< حِزْقِيال 11 >
ثُمَّ حَلَّقَ بِي الرُّوحُ وَأَحْضَرَنِي إِلَى بَوَّابَةِ بَيْتِ الرَّبِّ الشَّرْقِيَّةِ، فَإِذَا عِنْدَ مَدْخَلِهَا خَمْسَةٌ وَعِشْرُونَ رَجُلاً، شَاهَدْتُ فِي وَسَطِهِمْ يَازَنْيَا بْنَ عَزُورَ وَفَلَطْيَا بْنَ بَنَايَا رَئِيسَيِ الشَّعْبِ. | ١ 1 |
तब आत्मा मुझे उठाकर याहवेह के भवन के उस द्वार पर ले आया, जिसका मुख पूर्व दिशा की ओर है. मैंने देखा कि वहां द्वार के प्रवेश स्थल पर पच्चीस व्यक्ति थे, और उनके बीच मैंने अज्ज़ूर के पुत्र यात्सानिया और बेनाइयाह के पुत्र पेलातियाह को देखा, जो लोगों के अगुए थे.
فَقَالَ لِي: «يَا ابْنَ آدَمَ، هَؤُلاءِ هُمُ الرِّجَالُ الْمُتَوَاطِئُونَ عَلَى الشَّرِّ، الْمُتَآمِرُونَ بِمَشُورَةِ السُّوءِ فِي هَذِهِ الْمَدِينَةِ، | ٢ 2 |
याहवेह ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, ये वे लोग हैं, जो इस शहर में बुरे षड़्यंत्र रच रहे हैं और बुरी सलाह दे रहे हैं.
الْقَائِلُونَ: أَلَمْ يَحِنِ الْوَقْتُ لِنَبْنِيَ حُصُوناً؟ فَهَذِهِ الْمَدِينَةُ هِيَ كَالْقِدْرِ (أَيْ كَسُورٍ حَوْلَنَا) وَنَحْنُ كَاللَّحْمِ. (أَيْ كَالْمُحْتَمِينَ بِالسُّورِ). | ٣ 3 |
वे कहते हैं, ‘क्या हमारे घर अभी हाल ही में नहीं बने हैं? यह शहर एक बर्तन है और हम इसमें रखे मांस हैं.’
لِذَلِكَ تَنَبَّأْ عَلَيْهِمْ يَا ابْنَ آدَمَ، تَنَبَّأْ!» | ٤ 4 |
इसलिये हे मनुष्य के पुत्र, उनके विरुद्ध भविष्यवाणी करो, भविष्यवाणी करो.”
وَاسْتَقَرَّ عَلَيَّ رُوحُ الرَّبِّ وَقَالَ: «هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ. هَذَا مَا تَحَدَّثْتُمْ بِهِ يَا شَعْبَ إِسْرَائِيلَ، وَلَكِنَّنِي عَالِمٌ بِمَا يَدُورُ فِي خَلَدِكُمْ. | ٥ 5 |
तब याहवेह का आत्मा मुझ पर आया, और मुझसे यह कहने के लिये कहा: “याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के अगुओं, तुम यही कह रहे हो, पर मैं जानता हूं कि तुम्हारे मन में क्या चल रहा है.
لَقَدْ أَكْثَرْتُمْ قَتْلاكُمْ فِي هَذِهِ الْمَدِينَةِ وَمَلَأْتُمْ مِنْهُمْ شَوَارِعَهَا. | ٦ 6 |
तुमने इस शहर में बहुत से लोगों को मार डाला है और इसकी गलियों को लाशों से भर दिया है.
لِذَلِكَ فَإِنَّ قَتْلاكُمُ الَّذِينَ طَرَحْتُمُوهُمْ فِي وَسَطِهَا هُمُ اللَّحْمُ وَهِيَ الْقِدْرُ، وَسَأُخْرِجُكُمْ مِنْهَا. | ٧ 7 |
“इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: वे शरीर, जिनको तुमने वहां फेंक दिया है, वे मांस हैं और यह शहर एक बर्तन, पर मैं तुमको यहां से निकाल दूंगा.
قَدْ فَزِعْتُمْ مِنَ السَّيْفِ، لِذَلِكَ أَجْلِبُ السَّيْفَ عَلَيْكُمْ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ٨ 8 |
तुम तलवार से डरते हो, और तलवार ही प्रयोग मैं तुम्हारे विरुद्ध करूंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
وَأُخْرِجُكُمْ مِنْ وَسَطِ الْمَدِينَةِ وَأُسَلِّمُكُمْ إِلَى قَبْضَةِ أَعْدَائِكُمْ، وَأُنَفِّذُ فِيكُمْ أَحْكَاماً، | ٩ 9 |
मैं तुम्हें शहर से बाहर निकाल दूंगा और तुम्हें विदेशियों के हाथ में दे दूंगा और तुम्हें दंड दूंगा.
فَتُقْتَلُونَ بِالسَّيْفِ. وَأُنَفِّذُ قَضَاءً فِيكُمْ فِي تُخُومِ إِسْرَائِيلَ، فَتُدْرِكُونَ حِينَئِذٍ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ. | ١٠ 10 |
तुम तलवार से मारे जाओगे, और मैं तुम्हें इस्राएल की सीमाओं पर दंड दूंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
لَنْ تَكُونَ هَذِهِ الْمَدِينَةُ لَكُمْ قِدْراً، وَأَنْتُمْ لَنْ تَكُونُوا اللَّحْمَ فِي وَسَطِهَا. بَلْ أُنَفِّذُ قَضَائِي فِي تُخُومِ إِسْرَائِيلَ، | ١١ 11 |
यह शहर तुम्हारे लिये एक बर्तन न होगा और न ही तुम इसमें के मांस होगे; मैं तुम्हें इस्राएल की सीमाओं पर दंड दूंगा.
فَتُدْرِكُونَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ الَّذِي لَمْ تَسْلُكُوا فِي فَرَائِضِهِ، وَلَمْ تُمَارِسُوا أَحْكَامَهُ بَلْ عَمِلْتُمْ بِمُقْتَضَى مُمَارَسَاتِ الأُمَمِ الْمُحِيطَةِ بِكُمْ». | ١٢ 12 |
और तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, क्योंकि तुमने मेरे नियमों और कानूनों को नहीं माना है, पर तुम अपने चारों तरफ के जातियों के नियमों पर चले हो.”
وَحَدَثَ فِيمَا كُنْتُ أَتَنَبَّأُ أَنَّ فَلَطْيَا بْنَ بَنَايَا مَاتَ، فَانْطَرَحْتُ عَلَى وَجْهِي وَصَرَخْتُ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ: «آهِ أَيُّهَا السَّيِّدُ الرَّبُّ أَتُبِيدُ بَقِيَّةَ إِسْرَائِيلَ؟» | ١٣ 13 |
जब मैं भविष्यवाणी कर ही रहा था कि बेनाइयाह के पुत्र पेलातियाह की मृत्यु हो गई. तब मैं मुंह के बल गिरा और ऊंची आवाज में पुकारकर कहा, “हाय, हे परम प्रधान याहवेह! क्या आप इस्राएल के बचे हुओं को नाश कर देंगे?”
ثُمَّ أَوْحَى الرَّبُّ إِلَيَّ بِكَلِمَتِهِ قَائِلاً: | ١٤ 14 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
«يَا ابْنَ آدَمَ، قُلْ لإِخْوَتِكَ، وَأَقْرِبَائِكَ وَسَائِرِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ فِي الشَّتَاتِ مَعَكَ، الَّذِينَ قَالَ لَهُمْ أَهْلُ أُورُشَلِيمَ: ابْتَعِدُوا عَنِ الرَّبِّ إِذْ لَنَا قَدْ وُهِبَتْ هَذِهِ الأَرْضُ مِيرَاثاً. | ١٥ 15 |
“हे मनुष्य के पुत्र, तुम्हारे साथ के बंधुआ लोगों और दूसरे इस्राएलियों के बारे में येरूशलेम के लोगों ने ये कहा है, ‘वे याहवेह से बहुत दूर हैं; यह देश हमें हमारे संपत्ति के रूप में दिया गया है.’
وَلَكِنْ إِنْ كُنْتُ قَدْ فَرَّقْتُهُمْ بَيْنَ الأُمَمِ وَشَتَّتُّهُمْ بَيْنَ الْبِلادِ، فَإِنِّي أَكُونُ لَهُمْ مَقْدِساً صَغِيراً فِي الأَرْضِ الَّتِي تَبَدَّدُوا فِيهَا. | ١٦ 16 |
“इसलिये यह कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: यद्यपि मैंने उन्हें बहुत दूर के जनताओं के बीच भेजकर विभिन्न देशों में बिखेर दिया है, तौभी मैं उनके लिए उन देशों में, जहां वे गये हैं, थोड़े समय के लिये आश्रय-स्थल बना रहा.’
لِذَلِكَ قُلْ لَهُمْ: سَأَجْمَعُكُمْ مِنْ بَيْنِ الشُّعُوبِ وَمِنَ الأَرَاضِي الَّتِي شَتَّتُّكُمْ فِيهَا وَأَهَبُكُمْ أَرْضَ إِسْرَائِيلَ. | ١٧ 17 |
“इसलिये उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हें जनताओं के बीच से इकट्ठा करूंगा और मैं तुम्हें उन देशों से वापस लाऊंगा, जहां तुम तितर-बितर किए गये हो, और मैं फिर से तुम्हें इस्राएल देश वापस दे दूंगा.’
وَعِنْدَمَا يُقْبِلُونَ إِلَيْهَا يَنْتَزِعُونَ مِنْهَا جَمِيعَ أَوْثَانِهَا الْمَمْقُوتَةِ وَرَجَاسَاتِهَا، | ١٨ 18 |
“वे वहां लौट आएंगे और इसमें की सब निकम्मी आकृतियों और घृणित मूर्तियों को हटा देंगे.
وَأُعْطِيهِمْ جَمِيعاً قَلْباً وَاحِداً، وَأَجْعَلُ فِي دَاخِلِهِمْ رُوحاً جَدِيداً، وَأُزِيلُ قَلْبَ الْحَجَرِ مِنْ لَحْمِهِمْ. وَأَسْتَبْدِلُهُ بِقَلْبٍ مِنْ لَحْمٍ، | ١٩ 19 |
मैं उनके मन को एक कर दूंगा और उनमें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं उनसे उनके पत्थर रूपी हृदय को निकाल दूंगा और उन्हें एक मांस का हृदय दूंगा.
لِكَيْ يَسْلُكُوا فِي فَرَائِضِي وَيُطِيعُوا أَحْكَامِي وَيُمَارِسُوهَا، وَيَكُونُوا لِي شَعْباً وَأَنَا أَكُونُ لَهُمْ إِلَهاً. | ٢٠ 20 |
तब वे मेरे नियमों को मानेंगे और ध्यानपूर्वक मेरे कानूनों पर चलेंगे. वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा.
أَمَّا الَّذِينَ ضَلَّتْ قُلُوبُهُمْ وَرَاءَ أَوْثَانِهِمْ وَرَجَاسَتِهِمْ، فَإِنِّي أَجْعَلُهُمْ يَلْقَوْنَ عِقَابَ طُرُقِهِمْ، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ». | ٢١ 21 |
पर वे लोग, जिनका हृदय उनकी निकम्मी आकृतियां और घृणित मूर्तियों में ही लगा रहेगा, मैं उनके कामों को उन्हीं के ही सिर पर ले आऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.”
ثُمَّ فَرَدَ الْكَرُوبِيمُ أَجْنِحَتَهُمْ وَحَلَّقُوا مَعَ الْعَجَلاتِ وَمَعَ مَجْدِ الرَّبِّ الَّذِي مَا بَرِحَ مُخَيِّماً عَلَيْهِمْ مِنْ فَوْقُ. | ٢٢ 22 |
तब करूबों ने अपने पंख फैलाए, और पहिये उनके बाजू में थे, और इस्राएल के परमेश्वर का तेज उनके ऊपर था.
وَارْتَفَعَ مَجْدُ الرَّبِّ عَنْ وَسَطِ الْمَدِينَةِ وَوَقَفَ عَلَى الْجَبَلِ شَرْقِيَّ الْمَدِينَةِ. | ٢٣ 23 |
याहवेह का तेज शहर के भीतर से ऊपर उठा और शहर के पूर्व में स्थित पर्वत के ऊपर जाकर ठहर गया.
وَحَلَّ الرُّوحُ وَأَحْضَرَنِي، فِي الرُّؤْيَا الَّتِي أَعْلَنَهَا لِي رُوحُ اللهِ، إِلَى أَرْضِ الْجَلاءِ فِي بِلادِ الْكَلْدَانِيِّينَ، ثُمَّ ارْتَفَعَتْ عَنِّي الرُّؤْيَا الَّتِي شَاهَدْتُهَا، | ٢٤ 24 |
फिर परमेश्वर के आत्मा के द्वारा दिये गये दर्शन में, आत्मा ने मुझे ऊपर उठाया और बाबेल में बंधुओं के पास ले आया. तब वह दर्शन वहीं समाप्त हो गया,
فَأَبْلَغْتُ أَهْلَ السَّبْيِ بِجَمِيعِ الْوَحْيِ الَّذِي أَعْلَنَهُ لِيَ الرَّبُّ. | ٢٥ 25 |
और याहवेह ने मुझे दर्शन में जो दिखाया था, वे सब बातें मैंने बंधुओं को बता दी.