَّيْلِ وَقَالَ لَهُ: «إِنَّكَ سَتَمُوتُ بِسَبَبِ الْمَرْأَةِ الَّتِي أَخَذْتَهَا، فَإِنَّهَا مُتَزَوِّجَةٌ». ٣ 3
परंतु एक रात परमेश्वर ने स्वप्न में अबीमेलेक से कहा, “तू एक मृत व्यक्ति की तरह है, क्योंकि जिस स्त्री को तुमने ले लिया है, वह एक विवाहित स्त्री है.”
وَلَمْ يَكُنْ أَبِيمَالِكُ قَدْ مَسَّهَا بَعْدُ، فَقَالَ لِلرَّبِّ: «أَتُمِيتُ أُمَّةً بَرِيئَةً؟ ٤ 4
फिर अबीमेलेक ने परमेश्वर से कहा, “हे प्रभु, क्या आप एक निर्दोष जाति को नाश करेंगे?
أَلَمْ يَقُلْ لِي إِنَّهَا أُخْتِي وَهِيَ نَفْسُهَا ادَّعَتْ أَنَّهُ أَخُوهَا؟ مَا فَعَلْتُ هَذَا إِلّا بِسَلامَةِ قَلْبِي وَطَهَارَةِ يَدَيَّ». ٥ 5
क्या अब्राहाम ने मुझसे नहीं कहा, ‘वह मेरी बहन है,’ और क्या साराह ने भी नहीं कहा, ‘वह मेरा भाई है’? मैंने यह काम साफ विवेक और स्वच्छ मन से किया है.”
فَأَجَابَهُ الرَّبُّ: «أَنَا أَيْضاً عَلِمْتُ أَنَّكَ بِسَلامَةِ قَلْبِكَ قَدْ فَعَلْتَ هَذَا، وَأَنَا أَيْضاً مَنَعْتُكَ مِنْ أَنْ تُخْطِئَ إِلَيَّ وَلَمْ أَدَعْكَ تَمَسُّهَا. ٦ 6
तब स्वप्न में ही परमेश्वर ने उससे कहा, “मुझे मालूम है कि तुमने यह काम साफ मन से किया है, इसलिये मैंने तुमको मेरे विरुद्ध में पाप करने से रोक रखा है. इसी कारण से मैंने तुम्हें उसे छूने नहीं दिया है.
وَالآنَ، رُدَّ لِلرَّجُلِ زَوْجَتَهُ فَإِنَّهُ نَبِيٌّ، فَيُصَلِّيَ مِنْ أَجْلِكَ فَتَحْيَا. وَإِنْ لَمْ تَرُدَّهَا فَإِنَّك وَكُلَّ مَنْ لَكَ حَتْماً تَمُوتُونَ». ٧ 7
अब तुम उनकी पत्नी को उन्हें लौटा दो, क्योंकि वे एक भविष्यद्वक्ता हैं. वे तुम्हारे लिए प्रार्थना करेंगे और तुम जीवित रहोगे. पर यदि तुम उनकी पत्नी को न लौटाओगे, तो तुम यह निश्चित जान लो कि तुम और तुम्हारे सारे लोग मर जायेंगे.”
فَبَكَّرَ أَبِيمَالِكُ فِي الصَّبَاحِ وَاسْتَدْعَى جَمِيعَ عَبِيدِهِ، وَأَطْلَعَهُمْ عَلَى جَلِيَّةِ الأَمْرِ، فَاعْتَرَاهُمْ خَوْفٌ عَظِيمٌ. ٨ 8
अबीमेलेक ने अगले दिन बड़े सुबह अपने सब कर्मचारियों को बुलवाया, और उन्हें सब बातें बताई, जिसे सुनकर वे बहुत डर गये.
ثُمَّ دَعَا أَبِيمَالِكُ إِبْرَاهِيمَ وَقَالَ لَهُ: «مَاذَا فَعَلْتَ بِنَا؟ أَيُّ خَطَأٍ ارْتَكَبْتُهُ فِي حَقِّكَ حَتَّى جَلَبْتَ عَلَيَّ وَعَلَى مَمْلَكَتِي هَذَا الذَّنْبَ الْعَظِيمَ؟ لَقَدِ اقْتَرَفْتَ فِي حَقِّي أُمُوراً مَا كَانَ يَجِبُ أَنْ تَقْتَرِفَهَا». ٩ 9
तब अबीमेलेक ने अब्राहाम को भीतर बुलवाया और उनसे कहा, “तुमने हमसे ये क्या किया? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है कि तुमने मेरे और मेरे राज्य को इस मुसीबत में डाल दिया है? तुमने मेरे साथ ऐसा काम किया है जो कभी नहीं करना चाहिए.”
وَسَأَلَ أَبِيمَالِكُ إِبْرَاهِيمَ: «مَاذَا بَدَا لَكَ حَتَّى ارْتَكَبْتَ هَذَا الْفِعْلَ؟» ١٠ 10
अबीमेलेक ने अब्राहाम से यह भी पूछा, “ऐसा करने का कारण क्या है?”
فَقَالَ إِبْرَاهِيمُ: «لَقَدْ فَعَلْتُ هَذَا لأَنَّنِي ظَنَنْتُ أَنَّهُ لَيْسَ فِي هَذَا الْمَوْضِعِ بِأَسْرِهِ خَوْفُ اللهِ فَخَشِيتُ أَنْ تَقْتُلُونِي مِنْ أَجْلِ زَوْجَتِي. ١١ 11
अब्राहाम ने कहा, “मैंने अपने मन में सोचा, ‘इस नगर में निश्चित रूप से कोई परमेश्वर से नहीं डरता, और वे लोग मुझे मेरी पत्नी के कारण मार डालेंगे.’
وَهِيَ بِالْحَقِيقَةِ أُخْتِي، ابْنَةُ أَبِي، غَيْرَ أَنَّهَا لَيْسَتْ ابْنَةَ أُمِّي فَاتَّخَذْتُهَا زَوْجَةً لِي. ١٢ 12
इसके बावजूद, वह सही में मेरी बहन ही है, मेरे पिता की बेटी है, पर मेरी मां की बेटी नहीं है; और वह मेरी पत्नी हो गई.
وَعِنْدَمَا دَعَانِي اللهُ لأَتَغَرَّبَ بَعِيداً عَنْ بَيْتِ أَبِي قُلْتُ لَهَا: حَيْثُمَا نَذْهَبُ قُولِي إِنِّي أَخُوكِ فَهَذَا هُوَ الْمَعْرُوفُ الَّذِي تَصْنَعِينَهُ لِي». ١٣ 13
और जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने को कहा, तब मैंने ही अपनी पत्नी से यह कहा, ‘तुम इस प्रकार से अपना प्रेम मेरे प्रति दिखा सकती हो: जहां भी हम जाएं, तुम मेरे बारे में यही कहना, “यह मेरा भाई है.”’”
فَأَخَذَ أَبِيمَالِكُ غَنَماً وَبَقَراً وَعَبِيداً وَإِمَاءً وَقَدَّمَهَا لإِبْرَاهِيمَ، وَأَرْجَعَ إِلَيْهِ سَارَةَ زَوْجَتَهُ. ١٤ 14
तब अबीमेलेक ने भेड़, बछड़े, सेवक तथा सेविकाएं लाकर अब्राहाम को दिया, और उनकी पत्नी साराह को भी उन्हें लौटा दिया.
وَقَالَ أَبِيمَالِكُ: «هَا هِيَ أَرْضِي أَمَامَكَ فَأَقِمْ حَيْثُ طَابَ لَكَ». ١٥ 15
और अबीमेलेक ने अब्राहाम से कहा, “मेरा पूरा देश तुम्हारे सामने है; तुम जहां चाहे, वहां रह सकते हो.”
وَقَالَ لِسَارَةَ: «هَا قَدْ وَهَبْتُ أَخَاكِ أَلْفَ قِطْعَةٍ مِنَ الْفِضَّةِ، تَبْرِئَةً لَكِ مِنْ كُلِّ إِسَاءَةٍ أَمَامَ الَّذِينَ مَعَكِ، فَأَنْتِ بَرِيئَةٌ أَمَامَ كُلِّ وَاحِدٍ، وَهَكَذَا تَكُونِينَ قَدْ أُنْصِفْتِ». ١٦ 16
साराह से उसने कहा, “मैं तुम्हारे भाई को चांदी के एक हजार टुकड़े दे रहा हूं. यह तेरे साथ के लोगों के सामने उस अपराध की भरपाई है, जिसे मैंने तेरे विरुद्ध किया है; तू पूरी तरह से निर्दोष है.”
فَابْتَهَلَ إِبْرَاهِيمُ إِلَى اللهِ، فَشَفَى أَبِيمَالِكَ وَزَوْجَتَهُ وَجَوَارِيَهُ فَوَلَدْنَ. ١٧ 17
तब अब्राहाम ने परमेश्वर से प्रार्थना की, और परमेश्वर ने अबीमेलेक, उसकी पत्नी तथा उसकी सेविकाओं को चंगा किया कि वे फिर से संतान पैदा करने लगें,
لأَنَّ الرَّبَّ كَانَ قَدْ أَصَابَ نِسَاءَ بَيْتِ أَبِيمَالِكَ بِالْعُقْمِ مِنْ أَجْلِ سَارَةَ زَوْجَةِ إِبْرَاهِيمَ. ١٨ 18
क्योंकि याहवेह ने अब्राहाम की पत्नी साराह के कारण अबीमेलेक के परिवार की सभी स्त्रियों की कोखों को बंद कर दिया था.

< تكوين 20 >