< حِزْقِيال 26 >

وَفِي السَّنَةِ الْحَادِيَةِ عَشَرَةَ (مِنْ سَبْيِ الْمَلِكِ يَهُويَاكِينَ)، فِي الْيَوْمِ الأَوَّلِ مِنْ الشَّهْرِ، أَوْحَى إِلَيَّ الرَّبُّ بِكَلِمَتِهِ قَائِلاً: ١ 1
ग्यारहवें वर्ष के पहले महीने के पहले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
«يَا ابْنَ آدَمَ، لأَنَّ صُورَ قَدْ شَمِتَتْ بِأُورُشَلِيمَ، وَقَالَتْ: هَا بَوَّابَةُ الشُّعُوبِ قَدِ انْهَارَتْ، وَتَحَوَّلَتِ الْقَوَافِلُ إِلَيَّ. هَا أَنَا أَزْدَهِرُ إِذْ حَلَّ بِها الدَّمَارُ. ٢ 2
“हे मनुष्य के सन्तान, सोर ने जो यरूशलेम के विषय में कहा है, ‘अहा, अहा! जो देश-देश के लोगों के फाटक के समान थी, वह नाश हो गई! उसके उजड़ जाने से मैं भरपूर हो जाऊँगा।’
لِذَلِكَ يُعْلِنُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: هَا أَنَا أُعَاقِبُكِ يَا صُورُ، فَأَجْعَلُ أُمَماً كَثِيرَةً تُهَاجِمُكِ كَمَا يَهْجِمُ الْبَحْرُ بِأَمْوَاجِهِ. ٣ 3
इस कारण परमेश्वर यहोवा कहता है: हे सोर, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; और ऐसा करूँगा कि बहुत सी जातियाँ तेरे विरुद्ध ऐसी उठेंगी जैसे समुद्र की लहरें उठती हैं।
فَيَهْدِمُونَ أَسْوَارَ صُورَ وَأَبْرَاجَهَا، وَأَكْشِطُ تُرَابَهَا عَنْهَا، وَأُحَوِّلُهَا إِلَى صَخْرَةٍ جَرْدَاءَ. ٤ 4
वे सोर की शहरपनाह को गिराएँगी, और उसके गुम्मटों को तोड़ डालेगी; और मैं उस पर से उसकी मिट्टी खुरचकर उसे नंगी चट्टान कर दूँगा।
فَتُصْبِحُ مَنْشَراً لِلشِّبَاكِ فِي وَسَطِ الْبَحْرِ لأَنِّي أَنَا قَضَيْتُ، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ، ثُمَّ تَغْدُو غَنِيمَةً لِلأُمَمِ. ٥ 5
वह समुद्र के बीच का जाल फैलाने ही का स्थान हो जाएगा; क्योंकि परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है; और वह जाति-जाति से लुट जाएगा;
وَتَهْلِكُ ضَوَاحِيهَا الرِّيفِيَّةُ بِالسَّيْفِ، فَيُدْرِكُونَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ. ٦ 6
और उसकी जो बेटियाँ मैदान में हैं, वे तलवार से मारी जाएँगी। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
لأَنَّ هَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ: هَا أَنَا آتِي بِمَلِكِ الْمُلُوكِ، نَبُوخَذْنَصَّرَ مَلِكِ بَابِلَ مِنَ الشِّمَالِ بِخَيْلٍ وَبِمَرْكَبَاتٍ وَبِفُرْسَانٍ وَأَقْوَامٍ غَفِيرَةٍ، ٧ 7
“क्योंकि परमेश्वर यहोवा यह कहता है, देख, मैं सोर के विरुद्ध राजाधिराज बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर को घोड़ों, रथों, सवारों, बड़ी भीड़, और दल समेत उत्तर दिशा से ले आऊँगा।
فَيُبِيدُ بِالسَّيْفِ قُرَى رِيفِكِ وَيُشَيِّدُ حَوْلَكِ سُورَ حِصَارٍ، وَيَبْنِي عَلَيْكِ أَبْرَاجاً، وَيُقِيمُ مِتْرَسَةً، وَيُهَاجِمُكِ بِتُرْسٍ. ٨ 8
तेरी जो बेटियाँ मैदान में हों, उनको वह तलवार से मारेगा, और तेरे विरुद्ध कोट बनाएगा और दमदमा बाँधेगा; और ढाल उठाएगा।
وَيَقْذِفُ أَسْوَارَكِ بِمَجَانِقَ، وَيَهْدِمُ أَبْرَاجَكِ بِعُدَّةِ حَرْبِهِ. ٩ 9
वह तेरी शहरपनाह के विरुद्ध युद्ध के यन्त्र चलाएगा और तेरे गुम्मटों को फरसों से ढा देगा।
وَلِكَثْرَةِ خَيْلِهِ يَحْجُبُكِ غُبَارُ حَوَافِرِهَا، وَتَتَزَلْزَلُ أَسْوَارُكِ مِنْ صَوْتِ الْفُرْسَانِ وَالْعَرَبَاتِ وَالْمَرْكَبَاتِ عِنْدَ اقْتِحَامِهِ أَبْوَابَكِ كَمَا تُقْتَحَمُ مَدِينَةٌ بِها ثَغْرَاتٌ، ١٠ 10
१०उसके घोड़े इतने होंगे, कि तू उनकी धूलि से ढँप जाएगा, और जब वह तेरे फाटकों में ऐसे घुसेगा जैसे लोग नाकेवाले नगर में घुसते हैं, तब तेरी शहरपनाह सवारों, छकड़ों, और रथों के शब्द से काँप उठेगी।
فَيَدُوسُ بِحَوَافِرِ خَيْلِهِ كُلَّ شَوَارِعِكِ، وَيَقْضِي بِالسَّيْفِ عَلَى شَعْبِكِ، فَتَتَهَاوَى إِلَى الأَرْضِ أَرْكَانُ عِزِّكِ، ١١ 11
११वह अपने घोड़ों की टापों से तेरी सब सड़कों को रौंद डालेगा, और तेरे निवासियों को तलवार से मार डालेगा, और तेरे बल के खम्भें भूमि पर गिराए जाएँगे।
وَيَنْهَبُونَ ثَرْوَتَكِ، وَيَسْتَوْلُونَ عَلَى تِجَارَتِكِ وَيَهْدِمُونَ أَسْوَارَكِ وَبُيُوتَكِ الْمُبْهِجَةَ، وَيَطْرَحُونَ حِجَارَتَكِ وَخَشَبَكِ وَتُرَابَكِ إِلَى مِيَاهِ الْبَحْرِ. ١٢ 12
१२लोग तेरा धन लूटेंगे और तेरे व्यापार की वस्तुएँ छीन लेंगे; वे तेरी शहरपनाह ढा देंगे और तेरे मनभाऊ घर तोड़ डालेंगे; तेरे पत्थर और काठ, और तेरी धूलि वे जल में फेंक देंगे।
وَأُخْرِسُ أَهَازِيجَ أَغَانِيكِ، وَلا تَتَرَدَّدُ بَعْدُ رَنَّاتُ أَعْوَادِكِ، ١٣ 13
१३और मैं तेरे गीतों का सुरताल बन्द करूँगा, और तेरी वीणाओं की ध्वनि फिर सुनाई न देगी।
وَأَجْعَلُكِ كَصَخْرَةٍ جَرْدَاءَ، فَتَكُونِينَ مَنْشَراً لِلشِّبَاكِ، وَلا تُعْمَرِينَ فِي مَا بَعْدُ. لأَنِّي أَنَا الرَّبُّ قَضَيْتُ يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ. ١٤ 14
१४मैं तुझे नंगी चट्टान कर दूँगा; तू जाल फैलाने ही का स्थान हो जाएगा; और फिर बसाया न जाएगा; क्योंकि मुझ यहोवा ही ने यह कहा है, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है।
وَهَذَا مَا يُعْلِنُهُ السَّيِّدُ الرَّبُّ عَنْ مَدِينَةِ صُورَ: أَلا تَرْتَعِدُ مُدُنُ السَّوَاحِلِ لِجَلَبَةِ سُقُوطِكِ، وَلِصُرَاخِ الْجَرْحَى، وَلِوُقُوعِ الْقَتْلِ فِيكِ، ١٥ 15
१५“परमेश्वर यहोवा सोर से यह कहता है, तेरे गिरने के शब्द से जब घायल लोग कराहेंगे और तुझ में घात ही घात होगा, तब क्या टापू न काँप उठेंगे?
فَيَنْزِلُ جَمِيعُ رُؤَسَاءِ الْمُدُنِ السَّاحِلِيَّةِ عَنْ عُرُوشِهِمْ وَيَخْلَعُونَ جُبَبَهُمْ وَيَطْرَحُونَ عَنْهُمْ أَرْدِيَتَهُمُ الْمُزَرْكَشَةَ، وَيَكْتَسُونَ الرُّعْبَ ثَوْباً، وَيَجْلِسُونَ عَلَى الأَرْضِ مُرْتَجِفِينَ فِي كُلِّ لَحْظَةٍ، مَذْعُورِينَ لِمَا أَصَابَكِ ١٦ 16
१६तब समुद्र तट के सब प्रधान लोग अपने-अपने सिंहासन पर से उतरेंगे, और अपने बाग़े और बूटेदार वस्त्र उतारकर थरथराहट के वस्त्र पहनेंगे और भूमि पर बैठकर क्षण-क्षण में काँपेंगे; और तेरे कारण विस्मित रहेंगे।
عِنْدَئِذٍ يَنُوحُونَ عَلَيْكِ بِمَرْثَاةٍ قَائِلِينَ: كَيْفَ تَلاشَيْتِ مِنْ بَيْنِ الْبِحَارِ أَيَّتُهَا الْمَدِينَةُ الْعَامِرَةُ الشَّهِيرَةُ، الَّتِي كَانَتْ مُسَيْطِرَةً هِيَ وَسُكَّانُهَا عَلَى الْبَحْرِ، فَأَلْقَوْا رُعْبَهُمْ عَلَى جَمِيعِ جِيرَانِهَا. ١٧ 17
१७वे तेरे विषय में विलाप का गीत बनाकर तुझ से कहेंगे, ‘हाय! मल्लाहों की बसाई हुई हाय! सराही हुई नगरी जो समुद्र के बीच निवासियों समेत सामर्थी रही और सब टिकनेवालों की डरानेवाली नगरी थी, तू कैसी नाश हुई है?
الآنَ تَرْتَعِدُ مُدُنُ السَّوَاحِلِ فِي وَقْتِ سُقُوطِكِ، وَتَضْطَرِبُ الْجَزَائِرُ فِي وَسَطِ الْبَحْرِ لاِنْهِيَارِكِ، ١٨ 18
१८तेरे गिरने के दिन टापू काँप उठेंगे, और तेरे जाते रहने के कारण समुद्र से सब टापू घबरा जाएँगे।’
إِذْ أُحَوِّلُكِ إِلَى مَدِينَةٍ خَرِبَةٍ كَالْمُدُنِ الْمُقْفِرَةِ. أُطْغِي عَلَيْكِ لُجَجَ الْبَحْرِ وَأَغْمُرُكِ بِالْمِيَاهِ الْكَثِيرَةِ، ١٩ 19
१९“क्योंकि परमेश्वर यहोवा यह कहता है: जब मैं तुझे निर्जन नगरों के समान उजाड़ करूँगा और तेरे ऊपर महासागर चढ़ाऊँगा, और तू गहरे जल में डूब जाएगा,
وَأُحْدِرُكِ مَعَ الْهَابِطِينَ إِلَى الْهَاوِيَةِ، إِلَى الشَّعْبِ الْقَدِيمِ، وَأَجْعَلُكِ تُقِيمِينَ فِي أَسَافِلِ الأَرْضِ فِي الْخِرَبِ الدَّائِرَةِ لِتَظَلِّي مُقْفِرَةً، فَلا يَكُونُ لَكِ مَكَانٌ فِي أَرْضِ الأَحْيَاءِ، ٢٠ 20
२०तब गड्ढे में और गिरनेवालों के संग मैं तुझे भी प्राचीन लोगों में उतार दूँगा; और गड्ढे में और गिरनेवालों के संग तुझे भी नीचे के लोक में रखकर प्राचीनकाल के उजड़े हुए स्थानों के समान कर दूँगा; यहाँ तक कि तू फिर न बसेगा और न जीवन के लोक में कोई स्थान पाएगा।
وَأَجْلِبُ الرُّعْبَ عَلَيْكِ فَلا يَبْقَى مِنْكِ أَثَرٌ وَإِذْ يُبْحَثُ عَنْكِ لَا يُعْثَرُ عَلَيْكِ أَبَداً، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ». ٢١ 21
२१मैं तुझे घबराने का कारण करूँगा, और तू भविष्य में फिर न रहेगा, वरन् ढूँढ़ने पर भी तेरा पता न लगेगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”

< حِزْقِيال 26 >