< حِزْقِيال 38 >

وَأَوْحَى إِلَيَّ الرَّبُّ بِكَلِمَتِهِ قَائِلاً: ١ 1
फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
«يَا ابْنَ آدَمَ، الْتَفِتْ بِوَجْهِكَ نَحْوَ جُوجٍ، أَرْضِ مَاجُوجَ رَئِيسِ رُوشٍ مَاشِكَ وَتُوبَالَ وَتَنَبَّأْ عَلَيْهِ، ٢ 2
“हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुँह मागोग देश के गोग की ओर करके, जो रोश, मेशेक और तूबल का प्रधान है, उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर।
وَقُلْ، هَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: هَا أَنَا أَنْقَلِبُ عَلَيْكَ يَا جُوجُ رَئِيسُ رُوشٍ مَاشِكَ وَتُوبَالَ، ٣ 3
और यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक, और तूबल के प्रधान, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ।
وَأَقْهَرُكَ وَأَضَعُ شَكَائِمَ فِي فَكَّيْكَ، وَأَطْرُدُكَ أَنْتَ وَكُلَّ جَيْشِكَ، خَيْلاً وَفُرْسَاناً وَجَمِيعُهُمْ مُرْتَدُونَ أَفْخَرَ ثِيَابٍ، جُمْهُوراً غَفِيراً كُلُّهُمْ حَمَلَةُ أَتْرَاسٍ وَمَجَانَّ مِنْ كُلِّ قَابِضِ سَيْفٍ. ٤ 4
मैं तुझे घुमा ले आऊँगा, और तेरे जबड़ों में नकेल डालकर तुझे निकालूँगा; और तेरी सारी सेना को भी अर्थात् घोड़ों और सवारों को जो सब के सब कवच पहने हुए एक बड़ी भीड़ हैं, जो फरी और ढाल लिए हुए सब के सब तलवार चलानेवाले होंगे;
وَمِنْ جُمْلَتِهِمْ رِجَالُ فَارِسَ وَكُوشَ وَفُوطَ يَحْمِلُ كُلُّ وَاحِدٍ مِجَنّاً وَخُوذَةً، ٥ 5
और उनके संग फारस, कूश और पूत को, जो सब के सब ढाल लिए और टोप लगाए होंगे;
وَأَيْضاً جُومَرُ وَكُلُّ جُيُوشِهِ، وَبَيْتُ تُوجَرْمَةَ مِنْ أَقَاصِي الشِّمَالِ مَعَ كُلِّ جَيْشِهِ. جَمِيعُهُمْ جُيُوشٌ غَفِيرَةٌ اجْتَمَعَتْ إِلَيْكَ. ٦ 6
और गोमेर और उसके सारे दलों को, और उत्तर दिशा के दूर-दूर देशों के तोगर्मा के घराने, और उसके सारे दलों को निकालूँगा; तेरे संग बहुत से देशों के लोग होंगे।
تَأَهَّبْ وَاسْتَعِدَّ أَنْتَ وَجَمِيعُ الْجُيُوشِ الْمُنْضَمَّةِ إِلَيْكَ، لأَنَّكَ أَصْبَحْتَ لَهُمْ قَائِداً، ٧ 7
“इसलिए तू तैयार हो जा; तू और जितनी भीड़ तेरे पास इकट्ठी हों, तैयार रहना, और तू उनका अगुआ बनना।
إِذْ بَعْدَ أَيَّامٍ كَثِيرَةٍ تُسْتَدْعَى لِلْقِتَالِ، فَتُقْبِلُ فِي السِّنِينَ الأَخِيرَةِ إِلَى الأَرْضِ النَّاجِيَةِ مِنَ السَّيْفِ الَّتِي تَمَّ جَمْعُ أَهْلِهَا مِنْ بَيْنِ شُعُوبٍ كَثِيرَةٍ، فَأَقَامُوا مُطْمَئِنِّينَ عَلَى جِبَالِ إِسْرَائِيلَ الَّتِي كَانَتْ دَائِماً مُقْفِرَةً فِي نَظَرِ الَّذِينَ لُمَّ شَتَاتُهُمْ مِنْ بَيْنِ الأُمَمِ، ٨ 8
बहुत दिनों के बीतने पर तेरी सुधि ली जाएगी; और अन्त के वर्षों में तू उस देश में आएगा, जो तलवार के वश से छूटा हुआ होगा, और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे; अर्थात् तू इस्राएल के पहाड़ों पर आएगा जो निरन्तर उजाड़ रहे हैं; परन्तु वे देश-देश के लोगों के वश से छुड़ाए जाकर सब के सब निडर रहेंगे।
فَتَأْتِي مُنْدَفِعاً كَزَوْبَعَةٍ، وَتَكُونُ كَسَحَابَةٍ تُغَطِّي الأَرْضَ أَنْتَ وَجُيُوشُكَ وَكُلُّ مَنْ مَعَكَ مِنْ شُعُوبٍ كَثِيرَةٍ. ٩ 9
तू चढ़ाई करेगा, और आँधी के समान आएगा, और अपने सारे दलों और बहुत देशों के लोगों समेत मेघ के समान देश पर छा जाएगा।
وَيَحْدُثُ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ أَنَّ أَفْكَارَ سُوءٍ تُرَاوِدُكَ ١٠ 10
१०“परमेश्वर यहोवा यह कहता है, उस दिन तेरे मन में ऐसी-ऐसी बातें आएँगी कि तू एक बुरी युक्ति भी निकालेगा;
فَتَقُولُ: أَزْحَفُ عَلَى أَرْضٍ عَرَاءٍ مَكْشُوفَةٍ وَأُهَاجِمُ الْمُطْمَئِنِّينَ السَّاكِنِينَ فِي أَمْنٍ، الْمُقِيمِينَ كُلَّهُمْ مِنْ غَيْرِ سُورٍ يَقِيهِمْ، وَلَيْسَ لَدَيْهِمْ مَزَالِيجُ وَلا مَصَارِيعُ، ١١ 11
११और तू कहेगा कि मैं बिन शहरपनाह के गाँवों के देश पर चढ़ाई करूँगा; मैं उन लोगों के पास जाऊँगा जो चैन से निडर रहते हैं; जो सब के सब बिना शहरपनाह और बिना बेड़ों और पल्लों के बसे हुए हैं;
لِلاسْتِيلاءِ عَلَى الأَسْلابِ وَنَهْبِ الْغَنَائِمِ وَمُهَاجَمَةِ الْخَرَائِبِ الَّتِي أَصْبَحَتْ آهِلَةً، وَلِمُحَارَبَةِ الشَّعْبِ الْمُجْتَمِعِ مِنْ بَيْنِ الأُمَمِ، الْمُقْتَنِي مَاشِيَةً وَأَمْلاكاً، السَّاكِنِ فِي مَرْكَزِ الأَرْضِ. ١٢ 12
१२ताकि छीनकर तू उन्हें लूटे और अपना हाथ उन खण्डहरों पर बढ़ाए जो फिर बसाए गए, और उन लोगों के विरुद्ध जाए जो जातियों में से इकट्ठे हुए थे और पृथ्वी की नाभि पर बसे हुए पशु और अन्य सम्पत्ति रखते हैं।
وَيَسْأَلُكَ أَهْلُ شَبَا وَرُودُسَ وَتُجَّارُ تَرْشِيشَ وَكُلُّ قُرَاهَا؛ أَقَادِمٌ أَنْتَ لِلاِسْتِيلاءِ عَلَى الأَسْلابِ؟ هَلْ حَشَدْتَ جُيُوشَكَ لِنَهْبِ الْغَنَائِمِ وَلِحَمْلِ الْفِضَّةِ وَالذَّهَبِ وَأَخْذِ الْمَاشِيَةِ وَالْمُقْتَنَيَاتِ وَلِلسَّلْبِ الْعَظِيمِ؟ ١٣ 13
१३शेबा और ददान के लोग और तर्शीश के व्यापारी अपने देश के सब जवान सिंहों समेत तुझ से कहेंगे, ‘क्या तू लूटने को आता है? क्या तूने धन छीनने, सोना-चाँदी उठाने, पशु और सम्पत्ति ले जाने, और बड़ी लूट अपना लेने को अपनी भीड़ इकट्ठी की है?’
لِذَلِكَ تَنَبَّأْ يَا ابْنَ آدَمَ، وَقُلْ لِجُوجَ: هَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ عِنْدَمَا يَسْكُنُ شَعْبِي إِسْرَائِيلُ آمِناً، أَلا تَعْلَمُ ذَلِكَ؟ ١٤ 14
१४“इस कारण, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी करके गोग से कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, जिस समय मेरी प्रजा इस्राएल निडर बसी रहेगी, क्या तुझे इसका समाचार न मिलेगा?
وَتُقْبِلُ أَنْتَ مِنْ مَقَرِّكَ فِي أَقَاصِي الشِّمَالِ مَعَ جُيُوشٍ غَفِيرَةٍ، تُغَشِّي الأَرْضَ؛ كُلُّهُمْ رَاكِبُو خَيْلٍ وَجَمْعٌ عَظِيمٌ وَجَيْشٌ كَثِيرٌ. ١٥ 15
१५तू उत्तर दिशा के दूर-दूर स्थानों से आएगा; तू और तेरे साथ बहुत सी जातियों के लोग, जो सब के सब घोड़ों पर चढ़े हुए होंगे, अर्थात् एक बड़ी भीड़ और बलवन्त सेना।
وَتَزْحَفُ عَلَى شَعْبِي إِسْرَائِيلَ كَسَحَابَةٍ تُغَطِّي الأَرْضَ، أَنِّي فِي الأَيَّامِ الأَخِيرَةِ آتِي بِكَ إِلَى أَرْضِي لِكَيْ تَعْرِفَنِي الشُّعُوبُ عِنْدَمَا تَتَجَلَّى قَدَاسَتِي حِينَ أُدَمِّرُكَ يَا جُوجُ أَمَامَ عُيُونِهِمْ. هَذَا مَا يَقُولُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: ١٦ 16
१६जैसे बादल भूमि पर छा जाता है, वैसे ही तू मेरी प्रजा इस्राएल के देश पर ऐसे चढ़ाई करेगा। इसलिए हे गोग, अन्त के दिनों में ऐसा ही होगा, कि मैं तुझ से अपने देश पर इसलिए चढ़ाई कराऊँगा, कि जब मैं जातियों के देखते तेरे द्वारा अपने को पवित्र ठहराऊँ, तब वे मुझे पहचान लेंगे।
أَلَسْتَ أَنْتَ الَّذِي تَحَدَّثْتُ عَنْهُ فِي الأَيَّامِ الْغَابِرَةِ عَلَى أَلْسِنَةِ عَبِيدِي أَنْبِيَاءِ إِسْرَائِيلَ الَّذِينَ تَنَبَّأُوا فِي تِلْكَ الأَيَّامِ لِسِنِينَ كَثِيرَةٍ بِأَنِّي سَآتِي بِكَ عَلَيْهِمْ؟ ١٧ 17
१७“परमेश्वर यहोवा यह कहता है, क्या तू वही नहीं जिसकी चर्चा मैंने प्राचीनकाल में अपने दासों के, अर्थात् इस्राएल के उन भविष्यद्वक्ताओं द्वारा की थी, जो उन दिनों में वर्षों तक यह भविष्यद्वाणी करते गए, कि यहोवा गोग से इस्राएलियों पर चढ़ाई कराएगा?
وَيَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ عِنْدَمَا يَزْحَفُ جُوجُ عَلَى أَرْضِ إِسْرَائِيلَ يَحْتَدِمُ غَضَبِي فِي وَجْهِي. ١٨ 18
१८जिस दिन इस्राएल के देश पर गोग चढ़ाई करेगा, उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
وَفِي خِضَمِّ غَيْرَتِي وَاتِّقَادِ سَخَطِي أَقُولُ إِنَّهُ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ تَحْدُثُ هَزَّةٌ عَظِيمَةٌ فِي أَرْضِ إِسْرَائِيلَ، ١٩ 19
१९मैंने जलजलाहट और क्रोध की आग में कहा कि निःसन्देह उस दिन इस्राएल के देश में बड़ा भूकम्प होगा।
فَيَرْتَعِشُ مِنْ حَضْرَتِي سَمَكُ الْبَحْرِ وَطُيُورُ السَّمَاءِ وَوُحُوشُ الْبَرِّيَّةِ وَجَمِيعُ الْحَيَوَانَاتِ الدَّابَّةِ عَلَى الأَرْضِ، وَكُلُّ النَّاسِ الَّذِينَ عَلَى وَجْهِ الْمَسْكُونَةِ، وَتَنْدَكُّ الْجِبَالُ وَتَسْقُطُ الْمَعَاقِلُ وَتَنْهَارُ كُلُّ الأَسْوَارِ إِلَى الأَرْضِ. ٢٠ 20
२०और मेरे दर्शन से समुद्र की मछलियाँ और आकाश के पक्षी, मैदान के पशु और भूमि पर जितने जीव-जन्तु रेंगते हैं, और भूमि के ऊपर जितने मनुष्य रहते हैं, सब काँप उठेंगे; और पहाड़ गिराए जाएँगे; और चढ़ाइयाँ नाश होंगी, और सब दीवारें गिरकर मिट्टी में मिल जाएँगी।
وَأُسَلِّطُ عَلَيْهِ السَّيْفَ فِي كُلِّ جِبَالِي يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ، فَيَكُونُ سَيْفُ كُلِّ رَجُلٍ ضِدَّ أَخِيهِ. ٢١ 21
२१परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है कि मैं उसके विरुद्ध तलवार चलाने के लिये अपने सब पहाड़ों को पुकारूँगा और हर एक की तलवार उसके भाई के विरुद्ध उठेगी।
وَأَدِينُهُ بِالْوَبَاءِ وَبِالدَّمِ، وَأُمْطِرُ عَلَيْهِ وَعَلَى جُيُوشِهِ وَعَلَى جُمُوعِ حُلَفَائِهِ الْغَفِيرَةِ مَطَراً جَارِفاً وَبَرَداً عَظِيماً وَنَاراً وَكِبْرِيتاً. ٢٢ 22
२२मैं मरी और खून के द्वारा उससे मुकद्दमा लड़ूँगा; और उस पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, मैं बड़ी झड़ी लगाऊँगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊँगा।
فَأُعَظِّمُ نَفْسِي وَأُقَدِّسُهَا، وَأُعْلِنُ ذَاتِي عَلَى مَرْأَى مِنْ كُلِّ الأُمَمِ، فَيُدْرِكُونَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ». ٢٣ 23
२३इस प्रकार मैं अपने को महान और पवित्र ठहराऊँगा और बहुत सी जातियों के सामने अपने को प्रगट करूँगा। तब वे जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ।”

< حِزْقِيال 38 >